सोमवार, 1 जून 2020

इमारतः दुर्घटना में घायल होने की सूची नहीं

नई दिल्ली। दिल्ली स्थित निर्माण भवन में सोमवार को आग लग गई। कई सरकारी कार्यालयों वाली इस इमारत में हुई दुर्घटना में अभी तक किसी के घायल होने की सूचना नहीं है। दमकल की गाड़ियों को मौके पर रवाना किया गया है। एक अग्निशमन अधिकारी ने कहा, “सूचना मिली की निर्माण भवन की चौथी मंजिल पर आग लग गई है, जिसके बाद जल्दी से दमकल की पांच गाड़ियों को मौके पर भेजा गया है।” अधिकारी ने कहा कि फोन सुबह 9.01 बजे आया और फिलहाल आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है।


गौरतलब है कि निर्माण भवन में आवास व शहरी मामलों के मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और अन्य कई केंद्रीय मंत्रालयों के कार्यालय हैं।


गर्मी में तमाम समस्याएं पैदा होती हैं

गर्मी के मौसम में स्किन से जुड़ी तमाम समस्याएं पैदा होने लगती है। खासतौर पर वो लोग जिनकी स्किन ऑयली है, उन्हें तो और भी ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। मगर गुलाब जल आपकी चेहरे से डलनेस, एक्ने, सनबर्न के निशान और ऑयल को कंट्रोल करने में बेहद मदद करेगा।


ऑयली स्किन वालों को गर्मी में गुलाब जल जरूर प्रयोग करना चाहिए। यह एक टोनर की तरह काम किया जा सकता है। यह पोर्स को अंदर से साफ करता है और स्किन में प्राकृतिक चमक भरता है। आज हम आपको बताएंगे कि इसे अपनी स्किन केयर रूटीन में क्यों शामिल करना चाहिए और इससे डीआईवाई फेस पैक बनाने की विधि…
चंदन और गुलाब जल फेस मास्क
सामग्री:
चंदन – 2 बड़ा चम्मच
गुलाब जल – 2 बड़ा चम्मच
पैक बनाने की विधि-
गुलाब जल और चंदन पाउडर मिक्स करें। इसे चेहरे पर 25 मिनट के लिए लगाए रखें। अगर आप चाहें तो चंदन की जगह मुल्तानी मिट्टी का उपयोग कर सकते हैं। सर्वोत्तम परिणामों के लिए सप्ताह में 2-3 बार इसे लगाएं। यह ऑयली स्किन टाइप के लिए सबसे अच्छे फेस मास्क में से एक है। यह तेल उत्पादन को कम करता है और मुंहासों को आने से रोकता है।
बेसन और गुलाब जल फेस मास्क
सामग्री:

*बेसन – 1 बड़ा चम्मच
*गुलाब जल – 2 बड़ा चम्मच
पैक बनाने की विधि:
1 टीस्पून बेसन और 2 टीस्पून गुलाब जल को मिलाकर एक बेहतरीन फेस मास्क बनाया जाता है। फेस मास्क बनाएं। यह ऑयली स्किन के लिए सबसे अच्छा फेस मास्क है।
त्वचा में निखार लाने के लिए शहद और गुलाब जल
सामग्री:

*शहद – 2 बड़े चम्मच
*गुलाब जल – 2 बड़े चम्मच
पैक बनाने की विधि-
शहद में त्वचा को चमकाने वाले गुण होते हैं जो पिगमेंटेशन, निशान और टैन को कम करते हैं। गुलाब जल और शहद मिलाएं। अपने चेहरे और गर्दन पर पैक की एक समान परत लगाएं। 15 मिनट के बाद गर्म पानी से धो लें। एक महीने के लिए नियमित रूप से उपयोग करें और खुद ही अंतर देखें।
नींबू का रस और गुलाब जल मुंहासों के लिए
सामग्री:

*गुलाब जल – 1 बड़ा चम्मच
*नींबू का रस – 1 बड़ा चम्मच
पैक बनाने की विधि-
ताजे नींबू के रस को गुलाब जल में मिलाकर मुंहासों पर लगाएं। इसे सूखने के लिए छोड़ दें। 15 मिनट के बाद गर्म पानी से धो लें। मुंहासों से मुक्त त्वचा के लिए इस प्रक्रिया को एक हफ्ते तक बार दोहराएं।
एप्पल साइडर विनेगरऔर गुलाब जल टोनर
सामग्री:

एप्पल साइडर विनेगर – 2 बड़ा चम्मच
गुलाब जल – 2 बड़ा चम्मच
पैक बनाने की विधि-
एप्पल साइडर विनेगर के साथ गुलाब जल बहुत अच्छा टोनर बनाता है। एक स्प्रे बॉटल में इन दोनों चीजों को मिला लें और चेहरे पर उपयोग करें। टोनर का उपयोग करने के बाद, अपने चेहरे पर मॉइस्चराइज लगाएं। यह टोनर तैलीय त्वचा के लिए पूरी तरह से काम करता है और पीएच लेवल को संतुलित करता है। इस टोनर को रोजाना 1-2 बार इस्तेमाल किया जा सकता है।


सीएम रावत सहित 9 मंत्री क्वॉरेंटाइन भेजे

देहरादून। उत्तराखंड में पूरी की पूरी सरकार क्वॉरन्टीन हो गई है। उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के कोविड-19 रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सहित बाकी 9 मंत्री भी क्वॉरन्टीन में भेजे गए हैं। फिलहाल यह सभी होम क्वॉरन्टीन हैं।


दरअसल, सतपाल महाराज ने हाल ही में कैबिनेट की एक बैठक में हिस्सा लिया था। बैठक के तीसरे दिन सतपाल महाराज की कोरोनावायरस टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई. इससे पहले उनकी पत्नी अमृता सतपाल भी पॉजिटिव पाई गई थी, उनके बाद ही सतपाल महाराज का भी कोरोना टेस्ट कराया गया था, रिपोर्ट पॉजिटिव आया। दिलचस्प बात यह है कि सतपाल महाराज ने समय एक महत्वपूर्ण बैठक में हिस्सा लिया जब उनके घर के सदस्य क्वॉरन्टीन में थे। फिलहाल मुख्यमंत्री और उनके स्टाफ के साथ- साथ सभी मंत्रियों और उनका स्टाफ होम क्वॉरन्टीन में हैं। सरकार के कई अन्य अधिकारी भी होम क्वॉरन्टीन हैं।रविवार सुबह उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में उस समय हड़कंप मच गया जब पता चला कि कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया है। इसके बाद सभी मंत्री अपने-अपने घर में क्वॉरन्टीन हो गए और घर से ही सरकार का कामकाज देखने लगे। खुद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी लोगों से मिलना जुलना बंद कर दिया वह अपने घर में ही क्वॉरन्टीन हैं और घर से ही सरकार का कामकाज देख रहे हैं। 


दो लाख के करीब पहुंचा वायरस संक्रमण

नई दिल्ली! देश में कोरोना वायरस (corona virus) से संक्रमित मरीजों की संख्या में हर दिन तेजी से इजाफा हो रहा है! स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में अब इस महामारी से संक्रमित मरीजों की संख्या 2 लाख करीब हो गई है! मंत्रालय के मुताबिक, अबतक 1 लाख 90 हजार 535 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं! इसमें 5394 लोगों की मौत हो चुकी है! हालांकि 91819 लोग ठीक भी हुए हैं! पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के मामलों में 8392 की बढ़त हुई और 230 मौतें हुईं!


जानिए अबतक किस राज्य में कितनी मौतें हुईं?


स्वास्थय मंत्रालय के मुताबिक, महाराष्ट्र में 2286, मध्य प्रदेश में 350, गुजरात में 1038, दिल्ली में 473, तमिलनाडु में 173, तेलंगाना में 82, आंध्र प्रदेश में 62, कर्नाटक में 51, उत्तर प्रदेश में 213, पंजाब में 45, पश्चिम बंगाल में 317, राजस्थान में 194, जम्मू-कश्मीर में 28, हरियाणा में 20, केरल में 9, झारखंड में 5, बिहार में 21, ओडिशा में 7, असम में 4, हिमाचल प्रदेश में 5, मेघालय में 1 मौत हुई है!


आज से पटरी पर उतरी 200 स्पेशल ट्रेन


रेल मंत्री पीषूय गोयल ने एक जून से जिन 200 स्पेशल ट्रेनों को चलाने का एलान किया थो वो ट्रेनें रात बारह बजे के बाद से ही चलनी शुरू हो गई हैं. रेलवे के मुताबिक पहले दिन 200 स्पेशल ट्रेनों से करीब एक लाख 45 हजार यात्री सफर करेंगे. अगर पूरे महीने यानी 30 जून तक की बात करें तो अब तक 26 लाख लोग टिकटों की एडवांस बुकिंग करा चुके हैं!


कोरोना की वजह से अभी तक सिर्फ मालगाड़ी, श्रमिक ट्रेनें और 15 रूट्स पर 30 स्पेशल एसी ट्रेनें ही चलाई जा रही थीं. श्रमिक ट्रेनों का मकसद तो मजदूरों को घर पहुंचाना है लेकिन 12 मई से जो स्पेशल ट्रेनें चल रही हैं, उसका किराया राजधानी ट्रेनों के बराबर होने से ये आम लोगों के पहुंच से दूर थीं, अब जब भारतीय रेल ने एसी, नॉन-एसी क्लास और जनरल क्लास वाली 200 ट्रेनों को चलाने का फैसला किया है तो गरीब और मध्यवर्गीय परिवारों को भी अपने गंतव्य तक पहुंचने में आसानी होगी!


विवादित नक्शे को लेकर विधेयक पास

नई दिल्ली। नेपाली संसद में विवादित नए नक्शे को लेकर संशोधन विधेयक पेश किया गया है। नए नक्शे में भारत के कुछ हिस्से को नेपाल का हिस्सा दिखाया गया था। दरअसल, हाल ही में नेपाल की कैबिनेट ने उस मैप को मंजूरी दी थी जिसमें भारत के कुछ हिस्सों को अपना बताया गया था। लेकिन बाद में नेपाल ने अपने नए मानचित्र को लेकर आगे का प्लान टाल दिया था।


नेपाल के नए मैप पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी। भारत ने कहा था कि कृत्रिम तरीके से बढ़ाई जमीन को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। दरअसल, मैप में लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को नेपाल ने अपना बताया है। लिपुलेख दर्रा नेपाल और भारत के बीच विवादित सीमा, कालापानी के पास एक दूरस्थ पश्चिमी स्थान है।भारत और नेपाल दोनों कालापानी को अपनी सीमा का अभिन्न हिस्सा बताते हैं. भारत उसे उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले का हिस्सा बताता है और नेपाल इसे धारचुला जिले का हिस्सा बताता है।


भारत का बयान


विदेश मंत्रालय प्रवक्ता ने पिछले दिनों कहा, ”नेपाल इस मामले पर भारत की तरफ से लगातार बताए जाते रहे मत से वाकिफ है. ऐसे में हम नेपाल सरकार से आग्रह करते हैं कि वो नक्शों के जरिए भारत की संप्रभुता और अक्षुण्णता पर दबाव बनाने का प्रयास न करे.” भारत ने उम्मीद जताई कि नेपाल का राजनीतिक नेतृत्व एक सकारात्मक वातावरण बनाएगा जिससे सीमा विवाद को सुलझाने में मदद मिलेगी


भारत-चीन की सेनाऐं आमने-सामने डटी

नई दिल्ली।एलएसी के आसपास भारत और चीन की सेनाएं अपने-अपने मोर्चे पर डटी हैं। चीनी पक्ष की ओर से किसी प्रकार की नरमी के संकेत नहीं हैं और वहां की सेना लगातार अपनी मौजूदगी बढ़ा रही है। भारतीय क्षेत्र से सटे इलाकों में चीनी सैनिक अर्टिलरी और आर्मर्ड यूनिट तैनात कर रहे हैं. ये वो इलाके हैं जहां से भारतीय सीमा की दूरी महज कुछ घंटे में तय की जा सकती है। हाल के दिनों में दोनों देशों की सेनाएं कई बार आमने-सामने आ चुकी हैं। एलएसी पर दोनों देशों की सेना अपना मोर्चा संभाले हुए है। सूत्रों के मुताबिक कई मौके आए जब सेनाएं एक दूसरे के सामने आईं। खासकर फिंगर फोर का इलाका जहां बड़ी संख्या में चीनी सैनिक जुट गए और उस पूरे इलाके पर अपना दावा करने लगे. वहां की सड़क और झील का इस्तेमाल करते हुए चीन ने अपनी सेना उस इलाके में भेजी है।


 सूत्रों के मुताबिक दोनों ओर से कई दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला. यहां तक कि दोनों देशों में कमांडिंग ऑफिसर और ब्रिगेड स्तर के अधिकारियों के बीच बात हो चुकी है. इस विवाद पर मई के पहले हफ्ते से वार्ता चल रही है. आगे इस हालात का समाधान निकालने के लिए मेजर जनरल स्तर की वार्ता होने वाली है. एक सूत्र ने कहा, ऐसा लगता है कि चीनी सेना जानबूझ कर बातचीत टाल रही है ताकि उस इलाके में जमावड़ा लगाने का ज्यादा वक्त मिले. चीनी सेना ने उस पूरे इलाके में अर्टिलरी और आर्मर्ड यूनिट तैनात की है।

सूत्रों ने कहा कि चीन के जवाब में भारत ने भी अपनी फौज लगाई है. लद्दाख सेक्टर के कई इलाकों में ऊंचाई पर सैनिकों की तैनाती की गई है. चीन के 5 हजार सैनिकों के जवाब में भारत ने भी अपनी फौज खड़ी की है. सूत्रों का कहना है कि जिन-जिन इलाकों में चीनी सैनिक घुसे हैं, उनके सामने भारतीय फौज डटी है और उन्हें किसी भी दिशा में मूव करने से रोका जा रहा है। भारतीय सीमा में घुसने की उन्हें कोई इजाजत नहीं है।


लद्दाख क्षेत्र में चीन की मंशा बड़े स्तर पर घुसपैठ करने की थी, लेकिन भारतीय फौज ने उनके इरादे पर पानी फेर दिया. चीनी सैनिकों के जवाब में भारत ने भी अपनी सेना खड़ी की. हालांकि सूत्रों का कहना है कि चीनी सैनिक अभी पीछे हटने के मूड में नहीं हैं और भारत के विरोध के बावजूद वे डटे रहना चाहते हैं. हाल की बातचीत में चीन ने लद्दाख सेक्टर में सैन्य जमावड़े का विरोध किया है, खासकर डीबीओ सेक्टर में. यह सेक्टर काराकोरम सेक्टर के नजदीक पड़ता है जहां से भारत और चीन के बीच एलएसी की शुरुआत होती है।


2 राज्यों को प्रभावित करेगा 'तूफान'

नई दिल्ली। चक्रवाती तूफान अम्फान की तबाही के बाद एक और तूफान का खतरा मंडरा रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले 24 घंटे में गुजरात और महाराष्ट्र में चक्रवाती तूफान तबाही मचा सकता है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (INDIA METEOROLOGICAL DEPARTMENT) ने बताया कि उत्तरी और दक्षिणी गुजरात तटों के पास अरब सागर में बन रहा कम दबाव का क्षेत्र आगे और मजबूत होकर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है। यह 3 जून तक दक्षिणी गुजरात तटों तक पहुंचकर तबाही मचा सकता है। मौसम विभाग ने गोवा, महाराष्ट्र और गुजरात के लिए रेड अलर्ट जारी किया है।


मौसम विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए अरब सागर में गए मछुआरों को वापस बुला लिया है। साथ ही 4 जून तक मछुआरों को सागर से दूर रहने को कहा है। मौसम विज्ञान विभाग ने उत्तरी और दक्षिणी गुजरात तटों के सभी बंदरगाहों पर चक्रवात की चेतावनी के संकेत देने का परामर्श दिया है क्योंकि समुद्र में 4 जून तक स्थिति अत्यंत खराब रहने की संभावना है। तूफान के दौरान 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं जिनकी गति 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक भी पहुंच सकती है। इस दौरान समुद्र की स्थिति बहुत अधिक खराब रह सकती है।


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...