वाशिंगटन (अमरीका)। मिनियापोलिस पुलिस के हाथों एक अश्वेत जॉर्ज फ्लायड की मौत के बाद अमेरिका में उबाल मचा हुआ है। शनिवार न केवल मिनियापोलिस बल्कि अटलांटा, न्यूयार्क, डलास, ओकलैंड और अन्य शहरों में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प होने लगी। राज्यों को केंद्रीय बल मंगाना पड़ा। हिंसक झ़ड़प में दो लोगों की मौत और अनेक लोग घायल हो गए।
अश्वेत की श्वेत पुलिसकर्मी के हाथों मौत से लोगों के गुस्सा का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रदर्शनकारी व्हाइटाहाउस तक पहुंच गए, जहां जमकर गुप्तचर सेवा और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई। इस दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अन्य अधिकारी व्हाइटहाउस में फंसे रहे। पूरे देश में स्थिति को देखते सेना को सतर्क रहने के लिए कह दिया गया है। शनिवार सुबह मिनिसोटा के गवर्नर टिम वेल्ज ने मिनिसोटा नेशनल गार्ड को सक्रिय करने के साथ पड़ोसी राज्यों से नेशनल गार्ड की यूनिट से मिलने वाले सहयोग को स्वीकार करने की बात कही। उन्होंने कहा कि पेंटागन से भी बात हुई है, जिसमें सेना की टुकड़ी को भेजने पर चर्चा हुई है। वेल्ज ने शुक्रवार की रात को हुई शहर में हिंसा और आगजनी की घटनाओं को संगठित बाहरी लोगों के साथ चर्मपंथी विचारधारा और शहरी युद्ध के विशेषज्ञों का कारनामा बताया।
मिनिसोटा की ही तरह अटलांटा में प्रदर्शनकारियों ने हिंसा और आगजनी की अनेक घटनाओं के साथ न्यूज चैनल सीएनएन की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाते हुए आग लगी दी। अटलांटा के महापौर किस लेंस बॉटम्स ने प्रदर्शनकारियों पर बरसते हुए कहा कि तुम जब इस शहर के साथ हमारे समुदाय को जला रहे हो। तुम इस शहर के लिए शर्मिंदगी हो, तुम जॉर्ज फ्लायट के लिए शर्मिंदगी हो।
वहीं अटलांटा की पुलिस प्रमुख एरिका शील्ड ने प्रदर्शनकारियों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि लोग वाकई में नाराज हैं। अश्वेत लोग निरंतर मारे जा रहे हैं, चाहे वह पुलिस के द्वारा हो, या फिर लोगों के द्वारा। वास्तविकता यह है कि हम उनके जीवन के मूल्य को खत्म करते जा रहे हैं। इसे भी आप सोचिए।