नई दिल्ली। शेयर बाजार की शुरुआत आज यानी गुरुवार को हरे निशान पर हुई। बुधवार को ज्यादातर वैश्विक बाजारों में बढ़त देखने को मिली थी। प्री ओपन के दौरान सेंसेक्स 222.58 अंकों की बढ़त के बाद 31827.80 के स्तर पर था। लगातार तीसरे कारोबारी दिन आज शेयर बाजार हरे निशान पर खुला। गुरुवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स में मामूली बढ़त देखी गई। यह 0.33 फीसदी की बढ़त के साथ 71.69 अंक ऊपर 31676.91 के स्तर पर खुला। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 0.37 फीसदी की तेजी के साथ 34.70 अंक ऊपर 9349.65 के स्तर पर खुला। दिग्गज शेयरों की बात करें, तो आज एचडीएफसी बैंक, यूपीएल, बीपीसीएल, एल एंड टी, आईसीआईसीआई बंक, टाटा स्टील, इंडसइंड बैंक, टाटा मोटर्स और एचडीएफसी के शेयर हरे निशान पर खुले। वहीं एम एंड एम, बजाज ऑटो, टीसीएस, कोल इंडिया, आईटीसी, इंफ्राटेल, बजाज फिन्सर्व, हीरो मोटोकॉर्प, ब्रिटानिया और ओएनजीसी के शेयर लाल निशान पर खुले। बुधवार को ज्यादातर वैश्विक बाजारों में बढ़त देखने को मिली थी। अमेरिका का बाजार डाउ जोंस 2.21 फीसदी की बढ़त के साथ 553.16 अंक ऊपर 25,548.30 पर बंद हुआ था। नैस्डैक 0.77 फीसदी बढ़त के साथ 72.14 अंक ऊपर 9,412.36 पर बंद हुआ था। एसएंडपी 1.48 फीसदी बढ़त के साथ 44.36 अंक ऊपर 3,036.13 पर बंद हुआ था। वहीं चीन का शंघाई कम्पोसिट 0.09 फीसदी गिरावट के साथ 2.63 अंक नीचे 2,839.43 पर बंद हुआ था। साथ ही इटली, फ्रांस और जर्मनी के बाजारों में भी बढ़त रही
गुरुवार, 28 मई 2020
कोरोनाः 24 घंटे में 6566 नए मामले
नई दिल्ली। पूरी दुनिया में कोरोना वायरस से हाहाकार मचा हुआ है। भारत भी कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। देश में जारी लॉक डाउन के बाद भी कोरोना वायरस संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 6,566 नए मामले सामने आए हैं और 194 लोगों की मौत हुई है। इसके बाद देश भर में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 1,58,333 हो गई है, जिनमें से 86,110 सक्रिय मामले हैं, 67,692 लोग ठीक हो चुके हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और अब तक 4,531 लोगों की मौत हो चुकी है।
सुप्रीम कोर्ट ने समस्याओं का संज्ञान लिया
नई दिल्ली। लॉक डाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों की समस्याओं और मुसीबतों का सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को 28 मई के लिए सूचीबद्ध किया है और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से इस मामले में सहयोग करने को कहा है।जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एमआर शाह की बेंच ने केंद्र सरकार और सभी राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों को नोटिस जारी किया है। कोर्ट इस मामले पर 28 मई को सुनवाई करेगा।कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में केंद्र और राज्य सरकार, दोनों ओर से कमियां रही हैं। कोर्ट ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को आवास, भोजन और यात्रा की सुविधा देने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की जरूरत है। बता दें कि लॉक डाउन के चलते लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर उन राज्यों में फंस गए थे जहां वह काम करने गए थे। आय और भोजन का कोई साधन न होने के चलते कई श्रमिक घर जाने के लिए पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा पर निकल गए थे। हालांकि, बाद में केंद्र सरकार ने इन मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन और बस सुविधा संचालित करने का फैसला किया था। मजदूरों के पलायन के बाद मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटनाएं सामने आई हैं। कहीं, गर्भवती महिला ने सड़क पर ही बच्चे को जन्म दिया और उसके कुछ घंटे बाद फिर यात्रा शुरू कर दी। वहीं, कुछ मजदूरों की ट्रेन के नीचे आ जाने से हुई मौत ने भी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे।
मुंबई में 55 पुलिसकर्मी भी संक्रमित
मुबंई। देश में कोरोना वायरस से संक्रमण की रफ्तार बढ़ती जा रही है। कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा कहर महाराष्ट्र में देखने को मिल रहा है। महाराष्ट्र राज्य कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित है। प्रदेश में 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के 2,033 नए मामले सामने आए है। इसी के साथ ही राज्य में संक्रमित हुए लोगों की संख्या बढ़कर 35,058 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि यह लगातार दूसरा दिन है जब राज्य में कोविड-19 के 2,000 से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं। महाराष्ट्र पुलिस के मुताबिक राज्य में 24 घंटे में 55 पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
यूनिवर्सल एक्सप्रेस (हिंदी-दैनिक)
मई 29, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254
1. अंक-290 (साल-01)
2. शुक्रवार, मई 29, 2020
3. शक-1943, ज्येठ, शुक्ल-पक्ष, तिथि- षष्टि, विक्रमी संवत 2077।
4. सूर्योदय प्रातः 05:39,सूर्यास्त 07:18।
5. न्यूनतम तापमान 24+ डी.सै.,अधिकतम-41+ डी.सै.।
6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
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बुधवार, 27 मई 2020
मंदिरों में रखी धातु सामग्री भी बिकेंगे
- त्रावणकोर देवस्वाम बोर्ड का फैसला अनयूज्ड सामान को किया जाएगा नीलाम
- कई मंदिरों में रोज दान में आते हैं हजारों दीपक और बर्तन
- अकेले गुरुवायूर मंदिर में 9000 दीपक का रोज दान
नई दिल्ली। लॉकडाउन के चलते देश में कई मंदिरों की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा रही है। इन सब के बीच केरल में मंदिरों की आय बढ़ाने और आर्थिक आधार को मजबूत करने के लिए त्रावणकोर देवास्वम् बोर्ड (टीडीबी) केरल के मंदिरों में रखे अनयूज्ड बर्तन और तांबे-पीतल को बेचने जा रहा है। इनकी मात्रा कई सौ टन में है। टीडीबी केरल में 1248 मंदिरों के प्रबंधन का काम करता है। इसमें प्रसिद्ध सबरीमाला अयप्पा मंदिर, तिरुवनंतपुरम में पद्मनाभस्वामी मंदिर, हरिपद श्री सुब्रह्मण्य मंदिर, एट्टमनूर महादेवा मंदिर और अंबालापुजा श्री कृष्ण मंदिर शामिल हैं। हालांकि, टीडीबी के इस फैसले से कई लोगों में निराशा और गुस्सा भी है। सोशल मीडिया पर लोग इसका विरोध भी कर रहे हैं।
फिलहाल, हिसाब तैयार हो रहा
टीडीबी उन दीपकों और बर्तनों की नीलामी करने की योजना बना रहा है जो भक्तों द्वारा दान किए गए थे। टीडीबी अभी इसका हिसाब बना रहा है। इससे एक बड़ी राशि मिलने की उम्मीद है। केरल में ऐसे कई मंदिर हैं, जिनमें धातु के दीपकों और बर्तनों की बड़ी मात्रा में दान आता है। जैसे सबरीमाला और गुरुवायूर मंदिर। इन एक-एक दीपक की कीमत 3000 से 5000 के बीच होती है। केरल के सभी 1248 मंदिरों में बड़ी मात्रा में ऐसे दीपक और अन्य बर्तन हैं, जिनका कोई उपयोग नहीं हो पा रहा है।
संभालना आसान नहीं
ऐसे बर्तनों और दीपकों को संभालना और उनका ऑडिट करवाना ज्यादा मुश्किल काम है। इस स्थिति को देखते हुए बोर्ड ने फैसला किया है कि इस तरह की सारी सामग्रियों की नीलामी कर दी जाएगी। इससे आने वाली राशि से काफी काम हो सकेंगे। कई प्रोजेक्ट्स पूरे हो सकेंगे। बोर्ड के जनसंपर्क विभाग का कहना है कि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। पहले भी ऐसा होता आया है। पहले मंदिरों से इन दीपक और बर्तनों को फिर से पीतल बनाने के लिए बेचा जाता था लेकिन उससे कोई रेवेन्यू नहीं मिलता था। इसलिए, इस बार इन्हें ऐसे ही बेचा जाएगा।
गुरुवायुर और सबरीमाला मंदिर के अलावा भी केरल के कई देवी मंदिरों में सुख-शांति और गृहस्थ सुख के लिए पीतल के बर्तनों और दीपकों का दान किया जाता है।
केरल में रिवाज है नेयविल्लकु समरपनम्
केरल में मंदिरों में पीतल के बड़े-बड़े दीपक दान करने का रिवाज है। इसे नेयविल्लकु समरपनम् कहा जाता है। यहां मान्यता है कि घी के दीपक दान करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। यहां गुरुवायूर मंदिर में रोज लगभग 8000 से 9000 तक दीपक दान में आते हैं। उसी तरह, कई मंदिरों में पीतल के बर्तन जैसे उरुली (एक बड़ा खुला बर्तन) दिया जाता है। न्य देवी मंदिरों में भी, भक्तों द्वारा पीतल के उरुलियां दी जाती हैं। इसी तरह से कई अन्य पीतल की चीजें जैसे थट्टू (प्लेट्स), देवताओं की छोटी मूर्तियां, बर्तन आदि। ऐसे में इन सबको संभालने के लिए एक बड़ी जगह का आवश्यकता होती है। इन्हें संभाले रखने का कोई अर्थ भी नहीं है।
- सबसे बड़े धार्मिक बोर्ड में है त्रावणकोर
त्रावणकोर देवस्वाम बोर्ड देश के सबसे बड़े धार्मिक बोर्ड्स में से है। इसके अधिकार में 1248 मंदिर आते हैं। कैग (CAG) और केरल हाईकोर्ट के लोकपाल की निगरानी में इसका सारा काम होता है। टीडीबी में लगभग 6500 कर्मचारी हैं, जिनमें ज्यादातर ज्यादातर पुजारी, सहायक पुजारी, मंदिर के कलाकार, कलाकार और अन्य मंदिर व्यवस्थापक कर्मचारी हैं। टीडीबी कर्मचारी सरकारी कर्मचारी की तरह ही होते हैं और इसलिए उन्हें सभी सरकारी लाभ मिलते हैं, जैसे निश्चित वेतन, रिटायरमेंट के बाद पेंशन।
लोकतांत्रिक ढांचे को उखाड़ने की कोशिश
नई दिल्ली/मुंबई। महाराष्ट में मचे सियासी उठापटक के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने फिर भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला है। राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी को सवाल खड़े करने हैं तो करे, विपक्ष को सवाल करना भी चाहिए ये लोकतंत्र के लिए अच्छा है। उन्होंने कहा कि सवाल करने से सरकार को भी फायदा होता है, लेकिन राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग करना लोकतांत्रिक ढांचे को उखाड़कर फेंकने जैसा है। इससे पहले मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल ने कहा था कि हम महाराष्ट्र में सरकार को समर्थन कर रहे हैं, लेकिन फैसला लेने की क्षमता में नहीं हैं। हम पंजाब-छत्तीसगढ़-राजस्थान में फैसला लेने की क्षमता में हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि जितनी ज्यादा कनेक्टटेड जगह हैं, वहां कोरोना होता है। मुंबई-दिल्ली में इसलिए अधिक मामले हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र को भी केंद्र सरकार की ओर से मदद मिलनी चाहिए। हम सिर्फ केंद्र सरकार को सुझाव दे सकते हैं, लेकिन सरकार को क्या मानना है वो उनके ऊपर ही है।
बता दें कि महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और बीजेपी नेता नारायण राणे ने सोमवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से उनके आवास पर मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। उनका कहना था कि उद्धव सरकार कोरोना वायरस को रोकने में नाकाम साबित हो रही है।
महाराष्ट्र में सियासी हलचल तेज, पवार-उद्धव मिले, संजय राउत बोले- सरकार को खतरा नहीं
इसके बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और NCP सुप्रीमो शरद पवार की मुलाकात हुई थी, जिसके बाद कई तरह की अटकलें लगाई जाने लगी थीं। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने उद्धव सरकार पर संकट की भी बात कही थी। हालांकि इस पर महा विकास अघाड़ी के दलों ने सफाई दी कि सरकार स्थिर और मजबूत है।
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