मंगलवार, 2 जून 2020

17.77 करोड़ परिवारों में खाद्यान्न आवंटन

लखनऊ। कोरोना संकट के दौरान यूपी सरकार की संवेदनशीलता दिखी। गरीबों को न सिर्फ जरूरत के मुताबिक सहयोग मिला बल्कि लॉकडाउन के दो माह की अवधि में 17़ 77 करोड़ गरीब परिवारों व जरूरतमंदों को 29़ 66 लाख मीट्रिक टन राशन भी आवंटित हुआ। कोरोना संकट में उप्र ने सबसे ज्यादा राशन बांट कर एक कीर्तिमान बनाया है।


लॉकडाउन में जिस वक्त गरीब तबका इस बात को लेकर चितिंत था कि उसके भोजन की व्यवस्था कैसे होगी, उस वक्त मुख्यमंत्री योगी की अगुवाई वाली सरकार ने बिना देर किए अनाज के सरकारी गोदामों को जनता के लिए खोल दिया। दो महीने से 3़ 55 करोड़ लोगों को हर महीने दो बार राशन मुहैया करवाना शुरू किया और पांच चरणों में चले इस अभियान के तहत 17़ 77 करोड़ लोगों को चावल, चना और गेहूं उपलब्ध कराया गया। मुख्यमंत्री योगी की मंशा के अनुरूप खाद्य एवं रसद विभाग ने प्रत्येक लाभार्थी को सही समय पर खाद्यान्न तो उपलब्ध कराया ही, पहली जून से शुरू हुए पांचवें चरण के पहले दिन ही मुख्यमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, ” 31 लाख 12 हजार 258 राशन कार्ड पर 81,438़163 मीट्रिक टन खाद्यान्न को गरीबों व जरूरतमन्दों तक पहुंचाया है। इसमें 78,325़ 90 मीट्रिक टन चावल और 3,112़ 25 मीट्रिक टन चना शामिल रहा। इतना ही नहीं, इसके अलावा 11 लाख 34 हजार 942 राशन काडोर्ं पर 35,493़ 292 मीट्रिक टन निशुल्क खाद्यान्न भी बांटा गया।”


मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि देश के अन्य राज्यों से वापस हुए प्रवासी 1212 श्रमिकों को 16़ 696 मीट्रिक टन खाद्यान्न उपलब्ध करवा कर प्रदेश सरकार ने अपनी सहृदयता दिखाई है। इनमें 440 शहरी श्रमिकों में 6़ 409 मीट्रिक टन और ग्रामीण क्षेत्र के 772 श्रमिकों को उपलब्ध कराया गया 10़ 287 मीट्रिक टन खाद्यान्न शामिल है। इन्हें भी चावल, चना के साथ गेहूं दिया गया है। लॉकडाउन में प्रदेश सरकार ने अब तक चार चरणों में राशन आवंटित किया है। पांचवां चरण चल रहा है। अप्रैल में शुरू हुए प्रथम चरण में 3 करोड़ 53 लाख 63 हजार 963 लोगों में 747,324़ 650 मीट्रिक टन खाद्यान्न का आवंटन हुआ था। इसमें 96 लाख 22 हजार 404 लोगों को 265,360़ 285 मीट्रिक टन खाद्यान्न निशुल्क वितरित हुआ है।


द्वितीय चरण के अप्रैल में ही शुरू हुए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 3 करोड़ 57 लाख 39 हजार 226 लोगों को 686,145़ 660 मीट्रिक टन चावल का उपलब्ध कराया गया था। जिसमें 3 करोड़ 32 लाख 43 हजार 846 लोगों को 686,145़ 660 मीट्रिक टन नि शुल्क चावल बांटा गया है। मई में शुरू हुए तीसरे चरण के खाद्यान्न वितरण कार्यक्रम के तहत 3 करोड़ 53 लाख 19 हजार 530 लोगों को 756,626़ 490 मीट्रिक टन खाद्यान्न वितरित किया गया था। इनमें से 95 लाख 17 हजार 698 लोगों को 264,372़ 405 मीट्रिक टन निशुल्क उपलब्ध कराया गया तो इसी माह में चौथे चरण में शुरू हुए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 3 करोड़ 55 लाख 43 हजार 683 लोगों को 694,468़ 060 मीट्रिक टन खाद्यान्न वितरण कर प्रदेश सरकार ने गरीबों की पीड़ा को कम करने का प्रयास किया था। इसमें भी 3 करोड़ 34 लाख 85 हजार 84 लोगों को नि:शुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराने का कार्य परवान चढ़ाया गया था।


उत्तराखंडः 41 नए मामले, आंकड़ा एक हजार

देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना का कहर जारी है। आज उत्तराखंड में कुल 41 मामले आए जिसके बाद प्रदेश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 100 के लगभग पहुँच गया है। वहीं बीते दिन रिकॉर्ड तोड़ मामले सामने आए हैं। हर दिन संक्रमितों का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। दरअसल अकड़ा 1000 के करीब पहुंच गया है। शासन द्वारा जारी दोपहर 02 बजे के हेल्थ बुलेटिन के अनुसार कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में 41 मरीजों की बढ़ोतरी हुई है। इसी के साथ राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या 999 हो गई है। वही अब तक 243 मरीज स्वस्थ भी हो चुके है। अभी तक मिले मरीजों में चमोली 03, देहरादून 26 , हरिद्वार 01 और टिहरी में मरीज़ बढे। कोरोना वायरस थमने का नाम नहीं ले रहा।


क्वींस मैरी अस्पताल से नवजात को चुराया

लखनऊ। एक महिला ने क्वींस मैरी अस्पताल से एक नवजात को चुरा लिया। इसके बाद महिला समेत उसके पति को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। महिला ने बच्चे के आगमन की खुशी में पड़ोसियों को केक बांटे थे। इससे घटना के बारे में सुराग मिला था।


डॉक्टरों ने सीमा शुक्ला नाम की एक महिला को बताया था कि वह मां नहीं बन सकती है। ऐसे में 24 मई को सीमा ने 12 दिन के एक बच्चे को अस्पताल से चुरा लिया था। क्वींस मैरी अस्पताल के पास नमकीन वगैरह बेचने वाले उसके पति ने ही अपनी पत्नी को इस बच्चे के बारे में बताया था। लापता बच्चे के पिता जगदीश ने इस संबंध में चौक पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी।


जगदीश की पत्नी ममता ने 13 मई को सी-सेक्शन के जरिए अपने बच्चे को जन्म दिया, लेकिन 24 मई को उन्हें एक और सर्जरी करानी पड़ी थी। ममता को जब सर्जरी के लिए ले जाया जा रहा था, तब उसके पति जगदीश ने बच्चे को एक महिला को सौंप दिया, जिसका चेहरा ढंका हुआ था। उन्होंने अनुमान लगाया होगा कि शायद उक्त महिला अस्पताल की ही कोई स्टॉफ होगी। वापस आने पर उन्होंने देखा कि महिला बच्चे समेत गायब है। शिकायत दर्ज कराने के बाद पुलिस ने अस्पताल की सीसीटीवी फूटेज को खंगाला। करीब 250 परिवारों से पूछताछ की गई। इसके बाद सोमवार को सीमा और संजय पकड़े गए। स्टेशन हाउस ऑफिसर विश्वजीत सिंह ने कहा, “हमने अस्पताल के आस-पास के क्षेत्रों के सीसीटीवी फुटेज को स्कैन किया। महिला को रिक्शा पर सवार होकर डालीगंज चौराहे पर देखा गया। वहां से उसे रिवर बैंक कॉलोनी की ओर जाते देखा गया। इलाके में रहने वाले विभिन्न परिवारों से पूछताछ के दौरान एक व्यक्ति ने सूचित किया कि एक अर्धनिर्मित घर के पास केक बांटे गए थे, जहां दंपत्ति किराये पर रहते थे।


संजय ने पूछताछ के दौरान अपना जुर्म कबूल कर लिया।” इस बीच, संजय ने कहा कि एक गर्भपात हो जाने के बाद से उसकी पत्नी अवसाद में थी और डॉक्टरों ने उसे बताया था कि वह दोबारा गर्भवती नहीं हो पाएगी।


संकट के समय देश में उद्योग की ताकत

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संकट के समय देश के उद्योग की ताकत की सराहना करते हुए मंगलवार को कहा कि आज देश में रोजाना तीन लाख पीपीई किट यानी पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्वीपमेंट किट बनाए जा रहे हैं।


प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना संकट का सामना करने के लिए महज तीन महीने में पीपीई किट बनाने वाली सैकड़ों कंपनियां खुल गई और इस तरह एक इंडस्ट्री खड़ी हो गई। प्रधानमंत्री यहां भारतीय उद्योग परिसंघ यानी सीआईआई की 125 साल गिरह पर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए देश के उद्योग जगत को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि भारत जल्द ही अपने विकास की रफ्तार को वापस हासिल करेगा। मोदी ने कहा, “वी विल गेट ग्रोथ बैक यानी हम विकास की रफतार वापस हासिल करेंगे।”


कोरोना आधारित विश्व का पहला 'उपन्यास'

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में कानपुर के एक युवा कॉलेज छात्र ने कोरोना महामारी पर लॉकडाउन में अंग्रेजी में एक उपन्यास लिख डाला है जिसका लोकार्पण 10 जून को होने वाला है। अठारह वर्षीय छात्र यश तिवारी ने दावा किया है कि उनका यह उपन्यास भारत का ही नही बल्कि दुनिया का कोरोना संकट पर पहला उपन्यास है।


कानपुर में जागरण कालेज में पत्रकारिता के छात्र यश तिवारी का कहना है कि ‘पैनेडेमिक 2020′ नामक उनका यह उपन्यास पहले ई बुक के रूप में और उसके बाद प्रिंट के रूप में निकल रहा है। दस जून को इसे ऑनलाइन लांच किया जा रहा है । यह किंडल और अमेज़न पर भी उपलब्ध होगा।


उन्होंने बताया कि कोरोना पर किताबें तो आई है लेकिन यह पहला उपन्यास है। अंग्रेजी में 50 हज़ार शब्दों के उपन्यास को ही उपन्यास माना जाता है। उनका उपन्यास 14 अध्यायों में है। इसमे चार देश की घटनाएं शामिल हैं जिनमें भारत के अलावा चीन अमेरिका और इटली भी शामिल है। इस उपन्यास की घटनाएं सत्य है पर पात्र काल्पनिक हैं। यश तिवारी 16 साल की उम्र में पहला अंग्रेजी उपन्यास ‘ए सेलिबरेशन इन टरबुलेंस’ लिख चुके हैं और उन्हें कई पुरस्कार भी मिले है। वह एक प्रेरक वक्ता भी हैं।


कई आतंकियों को मुख्यधारा में ले आए

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में पुलवामा जिले के त्राल में मंगलवार तड़के घेराबंदी एवं तलाश अभियान के दौरान सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गये। पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने बताया कि पुलवामा जिले में त्राल के सोइमोह गांव में आतंकवादियों के छुपे होने की खुफिया जानकारी मिलने पर राष्ट्रीय राइफल्स, जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह और केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बल के जवानों ने तड़के करीब तीन बजे संयुक्त अभियान चलाया।


उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों के जवान जब गांव में एक लक्षित क्षेत्र की ओर बढ़ रहे थे, वहां छुपे आतंकवादियों ने उन पर अत्याधुनिक स्वचालित हथियारों से गोलीबारी शुरू कर दी। सिंह ने बताया कि सुरक्षा बलों ने इलाके की चारो ओर से घेराबंदी करने के बाद आतंकवादियों को आत्मसमर्पण के लिए कहा लेकिन वे गोलीबारी करते रहें। इस पर सुरक्षा बलों को भी जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी जिसमें एक आतंकवादी मारा गया। इसके बाद कुछ समय तक गोलीबारी रुकी रही। थोड़ी देर बाद दोबारा शुरू हुई मुठभेड़ में दूसरा आतंकवादी भी मारा गया। उनके पास से भारी मात्रा में गोला-बारूद और हथियार बरामद किये गये हैं।उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों का अभियान समाप्त हो गया है लेकिन तलाशी अभी जारी है। पुलिस महानिदेशक ने बताया कि कुलगाम में पिछले दिनों हुई मुठभेड़ के दौरान भी सुरक्षा बल आतंकवादियों से आत्मसमर्पण के लिए कहते रहें लेकिन वे नहीं माने। उन्होंने कहा, “हम उनके आत्मसमर्पण के लिए प्रयास करते हैं, हम उनकी जान बचाना चाहते हैं लेकिन पाकिस्तानी एजेंसियां उन्हें हिंसा के लिए उकसाती हैं।”


सिंह ने कहा, “हम अपने प्रयासों और आतंकवादियों के माता-पिता की मदद से कई आतंकवादियों को मुख्यधारा में वापस लाने में सफल रहे हैं। हम युवाओं से दोबारा हिंसा की राह छोड़कर मुख्यधारा में लौटने की अपील करते हैं। हम उन्हें सामान्य जीवन जीने में मदद करने के लिए तैयार हैं।”


हम विकास की रफ्तार हासिल करेंगे

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि आत्मनिर्भर भारत पैकेज देश के एमएसएमई यानी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम के इंजन के लिए ईंधन का काम करेगा। प्रधानमंत्री भारतीय उद्योग परिसंघ यानी सीआईआई के 125 साल पूरे होने पर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए देश के उद्योग जगत को संबोधित करते हुए कहा कि भारत अपने ग्रोथ की रफ्तार को जल्द हासिल करेगा।


मोदी ने कहा, “वी विल गेट ग्रोथ बैक यानी हम विकास की रफ्तार वापस हासिल करेंगे।” उन्होंने एमएसएमई की परिभाषा में बदलाव के सरकार के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि इससे देश में उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के संकट के समय सरकार ने देश के 74 करोड़ लोगों के घरों तक राशन पहुंचाया।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम निश्चित तौर पर अपना विकास हासिल करेंगे और अर्थव्यवस्था को ट्रैक पर लौटाना सरकार की पहली प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि हम निश्चित तौर पर अपना विकास हासिल करेंगे। पीएम ने सीआईआई के वार्षिक सत्र 2020 को संबोधित करते हुए कहा कि देश अब लॉकडाउन के दौर से निकल चुका है और अब अर्थव्यवस्था के खुलने का समय आ गया है।



 


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