गुरुवार, 4 जून 2020

सीमा-विवाद में चीन ने पांव सिकौड़े

नई दिल्ली। लद्दाख में करीब एक महीने से चल रहे भारत चीन सीमा विवाद में अब चीन पस्त होता नजर आ रहा है। भारत के दबाव और कड़े रूख के चलते चीन अब एलएसी से पीछे हट गया है।

 

करीब एक महीने से लद्दाख इलाके में जारी सीमा विवाद के बीच पहली बार चीनी सैनिक पीछे हटे हैं। एक महीने से वास्तविक नियंत्रण रेखा यानि एलएसी पर आक्रामक रुख अपनाने वाली चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी भारतीय सेना की सख्ती के आगे टिक नहीं सकी है। खास बात ये है कि चीनी सेना ने पिछले तीन-चार दिन से यहां कोई बड़ी हलचल नहीं की है। चीनी सेना एलएसी से करीब दो किलोमीटर पीछे हट गई है। माना जा रहा है कि भारत का चौतरफा दबाव चीन पर भारी पड़ रहा है। अब चीन भारत के आगे पस्त होता दिख रहा है। गौरतलब है कि 6 जून को भारत और चीन के लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अफसरों की बैठक है। उससे ठीक पहले चीन का ये कदम सीमा विवाद निपटने की दिशा में सकारात्मक पहल माना जा रहा है। लद्दाख में पांच मई से ये विवाद चल रहा है।

हथनी की मौत, सरकार नहीं छोड़ेगी

नई दिल्ली। केरल के मलप्पुरम में गर्भवती हथिनी की मौत को लेकर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गहरी संवेदना व्यक्त की है और कहा है कि उसके मंत्री जावड़ेकर ने गुरुवार को यहां ट्वीट कर कहा कि केंद्र सरकार ने केरल के मल्लपुरम में इस हथिनी की मृत्यु पर घटना को गंभीरता से लिया है और उसने इसकी जांच कराकर हत्यारे को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने का फैसला किया है।


उन्होंने कहा कि यह भारतीय संस्कृति नहीं है कि पटाखों से किसी जानवर को मार दिया जाए। गौरतलब है कि इस हथिनी की मौत की जांच का निर्णय केरल सरकार ने लिया है और कल से अब तक सोशल मीडिया पर इस घटना की काफी निंदा हुई है और लोगों ने इसके दोषी लोगों को तत्काल गिरफ्तार करने और कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है।


रक्षासचिव भी वायरस की चपेट में आया



नई दिल्ली। देश के टॉप अफसरों में से  आ गए। जांच रिपोर्ट में उनके कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। सूत्रों के मुताबिक, रक्षा सचिव के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद उनकी कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की जा रही है और साउथ ब्लॉक को सैनिटाइज किया जा रहा है।




जानकारी के अनुसार, बुधवार को रक्षा सचिव अजय कुमार में कोविड-19 संक्रमण के लक्षण दिखाई दिए हैं, जिसके बाद रक्षा मंत्रालय ने उनके संपर्क में आए लोगों का पता लगाने को लेकर व्यापक अभियान चलाया गया। इस दौरान रायसीना हिल्स के साउथ ब्लॉक में मंत्रालय के मुख्यालय में कार्यरत कम से कम 35 अधिकारियों को घरों में ही पृथक-वास में भेज दिया गया है। हालांकि, इस बारे में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया कि रक्षा सचिव में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है अथवा नहीं? वहीं दूसरी ओर रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस मामले में टिप्पणी करने से भी इनकार कर दिया। हालांकि, सेना के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि कुमार संक्रमित पाए गए हैं। कार्यालय नहीं आए राजनाथरक्षा सचिव अजय कुमार में कोरोना के लक्षण दिखाई देने के बाद एहतियातन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बुधवार को कार्यालय नहीं आए। बता दें कि रक्षा मंत्री, रक्षा सचिव, सेना प्रमुख और नौसेना प्रमुख के कार्यालय साउथ ब्लॉक के प्रथम तल पर हैं।


256 ट्रेन रद्द, प्रवासी मजदूरो को झटका

नई दिल्ली । श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से यात्रा करने का प्लान कर रहे प्रवासी मजदूरों और कामगारों के लिए बड़ा झटका लग सकता है। दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों ने श्रमिक ट्रेनों को रद्द कर दिया है। रेलवे की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक रविवार तक 4040 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं। वहीं राज्यों ने 256 ट्रेनों को रद्द कर दिया। ऐसा करने वालों में महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक एवं उत्तर प्रदेश सबसे आगे रहे। आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र ने 1 मई से अब तक 105 ट्रेनें रद्द कीं। रेल मंत्री पीयूष गोयल महाराष्ट्र द्वारा ट्रेनें मांगने और उनका इस्तेमाल नहीं करने को लेकर बहुत मुखर रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार, गुजरात ने 47 ट्रेन, कर्नाटक ने 38 ट्रेन तथा उत्तर प्रदेश ने 30 ट्रेन रद्द कीं। वैसे सर्वाधिक ट्रेनें गुजरात से ही चलीं. अधिकारियों ने संकेत दिया कि ज्यादातर ट्रेनें, भेजने वाले और उनके गंतव्य वाले राज्यों के बीच तालमेल के अभाव के कारण रद्द हुईं।


किसकी गलती से रद्द हुई श्रमिक स्पेशल ट्रेनें?


न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक एक अधिकारी ने कहा, ‘हम बिना उपयुक्त प्रोटोकॉल के ट्रेनें नहीं चला सकते। कई ऐसे मामले सामने आये जहां भेजने वाले राज्यों ने हमें ट्रेनों में सवार होने को तैयार यात्रियों की लिस्ट उपलब्ध नहीं कराई, इसलिए उन्हें रद्द करना पड़ा। दोनों तरह के राज्यों के बीच समन्वय के अभाव के कारण ट्रेनें रद्द हुईं। गृह मंत्रालय ने इसी बीच श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के लिए प्रोटोकॉल बदल दिया और इन सेवाओं के लिए, गंतव्य वाले राज्यों की सहमति खत्म कर दी। ऐसे में, आने वाली ट्रेनें अस्वीकार करने की संभावना खत्म हो गई। महाराष्ट्र के बाद गुजरात ने सबसे अधिक ट्रेनें रद्द कीं लेकिन उसने सर्वाधिक 1026 प्रवासी विशेष ट्रेनें भी चलाईं और 15.18 लाख श्रमिकों को उनके गृह राज्य पहुंचाया। इन श्रमिकों में 77 फीसदी उत्तर प्रदेश और बिहार गए। महाराष्ट्र ने 802 ट्रेनें चलवाई और वह गुजरात के बाद दूसरे नंबर पर रहा।


दिल्ली सरकार ने भी नहीं की मांग


दिल्ली सरकार की तरफ से और श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की मांग नहीं किए जाने के आलोक में राष्ट्रीय राजधानी से इन ट्रेनों का परिचालन समाप्त कर दिया गया है। रेलवे के एक अधिकारी ने कहा, ‘वर्तमान में दिल्ली सरकार से श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने की मांग नहीं प्राप्त हुई है। दिल्ली के रेलवे स्टेशनों से कोई श्रमिक ट्रेन नहीं चल रही है।’ दिल्ली में फंसे प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्य पहुंचाने के लिए रेलवे एक मई से अब तक 242 ट्रेन चला चुका है।


58 लाख प्रवासियों ने की यात्रा


बता दें कि भारतीय रेलवे ने 3 जून, 2020 की सुबह 10 बजे तक देश भर में 4197 ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेनों का परिचालन किया और 58 लाख से अधिक यात्रियों को उनके गृह राज्यों तक पहुंचाया। सिर्फ मई में ही 50 लाख से ज्यादा लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचाया गया। श्रमिक स्पेशल के अलावा रेलवे द्वारा 12 मई से 15 जोड़ी विशेष राजधानी ट्रेनों और 1 जून, 2020 से 100 जोड़ी विशेष मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों को चलाया जा रहा है। ये 4,197 ट्रेनें विभिन्न राज्यों से रवाना हुईं. शीर्ष 5 राज्य इस प्रकार हैं, जहां से सबसे ज्यादा ट्रेनें रवाना हुईं. गुजरात से 1026 ट्रेन, महाराष्ट्र से 802 ट्रेन, पंजाब से 416 ट्रेन, उत्तर प्रदेश से 294 ट्रेन और बिहार से 294 ट्रेन। सबसे ज्यादा ट्रेनें उत्तर प्रदेश और बिहार में पहुंचीं। शीर्ष पांच राज्य इस प्रकार हैं, जहां सबसे ज्यादा ट्रेनों की यात्रा समाप्त हुई, उत्तर प्रदेश में 1682 ट्रेन, बिहार में 1495 ट्रेन, झारखंड में 197 ट्रेन, ओडिशा में 187 ट्रेन, पश्चिम बंगाल में 156 ट्रेन।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


 जून 05, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-297 (साल-01)
2. शुक्रवार, जूूून 05, 2020
3. शक-1943, ज्येठ, शुक्ल-पक्ष, तिथि- चतुर्दशी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:39,सूर्यास्त 07:21।


5. न्‍यूनतम तापमान 21+ डी.सै.,अधिकतम-38+ डी.सै.।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहींं है।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।


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बुधवार, 3 जून 2020

लोनी क्षेत्र के भ्रष्टाचार का नया अध्याय

आकांक्षा उपाध्याय 

गाजियाबाद। लोनी क्षेत्र सदैव सुर्खियां में बना रहा है क्योंकि  यहां की राजनीति और नीति भ्रष्टाचार से प्रेरित है। अभी-अभी  राशन वितरण में किए गए अप्रत्याशित भ्रष्टाचार की सरसराहट शांत भी नहीं हुई है। भाजपा पार्टी के कार्यकर्ताओं की एक नई भ्रष्टाचार गाथा जनता के सामने प्रस्तुत है। इस प्रकार की स्थिति में क्षेत्र की जनता ऐसे भ्रष्ट नेताओं से अपने विकास की कामना किस प्रकार से कर सकती है या ऐसे नेता जिनके पास नेतृत्व का दृष्टिकोण ही नहीं है। जो जनता को लूटने के अलावा और कुछ सोचते ही नहीं है। क्या ऐसे नेतृत्व से हम अपने विकास की अपेक्षा कर सकते हैं? मुझे लगता है नहीं,  लेकिन इसके बावजूद भी अपने इन जनप्रतिनिधियों को आप को झेलना ही होगा। क्योंकि आप भोली-भाली जनता है और आप कुछ भी नहीं जानती है और ना कुछ समझती है। आपके ही अधिकार का हनन हुआ है। आपके ही सामने आपके राशन पर डकैती डाली गई है और आप चुपचाप इस भ्रष्ट आचरण को सहन कर रहे हैं। हो सकता है कल आपके ऊपर  इस से भी बड़े अत्याचार किए जाए। उस समय आप चिल्ला- चिल्लाकर भी कहेंगे तो भी आपकी कोई सहायता नहीं कर सकता। क्योंकि जो स्वयं अपनी सहायता नहीं कर सकता, उसकी कोई भी सहायता नहीं कर सकता है। अत्यधिक आश्चर्य की बात है कि माननीय विधायक नंदकिशोर गुर्जर  जोकि भ्रष्टाचार व गलत काम करने वालों को व दलाली करने वालों को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करते। आज वो ऐसे भ्रष्टाचारी के साथ नजर आ रहे है जिसने गरीब सफाई कर्मचारियों के हक़ के 500 रुपये में से 200 रुपये लेकर अपने निजी पार्टी के लिए डकार लिए। ऐसा भ्रष्टाचारी जिसके खिलाफ सबूत आंखों के सामने है। बावजूद उसके क्या उसे स्थानीय पुलिस इसलिए नहीं गिरफ्तार कर रही है कि यह व्यक्ति विधायक के साथ फोटो खिंचवाकर वायरल कर रहा है। विधायक इतना होने पर भी खामोश है, लोनी की जनता सब देख रही है।

सपा नेताओं ने एडीजी से की मुलाकात

पप्पू गंजिया को राजनीतिक मोहरा बनाए जाने पर सपा नेताओं ने एडीजी ज़ोन से करी मुलाक़ात

बृजेश केसरवानी

प्रयागराज। समाजवादी पार्टी का एक शिष्टमण्डल निर्वतमान ज़िलाध्यक्ष कृष्णमुर्ति सिंह यादव व निर्वतमान महानगर अध्यक्ष सै०इफ्तेखार हुसैन के साथ पुलिस महानिरीक्षक प्रयागराज परिक्षेत ज़ोन से मिल कर नैनी के जावेद अहमद उर्फ पप्पू गंजिया जिन पर लगभग 17वर्षों से कोई भी आपराधिक मुक़दमा नहीं है। जिनहे राजनैतिक विद्वेश की भावना से फंसाए जाने का आरोप लगाया।कृष्णमुर्ति सिंह ने बताया भाजपा सरकार में सपाईयों का उत्पीड़न ज़ोर शोर से जारी है।कहा लगभग सत्रह वर्षों से पप्पू गंजिया पर एक भी अपराधिक मुक़दमा पंजीकृत नहीं हुआ।श्री इफ्तेखार ने कहा की भाजपा सरकार और उसके कई दर्जन मंत्रीयों पर सैकड़ो मुक़दमे दर्ज हैं लेकिन उन पर उंगली उठाने वाला कोई नहीं वहीं17वर्षों से साधारण जीवन जी रहे जावेद अहमद उर्फ पप्पू गंजिया को राजनैतिक द्वेशवश फंसाया जा रहा है।नेताद्वय को पुलिस महानिरीक्षक ने आश्वासन दिया की किसी को फर्ज़ी नहीं फंसाया जाएगा। दोष सिद्ध न होने पर छोड़ दिया जाएगा। कृष्णमूर्ति सिंह व इफ्तेखार हुसैन के साथ ज़िला सचिव राकेश यादव व शहर उत्तरी विधान सभा अध्यक्ष रविन्द्र यादव रवि भी शामिल थे।

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई  संदीप मिश्र  लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को लेकर उत्तर प्रदेश में भी 7 दिनों के...