शुक्रवार, 29 मई 2020

पूर्व चेयरमैन ने 'विधायकी' का ऐलान किया

बॉर्डर थाने में मुकदमा दर्ज होने के बाद मनोज धामा ने दिखाए बगावती तेवर

मनोज धामा हर हाल में लगे 2022 का चुनाव

लेकिन बड़ा सवाल है किस पार्टी से लड़ेंगे मनोज धामा विधायकी  क्या सपा या बसपा का कर सकते हैं रुख

सचिन विशौरिया

गाजियाबाद। भारतीय जनता पार्टी की सरकार में भाजपा नेता व पूर्व भाजपा चेयरमैन मनोज धामा के ऊपर लगातार हुए कई मुकदमों से उनके दिल को खासा आघात पहुंचा है। जिसको लेकर लोनी नगर पालिका चेयरमैन ने सोशल मीडिया पर अपने साथियों के माध्यम से यह प्रचार करना शुरू कर दिया है कि 2022 में वह हर हाल विधायक का चुनाव लड़ेंगे। अब ऐसे में बड़ा सवाल खड़ा होता है कि क्यों पार्टी के खिलाफ लड़ने का यह विचार उनके मन में आया। क्योंकि लोनी विधानसभा एक गुर्जर बहुल क्षेत्र माना जाता है। जहां से भारतीय जनता पार्टी ने लगातार गुर्जर प्रत्याशी को ही टिकट दिया है। लेकिन ऐसे में एक जाट प्रत्याशी होने के बाद पार्टी के खिलाफ किन्ही हालातों में चुनाव लड़ने की घोषणा मनोज धामा की दूसरी पार्टी में जाने की मनोदशा को दर्शाती है। ऐसे में क्या मनोज धामा सपा या बसपा से भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। क्योंकि जिस प्रकार से लोनी की राजनीति में इस समय चूहे बिल्ली का खेल चल रहा है। उसमें विधायकी चुनाव से पहले ही हर हाल में 2022 में विधायक का चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है तो क्या ऐसा माना जाए कि मनोज धामा सपा या बसपा से 2022 का चुनाव लड़ेंगे।

वायरस के खिलाफ सुरक्षा की दीवार

 वायरस के खिलाफ सुरक्षा की दीवार 

अश्वनी उपाध्याय 

गाजियाबाद। विश्व में कोरोना वायरस कोविड-19 ने हा-हा कार मचा रखा है। देश में भी वायरस का संक्रमण दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। जिसने माथे की शिकन बढ़ा दी हैं। किंतु इसके विपरीत वायरस को मात देने के लिए तरह-तरह के उपाय प्रयोग किए जा रहे हैं। शासन और प्रशासन के द्वारा किए गए उपाय काफी नहीं है। प्रत्येक व्यक्ति को इस समस्या के विरुद्ध संकल्पित होकर लड़ना होगा। सबसे पहले शहरी क्षेत्रों में सामान्य कनेक्टिविटी को रोकना होगा। इस बात को समझने में हमने काफी समय लगा दिया है। किंतु अब समय गंवाने के लिए शेष नहीं है। जनपद गाजियाबाद की सीमाओं को सील करने की सख्त आवश्यकता थी, जिसकी गंभीरता को समझते हुए जिला अधिकारी अजय शंकर पांडेय के द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली से लगी जनपद गाजियाबाद की सीमा को सील कर दिया गया है। आवागमन को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। इससे संक्रमण पर नियंत्रण पाया जा सकता है। यह एक कारगर उपाय है। इसी कारण जिला अधिकारी ने सभी मार्गों को बंद करने का निर्देश दिया है। जिसके चलते जनपद में बाहरी आवागमन पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा।

 लॉक डाउन 4.0 के अंतिम चरण में वायरस के संक्रमण को प्रभावी ढंग से रोकने का यही एकमात्र उपाय है। जनपद गाजियाबाद में अभी तक 9313 लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं। जिनमें से 8865 लोगों की रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है। 454 लोग ऐसे हैं जिनकी रिपोर्ट अभी आई नहीं है। जनपद में कुल 260 वायरस पॉजिटिवो की पुष्टि की गई है। जनपद में जिलाधिकारी के निर्देश के अनुसार निर्धारित, नियम-अनुरूप, कॉलोनी-बस्तियों   की दुकानों को खोलने की अनुमति दे दी गई है। जिसका दिन और समय निर्धारित है। लोनी क्षेत्र में 20 वायरस संक्रमित मिले हैं। जिस को ध्यान में रखते हुए जिला अधिकारी के द्वारा लोनी क्षेत्र में 21 सेक्टर बनाकर निगरानी रखी जा रही है। यह भी जानना बहुत जरूरी है कि कंटेनमेंट जॉन में 250 मीटर के दायरे में सामान्य गतिविधियां पूरी तरह बंद रहेगी।

यमुना से खनन के विरोध में उतरे किसान

दीपक कुमार

शामली। यमुना नदी का सीना चीर कर चल रहे रेत खनन को लेकर किसानों को हो रही समस्या से किसान बेहद परेशान हैं। किसानों ने प्रदर्शन कर रेत खनन पर कार्यवाही की मांग की है। किसानों ने कहा है कि रेत खनन को लेकर उनकी फसल बर्बाद हो रही है। जिसको लेकर उन्हें कई मर्तबा संबंधित अधिकारियों को भी शिकायत की परंतु कोई भी कार्यवाही नहीं हो पाई है।

दरअसल आपको बता दें मामला जनपद शामली के कैराना क्षेत्र के गांव नगलाराई का है। जहां पर खादर के यमुना नदी में खनन माफियाओं द्वारा यमुना का सीना चीर कर भारी मात्रा में रेत निकाला जा रहा है। जिससे किसान व ग्रामीण बेहद परेशान है। जिसको लेकर उन्होंने के मर्तबा संबंधित अधिकारियों को भी शिकायत की परंतु कोई भी कार्यवाही नहीं हो पा रही है। यमुना में चल रहे रेत खनन को लेकर प्रशासन द्वारा परमिशन मिली हुई है। जिसको लेकर नियम अनुसार खनन करने की आज्ञा प्रशासन ने दे रखी है। परंतु सभी नियमों को ताक पर रखकर भारी मात्रा में यमुना का सीना चीर कर रेत निकाला जा रहा है। वहीं किसानों ने खनन माफियाओं पर आरोप लगाते हुए बताया कि रेत खनन के चलते उनकी फसल बर्बाद हो रही है। जिसमें वह पहले ही लॉक डाउन के चलते कर्ज में डूब कर भुखमरी की कगार पर आ रहे है। ऊपर से यमुना में चल रहे रेत खनन के कारण उनकी फसल बर्बाद हो रही है। जिसमें वह भूखमरी के कगार पर आने पर मजबूर है। इस संबंध में किसानों ने कई मर्तबा संबंधित अधिकारियों को शिकायत की परंतु कोई भी कार्यवाही नहीं हो पा रही है। किसानों ने आरोप लगाया कि यमुना नदी के अंदर से मशीन व पॉर्कलेन  जेसीबी मशीनों द्वारा भारी मात्रा में रेत निकाला जा रहा है। जिसमें 10 से 15 फुट गहरे गड्ढे कर कर रेत निकाला जा रहा है। जिसको लेकर आने वाले समय में किसानों व ग्रामीणों को बाढ़ का खतरा बना हुआ है। जिसमें यमुना नदी में पानी आने के बाद कटान शुरू हो जाएगा जिससे यमुना के किनारे लगने वाले सभी छोटे-छोटे किसानों की फसल यमुना के आगोश में समा जाएगी। लॉकडाउन के कारन पहले ही किसानों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। और ऊपर से रेत खनन माफियाओं की मनमानी के आगे उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रही है। सिक्कों कि चमक के आगे अधिकारी भी किसानों की सुध नहीं ले रहे हैं। किसानों ने प्रदर्शन करते हुए मांग की है। कि चल रहे रेत खनन पर जल्द से जल्द कार्यवाही की जाये जिससे वह अपनी फसल व अपने आप को भुखमरी की कगार से बचा सके परंतु लाचार और मजबूर किसान खनन माफियाओं व अधिकारियों की मनमानी के आगे कुछ भी कर नहीं पा रहे हैं। किसान खून के आंसू रोने पर मजबूर है वहीं अब सवाल यह उठता है। कि जो देश को रोटी देने वाला किसान हैं। आज वही किसान कुछ खनन माफियाओं की मनमानी के आगे मजबूर-बेबस नजर आ रहा है। प्रदर्शन के दौरन दर्जनों किसान मोजूद रहे।

नमकीन के पैसे मांगने पर घातक हमला

शामली। कैराना में एक दबंग की दबंग गिरी सामने आई है एक दबंग ने एक पीड़ित रेहड़ी पर नमकीन बेचने वाले दुकानदार के साथ उसकी नमकीन खा कर उल्टा रुपए मांगने पर डंडों से पीटकर घायल कर दिया पीड़ित ने कोतवाली पहुंचकर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है पुलिस ने मेडिकल परीक्षण कराने के बाद मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है।दरअसल यह पूरा मामला जनपद शामली के कोतवाली कैराना के मोहल्ला अफगानान है. जहां मोहल्ला निवासी चुन्नू नाम का एक गरीब रेहड़ी पर नमकीन बेचकर अपना और अपने परिवार का पालन पोषण करता है।आरोप है कि मोहल्ले का ही एक के दबंग ने पहले तो उसकी रेहड़ी पर खड़े होकर जमकर नमकीन खाई और लुफ्त उठाया आरोप है कि आरोपी बार-बार नमकीन खाता रहा जब पीड़ित दुकानदार ने आरोपी दबंग से अपनी नमकीन के रुपयों की मांग की तो आरोपी ने डंडों से पीटकर दुकानदार को घायल कर दिया और पीड़ित ने जब दबंग के सामने रहम की दुहाई दी तो आरोपी ने डंडों से और हमला करते हुए जान से मारने की धमकी दे डाली पीड़ित दुकानदार ने घायल अवस्था में कैराना कोतवाली में पहुंचकर आरोपी के खिलाफ तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है। पुलिस नें घायल का मेडिकल परीक्षण कराने के बाद मामले की जांच पड़ताल शुरू करते हुए आरोपी की तलाश शुरू कर दी है।


आगराः तीन की मौत, 7 नए संक्रमित

आगरा । आगरा में कोरोना पॉजिटिव तीन मरीजों की मौत हुई है, अब तक आगरा में 38 मौत हो चुकी हैं। वहीँ कोरोना के 7 नए मामले आए हैं। कोरोना पॉजिटिव की संख्या 882 हो गई है, मरीज ठीक होकर अपने घर भी जा चुके हैं। अब आगरा में एक्टिव केस 70 रह गए हैं। आगरा के कोरोना संक्रमित दो महिला मरीजों की तबीयत बिगडने पर सैफई मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था, वहां उनकी मौत हो गई, एक मरीज की एसएन मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हुई है। इस तरह तीन मौत से कोरोना संक्रमित 38 मरीजों की मौत हो चुकी है।


गुरुवार को कोरोना के 7 नए केस आए। इसमें 95 साल के बुजुर्ग मरीज भी हैं। हरीपर्वत क्षेत्र निवासी बुजुर्ग मरीज को कई दिनों से बुखार था, जांच में कोरोना की पुष्टि हुई है। लेडी लॉयल महिला चिकित्सालय में भर्ती 25 साल की रामबाग निवासी गर्भवती महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। एसएन इमरजेंसी में भर्ती 55 साल के टेढी बगिया निवासी मरीज में कोरोना की पुष्टि हुई है। ताजगंज निवासी 60 साल के मरीज, कागारौल निवासी 22 साल के युवक, सैंया निवासी मरीज की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है।


774 मरीज ठीक हो जा चुके हैं घर, 70 मरीज भर्ती
आगरा में कोरोना के केस बढकर 882 पहुंच गए हैं। इसमें से 774 मरीजों को ठीक होने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया, गुरुवार को चार मरीज डिस्चार्ज किए गए। अब आगरा में कोरोना पॉजिटिव 70 मरीज ही भर्ती हैं, इनका एसएन मेडिकल कॉलेज और हिंदुस्तान कॉलेज में इलाज चल रहा है।


दो कंटेनमेंट जोन और बढे
आगरा में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद उस क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया जाता है, अभी तक 36 कंटेनमेंट जोन थे, अब इसकी संख्या बढाकर 38 कर दी गई है, अब आगरा में 38 कंटेनमेंट जोन हैं।


बाबरी विध्वंसः 4 जून को बयान दर्ज

लखनऊ। बाबरी मस्जिद विध्वंस की सुनवाई कर रही विशेष सीबीआई अदालत 4 जून को आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 313 के तहत आरोपियों के बयान दर्ज करेगी। अदालत अधिक से अधिक 32 आरोपियों के बयान दर्ज करेगी, जिसमें उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, भाजपा नेता एमएम जोशी, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा, साक्षी महाराज, रामविलास वेदांती और बृजभूषण शरण सिंह शामिल हैं।


आडवाणी की उपस्थिति के चलते जोशी और उमा भारती को अगले निर्देश तक छूट प्रदान कर दी गई है और इसके साथ ही लॉकडाउन के दौरान होने वाली कठिनाइयों का हवाला देते हुए अन्य आरोपियों ने भी गुरुवार को अपने लिए छूट की दलील दी है। अदालत के एक अधिकारी ने कहा कि यदि लॉकडाउन बढ़ाया जाता है, तो आरोपी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत के समक्ष पेश होने के लिए कहा जा सकता है। इस सुनवाई से अभियुक्तों को उनकी बेगुनाही को साबित करने का मौका मिलेगा और उनके खिलाफ अभियोजन एजेंसी सीबीआई के नेतृत्व में सबूतों में मौजूद भयावह परिस्थितियों को भी स्पष्ट करने में मदद मिलेगी। इससे पहले, विशेष न्यायाधीश एस के यादव ने अपने आदेश में दर्ज किया था कि सीबीआई ने अपने अभियोजन साक्ष्य को समाप्त कर दिया है और किसी भी अभियोजन साक्ष्य का नेतृत्व नहीं किया गया।


वास्तव में यह अभियोजन साक्ष्य 6 मार्च, 2020 को अपने आप ही पूरा हो गया और अदालत ने चंपत राय, लल्लू सिंह और प्रकाश शर्मा सहित कुछ आरोपियों को धारा 313 सीआरपीसी के तहत बयान दर्ज करने के लिए 24 मार्च को पेश होने के लिए कहा था, लेकिन लॉकडाउन के कारण कोर्ट बंद होने के चलते कार्यवाही नहीं हो सकी। इस बीच, जब 18 मई को अदालत को फिर से खोला गया, तो बचाव पक्ष के वकील ने उन्हें जिरह करने के लिए तीन अभियोजन पक्ष के गवाहों को बुलाने के लिए अर्जी दी। अदालत ने आवेदन को स्वीकारा और बुधवार को कार्यवाही पूरी की गई।


पाकिस्तान के मंसूबों पर फिर पानी फिरा

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में पुलवामा जैसे ही एक और हमले की साजिश विफल रहने की रिपोर्ट के बीच भारत पर निशाना साधने के लिए पाकिस्तान की ओर से संयुक्त राष्ट्र में ‘इस्लामोफािबिया’ पर इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) राजनयिकों का अनौपचारिक समूह बनाने की कोशिश संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और मालदीव ने विफल कर दी।


पाकिस्तान के समाचारपत्र ‘डाॅन’ की रिपोर्ट के मुताबिक यूएई और मालदीव ने पाकिस्तान के इस कदम का यह कहते हुए समर्थन नहीं किया कि केवल विदेशी मंत्री ही ऐसा समूह बना सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक दोनों देशों ने पाकिस्तान के इस कदम को दक्षिण एशिया में धार्मिक सद्भाव के लिए हानिकारक बताते हुए भारत के खिलाफ किसी भी कार्रवाई का समर्थन करने से इनकार कर दिया।


न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जनपद के टाउन हॉल में मंगलवार को सामाजिक न्याय क्रांति मोर्चा ...