शुक्रवार, 15 मई 2020

पंजाब में बुजुर्ग की मौत, पत्नी घायल

चंडीगढ़। पंजाब में अज्ञात व्यक्तियों ने घर में घुसकर पर एक बुजुर्ग व्यक्ति और उनकी पत्नी पर रॉड से हमला कर दिया जिसमें बुजुर्ग व्यक्ति की मौत हो गई जबकि उनकी पत्नी घायल हो गई। पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। सदर थाना प्रभारी अमरजीत सिंह ने मृतक की पहचान महंत-मेहली फगवाड़ा बाईपास रोड के साथ गुरु नानक नगर निवासी 70 वर्षीय कश्मीर सिंह के रूप में की। उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार को हमलावरों ने वृद्ध के सिर पर रॉड से हमला किया, जिससे उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया। उनकी 60 वर्षीय पत्नी सुपीता को हल्की चोटें आईं। हत्या के पीछे का मकसद पता नहीं चल पाया है। शव को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल भेज दिया गया है। एसएचओ ने कहा कि हमलावरों के खिलाफ भादसं की धारा 302 (हत्या) सहित कई अन्य प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।


शराब की कीमत पर 'विशेष कोरोना शुल्क'

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में सभी ब्रांडों की शराब की कीमत पर 70 फीसदी ‘विशेष कोरोना शुल्क’ वसूलने को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर दिल्ली सरकार से अपना पक्ष रखने को कहा है। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की एक पीठ ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी करते हुए इस पर 29 मई तक प्रतिक्रिया देने को कहा है। याचिकाकर्ताओं ने चार मई को विशेष शुल्क वसूलने संबंधी जारी अधिसूचना को खारिज करने की मांग की है। याचिकाकर्ताओं में से एक ललित वेल्चा ने बताया कि नोटिस जारी करते हुए अदालत ने कहा कि वह दिल्ली सरकार के जवाब का इंतजार करेंगे और फिलहाल के लिए इस पर अंतरिम स्थगन लगाने से इनकार कर दिया। दिल्ली सरकार के स्थायी वकील रमेश सिंह ने प्रशासन की तरफ से नोटिस स्वीकार कर लिया और अतिरिक्त वसूली को वैध ठहराने का संकेत देते हुए कहा कि इस संबंध में विस्तृत जवाब दायर किया जाएगा। दिल्ली सरकार ने तीन मई को 150 सरकारी शराब दुकानों को खोले जाने को मंजूरी दी थी लेकिन उसके एक दिन बाद ही सरकार ने शराब पर ‘विशेष कोरोना शुल्क’ लगा दिया ।


वायरस से निपटने के लिए किया 'गठन'

मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए सरकारी और निजी अस्पतालों के बीच बेहतर समन्वय के लिए राज्य और जिला स्तर पर दो समितियों का गठन किया है। सरकार के अनुसार भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) के प्रतिनिधियों और महाराष्ट्र के मुख्य सचिव अजय मेहता के बीच एक बैठक के बाद गुरुवार को समन्वय पैनल गठित करने का निर्णय लिया गया। 14 मई को जारी एक सरकारी प्रस्ताव (जीआर) में कहा गया कि समितियां महामारी को नियंत्रित करने के लिए उठाए जा रहे कदमों और चिकित्सा दिशा-निर्देश संबंधी सभी जानकारियों को उपलब्ध कराए जाने संबंधी सरकार के सभी फैसलों को क्रियान्वित करने का काम करेंगी। पैनल यह भी जांच करेंगे कि निजी अस्पतालों में चिकित्साकर्मियों को पीपीई किट, दस्ताने और मास्क उपलब्ध कराए जाते हैं या नहीं। जीआर में कहा गया कि समितियां यह सुनिश्चित करने के लिए भी कदम उठाएंगी कि चिकित्सा कर्मियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जाए और उनके साथ सम्मान के साथ व्यवहार किया जाए। 14 मई तक, महाराष्ट्र में कोविड-19 के 27,524 मामले हो चुके हैं।


विधायक सहित 10 लोगों की हत्या, अरेस्ट

ईटानगर। अरुणाचल प्रदेश में एक पूर्व विधायक और 10 अन्य लोगों की हत्या के सिलसिले में वांछित एनएससीएन (आईएम) के एक उग्रवादी को लोंगडिंग जिले में सुरक्षा बलों ने गिरफ्तार किया। रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल सुमित कुमार शर्मा ने बताया जिला पुलिस के साथ एक संयुक्त अभियान में भारतीय सेना के जवानों ने स्वघोषित 'सार्जेंट मेजर' पुमान वांगसु नामक उग्रवादी को जिले के लोंगफोंग गांव के पास एक जंगल से पकड़ा। एक विशिष्ट खुफिया सूचना के आधार पर संयुक्त टीम ने गांव के करीब स्थित जंगल में एक अभियान शुरू किया। प्रवक्ता ने बताया कि पिछले मंगलवार को तलाशी अभियान के दौरान सैनिकों ने उग्रवादी को पकड़ा, जब वह वहां से भागने की कोशिश कर रहा था। प्रवक्ता ने बताया कि गिरफ्तार किए गए उग्रवादी को आगे की जांच के लिए लोंगडिंग पुलिस स्टेशन को सौंप दिया गया। एक अन्य मामले में सुरक्षा बलों ने पिछले 12 मई को अरुणाचल प्रदेश के चांगलांग जिले से नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालिम (खापलांग-कितोवी) के स्व-घोषित कॉर्पोरल को गिरफ्तार किया था। प्रवक्ता ने बताया कि तोनलांग पंगथा नामक उग्रवादी को असम राइफल्स और चांगलांग जिला पुलिस की एक संयुक्त अभियान के दौरान सांखा हावी के पास गिरफ्तार किया गया था।


इंफालः एक मरीज संक्रमित, क्षेत्र सील

इंफाल। मणिपुर के पूर्वी इम्फाल जिले में एक सामुदायिक पृथक केंद्र को वहां रह रहे मरीज के कोविड-19 से संक्रमित पाए जाने के बाद सील कर दिया गया है। पूर्वी इम्फाल की उपायुक्त रंगीताबाली वाइकहोम ने कहा कि निर्देशित पृथक केंद्र जामिया गलीना अजीज बालिका विद्यालय को मणिपुर महामारी बीमारी कोविड-19 नियमन 2020 के तहत ‘‘निरुद्ध क्षेत्र’’ और इमारत को “पूरी तरह सील” घोषित किया गया है। उपायुक्त द्वारा जारी आदेश में कहा गया, “उक्त इमारत को पूरी तरह सील कर दिया गया है और किसी भी नियंत्रण कार्य का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति/ संस्थान/ संगठन को लेकर माना जाएगा कि उसने भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत दंडनीय अपराध किया है।” इसमें कहा गया कि लोगों का इमारत में प्रवेश प्रतिबंधित है। केंद्र में पृथक-वास में रखा गया 31 साल का युवक 13 मई से यहां रह रहा था और बृहस्पतिवार को कोविड-19 की जांच में संक्रमित पाया गया।


बंगाल नागरिकों की वापसी का इच्छुक

कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार ने शुक्रवार को कहा कि उसने केन्द्र सरकार को बहुत पहले ही यह जानकारी दे दी थी कि उसने खाड़ी समेत दूसरे देशों में फंसे अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए इंतजाम कर लिए हैं। विदेशों से किसी भी विशेष विमान के पश्चिम बंगाल नहीं आने को लेकर केन्द्र द्वारा लगाए गए आरोपों के एक दिन बाद यह बयान आया है। राज्य के गृह विभाग ने ट्वीट किया ‘‘ पश्चिम बंगाल राज्य सरकार विभिन्न देशों में फंसे हमारे लोगों को वापस लाने को इच्छुक है और काफी समय पहले भारत सरकार को इसकी जानकारी दी गई थी। इसके साथ वापस आने वाले लोगों को पृथक रखने के इंतजाम की भी जानकारी दी थी। पत्र संलग्न है। बंगाल विमानों का इंतजार कर रहा है।’’ पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने बृहस्पतिवार रात कहा था कि केन्द्र ने विदेशों से आ रहे विमानों के बंटवारे को लेकर भेदभाव किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव पार्थ चटर्जी के इस आरोप के जवाब में कहा था कि वह राज्यों के बीच भेदभाव नहीं करता है और केन्द्र का वंदे भारत मिशन सभी फंसे हुए भारतीयों के लिए है। सरकार ने कोरोना वायरस पाबंदियों के चलते विभिन्न देशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए सात मई को वंदे भारत मिशन शुरू किया था।


जमातियों को रिहा करने का फैसला

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय को शुक्रवार को सूचित किया गया कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने तबलीगी जमात के उन सदस्यों को रिहा करने का फैसला किया है जिन्होंने आवश्यक पृथक-वास अवधि पूरी कर ली है और जिनमें कोरोना वायरस के लक्षण नहीं हैं। एक याचिका पर सुनवाई के दौरान यह हलफनामा दिया गया। याचिका में मांग की गई थी कि तबलीगी जमात के करीब 3300 सदस्यों को रिहा किया जाए जिन्हें करीब 40 दिनों से अलग-अलग पृथक-वास केंद्रों में रखा गया है और कोविड-19 की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बावजूद उन्हें छुट्टी नहीं दी जा रही है। मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल और न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर की पीठ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई की। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि वे याचिका को वापस लेना चाहते हैं क्योंकि दिल्ली सरकार ने तबलीगी जमात के ऐसे सदस्यों को रिहा करने का निर्णय कर लिया है जिनमें कोविड-19 के लक्षण नहीं हैं।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण  1. अंक-374, (वर्ष-11) पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254 2. शुक्रवार, दिसंबर 27, 2024 3. शक-1945, पौष, कृष्ण-पक्ष, त...