शनिवार, 6 जून 2020

चालक को पेट्रोल से जिंदा जलाने की कोशिश

बदायूं। बिल्सी में शुक्रवार रात कुछ लोगों ने एक ई-रिक्शा चालक को पेट्रोल डालकर जिंदा जलाने की कोशिश की। इससे ई-रिक्शा चालक गंभीर रूप से झुलस गया। सूचना पर पहुंची पुलिस को देखकर हमलावर मौके से भागने में कामयाब रहे। पीड़ित को गंभीर अवस्था में जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है।


मोहल्ला नंबर पांच निवासी ओमप्रकाश (40) पुत्र जगन्नाथ कस्बे में ई-रिक्शा चलाकर परिवार का गुजारा करते हैं। परिवार वालों का आरोप है कि उनके पड़ोसी चरस बेचने का काम करते हैं। वह अक्सर ओमप्रकाश के ई-रिक्शे से आते-जाते थे। इससे आरोपियों पर ओमप्रकाश के किराये के रुपये आ रहे थे। एक दिन पहले यानी गुरुवार को ओमप्रकाश ने आरोपियों से अपने रुपये मांगे थे। आरोपियों ने रुपये तो नहीं दिए लेकिन उसके साथ मारपीट जरूर कर दी। मामले में पुलिस से शिकायत भी की गई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। शुक्रवार रात करीब नौ बजे ओमप्रकाश ने फिर रुपये मांगे। इससे आरोपी और ज्यादा चिढ़ गए। उन्होंने ई-रिक्शा चालक को घर के बाहर ही पकड़ लिया और उसके साथ मारपीट करते हुए जमीन पर गिरा दिया। इसके बाद एक बोतल में पेट्रोल निकालकर लाए और ई-रिक्शा चालक के ऊपर उड़ेलकर आग लगा दी। उसकी चीख पुकार सुनकर परिवार वाले आ गए।

उन्होंने किसी तरह आग बुझाई। इससे वह गंभीर रूप से झुलस गया। इसके बाद परिवार वाले उसे तुरंत स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां से उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। सूचना मिलते ही पुलिस पहुंच गई लेकिन तब तक आरोपी मौके से फरार हो गए। पुलिस उन्हें तलाश कर रही है। रात साढ़े दस बजे एसपी देहात डॉ. सुरेंद्र प्रताप सिंह भी जिला अस्पताल पहुंच गए और ओमप्रकाश का हाल जाना।


गांजे को लेकर दोनों पक्षों में गुरुवार शाम को विवाद हुआ था। इसके बाद मामला निपट गया था। शुक्रवार को संदिग्ध परिस्थितियों में व्यक्ति झुलसा है। परिवार वाले दूसरे पक्ष पर आरोप लगा रहे हैं। जांच की जाएगी, यदि आरोप सही पाया जाता है तो कार्रवाई होगी।


संजय कुमार रेड्डी, सीओ, बिल्सी


मजदूरो को ₹10 हजार देने की मांगः कांग्रेस

पटना। बिहार युवक कांग्रेस ने शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखकर जहां कोरोना संक्रमण काल के दौरान मुख्यमंत्री आवास से नहीं निकलने को लेकर कटाक्ष किया है वहीं प्रवासी मजदूरों को लेकर निशाना भी साधा है। युवक कांग्रेस ने प्रत्येक प्रवासी मजदूर को तत्काल 10 हजार रुपये देने की मांग भी की है।


बिहार युवक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार ने नीतीश कुमार को लिखे पत्र में कहा कि काफी दिनों से आप अपने मुख्यमंत्री आवास के बाहर नहीं निकले हैं। पत्र में कांग्रेसी नेता ने कटाक्ष करते हुए कहा, “आपकी बैठकों की कई तस्वीरें और चुनिंदा क्वोरंटीन सेंटर के लोगों द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत जरूर सार्वजनिक की गई लेकिन उन क्वोरंटीन सेंटर की आपके द्वारा सुधि नहीं ली गई, जिस क्वोरंटीन सेंटर में विषैला सांप निकला था।”

पूर्व युवक कांग्रेस अध्यक्ष ने पत्र में यह भी कहा कि उन क्वोरंटीन सेंटर के लोगों की भी मुख्यमंत्री द्वारा सुधि नहीं ली गई जिसमें सूखा भात खाकर लोग दिन काट रहे। पत्र में आगे लिखा गया, “गया के क्वोरंटीन सेंटर में एक युवक ने आत्महत्या कर ली। बिहार के क्वोरंटीन सेंटर की कहानी तो यहां तक चली की खाने में बिच्छु तक पाया गया। क्या मुख्यमंत्री जी ऐसे क्वोरंटीन सेंटर के लोग खुद को अभागा नहीं मानेंगे?” पत्र में सवालिया लहजे में कहा गया है कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार अभी तक 25-30 लाख से अधिक श्रमिक बाहरी राज्यों से वापस बिहार आये हैं, जबकि अभी तक राज्य में कोरोना की जांच एक लाख लोगों की भी नहीं हुई है। जब जांच ही नहीं हुई है, तो कोरोना फैलाने का आरोप इन प्रवासी मजूदरों पर क्यों लगाया जा रहा है? ललन कुमार ने पत्र में मांग करते हुए लिखा, “बाहर से आने वाले सभी प्रवासी मजदूरों को और राज्य के सभी गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों के बैंक खाते में 10 हजार रुपये तत्काल भेजे जाएं तथा जब तक इन प्रवासी मजदूरों को रोजगार नहीं मिलता, तब तक उन्हें पेंशन या भत्ता के तौर पर प्रतिमाह 2500 रुपये दिया जाए।” उन्होंने कहा कि आखिर यही मजदूर राष्ट्र निर्माता हैं। दुर्भाग्य है कि ये आज पिछली पंक्ति में खड़े हैं।


बिना वर्दी यातायात पुलिस, समझ से परे

बिना ड्यूटी, बिना वर्दी यातायात पुलिस के कुछ कर्मियों की बाँदा-सागर मार्ग में सक्रियता समझ से परे

 

ओवरलोडिंग के खिलाफ प्रशासन की ढ़ील से बेखौफ गुजरते रात-दिन ओवरलोड ट्रक

 

धीरेन्द्र सिंह "राणा"

 

फतेहपुर। जनपद फ़तेहपुर में बाँदा सागर मार्ग से ओवरलोड वाहन बेखौफ होकर गुजरते हैं। इससे ऐसा जान पड़ता है कि उन्हें जिला प्रशासन व कानून का कोई भय नहीं है। हालांकि इसी मार्ग में पुलिस की कई चौकियाँ हैं जहाँ पुलिस कर्मी तैनात रहते हैं और तो और इसी मार्ग में राधानगर से नौआबाग तक जनपद की यातायात पुलिस सबसे ज्यादा सक्रिय देखी जाती हैं। यातायात पुलिस के कुछ जवानो की सक्रियता तो इतनी अधिक होती है कि ये सरकारी वर्दी तक पहनना भूल जाते हैं। और पता नही ऐसा क्या कारण है कि यातायात पुलिस के कुछ जवान बिना ड्यूटी के ही इस मार्ग में शाम ढलते और भोर पहर होते ही सक्रिय हो जाते है और अक्सर इन्हें ट्रकों को रुकवाते हुए भी देखा जाता है जबकि इनको ओवरलोडिंग पर कार्यवाही करने के लिए अधिकृत नही किया गया है। इस सम्बन्ध में जब जिले के यातायात प्रभारी से पूछा जाता है तो उनका अकसर यही कहना रहता है कि ओवरलोडिंग पर कार्यवाही उनके द्वारा नही की जा सकती इसके लिए जिले के उच्च अधिकारियों द्वारा कार्यवाही की जाती है। और वही जब आज फिर यातायात प्राभारी से पूछा गया कि यातायात के कुछ कर्मी बिना वर्दी के ट्रकों को रुकवाते नजर आते हैं क्या इस मार्ग पर उनकी ड्यूटी लगी होती है तो उनका कहना था कि इन यातायात पुलिस कर्मियों की ड्यूटी नही लगी थी फिर ये क्यों जाते है? क्यों ट्रक रुकवाते है? बुलाकर पूछताछ की जाएगी।

खैर जो भी हो जिले में ओवरलोडिंग पर शिकंजा न कस पाना संबंधितों की कार्यशैली पर एक बड़ा प्रश्न है तो वहीं बिना ड्यूटी, बिना वर्दी यातायात पुलिस के कुछ कर्मियों की बाँदासागर मार्ग में सक्रियता भी समझ से परे।

राज्य में संक्रमित संख्या-80 हजार के पार

महाराष्ट्र। महाराष्ट्र कोरोना वायरस संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला प्रदेश है। राज्य में कोरोना पीड़ितों की संख्या 80 हजार को पार कर चुकी है और मामले लगातार बढ़ रहे हैं। महाराष्ट्र में कई पुलिसकर्मी भी कोरोना वायरस पॉजिटिव मिल चुके हैं।


राज्य में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से दो पुलिसकर्मियों की मौत हुई है। हालांकि, इस दौरान कोई नया पुलिसकर्मी कोरोना की चपेट में नहीं आया है। महाराष्ट्र पुलिस ने जानकारी दी कि राज्य में कोरोना वायरस के चलते अभी तक 2561 पुलिसकर्मी पॉजिटिव मिल चुके हैं। इन पुलिसकर्मियों का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। हालांकि, इसमें कई पुलिसकर्मी कोरोना को मात देकर ड्यूटी भी ज्वाइन कर चुके हैं। महाराष्ट्र पुलिस ने बताया कि कोरोना वायरस के चलते 33 पुलिसकर्मियों की मौत भी हुई है। वहीं, राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में कोरोना वायरस के कारण जान गंवाने वाले हर पुलिसकर्मी के परिवार को 65-65 लाख रुपए मुआवजे के तौर पर दिए जाएंगे। देशमुख ने बताया कि संक्रमण के कारण मारे गए हर पुलिसकर्मी के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि संक्रमण के कारण मारे गए हर पुलिसकर्मी के परिवार को 65-65 लाख रुपए दिए जाएंगे। देशमुख ने बताया कि महाराष्ट्र में इस समय 560303 लोग पृथक-वास में रह रहे है। एक विज्ञप्ति में मंत्री के हवाले से बताया गया कि राज्य में अब तक 80229 लोग संक्रमित हुए हैं जिनमें से 2849 लोगों की मौत हो चुकी है।


कोरोना मरीजों पर क्लिनिकल ट्रायल शुरू

जयपुर। कोरोना को ठीक करने को लेकर दुनिया भर में रिसर्च चल रहे हैं। कई देशों की कंपनियां दवा के बेहद करीब पहुंचने के दावे कर रही हैं। इन सबके बीच अब भारत में भी आयुर्वेद की दवाओं का कोरोना के पॉजिटिव मरीजों पर क्लिनिकल ट्रायल शुरू हो गया है। राजस्थान के जयपुर में कोरोना के मरीजों पर आयुर्वेदिक दवाओं का परीक्षण किया जा रहा है।


जयपुर के रामगंज में 12000 लोगों पर आयुर्वेद की एक इम्यूनिटी की दवा की टेस्टिंग भी शुरू की गई है। केंद्रीय आयुष मंत्रालय यह ट्रायल क्लिनिकल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन टीम के साथ मिलकर करा रहा है। बताया जा रहा है कि आयुष मंत्रालय के अधीन काम करने वाले राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान ने कोरोना को लेकर चार दवाएं बनाई हैं, जिनमें से एक का नाम है आयुष 64। इसे लेकर आयुष मंत्रालय उत्साहित है।

राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर ने कोरोना के मरीजों पर इसका क्लीनिकल ट्रायल शुरू किया है। यह क्लिनिकल ट्रायल कोविड-19 के प्रथम स्टेज के मरीजों पर जयपुर के एक निजी अस्पताल में किया जा रहा है। आयुर्वेद संस्थान के निदेशक संजीव शर्मा का कहना है कि यह दवा सामान्य तौर पर पहले मलेरिया के लिए दी जाती थी, लेकिन इसमें कुछ बदलाव के साथ कोरोना के मरीजों को दी जा रही है। रामगंज जैसे कंटेनमेंट एरिया के लोगों को इस दवा की दो-दो गोलियां सुबह-शाम खिलाई जा रही हैं। 45 दिन बाद परिणाम का अध्ययन किया जाएगा।


निजी अस्पतालों में होता है लूट का खेल

प्राइवेट अस्पतालों में चल रही है पैसों की लूट अप्रशिक्षित डॉक्टर कर रहे हैं ऑपरेशन

 

आदर्श श्रीवास्तव

लखीमपुर खीरी। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में कई प्राइवेट अस्पतालों में पैसों की लूट का खेल चल रहा है, आए दिन मरीज ठगी का शिकार हो रहे हैं, सबसे बड़ी बात तो यह है की पैसों की ठगी होने के बावजूद भी मरीजों को जान गवानी पड़ती है। ताजा मामला लखीमपुर के ही शुभ आदर्श हॉस्पिटल का है जो एरा रोड नामे महाराज की कोठी के सामने सलेमपुर कोन में बना हुआ है, यहां पर सबा नाम की मरीज भर्ती हुई, जिसका ऑपरेशन करना था, ऑपरेशन करने के बाद बच्चे को अस्पताल के डॉक्टर नहीं बचा सके, 5 दिन भर्ती रखने के बाद छठे दिन अस्पताल से भर्ती काट दिया और बोला कि तुम्हारी इलाज में ₹45000 का खर्चा आता है, बच्चे को खो चुकी सबा का इलाज भी चल रहा था इसलिए उसने डॉक्टर से कोई भी विवाद करना उचित नहीं समझा कि कहीं उसको भी अपनी जान ना गंवाना पड़ जाए मजबूर और लाचार शबा और उसके घर वालों को डॉक्टर को पूरे पैसे देने पड़े, सभा से पूछने पर बताया कि सबसे पहले वह जिला महिला चिकित्सालय गई थी, वहां से उसको जवाब दे दिया गया तो शाबा के साथ में आई बढ़ईडीहा ग्राम पंचायत की आशा शर्मा वती उसे प्राइवेट हॉस्पिटल में दिखाने की सलाह दी, और शुभ आदर्श हॉस्पिटल में ले कर चली गई आखिर आशा प्राइवेट हॉस्पिटल शुभ आदर्श हॉस्पिटल में ही क्यों लेकर गई, और पहले रुपए पैसों की बात क्यों नहीं की, कहीं इसका कमीशन तो वहां नहीं चल रहा है, जिला महिला अस्पताल में भी गर्भवती महिलाओं को असहनीय पीड़ा के समय जवाब दे दिया जाता है, जिससे परिवार के लोग मजबूर और लाचार होकर कहीं भी किसी भी कीमत पर ऑपरेशन कराने के लिए तैयार हो जाते हैं, इसी मजबूरी का फायदा उठा कर तीन चार गुना रेट पर प्राइवेट हॉस्पिटल के डॉक्टर ऑपरेशन करने लगते हैं, क्या शबा का ऑपरेशन जिला अस्पताल में नहीं हो सकता था। जिससे उसके बच्चे की भी जान बच सकती, ज्यादा समय हो जाने से उसको अपने बच्चे की जान गवानी पड़ी।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


 जून 07, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-299 (साल-01)
2. रविवार, जूूून 07, 2020
3. शक-1943, अषाढ़, कृष्ण-पक्ष, तिथि- दूज, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:39,सूर्यास्त 07:24।


5. न्‍यूनतम तापमान 22+ डी.सै.,अधिकतम-39+ डी.सै.।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहींं है।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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(सर्वाधिकार सुरक्षित)


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