शुक्रवार, 29 मई 2020

बाबरी विध्वंसः 4 जून को बयान दर्ज

लखनऊ। बाबरी मस्जिद विध्वंस की सुनवाई कर रही विशेष सीबीआई अदालत 4 जून को आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 313 के तहत आरोपियों के बयान दर्ज करेगी। अदालत अधिक से अधिक 32 आरोपियों के बयान दर्ज करेगी, जिसमें उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, भाजपा नेता एमएम जोशी, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा, साक्षी महाराज, रामविलास वेदांती और बृजभूषण शरण सिंह शामिल हैं।


आडवाणी की उपस्थिति के चलते जोशी और उमा भारती को अगले निर्देश तक छूट प्रदान कर दी गई है और इसके साथ ही लॉकडाउन के दौरान होने वाली कठिनाइयों का हवाला देते हुए अन्य आरोपियों ने भी गुरुवार को अपने लिए छूट की दलील दी है। अदालत के एक अधिकारी ने कहा कि यदि लॉकडाउन बढ़ाया जाता है, तो आरोपी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत के समक्ष पेश होने के लिए कहा जा सकता है। इस सुनवाई से अभियुक्तों को उनकी बेगुनाही को साबित करने का मौका मिलेगा और उनके खिलाफ अभियोजन एजेंसी सीबीआई के नेतृत्व में सबूतों में मौजूद भयावह परिस्थितियों को भी स्पष्ट करने में मदद मिलेगी। इससे पहले, विशेष न्यायाधीश एस के यादव ने अपने आदेश में दर्ज किया था कि सीबीआई ने अपने अभियोजन साक्ष्य को समाप्त कर दिया है और किसी भी अभियोजन साक्ष्य का नेतृत्व नहीं किया गया।


वास्तव में यह अभियोजन साक्ष्य 6 मार्च, 2020 को अपने आप ही पूरा हो गया और अदालत ने चंपत राय, लल्लू सिंह और प्रकाश शर्मा सहित कुछ आरोपियों को धारा 313 सीआरपीसी के तहत बयान दर्ज करने के लिए 24 मार्च को पेश होने के लिए कहा था, लेकिन लॉकडाउन के कारण कोर्ट बंद होने के चलते कार्यवाही नहीं हो सकी। इस बीच, जब 18 मई को अदालत को फिर से खोला गया, तो बचाव पक्ष के वकील ने उन्हें जिरह करने के लिए तीन अभियोजन पक्ष के गवाहों को बुलाने के लिए अर्जी दी। अदालत ने आवेदन को स्वीकारा और बुधवार को कार्यवाही पूरी की गई।


पाकिस्तान के मंसूबों पर फिर पानी फिरा

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में पुलवामा जैसे ही एक और हमले की साजिश विफल रहने की रिपोर्ट के बीच भारत पर निशाना साधने के लिए पाकिस्तान की ओर से संयुक्त राष्ट्र में ‘इस्लामोफािबिया’ पर इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) राजनयिकों का अनौपचारिक समूह बनाने की कोशिश संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और मालदीव ने विफल कर दी।


पाकिस्तान के समाचारपत्र ‘डाॅन’ की रिपोर्ट के मुताबिक यूएई और मालदीव ने पाकिस्तान के इस कदम का यह कहते हुए समर्थन नहीं किया कि केवल विदेशी मंत्री ही ऐसा समूह बना सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक दोनों देशों ने पाकिस्तान के इस कदम को दक्षिण एशिया में धार्मिक सद्भाव के लिए हानिकारक बताते हुए भारत के खिलाफ किसी भी कार्रवाई का समर्थन करने से इनकार कर दिया।


तीन मरीजों के सैंपल खा गए बंदर

मेरठ। क्या बंदर कोविड-19 से संक्रमित हो सकते हैं ? यदि हो गये तो इसका इंसानों पर ​क्या और कितना प्रभाव पड़ेगा ! जी हां, आप सोच रहे होंगे कि हम यह कैसे सवाल कर रहे हैं ? दरअसल, बात यह है कि मेरठ में बंदरों ने जांच को ले जाये जा रहे तीन मरीजों के सैम्पल छीन कर खा लिये हैं। ऐसी ख़बरें मीडिया में आने के बाद हड़कंप मच गया है।
प्राप्ज जानकारी के अनुसार आज से दो—तीन दिन पूर्व मेरठ मेडिकल कालेज को लेकर एक वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें साफ दिखाई दे रहा है कि ऊंचे पेड़ों पर चढ़े बंदर कोरोना सैम्पल किट को चबा रहे हैं। इस संबंध में मेडिकल के प्राचार्य डॉ. एसके गर्ग से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उनके पास भी इस तरह का वीडियो आया था, जिसमें कुछ स्पष्ट नहीं हो रहा है। उन्होंने पड़ताल के लिए प्रमुख अधीक्षक डॉ. धीरज बालियान को इसे भेजा था। वहीं डॉ. धीरज बालियान का कहना है कि लैब टेक्नीशियन ने उन्हें यह जानकारी दी थी। बंदर ने स्वास्थ्य कर्मियों से सैंपल छीन ले गए थे। उन्होंने किट फाड़कर सैंपल नष्ट कर दिए थे। बाद में दोबारा मरीजों के सैंपल लिए गए।
उन्होंने बताया कि बंदर पेड़ पर चढ़ गए थे। उसके बाद क्या हुआ यह निश्चित तौर पर नही कहा जा सकता है। अलबत्ता इस तरह का वीडियो वायरल होने के बाद तरह—तरह की चर्चाएं हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यदि बंदर कोविड—19 संक्रमित हुए तो वह इंसानों को ज्यादा नुकसान पहुंचा सकते हैं। चूंकि बंदर पहले तो किसी लॉकडाउन को नही मानेंगे, दूसरा यदि वह किसी इंसान को काट लें तो रक्त के जरिये सीधे वायरस पहुंचा सकते हैं तीसरा एक बंदर यदि दूसरे बंदर तक कोरोना संक्रमण फैला दे तो स्थिति​ भयानक हो सकती हैं। अलबत्ता इस विषय में किसी बड़े अधिकारी ने कोई टिप्पणी नही की है।


तीन राज्यों में वायरस ने जड़े जमाई

नई दिल्ली। देश में महाराष्ट्र, तमिलनाडु और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) ने सबसे ज्यादा कहर बरपाया है तथा अब तक इन तीनों राज्य में इससे 95199 लोग संक्रमित हो चुके हैं, जो देश में अब तक इस जानलेवा विषाणु से प्रभावित हुई कुल आबादी का 57.42 प्रतिशत हैं। इन तीनों राज्यों में अब तक इस महामारी से 2443 लोगों की जान जा चुकी है।


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 7466 नये मामले सामने आये हैं, जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या 165799 पर पहुंच गयी है। देश में इस संक्रमण से कुल 4706 लोगों की मौत हुई है तथा 71106 लोग स्वस्थ हुए हैं।


पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धा सुमन अर्पित

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने औद्योगिक संघ के साथ बैठक की। उन्होंने उत्तर प्रदेश में वापस आने वाले प्रवासी श्रमिकों के रोजगार के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर भी किए। सीएम योगी ने प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने की योजना बनाई है। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को सुमन अर्पित करते हुए उनके सिद्धांतों को जीवन में आत्मसात करने के लिए प्रेरिित किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वायरस को लेकर काफी  सजग और सतर्क है। प्रदेश में वायरस को नियंत्रित करने के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए तत्पर है।


संसद-भवन पहुंचा वायरस, किया सील

नई दिल्ली। राज्यसभा सचिवालय में डायरेक्टर लेवल पर कार्यरत एक अधिकारी की कोविड-19 रिपोर्ट पॉजिटिव मिलने के बाद संसद भवन स्थित उनके द़फ्तर को सील कर दिया है। अधिकारी की पत्नी और बच्चे भी कोरोना की चपेट में बताए जाते हैं। उनका द़फ्तर संसद भवन एनेक्सी के पहले तल पर रूम नंबर 120 में है।


अधिकारी 28 मई को ऑफिस आए थे। पार्लियामेंट सिक्योरिटी सर्विस ने उनके द़फ्तर को सेनिटाइज कर सील कर दिया। पहले तल के सभी गेट, वॉशरूम आदि को सेनेटाइज किया गया है। राज्यसभा सचिवालय ने उन सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को सजग रहने के लिए कहा है, जो अधिकारी के संपर्क में आ चुके हैं। संपर्क में आने वाले लोग अब एहतियातन कोविड-19 टेस्टिंग कराने की तैयारी में हैं।


दलित-पिछड़ों के शोषण के विरुद्ध आवाज

कुर्मी महासभा ने माननीय प्रधानमंत्री जी से ब्राह्मणों,ठाकुरों के पक्षकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हटाने की मांग

 

लखनऊ/ नई दिल्ली। कुर्मी महासभा के संस्थापक/केंद्रीय अध्यक्ष सौरभ गंगवार ने कहा की उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार की सरकार में दलित व पिछड़ों का शोषण हो रहा है। जबकि उत्तर प्रदेश मे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष कुर्मी है,राज्यपाल कुर्मी है,उत्तर प्रदेश में 26 सत्तापक्ष के विधायक कुर्मी है, 221 विधायक ओ.बी.सी. और 76 विधायक एस.सी. हैं, सहयोगी पार्टी अपना दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष कुर्मी है फिर भी उत्तर प्रदेश में जंगलराज है ओ.बी.सी. और एस.सी. के लोगों का शोषण हो रहा है भाजपा राज में प्रशासन भी इन ठाकुरो और ब्राह्मणों का गुलाम बन कर रह गया है। उन्होंने मांग की है कि पूरे मामले की सी.बी.आई जांच हो अन्यथा ओ.बी.सी. और एस.सी. सड़कों पर उतर कर भाजपा का विरोध करने पर विवश होंगे। संस्थापक/केंद्रीय अध्यक्ष सौरभ गंगवार ने मांग की है की उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ब्राह्मणो व ठाकुरों का पक्षकर दलित व पिछड़ों का शोषण करा रहे हैं। कुर्मी महासभा माननीय प्रधानमंत्री जी से ब्राह्मणों,ठाकुरों के पक्षकार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हटाने की मांग करती है।

कुर्मी महासभा के केंद्रीय महामंत्री के.पी. गंगवार ने कहा कि भाजपा शासन में दलित व पिछड़ों को गुमराह कर सिर्फ वोट की राजनीति होती रही है उत्तर प्रदेश/उत्तराखंड में दलित व पिछड़ों के अधिकारों को खत्म किया जा रहा है जो सोचनीय विषय है कुर्मी महासभा मांग करती है कि यदि शीघ्र ही दलितो व पिछड़ों के अधिकारों को सुरक्षित नहीं किया गया तो भाजपा के खिलाफ उग्र आंदोलन होगा।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...