गुरुवार, 14 मई 2020

चक्की वाले नहीं आ रहें 'कारनामों से बाज'

अतुल त्यागी, प्रवीण कुमार 


कोरोना वायरस को लेकर लोग अपने घरों में कैद हैं लॉक डाउन का सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन कर रहे हैं लेकिन आटा चक्की वाले अपने कारनामों से बाज नहीं आ रहे हैं।


हापुड़। जनपद हापुड़ के पिलखुवा कोतवाली क्षेत्र के गांव गालंद में लोग उस वक्त आश्चर्यचकित रह गए जब सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो गया वीडियो वायरल ने आटा चक्की वाले की करतूतों का किया पर्दाफाश जिसे देखकर लोग रह गए दंग।


ग्रामीण आटा चक्की पर अपना विश्वास लेकर आटा पीसवाने के लिए अपने गेहूं रख कर आते हैं लेकिन आटा चक्की वाला लोगों का विश्वासघात कर रहा है सस्ते रेट में सूखी रोटी लेकर लोगों के आटे में पीस कर दे रहा है जिसका सोशल मीडिया पर वीडियो बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है स्थानीय प्रशासन को लेना चाहिए बड़ा एक्शन अगर आटा खाने से लोग बीमार हो गए तो आखिर उसका जिम्मेदार कौन होगा।


बारिश आने से सोसाइटी में हुआ बचाव

अतुल त्यागी, प्रवीण कुमार 


उत्तर प्रदेश के जनपद हापुड़ गढ़मुक्तेश्वर में नेशनल हाईवे 9 पर अचानक बारिश आने से सोसाइटी में अपना बचाव करते


हापुड़। लॉक डाउन 3 के चलते  प्रवासी मजदूर बेबस होकर अपने घरों को जाते लॉक डाउन के चलते सारी सीमाएं लांग ते हुए जनपद हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर पहुंचे जब उन्हों से बात की गई तो उन्होंने बताया हम लोगों के पास खाने को पैसा नहीं है मकान मालिक मकानों का किराया मांग रहे हैं जब खाने को पैसा नहीं है तो किराया कहां से हम दे पैरों में छाले खाने के लाले हम तो मजदूर लोग हैं मजदूरी करने के लिए अपना पेट पालने के लिए अन्य शहरों अन्य राज्यों में अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए आए थे हमें क्या पता था कोरोना महामारी आएगी और सब को घरों में कैद कर देगी हम तो भूखे प्यासे हैं कोरोना से डर नहीं लगता बस भूख से डर लगता है एक टाइम का खाना चलते रास्ते में कहीं ना कहीं कोई समाजसेवी दे देता है तो दूसरे टाइम की चिंता सताने लगती है।


13 को भूमि के पास से गुजरेगा 'धूमकेतु'

नई दिल्ली। अंतरिक्ष के कई ऐसे रहस्य हैं जिनसे अब भी पर्दा नहीं उठा है। लेकिन, कई बार लोगों को बेहद हैरतअंगेज नजारे देखने भी अंतरिक्ष में देखने को मिलते हैं। बुधवार को भी एक ऐसा ही नजारा देखने को मिलेगा। 13 मई को धरती पर आसमानी आतिशबाजी का नजारा देखने को मिल सकता है। ये बेहद खूबसूरत नजारा होगा जब आसमान से चमकते हुए धूमकेतु धरती के पास से निकलेंगे। इन्हें आप बिना किसी दूरबीन के खुली आंखों से देख सकते हैं।


गौरतलब है कि मई के महीने में ऐसा दो बार होने वाला है। एक धूमकेतु 13 मई को धरती से करीब 8.33 करोड़ किलोमीटर दूर से गुजरेगा। इसका नाम है कॉमेट स्वान फिलहाल ये धरती से करीब 8.50 करोड़ किलोमीटर दूर है। यह काफी तेजी से धरती की तरफ आ रहा है। इसके बाद 23 मई को कॉमेट एटलस धरती के पास से गुजरेगा।



खगोलविद् ने लगाया था पता: 13 मई को दिखने वाले कॉमेट यानी धूमकेतु स्वान के बारे में करीब एक महीने पहले 11 अप्रैल को एक नौसिखिये खगोलविद माइकल मैटियाज्जो ने पता लगाया था। वह नासा के सोलर एंड हेलियोस्फेयरिक ऑब्जरवेटरी से आंकड़े देख रहा था। तभी उसे सोहो सोलर विंड एनिसोट्रॉपिस इंस्ट्रूमेंट में इसकी तस्वीर दिखाई दी। फिर इसका नाम स्वान रख दिया गया। स्वान इंस्ट्रूमेंट का उपयोग सौर मंडल में हाइड्रोजन का पता लगाने के लिए किया जाता है। लेकिन, इसकी मदद से माइकल ने स्वान धूमकेतु का पता लगा लिया। अब यह धूमकेतु 13 मई को धरती के पास से निकलेगा। इस कॉमेट का एक ट्विटर हैंडल भी है।


यहां से दिखेगा अतिशबाजी वाला धूमकेतु: धूमकेतु स्वान सिर्फ उन लोगों को दिखाई देगा जो भूमध्य रेखा के दक्षिण में रहते होंगे। दुख की बात ये है कि भारत भूमध्य रेखा के उत्तर में है, इसलिए यहां के लोगों को खुली आंखों से ये धूमकेतु संभवतः देखने को न मिले। भारत के लोग इसे दूरबीन से इसे देख सकते हैं। यह पाइसेज कॉन्स्टीलेशन (मीन नक्षत्र) की तरफ से तेजी से आ रहा है। यह आपको हरे रंग में काफी तेजी से चमकता हुआ दिखाई देगा। इसके बाद, 23 मई को एक और धूमकेतु धरती के बगल से निकलेगा।


नाम है कॉमेट एटलस: इसे कॉमेट सी/2019 वाई4 एटलस भी बुलाते हैं। अभी तक इसकी दूरी का अंदाजा नहीं लग पाया है। कॉमेट एटलस की खोज 28 दिसंबर 2019 को हुई थी। उस समय इसकी चमक काफी धीमी थी। लेकिन अभी यह काफी तेजी से चमक रहा है। एटलस का नाम अमेरिका के हवाई द्वीप पर लगे एस्टेरॉयड टेरेस्ट्रियल इंपैक्ट लास्ट अलर्ट सिस्टम (एटलस) पर रखा गया है। इसका भी अपना ट्विटर हैंडल है। अब यह पता नहीं है कि एटलस पृथ्वी के बगल से किस समय निकलेगा, लेकिन जल्द ही वैज्ञानिक इसकी गति और धरती के बगल से गुजरने का समय पता कर लेंगे। ये भारत से नंगी आंखों से दिखाई देगा। ऐसी संभावना वैज्ञानिकों ने जताई है।


बॉक्स में क्या है धूमकेतु का रहस्य: धूमकेतु जमे हुए गैस, पत्थर और धूल से बनी हुई कॉस्मिक गेंद हैं, जो सूर्य के चारों ओर परिक्रमा कर रही हैं। जब वे जमे हुए होते हैं, तो उनका आकार एक छोटे से सूर्य जैसा होता है। परिक्रमा करते हुए जब ये सूर्य के निकट आ जाते हैं तो बहुत गर्म हो जाते हैं और गैस व धूल का वमन करते हैं जिसके कारण विशालकाय चमकती हुई पिंड का निर्माण हो जाता है जो कभी कभी ग्रहों से भी बड़े आकार के होते हैं ।


नासा के अनुसार अभी तक 3526 धूमकेतु पहचाने जा चुके हैं। धूमकेतु को बर्फ का मिश्रण भी माना जाता है क्योंकि ये जमे हुए गैस और पानी से मिलकर बने हुए रहते हैं। 1995 तक 878 धूमकेतुओं को सूचीबद्ध किया गया है और उनकी कक्षाओं की गणना की जा चुकी है। इनमें से 184 धूमकेतु का परिक्रमा काल 200 वर्षों से कम है। धूमकेतु का अंतरिक्ष विज्ञान में बहुत महत्व है क्योंकि उसके अध्ययन से अंतरिक्ष के बारे में कई अनोखी जानकारियां मिलती हैं।


धरती के पास से गुजरेगे कई 'ऐस्टाइरॉइड'

नई दिल्ली। अंतरिक्ष में चक्‍कर लगा रही हमारी पृथ्‍वी के बेहद पास से इस महीने कई खतरनाक ऐस्‍टरॉइड गुजरेंगे। इन सभी ऐस्‍टरॉइड में सबसे खतरनाक अपोलो श्रेणी का ऐस्‍टाइरॉइड 1997 BQ है। यह ऐस्‍टाइरॉइड अंतरिक्ष के सबसे बड़े और खतरनाक ऐस्‍टरॉइड में शामिल किया जाता है जिससे दुनियाभर के वैज्ञानिकों की सांसें फूली हुई हैं। अमेरिकी अंतर‍िक्ष एजेंसी नासा के मुताबिक यह ऐस्‍टरॉइड बहुत तेजी से धरती की ओर बढ़ रहा है और 21 जून पृथ्‍वी की कक्षा से गुजरेगा।


राजदूत अली-सती ने पीएम से की मुलाकात

सऊदी अरब के कूटनीतिक प्रयास


रियाद/ नई दिल्ली। सऊदी अरब के उप-रक्षा मंत्री अदेल अल-ज़ुबैर शहज़ादा सलमान का संदेश लेकर इस्लामाबाद गए। उसी समय भारत में सऊदी अरब के राजदूत डॉक्टर सऊद मोहम्मद अल-सती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात की।


पुलवामा हमले से पहले ही मोदी सरकार ने सऊदी सरकार को बहुत तवज्जो देना शुरू कर दिया था। इस दौरान शहज़ादा सलमान और प्रधानमंत्री मोदी का निजी 'इक्वेशन' भी काफ़ी मज़बूत हो गया था।


सऊदी अरब ने पाकिस्तान के चरमपंथ पर रवैये के खिलाफ़ कड़ा रुख़ अपनाना शुरू कर दिया था। जब पुलवामा हुआ था तो सऊदी सरकार ने पाकिस्तान का साथ देने के बजाए आतंकवाद के ख़िलाफ़ एक कड़ा वक्तव्य जारी किया था।


सामरिक मामलों के जानकार हर्ष पंत बताते हैं, ''सऊदी अरब नहीं चाहता था कि ये मामला इतना तूल पकड़े कि उसे सार्वजनिक रूप से भारत या पाकिस्तान में से किसी एक पक्ष का समर्थन करना पड़े। चूँकि सामरिक मामलों पर बहुत पहले से पाकिस्तान और सऊदी अरब की आपसी समझ एक दूसरे के बहुत क़रीब है, सऊदी अरब ने 'बैक चैनल' से ये कोशिश की कि पाकिस्तान इसे और आगे न ले जाए।


उसने भारत से भी बात की और जब उसे भारत से संकेत मिल गया कि कोई बीच का रास्ता निकल जाने पर उसे कोई आपत्ति नहीं है तो उसने पाकिस्तान से संपर्क किया। उसने पाकिस्तान को साफ़ कर दिया कि अगर उसने तनाव को कम करने की कोशिश नहीं की तो वो पाकिस्तान के साथ खड़े होने की हालत में नहीं होगा।


सेना पर हमले रोकने के लिए कार्रवाईः पाक

पाकिस्तान ने ईरान से कहा है कि वो पाकिस्तानी सेना पर चरमपंथी हमले रोकने के लिए उचित कार्रवाई करे।


इस्लामाबाद/ तेहरान। पाकिस्तान का आरोप है कि अलगाववादी बलूच लिबरेशन ऑर्मी चरमपंथी हमलों को अंजाम देने के लिए ईरान की ज़मीन का इस्तेमाल करती है। इसी संबंध में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल क़मर बाजवा ने ईरानी सेना प्रमुख मेजर जनरल मोहम्मद बक़ेरी से बात की और कहा कि पाकिस्तान अपने पड़ोसी देशों के साथ रिश्ते में परस्पर सम्मान और बराबरी के साथ ये भी चाहता है कि कोई दखलंदाज़ी न हो।


हाल के दिनों में ये दूसरा मामला है जब दोनों देशों के रिश्तों में किसी मुद्दे को लेकर खटास पैदा हुई है। पिछले दिनों पाकिस्तान ने आरोप लगाया था कि उसकी आपत्ति के बावजूद कोरोना के दौर में ईरान ने पाँच हज़ार लोगों को वापस पाकिस्तान भेज दिया। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने पाकिस्तान में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के लिए ईरान को ज़िम्मेदार ठहराया था।


ट्रंप ने दिया अभिनंदन की रिहाई का संकेत

ट्रंप ने सबसे पहले दिया अभिनंदन की रिहाई का संकेत


वाशिंगटन डीसी। भारत के राजनीतिक नेतृत्व ने ये आभास देने में कोई कसर नहीं रख छोड़ी कि इमरान ख़ाँ ने भारत के सख़्त रुख़ से डर कर ये क़दम उठाया है।


पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने पाँच मार्च को गोड्डा, झारखंड में एक चुनावी सभा में कहा, "उन्होंने हमारे पायलट को पकड़ा लेकिन मोदीजी की वजह से उन्हें उसे 48 घंटों के अंदर छोड़ना पड़ा। लेकिन अमित शाह की इस शेख़ी से पहले ही इस तरह के संकेत आने लगे थे कि अभिनंदन को छोड़ा जा रहा है।


28 फ़रवरी को ही उत्तर कोरिया के नेता किम जॉग उन से हनोई मिलने पहुंचे अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप से जब पत्रकारों ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बारे में सवाल पूछा तो उन्होंने जवाब दिया, ''मैं समझता हूँ कि जल्द ही आपको पाकिस्तान से एक अच्छी ख़बर सुनने को मिलेगी। हम लोग इस प्रकरण से जुड़े हुए हैं और जल्द ही इसका अंत हो जाएगा। कुछ घंटो बाद ही इमरान ख़ान ने अभिनंदन को छोड़ने का ऐलान किया।


न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जनपद के टाउन हॉल में मंगलवार को सामाजिक न्याय क्रांति मोर्चा ...