नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 7.75 प्रतिशत बचत (करयोग्य) बॉन्ड योजना को बैंकिंग कारोबार समाप्त होने के समय से वापस लेने का फैसला किया है। सरकार ने यह निर्णय घटती ब्याज दरों को देखते हुए किया है। इस कारण अब निवेशकों को बड़ा झटका लगा है क्योंकि खुदरा निवेशकों के बीच ये बॉन्ड काफी पसंद किया जाता है। सरकार के इन बॉन्ड को सामान्य तौर पर आरबीआई बॉन्ड अथवा भारत सरकार के बॉन्ड (Taxable Savings Bonds) के नाम से जाना जाता है। इन बॉन्ड में निवेश करने वाले अपनी मूल राशि की सुरक्षा के साथ साथ नियमित आय को ध्यान में रखते हुए निवेश करते हैं। हालांकि प्रवासी भारतीय इन बॉन्ड में निवेश के पात्र नहीं हैं। रिजर्व बैंक की बुधवार को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि भारत सरकार एतत् द्वारा यह अधिसूचित करती है कि 7.75 प्रतिशत बचत (कर योग्य) बॉन्ड, 2018… बृहस्पतिवार, 28 मई 2020 को बैंकिंग कार्यसमय समाप्त होने के समय से निवेश के लिये उपलब्ध नहीं होंगे। रिजर्व बैंक ने भी इस संबंध में अधिसूचना जारी करते हुए 7.75 प्रतिशत बचत वाले करयोग्य बॉन्ड 2018 को अभिदान पाने के लिए बंद कर दिया। इन बॉन्ड में मिलने वाले ब्याज पर कर देय होता है। इन बॉन्ड में 100 रुपए के अंकित मूल्य पर निवेश होता है और न्यूनतम निवेश सीमा एक हजार रुपए है। योजना के मुताबिक ये बॉन्ड सात साल की अवधि के होते हैं। बहरहाल, ऐसे समय जब कर्ज पर ब्याज दरों में लगातार कटौती की जा रही है। रिजर्व बैंक ने हाल ही में अल्पावधि बयाज दर रेपो में कटौती करते हुए इसे 4 प्रतिशत की एतिहासिक निचले स्तर पर ला दिया है। इसे देखते हुए 7.75 प्रतिशत की ब्याज दर वाले इन बॉंड पर लागत ऊंची बैठ सकती है।
गुरुवार, 28 मई 2020
मजबूत सरकार है कोई चिंता नहीं
मुम्बई/महाराष्ट्र। कोरोना के संक्रमण काल में महाराष्ट्र सकरार के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। राष्ट्रपति शासन की आशंकाओं के बीच महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ खेमा अपनी सरकार बचाने को लेकर आपसी जद्दोजहद में जुटा है। शासक दल जहाँ सरकार बचाने को लेकर खींचतान में जुआ है तो दूसरी ओर बीजेपी की तरफ से राष्ट्रपति शासन लागू करने की अपील की जा रही है। महाराष्ट्र सरकार पर संकट के अटकलोंं के बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिले हैं। राजनीतिक गलियारों में मातोश्री में हुए इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि शरद पवार मातोश्री तब भी नहीं गए थे, जब महाराष्ट्र मेें महाविकास अघाड़ी सरकार बनने वाली थी। पिछले छह महीनों में जब से महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की सरकार बनी है, तब से शरद पवार और उद्धव ठाकरे की मुलाकात या तो किसी पाँंच सितारा होटल या वर्षा बंगले, सहयाद्री गेस्ट हाउस, शिवाजी पार्क स्थित पूर्व मेयर बंगले में ही हुई। खास मौकों पर तो खुद सीएम उद्धव ठाकरे शरद पवार के घर गए, लेकिन शरद पवार हमेशा से मातोश्री जाने से बचते रहे हैं। ऐसे में अचानक मातोश्री में हुई बैठक के बारे में काफी कुछ अंदाजा लगाया जा रहा है। राजनीतिक इस बैठक ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। महाराष्ट्र की राजनीति पर करीब से नजर रखने वालों का मानना है कि, यह बैठक कई मायनों में महत्वपूर्ण है। उनका कहना है कि हो सकता है सरकार पर कुछ संकट के बादल मंडरा रहे हों, जबकि कुछ लोगों का कहना है कि ये मुलाकात राज्य में कोरोना की गंभीर स्थिति को लेकर हुई है। अब देखना होगा कि मातोश्री में दोनों नेताओं के बीच हुए इस बैठक का परिणाम क्या होता है? गौरतलब हो कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने सूबे के राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी से भी शिष्टाचार मुलाकात की है। इस मुलाकात के बाद से ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की गठबंधन सरकार पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। इसी कारण से शरद पवार राज्यपाल से मिले हैं। सरकार मजबूत है - संजय राउत सीएम उद्धव और एनसीपी प्रमुख शरद पवार के बीच मातोश्री में हुई मुलाकात के बारे में शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने बताया कि, शरद पवार और उद्धव ठाकरे के बीच कल मुलाकात हुई है, लेकिन महाराष्ट्र सरकार पर किसी भी तरह का कोई संकट नहीं है। अपने ट्वीट में संजय राउत ने लिखा कि, शरद पवार और उद्धव ठाकरे ने कल शाम मातोश्री में मुलाकात की, दोनों नेताओं ने करीब डेढ़ घंटे तक एक दूसरे से बातचीत की। इसी के साथ संजय राउत ने व्यंग्य कसते हुए लिखा कि, अगर कोई महाराष्ट्र सरकार की स्थिरता को लेकर झूठी खबरें फैला रहा है, तो इसे लोगों का पेट का दर्द माना जाना चाहिए। सरकार मजबूत है, कोई चिंता नहीं। |
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'गांधी' परिवार का नाम अमिट रहेगा
भिलाईनगर। देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की पुण्यतिथि के अवसर पर पूर्व राज्यमंत्री बी.डी.कुरैशी ने नेहरू नगर चौक व सेक्टर 9 अस्पताल पहुंँच कर आदमकाद प्रतिमा में माल्यार्पण कर मिनट का मौन रख श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि, आज देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के बदौलत ही बीएसपी प्लांट यहाँं स्थापित है। बीएसपी में लगभग 75 हजार परिवार का जो योगदान है। नेहरू परिवार की देन हैं देश की आजादी से लेकर आर्थिक आजादी के लिए पंडित जवाहरलाल नेहरू, श्रीमती इंदिरा गांँधी, स्व. राजीव गाँंधी का जो योगदान है। जब तक ये दुनिया कायम है तब तक नेहरू परिवार अमिट रहेगा। इस अवसर पर श्रद्धांजलि देने वालो में प्रमुख रूप से सेक्टर 10 की पार्षद सुभद्रा सिंग, अफरोज खान, मोहम्मद मंसूर, शमीम अख्तर, प्रमोद सिंह, रोहन सिंग, सहित अन्य कार्यकर्ता सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए इस कार्यक्रम को सफल बनाया गया।
कोरोना वारियर्स को 21000 का सहयोग
गोलू कैवर्त
बलौदाबाजार। डॉ भरत नामदेव एवं श्रीमती कंचन नामदेव ने अपने परिवार की तरफ से कोरोना वायरस के खिलाफ लडाई में अपना सहयोग प्रदान करते हुए जिला रेड क्रॉस सोसायटी बलौदाबाजार भाटापारा को 21 हज़ार रुपये राशि का सहयोग प्रदान किया। उन्होंने आज जिला रेडक्रॉस सोसायटी के अध्यक्ष एवं कलेक्टर कार्तिकेय गोयल को यह चेक प्रदान किया। श्री गोयल ने नामदेव दम्पति के इस सहयोग के प्रति गहरी आभार व्यक्त किया। कहा आप सभी का इस तरह सहयोग करने से निश्चित ही कोरोना के प्रति लडाई आसान बनेगा। डॉ भरत नामदेव जो कि पेशे से डॉक्टर रहे है।
उनके द्वारा चिकित्सा विभाग के स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा हेतु आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सहायता राशि दान की गई है। इस अवसर पर प्रशिक्षु आईएएस नम्रता जैन,मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ खेमराज सोनवानी, जिला कोविड नोडल अधिकारी डॉ राकेश प्रेमी, उपसंचालक समाज कल्याण श्रीमती आशा शुक्ला उपस्थित थे।
नियंत्रण पाने के लिए तत्परता जरूरी
अम्बिकापुर। टिड्डी दल किसानों के सबसे प्राचीन शुत्र हैं। वे मध्यम से बड़ी आकार के टिड्डे होते हैं। जब वे अकेले होते हैं और साधारण टिड्डों की तरह व्यवहार करते हैं तब उन्हें एकाकी अवस्था में जाना जाता है। भीड़-भाड़ की सामुहिक स्थितियों में वे साथ-साथ समूह बनाकर रहते हैं और चिरस्थायी तथा सम्बद्ध वयस्क टिड्डियों का झुंड बनाते हैं। यह तब होता है जब वह यूथचारी रूप में रहते हुए समूहशीलता या सामूहिक जीवन की अवस्था में पाए जाते हैं। इसके बाद वाली अवस्था में वे फसलों और अन्य पेड़-पौधों को भारी नुकसान पहुंचाते हैं। भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के टिड्डी चेतावनी संगठन ने टिड्डी के संबंध में सतर्कता बरतने के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए हैं। दिशा निर्देश में कहा गया है कि अगर आस-पास टिड्डी दल दिखें या उनके बारे में कुछ खबर मिले तो निकटतम टिड्डी कार्यालय, पुलिस थाना, राजस्व कार्यालय, ग्राम पंचायत, विद्यालय, डाक घर या कोई भी शासकीय कार्यालय को सूचित करें।
टिड्डी के जीवन-चक्र अण्ड़ा, शिशु टिड्डी तथा वयस्क के रूप में तीन अवस्थाएं होती हैं। टिड्डियों का झुण्ड दिन के दौरान उड़ता रहता है और शाम होन पर पेड़ों पर, झाडियों में, फसलों इत्यादि में बसेरा करता है और वहां रात गुजारता है। फिर वे सुबह होने पर सूरज उगने के बाद अपने बसेरे के स्थान से उठकर उड़ना शुरू कर देते हैं। अ्परिपक्व वयस्क टिड्डी दल गुलाबी रंग के होते हैं धीरे-धीरे वे धुंधले सलेटी अथवा भूरापन लिए हुए लाल रंग के हो जाते हैं। परिपक्वता की स्थिति में पहुंचने पर वे पीले हो जाते हैं। शिशु-टिड्डी झुण्ड़ों के रूप में चल में चलती है। पीली अथवा नारंगी शरीर-पृष्टिका लिए हुए उनकी आकृति गहरी काली होती है।
आने वाले टिड्डी दल दो रंग के होते है गुलाबी और पीला। पीले रंग की टिड्डी ही अंडे देने में सक्षम होती है, इसके लिए पीले रंग के टिड्डी दल के पड़ाव डालने पर पूरा ध्यान रखने की आवश्यकता है, क्योंकि पड़ाव डालने के बाद टिड्डियां किसी भी समय अण्डे देने शुरू कर देती हैं। अण्डे देते समय दल का पड़ाव उसी स्थान पर 3-4 दिन तक रहता है और दल उड़ता नहीं है। इसी स्थिति का पूरा लाभ टिड्डी नियन्त्रण करने में उठाना चाहिये। गुलाबी रंग की टिड्डियों के दल का पड़ाव अधिक समय नहीं होता इसलिए इनके नियंत्रण हेतु तत्परता बहुत जरूरी है।
प्रवासियों को रिसीव करेंगे श्रम मंत्री
रांची में जब ये फ्लाइट लैंड करेगी तो खुद श्रम मंत्री एयरपोर्ट पर रहेंगे मौजूद
रांची। झारखंड सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए दुसरे राज्य में फंसे अपने राज्य के मजदूरों के लिए फ्लाइट का इंतजाम किया है।इतिहास में यह पहली बार होगा जब मजदुर फ्लाईट में सफ़र करेंगे।
एक फ्लाइट रांची के लिए रवाना
मुंबई में मजदूरों को लेकर एक फ्लाइट रांची के लिए रवाना हुई है. एनजीओ की मदद से 177 मजदूरों को एयरपोर्ट तक पहुंचाया गया। रांची में जब ये फ्लाइट लैंड करेगी तो खुद श्रम मंत्री एयरपोर्ट पर मौजूद रहेंगे। मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सुबह 2 बजे ही 177 प्रवासी मजदूरों की लाइन लग गई।यह मजदूर सुबह 6 बजे एयर एशिया की फ्लाइट में उड़ान भरने पहुंचे। बैंगलोर लॉ स्कूल एलुमनाई एसोसिएशन की प्रियंका रमन सुनिश्चित कर रही थीं कि हर कोई हवाई अड्डे तक पहुंच गया या नहीं। इस लॉ स्कूल के पूर्व छात्रों के संघ ने कुछ एनजीओ के साथ मिलकर न केवल मुंबई के विभिन्न हिस्सों से प्रवासियों को इकट्ठा किया बल्कि उनके हवाई टिकट की भी व्यवस्था की।प्रियंका रमन का कहना है कि हम जानते थे कि रांची के कई प्रवासी हैं, जो वापस जाना चाहते थे, इसलिए हमने कोशिश की और वापस भेजने का फैसला किया।
एलुमनाई के पूर्व छात्रों ने फंडिंग का आयोजन किया
प्रियंका कहती हैं कि हमने ऐसे प्रदेश के मजदूरों को वापस भेजने का फैसला किया था, जहां परिवहन संपर्क खराब हो। अंत में हमने फैसला किया कि हम झारखंड के लोगों को वापस भेजेंगे। इसके लिए एलुमनाई के पूर्व छात्रों ने फंडिंग का आयोजन किया, जिसमें सभी प्रवासियों के लिए टिकट, हवाई अड्डा शुल्क और परिवहन शुल्क शामिल थे।
बड़ी संख्या में मजदूर आज हवाई जहाज से झारखंड लौट रहे हैं। इन मजदूरों की खुशी साफ दिखाई दे रही है।घर जा रहीं मंजू देवी का कहना है कि हम इसलिए वापस जा रहे हैं, क्योंकि यहां फिर से काम शुरू होने की कोई गारंटी नहीं है। हम अब वापस नहीं लौटेंगे।हमने पिछले दो महीनों से यहां बहुत सारी समस्याओं का सामना किया। मंजू का पति विरार में एक ड्राइवर था।पिछले दो महीनों से उन कठिनाइयों को याद करते हुए मंजू कहती हैं कि बहुत कम खाना था और छोटे बच्चों के साथ इसका प्रबंधन करना मुश्किल था। वह कहती हैं कि झारखंड में घर चलाना मुश्किल होगा, लेकिन कम से कम वे घर पर ही होंगे। प्रवासियों को घर भेजने की मुहिम का हिस्सा प्रिया शर्मा का कहना है कि हम जानते हैं कि रांची के लिए कई ट्रेनें नहीं थीं, इसलिए हम मुंबई और पुणे में फंसे प्रवासियों की तलाश कर रहे थे। उन्होंने कहा कि फ्लाइट के लिए प्रवासियों को राजी करना आसान नहीं था, क्योंकि हाल के दिनों में कई लोगों को कंफ्यूज किया गया था। एक्टिविस्ट और पूर्व छात्रों के समूह का कहना है कि अगर उन्हें अन्य राज्य सरकारों से समर्थन मिलता है तो वे राज्यों में अधिक प्रवासी श्रमिकों को भेजने के लिए तैयार होंगे।
खुशी की बात
झारखंड सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि यह खुशी की बात है कि प्लेन से झारखंड के मजदूर अपने राज्य लौट रहे है। अंडमान में फंसे लोगों को लाने के लिए दो और फ्लाइट जल्द ही रांची में लैंड करेगी।उनका कहना है कि फ्लाइट का किराया राज्य सरकार ही वहन कर रही है।
इकोनामिक के संकुचन की आशंका बढ़ी
कोरोना वायरस महामारी फैलने के बाद FSDC की यह पहली बैठक
नई दिल्ली।कोविड-19 के वित्तीय क्षेत्र और अर्थव्यवस्था पर हुए असर सहित अन्य विषयों पर चर्चा करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज गुरूवार को फाइनेंशियल स्टैबिलिटी एंड डेवलपमेंट काउंसिल की बैठक बुलाई है।
कोरोना वायरस महामारी फैलने के बाद FSDC की यह पहली बैठक होगी। इस परिषद में रिजर्व बैंक के गवर्नर और वित्तीय क्षेत्र के अन्य नियामक शामिल होते हैं। सूत्रों ने बताया कि वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए होने वाली इस बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब कोविड-19 संकट की वजह से चालू वित्त वर्ष में देश की इकोनॉमी में संकुचन की आशंका पैदा हो गई है। नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में FSDC की यह तीसरी बैठक होगी।
आरबीआइ गवर्नर के अलावा सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया, इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी के चेयरपर्सन FSDC के सदस्य हैं। वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी इस बैठक में हिस्सा लेंगे।इस बैठक में 12 मई को सरकार की ओर से घोषित करीब 21 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज के विभिन्न आयामों पर चर्चा होने की संभावना है। सरकार ने कोरोना वायरस को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन की वजह से पैदा हुए आर्थिक संकट के इस वक्त में देश के विभिन्न सेक्टर्स की मदद के लिए इस पैकेज की घोषणा की है।
सूत्रों के मुताबिक फरवरी से अब तक आरबीआई द्वारा इकोनॉमी को मजबूती देने के लिए घोषित विभिन्न उपायों एवं उनके असर के बारे में FSDC की बैठक में चर्चा होगी। आरबीआइ ने पिछले सप्ताह कहा था कि कोविड-19 का असर अनुमान से ज्यादा गंभीर देखने को मिला है और चालू वित्त वर्ष में देश की इकोनॉमी में संकुचन देखने को मिल सकता है।
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