गुरुवार, 4 जून 2020

256 ट्रेन रद्द, प्रवासी मजदूरो को झटका

नई दिल्ली । श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से यात्रा करने का प्लान कर रहे प्रवासी मजदूरों और कामगारों के लिए बड़ा झटका लग सकता है। दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों ने श्रमिक ट्रेनों को रद्द कर दिया है। रेलवे की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक रविवार तक 4040 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं। वहीं राज्यों ने 256 ट्रेनों को रद्द कर दिया। ऐसा करने वालों में महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक एवं उत्तर प्रदेश सबसे आगे रहे। आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र ने 1 मई से अब तक 105 ट्रेनें रद्द कीं। रेल मंत्री पीयूष गोयल महाराष्ट्र द्वारा ट्रेनें मांगने और उनका इस्तेमाल नहीं करने को लेकर बहुत मुखर रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार, गुजरात ने 47 ट्रेन, कर्नाटक ने 38 ट्रेन तथा उत्तर प्रदेश ने 30 ट्रेन रद्द कीं। वैसे सर्वाधिक ट्रेनें गुजरात से ही चलीं. अधिकारियों ने संकेत दिया कि ज्यादातर ट्रेनें, भेजने वाले और उनके गंतव्य वाले राज्यों के बीच तालमेल के अभाव के कारण रद्द हुईं।


किसकी गलती से रद्द हुई श्रमिक स्पेशल ट्रेनें?


न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक एक अधिकारी ने कहा, ‘हम बिना उपयुक्त प्रोटोकॉल के ट्रेनें नहीं चला सकते। कई ऐसे मामले सामने आये जहां भेजने वाले राज्यों ने हमें ट्रेनों में सवार होने को तैयार यात्रियों की लिस्ट उपलब्ध नहीं कराई, इसलिए उन्हें रद्द करना पड़ा। दोनों तरह के राज्यों के बीच समन्वय के अभाव के कारण ट्रेनें रद्द हुईं। गृह मंत्रालय ने इसी बीच श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के लिए प्रोटोकॉल बदल दिया और इन सेवाओं के लिए, गंतव्य वाले राज्यों की सहमति खत्म कर दी। ऐसे में, आने वाली ट्रेनें अस्वीकार करने की संभावना खत्म हो गई। महाराष्ट्र के बाद गुजरात ने सबसे अधिक ट्रेनें रद्द कीं लेकिन उसने सर्वाधिक 1026 प्रवासी विशेष ट्रेनें भी चलाईं और 15.18 लाख श्रमिकों को उनके गृह राज्य पहुंचाया। इन श्रमिकों में 77 फीसदी उत्तर प्रदेश और बिहार गए। महाराष्ट्र ने 802 ट्रेनें चलवाई और वह गुजरात के बाद दूसरे नंबर पर रहा।


दिल्ली सरकार ने भी नहीं की मांग


दिल्ली सरकार की तरफ से और श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की मांग नहीं किए जाने के आलोक में राष्ट्रीय राजधानी से इन ट्रेनों का परिचालन समाप्त कर दिया गया है। रेलवे के एक अधिकारी ने कहा, ‘वर्तमान में दिल्ली सरकार से श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने की मांग नहीं प्राप्त हुई है। दिल्ली के रेलवे स्टेशनों से कोई श्रमिक ट्रेन नहीं चल रही है।’ दिल्ली में फंसे प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्य पहुंचाने के लिए रेलवे एक मई से अब तक 242 ट्रेन चला चुका है।


58 लाख प्रवासियों ने की यात्रा


बता दें कि भारतीय रेलवे ने 3 जून, 2020 की सुबह 10 बजे तक देश भर में 4197 ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेनों का परिचालन किया और 58 लाख से अधिक यात्रियों को उनके गृह राज्यों तक पहुंचाया। सिर्फ मई में ही 50 लाख से ज्यादा लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचाया गया। श्रमिक स्पेशल के अलावा रेलवे द्वारा 12 मई से 15 जोड़ी विशेष राजधानी ट्रेनों और 1 जून, 2020 से 100 जोड़ी विशेष मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों को चलाया जा रहा है। ये 4,197 ट्रेनें विभिन्न राज्यों से रवाना हुईं. शीर्ष 5 राज्य इस प्रकार हैं, जहां से सबसे ज्यादा ट्रेनें रवाना हुईं. गुजरात से 1026 ट्रेन, महाराष्ट्र से 802 ट्रेन, पंजाब से 416 ट्रेन, उत्तर प्रदेश से 294 ट्रेन और बिहार से 294 ट्रेन। सबसे ज्यादा ट्रेनें उत्तर प्रदेश और बिहार में पहुंचीं। शीर्ष पांच राज्य इस प्रकार हैं, जहां सबसे ज्यादा ट्रेनों की यात्रा समाप्त हुई, उत्तर प्रदेश में 1682 ट्रेन, बिहार में 1495 ट्रेन, झारखंड में 197 ट्रेन, ओडिशा में 187 ट्रेन, पश्चिम बंगाल में 156 ट्रेन।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


 जून 05, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-297 (साल-01)
2. शुक्रवार, जूूून 05, 2020
3. शक-1943, ज्येठ, शुक्ल-पक्ष, तिथि- चतुर्दशी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:39,सूर्यास्त 07:21।


5. न्‍यूनतम तापमान 21+ डी.सै.,अधिकतम-38+ डी.सै.।


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बुधवार, 3 जून 2020

लोनी क्षेत्र के भ्रष्टाचार का नया अध्याय

आकांक्षा उपाध्याय 

गाजियाबाद। लोनी क्षेत्र सदैव सुर्खियां में बना रहा है क्योंकि  यहां की राजनीति और नीति भ्रष्टाचार से प्रेरित है। अभी-अभी  राशन वितरण में किए गए अप्रत्याशित भ्रष्टाचार की सरसराहट शांत भी नहीं हुई है। भाजपा पार्टी के कार्यकर्ताओं की एक नई भ्रष्टाचार गाथा जनता के सामने प्रस्तुत है। इस प्रकार की स्थिति में क्षेत्र की जनता ऐसे भ्रष्ट नेताओं से अपने विकास की कामना किस प्रकार से कर सकती है या ऐसे नेता जिनके पास नेतृत्व का दृष्टिकोण ही नहीं है। जो जनता को लूटने के अलावा और कुछ सोचते ही नहीं है। क्या ऐसे नेतृत्व से हम अपने विकास की अपेक्षा कर सकते हैं? मुझे लगता है नहीं,  लेकिन इसके बावजूद भी अपने इन जनप्रतिनिधियों को आप को झेलना ही होगा। क्योंकि आप भोली-भाली जनता है और आप कुछ भी नहीं जानती है और ना कुछ समझती है। आपके ही अधिकार का हनन हुआ है। आपके ही सामने आपके राशन पर डकैती डाली गई है और आप चुपचाप इस भ्रष्ट आचरण को सहन कर रहे हैं। हो सकता है कल आपके ऊपर  इस से भी बड़े अत्याचार किए जाए। उस समय आप चिल्ला- चिल्लाकर भी कहेंगे तो भी आपकी कोई सहायता नहीं कर सकता। क्योंकि जो स्वयं अपनी सहायता नहीं कर सकता, उसकी कोई भी सहायता नहीं कर सकता है। अत्यधिक आश्चर्य की बात है कि माननीय विधायक नंदकिशोर गुर्जर  जोकि भ्रष्टाचार व गलत काम करने वालों को व दलाली करने वालों को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करते। आज वो ऐसे भ्रष्टाचारी के साथ नजर आ रहे है जिसने गरीब सफाई कर्मचारियों के हक़ के 500 रुपये में से 200 रुपये लेकर अपने निजी पार्टी के लिए डकार लिए। ऐसा भ्रष्टाचारी जिसके खिलाफ सबूत आंखों के सामने है। बावजूद उसके क्या उसे स्थानीय पुलिस इसलिए नहीं गिरफ्तार कर रही है कि यह व्यक्ति विधायक के साथ फोटो खिंचवाकर वायरल कर रहा है। विधायक इतना होने पर भी खामोश है, लोनी की जनता सब देख रही है।

सपा नेताओं ने एडीजी से की मुलाकात

पप्पू गंजिया को राजनीतिक मोहरा बनाए जाने पर सपा नेताओं ने एडीजी ज़ोन से करी मुलाक़ात

बृजेश केसरवानी

प्रयागराज। समाजवादी पार्टी का एक शिष्टमण्डल निर्वतमान ज़िलाध्यक्ष कृष्णमुर्ति सिंह यादव व निर्वतमान महानगर अध्यक्ष सै०इफ्तेखार हुसैन के साथ पुलिस महानिरीक्षक प्रयागराज परिक्षेत ज़ोन से मिल कर नैनी के जावेद अहमद उर्फ पप्पू गंजिया जिन पर लगभग 17वर्षों से कोई भी आपराधिक मुक़दमा नहीं है। जिनहे राजनैतिक विद्वेश की भावना से फंसाए जाने का आरोप लगाया।कृष्णमुर्ति सिंह ने बताया भाजपा सरकार में सपाईयों का उत्पीड़न ज़ोर शोर से जारी है।कहा लगभग सत्रह वर्षों से पप्पू गंजिया पर एक भी अपराधिक मुक़दमा पंजीकृत नहीं हुआ।श्री इफ्तेखार ने कहा की भाजपा सरकार और उसके कई दर्जन मंत्रीयों पर सैकड़ो मुक़दमे दर्ज हैं लेकिन उन पर उंगली उठाने वाला कोई नहीं वहीं17वर्षों से साधारण जीवन जी रहे जावेद अहमद उर्फ पप्पू गंजिया को राजनैतिक द्वेशवश फंसाया जा रहा है।नेताद्वय को पुलिस महानिरीक्षक ने आश्वासन दिया की किसी को फर्ज़ी नहीं फंसाया जाएगा। दोष सिद्ध न होने पर छोड़ दिया जाएगा। कृष्णमूर्ति सिंह व इफ्तेखार हुसैन के साथ ज़िला सचिव राकेश यादव व शहर उत्तरी विधान सभा अध्यक्ष रविन्द्र यादव रवि भी शामिल थे।

प्रवासी श्रमिकों को 10 -10 हजार देंं सरकार

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार से प्रवासी श्रमिकों तथा असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के खातोें में दस दस हजार रुपये हस्तांतरित करने का अनुरोध किया है। बनर्जी ने वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) के कारण लोगों से समक्ष उत्पन्न हुई स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा, “ लोगों को महामारी के कारण आर्थिक कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।


मैं केंद्र सरकार से प्रवासी श्रमिकों तथा असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के खातों में एक बार में दस दस हजार रुपये हस्तांतरित करने की अपील करती हूं। उन्होंने कहा कि इस काम में पीएम केयर्स की राशि का इस्तेमाल किया जा सकता है।


निसर्गः 3 राज्यों में 3 घंटों तक भूस्खलन

नई दिल्ली। चक्रवात ‘निसर्ग’ के कारण महाराष्ट्र, गुजरात और गोवा के तटीय जिलों में कम से कम तीन घंटे तक भूस्खलन होने की आशंका है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के प्रमुख एस.एन. प्रधान ने बुधवार को कहा कि एनडीआरएफ की 43 टीमों की मदद से तटीय इलाकों को खाली कराने का काम लगभग पूरा हो चुका है।


प्रधान ने कहा कि चक्रवात भारत के मौसम विभाग (आईएमडी) द्वारा घोषित पूर्वानुमान के साथ आगे बढ़ रहा था और चक्रवात के बनने का विज्ञान महाराष्ट्र के दक्षिणी जिले में स्पष्ट था। एनडीआरएफ के महानिदेशक ने कहा कि महाराष्ट्र के एक बंदरगाह शहर रत्नागिरि में लहरें तेज हो गई हैं। तेज हवाएं चल रही हैं और बारिश हो रही है। रायगढ़ जिले के अलीबाग तटीय शहर के दक्षिण में दोपहर 1 बजे के बाद लैंडफॉल शुरू हुआ, जैसा कि भविष्यवाणी की गई थी। इससे पहले प्रधान ने कहा था कि “चक्रवात से दोपहर 2 बजे और शाम 4.30 बजे के बीच कुछ समय के लिए भूस्खलन होने की आशंका है।” उन्होंने कहा कि कुल 43 एनडीआरएफ टीमों को काम पर तैनात किया गया और तटीय इलाकों को खाली कराने का काम सभी मामलों में पूरा हो गया है। एनडीआरएफ की 43 टीमों में से 40 तैनात हैं और तीन आरक्षित हैं। इनमें से अठारह गुजरात में, 21 महाराष्ट्र में, 2 दमन और दीव में और 2 दादर और नगर हवेली में तैनात की गई हैं। अधिकांश टीमों को अरब सागर का सामना करने वाले तटीय जिलों में तैनात किया गया है।


प्रधान ने कहा, “इसके अलावा, एहतियाती कदम भी उठाए गए हैं और चक्रवात आश्रय में लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ लाइफ स्किल्स भी सिखाए जा रहे हैं। मेरा मानना है कि केंद्रीय एजेंसियों या राज्य एजेंसियों की ओर से चक्रवात का सामना करने के लिए सभी तैयारियां पूरी हैं। बहुत अच्छा समन्वय है।”पूर्वी तट को अम्फान द्वारा पस्त करने के बाद निसर्ग आया है। निसर्ग के उत्तर महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के तटों को रायगढ़ जिले के हरिहरेश्वर शहर और दमन के बीच एक गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में पार करने की संभावना है। मई 1961 के बाद, निसर्ग जून में महाराष्ट्र तट से टकराने वाला पहला चक्रवात होगा। भविष्यवाणियों के अनुसार, महाराष्ट्र के तटीय जिले, जैसे सिंधुदुर्ग, रत्नागिरि, ठाणे, रायगढ़, मुंबई और पालगढ़ भी इससे प्रभावित होंगे। मौसम ब्यूरो ने महाराष्ट्र के कम से कम सात तटीय जिलों के लिए रेड अलर्ट किया है। जबकि गुजरात के तट के साथ कई जिलों में भी भारी बारिश के आसार हैं।


जेसिका लाल हत्याकांड सुप्त, शर्मा रिहा

जेसिका लाल हत्याकांड: जेल में अच्छे व्यवहार के चलते सिद्धार्थ शर्मा उर्फ मनु शर्मा रिहा



नई दिल्ली। जेसिका लाल हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे दोषी सिद्धार्थ शर्मा उर्फ मनु शर्मा मंगलवार को रिहा हो गए हैं। उपराज्यपाल ने यह फैसला उनके अच्छे व्यवहार के चलते लिया है। रिहाई पर अंतिम फैसला उपराज्यपाल (एलजी) अनिल बैजल पर छोड़ा गया था। सजा समीक्षा बोर्ड (एसआरबी) की बैठक में मनु शर्मा की समय पूर्व रिहाई की सिफारिश किए जाने के बाद मंगलवार को अंतिम मंजूरी के लिए फाइल उपराज्यपाल अनिल बैजल के पास भेज दी गई है, जहां से मनु शर्मा की रिहाई के आदेश दे दिए गए। बता दें कि हरियाणा के पूर्व मंत्री विनोद शर्मा के बेटे मनु शर्मा को दिसंबर 2006 में दिल्ली हाई कोर्ट ने 1999 में जेसिका लाल की हत्या के लिए उम्रकैद की सजा सुनाई थी।


गौरतलब है कि तिहाड़ जेल सूत्रों ने बताया है कि यह छठी बार है जब समय से पहले रिहाई के लिए मनु शर्मा की याचिका सजा एसआरबी के समक्ष रखी गई। दिल्ली के गृहमंत्री सत्येंद्र जैन की अध्यक्षता में सोमवार को एसआरबी की बैठक में मनु शर्मा की रिहाई की सिफारिश की गई। दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि सोमवार को 37 मामले मेरिट के आधार पर एसआरबी के सामने आए। इनमें से 22 मामले निर्धारित मापदंड के आधार पर रिहाई के योग्य पाए गए।


16 साल से ऊपर सजा काट चुका है मनु शर्मा


तिहाड़ के सूत्रों की मानें तो मनु शर्मा अपने जुर्म की सजा पूरी कर चुका है। मनु शर्मा के व्यवहार में हुए बदलाव को देखते हुए पहले उसे सेमी ओपन जेल, फिर ओपन जेल में शिफ्ट कर दिया गया था। बता दें कि कुछ साल पहले जेसिका लाल की बहन सबरीना लाल ने भी दोषी मनु शर्मा को जेल से रिहा करने को लेकर कोई आपत्ति नहीं जताई थी। उनका कहना था कि मनु शर्मा को जेल से छोड़े जाने पर उन्हें कोई एतराज नहीं है।



न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जनपद के टाउन हॉल में मंगलवार को सामाजिक न्याय क्रांति मोर्चा ...