शशांक तिवारी की रिपोर्ट
नई दिल्ली। लॉकडाउन खत्म होने के बाद अब मेट्रो के निर्माण की रफ्तार बढ़ाने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं। इनकी कमी से मेट्रो का काम बुरी तरह प्रभावित है। लखनऊ से लेकर कानपुर तक मेट्रो परियोजना को मजदूरों की भारी कमी खल रही है।
यूपी मेट्रो रेल कॉरपोरेशन कानपुर में मेट्रो का निर्माण करा रहा है। जबकि लखनऊ में मेट्रो के डिपो के निर्माण की वजह से तोड़ी गई पीएसी की बैरक की जगह नई बैरक बनाई जा रही है। लॉकडाउन से पहले बहुत तेजी से काम चल रहा था। कानपुर मेट्रो का काम पूरा करने के लिए 2 वर्ष का समय निर्धारित था लेकिन यूपीएमआरसी ने इसे डेढ़ वर्ष में पूरा करने की तैयारी की थी। मगर अब इंजीनियरों के अरमानों पर पानी फिर गया है। पहले लॉकडाउन की वजह से काम बंद रहा और अब मजदूर नहीं मिल रहे।
कितना समय लगेगा, पता नहीं
मेट्रो की परियोजनाओं को पूरा होने में कितना वक्त लगेगा अभी इसका आकलन नहीं हो पाया है। मेट्रो के अधिकारी कहते हैं कि क्योंकि काफी समय काम बंद है और अब शुरू होने के बाद लेबर नहीं मिल रहे हैं। लेबर कब तक आएंगे यह भी तय नहीं है। जब तक पूरे लेबर नहीं आ जाते, तब तक काम पूरा होने की नई तिथि निर्धारित नहीं की जा सकेगी।