मंगलवार, 2 जून 2020

सावधानी छोड़ने पर कठोर परिणाम होंगे

नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस तेजी से बढ़ता जा रहा है। देश कोरोना से संक्रमितों का आंकड़ा 2 लाख के करीब पहुंच गया है। जबकि अब तक 5 हजार 598 लोगों की मौत हो चुकी है। यदि सावधानी नहीं बरती गई, तो आने वाले दिन और भयावह हो सकते हैं। क्योंकि अभी तक कोरोना का कोई भी दवा नहीं बनाया जा सका है। इसलिए सावधान रहें, सतर्क रहें।









केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में 8 हजार171 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 204 लोगों की मौत हुई है। इसके बाद देशभर में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 1 लाख 98 हजार 706 हो गई है। जिनमें से 97 हजार 581 सक्रिय मरीज हैं। वही इस महामारी से 95 हजार 527 लोग ठीक हो चुके हैं। अब तक 5 हजार 598 लोगों की मौत हो चुकी है।








पिछले कई दिनों से कोरोना के केस में बेतहाशा बढ़ोतरी देखने को मिली है। प्रतिदिन आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। 30 मई को 7 हजार 964 मामले सामने आए थे. 31 मई को 8 हजार 380 और 1 जून को 8392 नए केस सामने आए थे। आज 2 जून को भी 8 हजार171 नए मामले सामने आए हैं।


'इंडिया या भारत' सुप्रीम कोर्ट तय करेगा

नई दिल्ली। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 1 में संशोधन कर इंडिया (India) शब्द हटाकर देश का नाम भारत (Bharat) या हिन्दुस्तान (Hindustan) रखने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में आज (2 जून) को सुनवाई होनी है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन उस दिन प्रधान न्यायाधीश (CJI) एसए बोबडे के उपलब्ध न होने से सुनवाई 2 जून तक के लिए टाल दी गई थी।


किसने दायर की है याचिका?
दरअसल, दिल्ली के रहने वाले एक शख्स ने अपनी याचिका में अदालत से मांग की है कि संविधान के अनुच्छेद 1 में संशोधन कर इंडिया शब्द हटा दिया जाए। अभी अनुच्छेद 1 कहता है कि भारत अर्थात इंडिया राज्यों का संघ होगा। याचिका में कहा गया है कि इसकी जगह संशोधन करके इंडिया शब्द हटा दिया जाए और भारत या हिन्दुस्तान कर दिया जाए।


याचिकाकर्ता का कहना है कि इंडिया शब्द गुलामी का प्रतीक लगता है। देश को मूल और प्रमाणिक नाम भारत से ही मान्यता दी जानी चाहिए। याचिका में दावा किया है कि यह संशोधन इस देश के नागरिकों की, औपनिवेशिक अतीत से मुक्ति सुनिश्चित करेगा। याचिका में 1948 में संविधान सभा में संविधान के तत्कालीन मसौदे के अनुच्छेद 1 पर हुई चर्चा का हवाला दिया गया है और कहा गया है कि उस समय देश का नाम ‘भारत’ या ‘हिन्दुस्तान’ रखने की पुरजोर हिमायत की गई थी।


याचिका के अनुसार, यद्यपि यह अंग्रेजी नाम बदलना सांकेतिक लगता हो लेकिन इसे भारत शब्द से बदलना हमारे पूर्वजों के स्वतंत्रता संग्राम को न्यायोचित ठहराएगा. याचिका में कहा गया है कि यह उचित समय है कि देश को उसके मूल और प्रमाणिक नाम ‘भारत’ से जाना जाता है।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


जून 03, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-295 (साल-01)
2. बुधवार, जूूून 03, 2020
3. शक-1943, ज्येठ, शुक्ल-पक्ष, तिथि- द्वादशी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:39,सूर्यास्त 07:21।


5. न्‍यूनतम तापमान 21+ डी.सै.,अधिकतम-38+ डी.सै.।


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सोमवार, 1 जून 2020

देश में राशन कार्ड किया जा रहा हैं लागू

नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच प्रवासी मजदूरों और गरीब तबके लोगों के लिए बड़ी राहत की खबर है। आज से देशभर में वन नेशन वन राशन कार्ड को लागू किया जा रहा है। एक जून से देश में इसकी शुरुआत 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से हो रही है। सरकार इस योजना पर तेजी से काम कर रही थी। अब जिसके पास राशन कार्ड नहीं है, वह किसी भी राज्य में इस कार्ड के लिए अप्लाई कर सकता है। दरअसल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आत्मनिर्भर राहत पैकेज की घोषणा के दौरान वन नेशन, वन राशन कार्ड का जिक्र किया था। इस कल्याणकारी योजना के तहत देश के गरीबों को किफायती कीमत पर देश के किसी भी हिस्से में सस्ते दाम पर राशन मिलेगा। राशन कार्ड का सबसे ज्यादा फायदा बीपीएल (गरीबी रेखा के नीचे) कार्ड धारकों को मिलता है।


क्या है वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना
वन नेशन वन राशन कार्ड केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना है, जिसके तहत पूरे देश में पीडीएस के लाभार्थियों को कहीं भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत चलने वाली राशन की दुकानों से राशन मिलेगा। यानी किसी भी राज्य का राशन कार्ड धारक दूसरे किसी भी राज्य में भी कार्ड दिखाकर राशन ले सकेगा। उदाहरण के तौर पर किसी का बिहार में राशन कार्ड बना हुआ है और वो दिल्ली में काम करता है तो वो बिहार के राशन कार्ड से दिल्ली में राशन ले सकेगा।


वन नेशन, वन राशन कार्ड के फायदेः इस योजना के लागू हो जाने के बाद पूरे देश में एक ही तरह का राशन कार्ड होगा। लाभार्थी देश में कहीं भी ई-पीओएस उपकरण पर बॉयोमेट्रिक प्रमाणन करने के बाद अपने मौजूदा राशन कार्ड से राशन ले सकते हैं। लाभार्थियों को अंगूठा लगाना अनिवार्य होगा, यही प्रमाण होगा। बॉयोमेट्रिक इस्तेमाल में आधार का इस्तेमाल होगा यानी आधार से लाभार्थियों की पहचान होगी।


राशन कार्ड 10 नंबर का होगाः केंद्र सरकार राज्यों को 10 अंकों का राशन कार्ड नंबर जारी करेगी। इस नंबर में पहले दो अंक राज्य कोड होंगे और अगले दो अंक राशन कार्ड नंबर होंगे। इसके अतिरिक्त राशन कार्ड नंबर के साथ एक और दो अंकों के सेट को जोड़ा जाएगा। इसे देश भर में लागू करने के लिए राशन कार्डों की पोर्टेबिलिटी की सुविधा शुरू होगी।


कई चीजों से किडनी पर होगा 'असर'

रोजाना के खाने में हम ऐसी कई चीजों के सेवन करते हैं जो हमारी किडनी के लिए सही नहीं होतीं या जो हमारी किडनी पर बुरा असर डाल सकती हैं। अक्सर ऐसी चीजों के असर हमें एक या दो दिन में दिखाई नहीं देते और हमें लगता है कि हमें कोई नुक्सान नहीं हो रहा है। लेकिन आप क्या खा रहे हैं, यह आपके स्वास्थ्य पर लंबा और गहरा असर डालता है। इसलिए अपनी डाइट पर ध्यान देना और ज्यादा से ज्यादा हेल्दी भोजन करना हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहतर होता है। अपनी किडनी के स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहते हैं तो इन बातों पर ध्यान देना न भूलें, क्योंकि इन खाने की चीजों से आपकी किडनी की सेहत पर असर पड़ता है, जो शायद आप जानते भी नहीं होंगे:
नमक: अधिक नमक खाने से कुछ लोगों का ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है और इससे किडनी खराब होने की गति भी बढ़ सकती है। इससे किडनी स्टोन भी होने की संभावना होती है।
अधिक प्रोटीन नहीं लाभकारी : प्रोटीन हेल्दी डाइट के लिए काफी अच्छा होता है, लेकिन अगर आपकी किडनी ठीक से काम नहीं कर पाती है तो ज्यादा प्रोटीन आपके लिए हानिकारक हो सकता है। इसके लिए आप डॉक्टर से भी पूछ सकते हैं। किडनी से सम्बंधित समस्या होने पर छोटे पोरशन में प्रोटीन लेना होता है। अंडा, मछली, नट्स आदि में प्रोटीन की अधिक मात्रा पाई जाती है।
केम्पा/सोडा : अगर आप एक दिन में दो या उससे अधिक सोडा या केम्पा के ग्लास पी जाते हैं तो आपको किडनी से जुडी बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। एक स्टडी के अनुसार, डाइट सोडा पीने वाली महिला की किडनी 20 साल बाद आम महिला की किडनी से 30 प्रतिशत कम काम कर रही थी।
डिहाइड्रेशन: यह तो सभी को पता है कि हमारा शरीर अधिकतर पानी से बना है। इसलिए हमारे शरीर में ठीक मात्रा में पानी होना जरूरी है। अगर आप सही मात्रा में रोज पानी नहीं पी रहे हैं तो किडनी डैमेज होने की संभावना बढ़ जाती है। अब आप यह कैसे पता लगाएं कि आप ठीक मात्रा में पानी पी रहे हैं? इसका जवाब है कि अगर आपके मूत्र का रंग हल्का पीला है तो समझ लें कि आप ठीक मात्रा में पानी पी रहे हैं।
अधिक एक्सरसाइज : काफी लम्बे समय तक बहुत अधिक वर्क-आउट करना भी परेशानी का सबब बन सकता है। इससे रेब्डोमाईओलाइसिस नामक बीमारी होने का खतरा रहता है। इस बीमारी में डैमेज हुए मसल टिश्यू बहुत जल्दी टूटने लगते हैं। आपके खून में इसके टूटे हुए पदार्थ किडनी फेल करने तक में सक्षम होते हैं। इसलिए अगर आप बॉडी बना रहे हैं या वर्क आउट कर रहे हैं तो धीरे-धीरे इसे अपने रूटीन में लाएं। अगर आपको गाढ़े पीले रंग का यूरिन आता है और मसल में दर्द भी हो तो डॉक्टर को दिखाएं।


परिजन के शव को सड़क किनारे छोड़ा

प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)। कोरोना वायरस के खौफ के चलते एक परिवार ने 35 वर्षीय एक परिजन के शव को सड़क के किनारे छोड़ दिया, जबकि उसकी मौत अस्थमा और दिल की बीमारियों से हुई थी। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। प्रवासी श्रमिक चार दिन पहले मुंबई से प्रतापगढ़ में अपने गांव लौटकर आया था और शनिवार को उसे सांस और हृदय रोगों के चलते स्वरूप रानी अस्पताल लाया गया था। रानीगंज के डिप्टी एसपी अतुल अंजन त्रिपाठी ने संवाददाताओं को बताया, “एक डॉक्टर से सलाह लेने के बाद घर लौटते समय उनकी हालत अचानक बिगड़ गई और उनकी मौत हो गई। परिवार के सदस्यों को संदेह था कि उसकी मौत कोरोनावायरस से हुई है, लिहाजा उसके शव को गांव के बाहर छोड़ दिया और घर चले गए।”


रविवार तड़के प्रयागराज-प्रतापगढ़ राजमार्ग पर रानीगंज पुलिस स्टेशन के अंडर आने वाले दमदम गांव में सड़क किनारे पड़े शव को लोगों ने देखा। पुलिस ने परिवार का पता लगाया लेकिन उन्होंने शव को लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने आगे बताया, “प्रवासी को थर्मल स्कैनिंग और चिकित्सीय जांच के बाद 21-दिवसीय होम संगरोध की सलाह दी गई थी। उसको अस्थमा और हृदयरोग की समस्या थी।” एक स्वास्थ्य टीम ने बाद में मृत व्यक्ति के चिकित्सा इतिहास का विश्लेषण किया और कहा कि अस्थमा और दिल की बीमारी के कारण हुई जटिलताओं से उसकी मृत्यु हो गई। वरिष्ठ पुलिस और स्वास्थ्य अधिकारियों ने तब परिवार को आश्वस्त किया कि वह कोरोनावायरस से नहीं मरा और यहां तक कि शरीर से एक नमूना भी लिया और परीक्षण के लिए भेजा। अधिकारियों ने परिवार के डर को दूर करने के लिए उन्हें पीपीई किट और सैनिटाइजर दिया। अंतत: रविवार शाम को प्रयागराज में शव का अंतिम संस्कार किया गया।


बृजेश केसरवानी


बिना सब्सिडी वालें सिलेंडर हुए महंगें

नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में रसोई गैस के दाम बढ़ने के कारण देश में बिना सब्सिडी वाला रसोई गैस सिलेंडर आज से महँगा हो गया है। देश की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली 14.2 किलोग्राम के बिना सब्सिडी वाले घरेलू रसोई गैस सिलेंडर का मूल्य जून महीने के लिए 593 रुपये तय किया गया है।


मई में इसकी कीमत 581.50 रुपये थी। इस प्रकार इसमें 11.50 रुपये की वृद्धि की गयी है। इससे पहले मई में कीमत में 162.50 रुपये की बड़ी कटौती की गयी थी। इंडियन ऑयल के बयान में कहा गया है “अंतर्राष्ट्रीय बाजार में जून महीने के लिए रसोई गैस की कीमत बढ़ी है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमत में बढ़ोतरी के कारण दिल्ली में रसोई गैस का बाजार मूल्य प्रति सिलेंडर 11.50 रुपये बढ़ाया गया है। हालाँकि इससे प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थी प्रभावित नहीं होंगे क्योंकि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 30 जून तक उन्हें मुफ्त सिलेंडर दिया जायेगा।”


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...