मेरठ। क्या बंदर कोविड-19 से संक्रमित हो सकते हैं ? यदि हो गये तो इसका इंसानों पर क्या और कितना प्रभाव पड़ेगा ! जी हां, आप सोच रहे होंगे कि हम यह कैसे सवाल कर रहे हैं ? दरअसल, बात यह है कि मेरठ में बंदरों ने जांच को ले जाये जा रहे तीन मरीजों के सैम्पल छीन कर खा लिये हैं। ऐसी ख़बरें मीडिया में आने के बाद हड़कंप मच गया है।
प्राप्ज जानकारी के अनुसार आज से दो—तीन दिन पूर्व मेरठ मेडिकल कालेज को लेकर एक वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें साफ दिखाई दे रहा है कि ऊंचे पेड़ों पर चढ़े बंदर कोरोना सैम्पल किट को चबा रहे हैं। इस संबंध में मेडिकल के प्राचार्य डॉ. एसके गर्ग से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उनके पास भी इस तरह का वीडियो आया था, जिसमें कुछ स्पष्ट नहीं हो रहा है। उन्होंने पड़ताल के लिए प्रमुख अधीक्षक डॉ. धीरज बालियान को इसे भेजा था। वहीं डॉ. धीरज बालियान का कहना है कि लैब टेक्नीशियन ने उन्हें यह जानकारी दी थी। बंदर ने स्वास्थ्य कर्मियों से सैंपल छीन ले गए थे। उन्होंने किट फाड़कर सैंपल नष्ट कर दिए थे। बाद में दोबारा मरीजों के सैंपल लिए गए।
उन्होंने बताया कि बंदर पेड़ पर चढ़ गए थे। उसके बाद क्या हुआ यह निश्चित तौर पर नही कहा जा सकता है। अलबत्ता इस तरह का वीडियो वायरल होने के बाद तरह—तरह की चर्चाएं हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यदि बंदर कोविड—19 संक्रमित हुए तो वह इंसानों को ज्यादा नुकसान पहुंचा सकते हैं। चूंकि बंदर पहले तो किसी लॉकडाउन को नही मानेंगे, दूसरा यदि वह किसी इंसान को काट लें तो रक्त के जरिये सीधे वायरस पहुंचा सकते हैं तीसरा एक बंदर यदि दूसरे बंदर तक कोरोना संक्रमण फैला दे तो स्थिति भयानक हो सकती हैं। अलबत्ता इस विषय में किसी बड़े अधिकारी ने कोई टिप्पणी नही की है।
शुक्रवार, 29 मई 2020
तीन मरीजों के सैंपल खा गए बंदर
तीन राज्यों में वायरस ने जड़े जमाई
नई दिल्ली। देश में महाराष्ट्र, तमिलनाडु और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) ने सबसे ज्यादा कहर बरपाया है तथा अब तक इन तीनों राज्य में इससे 95199 लोग संक्रमित हो चुके हैं, जो देश में अब तक इस जानलेवा विषाणु से प्रभावित हुई कुल आबादी का 57.42 प्रतिशत हैं। इन तीनों राज्यों में अब तक इस महामारी से 2443 लोगों की जान जा चुकी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 7466 नये मामले सामने आये हैं, जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या 165799 पर पहुंच गयी है। देश में इस संक्रमण से कुल 4706 लोगों की मौत हुई है तथा 71106 लोग स्वस्थ हुए हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धा सुमन अर्पित
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने औद्योगिक संघ के साथ बैठक की। उन्होंने उत्तर प्रदेश में वापस आने वाले प्रवासी श्रमिकों के रोजगार के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर भी किए। सीएम योगी ने प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने की योजना बनाई है। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को सुमन अर्पित करते हुए उनके सिद्धांतों को जीवन में आत्मसात करने के लिए प्रेरिित किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वायरस को लेकर काफी सजग और सतर्क है। प्रदेश में वायरस को नियंत्रित करने के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए तत्पर है।
संसद-भवन पहुंचा वायरस, किया सील
नई दिल्ली। राज्यसभा सचिवालय में डायरेक्टर लेवल पर कार्यरत एक अधिकारी की कोविड-19 रिपोर्ट पॉजिटिव मिलने के बाद संसद भवन स्थित उनके द़फ्तर को सील कर दिया है। अधिकारी की पत्नी और बच्चे भी कोरोना की चपेट में बताए जाते हैं। उनका द़फ्तर संसद भवन एनेक्सी के पहले तल पर रूम नंबर 120 में है।
अधिकारी 28 मई को ऑफिस आए थे। पार्लियामेंट सिक्योरिटी सर्विस ने उनके द़फ्तर को सेनिटाइज कर सील कर दिया। पहले तल के सभी गेट, वॉशरूम आदि को सेनेटाइज किया गया है। राज्यसभा सचिवालय ने उन सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को सजग रहने के लिए कहा है, जो अधिकारी के संपर्क में आ चुके हैं। संपर्क में आने वाले लोग अब एहतियातन कोविड-19 टेस्टिंग कराने की तैयारी में हैं।
दलित-पिछड़ों के शोषण के विरुद्ध आवाज
यूपीः 2337 के लिए सैंपल, 50 पॉजिटिव
लखनऊ। यूपी में लगातार कोरोना वायरस के नए मामले सामने आ रहे हैं। लखनऊ स्थित केजीएमयू में कल जांच के लिए 2337 सैंपल लिए गए थे। इनमें से 50 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
इन संक्रमितों में 13 मरीज लखनऊ के, 10 मरीज कानपुर के, नौ मरीज संभल के, सात मरीज हरदोई के, छह मरीज अयोध्या के, दो मरीज कन्नौज के, एक मरीज पीलीभीत का, एक मरीज बलरामपुर का और एक मरीज मुरादाबाद का है आज 29 मई को पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की पुण्य तिथि है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कालिदास मार्ग स्थित आवास पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
भारत-चीन की मध्यस्थता को ट्रंप तैयार
नई दिल्ली/न्यूयॉर्क। भारत की चीन के साथ सीमा विवाद पर मध्यस्थता की पेशकश करने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस संबंध में बात की है। लेकिन चीन के साथ बने विवाद की वजह से वह अच्छे मूड में नहीं हैं। साथ ही उन्होंने एक बार फिर मध्यस्थता करने की बात दोहराया।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत और चीन के बीच बड़ा संघर्ष चल रहा है, 1.4 बिलियन आबादी वाले 2 बड़े देश जिनकी सैन्य ताकत बेहद मजबूत है। भारत खुश नहीं है और शायद चीन भी खुश नहीं है। उन्होंने आगे कहा, ‘मैं आपको बता सकता हूं कि मैंने प्रधानमंत्री मोदी से बात की है, लेकिन चीन के साथ अभी जो विवाद बना हुआ है, उसको लेकर वह अच्छे मूड में नहीं हैं। ’भारत और चीन में बने तनावपूर्ण माहौल में दोनों देशों के बीच मध्यस्थता करने के सवाल पर राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अगर वे ऐसा सोचते हैं कि मेरे मध्यस्थ होने या मध्यस्थता करने से कोई मदद मिलती है तो मैं ऐसा जरुर करूंगा। हालांकि भारत ने पहले ही ट्रंप की मध्यस्थता का सुझाव ठुकरा दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति च्रंप की पेशकश पर भारत अपनी प्रतिक्रिया दे चुका है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है। शांति से मुद्दे को सुलझाने के लिए हम चीन के संपर्क में हैं। चीन के साथ भारत के सीमा विवाद पर राष्ट्रपति ट्रंप ने 2 दिन पहले बुधवार को मध्यस्थता की पेशकश की थी। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तब कहा था कि अमेरिका, भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के मुद्दे पर मध्यस्थता करने के लिए तैयार है।
ट्रंप ने ट्वीट किया, ‘हमने भारत और चीन दोनों को सूचित किया है अगर वो चाहें तो सीमा विवाद में अमेरिका मध्यस्थता करने को तैयार है।
इस महीने की शुरुआत से ही लद्दाख में चीनी सैनिक और भारतीय सैनिक आमने-सामने हैं, चीन की ओर से लगातार सैनिकों की संख्या बढ़ाने और बेस बनाने की खबरें आ रही हैं। ऐसे में भारत भी पूरी तरह से मुस्तैद है और शीर्ष स्तर पर इसको लेकर मंथन चल रहा है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मसले पर प्रधानमंत्री कार्यालय में चर्चा की थी। पीएम ने मंगलवार को लद्दाख मामले पर पूरी रिपोर्ट ली, इसके अलावा तीनों सेना के प्रमुखों से विकल्प सुझाने के लिए कहा गया। पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास पिछले कुछ दिनों से चीन की तरफ से सैन्य गतिविधियों के बढ़ने के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति है। भारत के अपनी सीमा के अंदर सड़क निर्माण करने पर चीन विरोध जता रहा है. चीन की हरकतों को लेकर भारत भी अलर्ट मोड में है। दोनों देशों की सेनाओं ने हाल में सीमा पर गतिविधियां बढ़ीं हैं। माना जा रहा है कि 2017 में उपजे डोकलाम विवाद जैसी स्थिति फिर से दोनों देशों के बीच उत्पन्न हुई है।
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