शनिवार, 30 मई 2020

जवानों में हुई मुठभेड़, दो की मौत








जगदलपुर। नारायणपुर जिले के 9वीं बटालियन आमदई घाटी कैंप में जवानों के बीच विवाद पर एक जवान ने अपने तीन साथियों पर अपन सर्विस रायफल से गोली चला दी। जिसमें दो जवानों की मौत हो गई और एक गंभीर रूप से घायल है। आरोपी जवान को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।









बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक पी. सुंदरराज ने बताया कि आमदई घाटी में 9वीं बटालियन का कैंप में कल देर रात जवानों के बीच विवाद के चलते छत्तीसगढ़ आर्म फोर्स के सहायक प्लाटून कमांडेट घनश्याम कुमेटी ने अपने तीन साथियों पर अपने सर्विस रायफल से गोलीबारी की जिसमें प्लाटून कमांडेंट विदेश्वर साहनी तथा हवलदार रामेश्वर साहू की घटना स्थल पर मौत हो गई। वहीं आरक्षक लच्छूराम प्रेमी गंभीर रूप से घायल हो गया।
सुंदरराज ने बताया कि आरोपी सहायक कमांडेट घनश्याम कुमेटी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। घायल जवान लच्छूराम प्रेमी को बेहतर इलाज के लिए रायपुर रवाना किया गया। विंदेश्वर साहनी जशपूर का निवासी है वहीं रामेश्वर साहू कांकेर जिले के चारामा का निवासी है। शव परिक्षण के बाद उनके शव को गृहग्राम रवाना किया जायेगा।

सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा, ये दिन

नई दिल्ली। हिन्दी पत्रकारिता के इतिहास में आज का दिन सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है। आज ही के दिन जुगल किशोर शुक्ल ने दुनिया का पहला हिन्दी साप्ताहिक पत्र “उदन्त मार्तण्ड” का प्रकाशन कलकत्ता से शुरू किया था और इस दिन को पत्रकारिता दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। इस प्रकार भारत में हिंदी पत्रकारिता की आधारशिला पंडित जुगल किशोर शुक्ल ने डाली थी। उदन्त मार्तण्ड का प्रकाशन 30 मई, 1826 को कलकत्ता से एक साप्ताहिक पत्र के रूप में शुरू हुआ था। यह पत्र हर मंगलवार को प्रकाशित होता था। उस समय की बात करें तो अंग्रेज़ी, फारसी और बांग्ला में तो अनेक पत्र निकल रहे थे किंतु हिंदी में एक भी पत्र प्रकाशित नहीं होता था। इस बात का उल्लेख मिलता है कि प्रारंभिक रूप में उदन्त मार्तण्ड समाचार पत्र की केवल 500 प्रतियां ही मुद्रित हुई थीं पर इसका प्रकाशन लम्बे समय तक नहीं चल सका क्योंकि उस समय कलकत्ता में हिंदी भाषियों की संख्या बहुत कम थी। इसके अलावा इस समाचार पत्र को डाक द्वारा भेजे जाने वाला खर्च इतना ज्यादा था कि इसका परिचालन मुश्किल हो गया। आखिरकार 4 दिसम्बर 1826 को इसके प्रकाशन को रोकना पड़ गया।


आज के दौर में देखें तो हिन्दी पत्रकारिता ने अंग्रेजी पत्रकारिता के दबदबे को खत्म कर दिया है। पहले देश-विदेश में अंग्रेजी पत्रकारिता का दबदबा था लेकिन आज हिन्दी भाषा का झण्डा हर ओर बुलंद हो रहा है। देश में यदि पंजीकृत प्रकाशनों की संख्या पर नजर डाली जाए तो पाएंगे कि किसी भी भारतीय भाषा की तुलना में पंजीकृत प्रकाशनों की सबसे अधिक संख्या हिंदी में है। इसके बाद दूसरा नाम अंग्रेजी भाषा का आता है। रजिस्ट्रार ऑफ न्यूजपेपर्स फॉर इंडिया (RNI) की वार्षिक रिपोर्ट (2016-17) में बताया गया है कि पंजीकृत प्रकाशनों की संख्या में इस बार 3.58 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। साथ ही उत्तर प्रदेश ऐसा राज्य है, जहां सबसे अधिक प्रकाशन पंजीकृत हैं, यानी सूची में यह राज्य सबसे ऊपर है। इसके बाद महाराष्ट्र का नंबर आता है।


RNI की रिपोर्ट बताती है कि भारत में पंजीकृत प्रकाशनों की संख्या 1,14,820 है। इसके अलावा किसी भी भारतीय भाषा में पंजीकृत समाचार पत्र-पत्रिकाओं की सबसे अधिक संख्या हिंदी भाषा में है और यह संख्या 46,827 है, जबकि हिंदी के अलावा दूसरे नंबर पर आने वाली अंग्रेजी भाषा में प्रकाशनों की संख्या 14,365 है।


चंद्रमौलेश्वर शिवांशु 'निर्भयपुत्र'


घिर गया है चीन पर 'हेकड़ी' कम नहीं

पेइचिंग। कोरोना वायरस के कहर के कारण सार्वजनिक आलोचना का सामना कर रहा चीन दुनिया में घिरता जा रहा है। हालांकि, इसके बाद भी उसकी हेकड़ी कम नहीं हुई है। हाल में ही चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने अपनी सेना को युद्ध की तैयारी करने के आदेश दिए थे। वहीं, अमेरिका के विश्व स्वास्थ्य संगठन से नाता तोड़ने पर भी चीन को बड़ा झटका लगा है।


कोरोना को लेकर घिरा चीन
वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना वायरस को लेकर दुनिया के अधिकतर देश चीन की आलोचना कर चुके हैं। कुछ दिनों पहले डब्लूएचओ की बैठक में चीन ने यूरोपीय यूनियन के उस प्रस्ताव का विरोध किया था जिसमें इस वायरस के उत्पत्ति के जांच की मांग की गई थी। हालांकि, बाद में वैश्विक दबाव के कारण चीनी प्रधानमंत्री ली केकियांग और विदेश मंत्री वांग यी ने इस जांच के समर्थन की घोषणा की।


अमेरिका से बढ़ा तनाव
ट्रेड वॉर को लेकर अमेरिका और चीन में जारी तनाव का अभी खात्मा हुआ नहीं था कि कोरोना वायरस ने आग में घी का काम किया। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप खुलेआम कोरोना को चीनी वायरस या वुहान वायरस के नाम से संबोधित कर चुके हैं। उन्होंने चीन पर इस वायरस के दुनियाभर में प्रसार का भी आरोप लगाया। अमेरिका ने यह भी कहा कि चीन इस वायरस को लेकर जांच में कोई सहयोग नहीं कर रहा।


अमेरिका ने चीन पर लगाए प्रतिबंध
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को कुछ चीनी नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर रोक लगाने का ऐलान किया। इतना ही नहीं, उन्होंने अमेरिका में चीन से आने वाले इन्वेस्टमेंट के नियमों को भी कड़ा करने का फैसला किया। बता दें कि कुछ दिन पहले ही अमेरिकी कांग्रेस में चीन के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाने को लेकर एक बिल पेश किया गया है।


सीमा विवाद पर चीन की भारत से ठनी
लद्दाख में सड़क निर्माण को लेकर भारत और चीन के बीच तनातनी अब भी जारी है। दोनों देशों की सेनाएं सीमा पर एक दूसरे के सामने तंबू डालकर बैठी हुई हैं। वहीं तनाव बढ़ाने के बाद चीन अब शांतिदूत बनकर आपसी विवाद को सुलझाने की बात कर रहा है। चीन को यह आशा नहीं थी कि लद्दाख में भारत इतने आक्रामक तरीके से ड्रैगन के हर चाल को मात देगा। बता दें कि मई में ही सीमा विवाद को लेकर दो बार भारतीय और चीनी सेना के बीच हाथापाई हो चुकी है। जिसमें दोनों पक्षों के सैनिक घायल हुए थे।


ऑस्ट्रेलिया से भी चीन की दुश्मनी बढ़ी
कोरोना वायरस के उत्पत्ति की जांच का समर्थन करने के कारण चीन का ऑस्ट्रेलिया के साथ भी तनाव बढ़ गया है। दोनों देश एक दूसरे को जमकर खरी-खोटी सुना रहे हैं। चीन ने कुछ दिन पहले ऑस्ट्रेलिया को ‘अमेरिका का पालतू कुत्ता’ कहकर संबोधित किया था। इस पर ऑस्ट्रेलियाई प्रशासन ने कड़ी नाराजगी भी जताई थी। बता दें कि चीन उन वस्तुओं की सूची तैयार कर रहा है जिसे वह भारी मात्रा में ऑस्ट्रेलिया से आयात करता है। चीनी प्रशासन ऑस्ट्रेलिया से आने वाले मांस पर पहले ही रोक लगा चुका है।


ताइवान ने किया चीनी हस्तक्षेप का विरोध
ताइवान में हाल में ही राष्ट्रपति त्साई-इंग वेन के दोबारा चुनाव जीतने पर ड्रैगन बुरी तरह चिढ़ा हुआ है। चीन ने हाल में ही ताइवान की सीमा के पास अपने दो जंगी जहाज भेजे थे जिसके बाद ताइवान और चीन में तनाव और बढ़ गया। ताइवान ने हमेशा से चीन के एक देश दो सिस्टम कानून का विरोध किया है जिसके खिलाफ चीन ने सैन्य शक्ति के इस्तेमाल की धमकी दी है।


चीन विवाद मामला सुलझेगाः राजनाथ

नई दिल्ली। चीन के साथ लद्दाख सीमा पर तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भरोसा जताया है कि जल्द ही मामला सुलझा लिया जाएगा। दोनों देशों के बीच मिलिटरी और कूटनीतिक स्तर पर बातचीत जारी है। एक निजी न्यूज चैनल से बातचीत में राजनाथ ने कहा कि देश के पास आज सक्षम नेतृत्व है। देश का मस्तक नहीं झुकने देंगे। देश के लोगों को भी इसका पूरा भरोसा है। उन्होंने नेपाल के साथ भी लिपुलेख विवाद की बातचीत से सुलझने की उम्मीद जताई।


‘देश के स्वाभिमान पर चोट नहीं पहुंचेगा’
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘मैं देश को आश्वासन देना चाहता हूं कि किसी भी सूरत में भारत के स्वाभिमान पर चोट नहीं पहुंचेगा।’ उन्होंने कहा कि भारत किसी को आंख नहीं दिखाना चाहता। बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर चीन की आपत्तियों से जुड़े सवाल पर राजनाथ सिंह ने कहा कि यह हमारा हक है। उन्होंने कहा, ‘जो कर रहे हैं हम, अपनी सीमा में कर रहे हैं। इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करना हमारा हक है।’


‘चीन भी चाहता है कूटनीतिक हल’
राजनाथ सिंह ने कहा, ‘पड़ोसी देशों के साथ अच्छे रिश्ते बनाकर चलने की भारत की स्पष्ट नीति रही है। हमारी यह कोशिश बहुत पहले से चलती रही है। कभी-कभी चीन के साथ ऐसी स्थितियां पैदा हो जाती हैं। मई के महीने में भी ऐसी स्थितियां पैदा हुई हैं। लेकिन सुलझाने की कोशिश जारी है। चीन के राष्ट्रपति की तरफ से भी स्पष्ट तौर पर कहा गया कि कूटनीतिक बातचीत के जरिए मामले का हल करना चाहते हैं।’


‘तनाव न बढ़े, भारत की भी यही कोशिश’
राजनाथ सिंह ने आगे कहा, ‘भारत की भी यही कोशिश है कि तनाव किसी भी सूरत में न बढ़े। मिलिटरी लेवल पर बातचीत जरूरी हो तो मिलिटरी लेवल पर और डिप्लोमैटिक लेवल पर जरूरी हो तो उस स्तर पर बातचीत करके सुलझाया जाना चाहिए। मिलिटरी और डिप्लोमैटिक लेवल पर चीन के साथ बातचीत चल रही है।’


‘किसी की भी मध्यस्थता का सवाल नहीं’
भारत-चीन के बीच किसी तीसरे की मध्यस्थता को लेकर राजनाथ ने कहा कि इसका सवाल ही नहीं है। उन्होंने कहा, ‘अमेरिका के रक्षा मंत्री से कल हमारी बातचीत हुई है। हमने उन्हें बताया कि भारत ने पहले से ही एक मैकेनिजम डिवेलप किया है जिसके तहत चीन के साथ कोई विवाद होता है तो उसे मिलिटरी और डिप्लोमैटिक बातचीत से सुलझाते हैं।’


‘LAC को लेकर अलग-अलग धारणाएं, इसलिए होता है ऐसा’
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत-चीन की सीमा पर परसेप्शनल डिफरेंसेज रहे हैं। चीन कुछ स्थानों पर एलएसी को स्वीकार करता है लेकिन कुछ जगहों पर वह उससे आगे तक दावा करता है। ऐसा ही हमारे साथ भी है। यही वजह है कि कभी वे हमारे क्षेत्र में आ जाते हैं तो कभी हम भी वहां चले जाते हैं, जिस पर वह दावा करते हैं।


‘नेपाल छोटे भाई की तरह, बातचीत से सुलझा लेंगे विवाद’
नेपाल के साथ लिपुलेख विवाद को लेकर राजनाथ सिंह कहा कि इसे बातचीत के जरिए सुलझा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि नेपाल के साथ तो हमारा पारिवारिक मामला है। वह छोटे भाई की तरह है। बातचीत के जरिए हल निकालेंगे। हाल ही में नेपाल ने विवादित नक्शा जारी करते हुए लिपुलेख को अपना हिस्सा बताया था।


मैं एक बेकार की महिला हूँ: हासन

मुंबई। अभिनेत्री श्रुति हासन खुद को बेकार महिला कहती हैं। श्रुति ने जिमवियर में अपनी एक तस्वीर साझा की। उन्होंने इंस्टाग्राम स्टोरी पर तस्वीर साझा की है। अभिनेत्री ने तस्वीर पर लिखा है, मैंने आज सिर्फ एक घंटे के वर्कआउट के अलावा कुछ नहीं किया है, बेकार महिला।


अभिनेत्री ने हाल ही में साफ-सफाई करते हुए दिन बिताया था और उसी सफाई के बीच उन्होंने डांस के लिए भी कुछ समय भी निकाला था। इंस्टाग्राम स्टोरी वीडियो में वह काले रंग के टैंक टॉप में और नीले रंग के रबर ग्लोव्स पहने नजर आई थीं। क्लिप के कैप्शन में उन्होंने लिखा था, आज मेगा क्लीन डे है, लेकिन मैं हमेशा डांस करने के लिए थोड़ा समय निकाल लेती हूं।


सुरक्षाबलों ने 2 आतंकियों को किया ढेर

जम्मू-कश्मीर। जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में पुलिस और स्थानीय सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को ढेर कर दिया है।कुलगाम के वामपोरा में पुलिस को खुफिया जानकारी मिली थी कि दो आतंकी छिपे हुए हैं, जिसके बाद उनको मार गिराया गया।


शुरुआती जानकारी के मुताबिक सुरक्षाबलों को इनपुट मिला था कि दोनों आतंकी लश्कर-ए-तैयबा के थे। अब अधिकारियों ने साफ किया है कि दोनों आतंकी हिज्बुल मुजाहिदीन के हैं। दोनों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। इनपुट मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने आतंकियों के खिलाफ संयुक्त सर्च ऑपरेशन चलाया था। सूत्रों के मुताबिक वामपोरा इलाके में कम से कम दो आतंकी छिपे हुए थे, जो किसी बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे। लेकिन उससे पहले ही सुरक्षाबलों ने उनका खात्मा कर दिया। इससे पहले सुरक्षाबल मुठभेड़स्थल पर आतंकियों के घरवालों को भी बुलाकर लाए थे। आतंकियों के घरवालों ने अपील की थी कि वे सेना के सामने खुद को सरेंडर कर दें। घरवालों के मनाने के बाद भी आतंकियों ने सरेंडर करने से मना कर दिया, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने उन्हें ढेर कर दिया।


लॉकडाउन और कोरोना संकट के दौरान भी घाटी में आतंकवादी घटनाएं कम नहीं हुई हैं। आतंकी सुरक्षाबलों पर हमला करने और घाटी को अशांत करने की लगातार योजना बना रहे हैं. गुरुवार को भी सुरक्षाबलों ने ऐसी ही एक आतंकी घटना को पुलवामा में नाकाम किया था। 40 KG विस्फोटक-सुरक्षाबल निशाना, IG ने बताया पुलवामा में क्या था आतंकियों का प्लान।


कश्मीर घाटी में पाकिस्तान लगातार अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रहा है। जम्मू-कश्मीर में गुरुवार को पुलवामा जैसे आतंकी हमले की साजिश रची गई थी, जिसे सुरक्षाबलों ने नाकाम किया. अगर सुरक्षाबल सही वक्त पर अपने मिशन को अंजाम नहीं देते एक बार फिर पुलवामा अटैक दोहराया जा चुका होता। पुलवामा में टला बड़ा आतंकी हमला, कार में रखी IED डिफ्यूज, NIA करेगी जांच। सूत्रों का दावा है कि इस हमले के पीछे कुख्यात ग्लोबल आतंकी मसूद अजहर के भतीजे मोहम्मद इस्माइल उर्फ फौलजी बाबा का भी नाम सामने आ रहा है। मोहम्मद इस्माइल एक इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) एक्सपर्ट है।। आतंकी घटना में अब उसकी भूमिका की भी जांच की जा रही है।


ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ को लेकर दिया बयान

वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड है। उन्होंने कहा कि आज हम डब्ल्यूएचओ के साथ अपने संबंधों को खत्म कर रहे हैं।


ट्रंप ने कहा, ’40 मिलियन डॉलर प्रति वर्ष का भुगतान करने के बावजूद डब्ल्यूएचओ पर चीन का नियंत्रण है, जबकि अमेरिका प्रति वर्ष 450 मिलियन डॉलर का भुगतान कर रहा है। WHO कोरोना को रोकने में शुरुआती स्तर पर नाकाम रहा, क्योंकि अब सुधार की जरूरत है इसलिए आज हम डब्ल्यूएचओ के साथ अपने संबंधों को खत्म कर रहे हैं।


ट्रंप ने कहा कि वह WHO को दिए जाने वाले फंड को अब पब्लिक हेल्थ की दिशा में काम करने वाले किसी और संगठन को देंगे।


ट्रंप ने कहा, ‘वर्षों से चीन की सरकार ने हमारे औद्योगिक रहस्यों को चुराने के लिए गलत तरीके से जासूसी की है. आज मैं हमारे राष्ट्र के महत्वपूर्ण विश्वविद्यालय अनुसंधान को बेहतर ढंग से सुरक्षित करने के लिए एक घोषणा जारी करूंगा और संभावित विदेशी जोखिमों के रूप में पहचाने जाने वाले चीन के कुछ विदेशी नागरिकों के प्रवेश पर रोक लगा दूंगा।


ट्रंप ने कहा, ‘हांगकांग के खिलाफ चीनी सरकार का नया कदम उसकी साख को कम कर रहा है. यह हांगकांग के लोगों, चीन के लोगों और वास्तव में दुनिया के लोगों के लिए एक त्रासदी है।


ट्रंप ने कहा, ‘चीन ने अपने एक देश, दो सिस्टम के वादे को एक देश, एक सिस्टम से बदल दिया है। इसलिए अब मैं अपने प्रशासन को निर्देश दे रहा हूं कि हांगकांग को अलग और स्पेशल ट्रीटमेंट देने वाली नीतिगत छूटों को समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू करें।


उन्होंने कहा, ‘हम हांगकांग के लिए ट्रैवल एडवाइजरी में संशोधन करेंगे.’ उन्होंने कहा कि वुहान वायरस के चीन के कवर-अप ने इस बीमारी को पूरी दुनिया में फैलने की इजाजत दी, जिससे एक वैश्विक महामारी पैदा हुई, जिसने 1 लाख से ज्यादा अमेरिकी जीवन और दुनिया में लाखों लोगों की जान ले ली. चीनी अधिकारियों ने डब्ल्यूएचओ के प्रति अपनी रिपोर्टिंग के दायित्वों की अनदेखी की।


डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित

डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में विकास भवन के सभाकक्ष में ...