गुरुवार, 14 मई 2020

हॉटस्पॉट में जरूरतमंदों को राशन दिया

बदायूं शहर के कई नॉन हॉटस्पॉट मुहल्लों में जरूरतमंदों ,गरीबो व असहायो को तलाश कर राशन किट उनके घरों तक पहुंचाई गई
 
बदायूँ। बरोज बुधवार को पूर्व मंत्री आबिद रजा द्वारा गरीब ,बेसहारा व जरूरतमंदों की मदद के लिए संचालित “लॉकडाउन राहत सेंटर” से बदायूं शहर के कई नॉन हॉटस्पॉट मुहल्लों में जरूरतमंदों ,गरीबो व असहायो को तलाश कर राशन किट उनके घरों तक पहुंचाई गई


आज के इस राशन वितरण कार्य में रफीक अहमद फारुखी ,हबीब फारुखी, जावेद फारुखी ,शफीक फारुखी , नहीम उददीन फारुखी, रेहान फारुखी, जितेन्द्र कश्यप, राजपाल, रामप्रकाश आदि का विशेष योगदान रहा। आपको बता दे देश मे लगे लॉकडाउन के बाद से गरीब व असहाय लोगो की मदद के लिए आबिद रज़ा द्वारा बनाए गए “लॉकडाउन राहत सेंटर” से लगातार जरूरत मंदो की तलाश कर घर घर राहत सामग्री पहुचाने का कार्य पीआरओ सरताज खान व उनकी टीम द्वारा जारी है।


डीएम की जनता से सहयोग की अपील

कासगंज। कोरोना वैश्विक महामारी के चलते कासगंज जिलाधिकारी सी पी सिंह ने अपने शब्दों में कासगंज की जनता से सहयोग की अपील की और पिछले दिनों में कोरोना से लड़कर जो कष्ट सहे,लॉक डाउन का पूर्ण पालन किया हैं उसके लिए जनता का आभार व्यक्त किया। और कहा कि अगर आने वाले 20- 25 दिनों कष्ट और सह लिया तो निश्चित ही हम कोरोना पर विजय प्राप्त कर लेंगे।
जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि जो प्रवासी मजदूर बाहर से आरहे हैं । ये नहीं कहा जा सकता कि उनमें कोई कोरोना मरीज नहीं हो सकता इसलिए बाहर से आने वाले अगर आपके अपने सम्बन्धी हैं तो उन्हें कोरन्टीन में रखें ।जिससे आपकी आपके परिवार की सुरक्षा रहे और अगर कोई नही मानता है तो तत्काल पुलिस या कंट्रोल रूम को सूचित करें। घर में रहें सुरक्षित रहें । जिलाधिकारी सी पी सिंह ने जय हिंद ,जय भारत , कहते हुए अपनी वाणी को विराम दिया।


वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्रमोदी ने लॉक डाउन 4 के इस निर्णय के बाद और कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद कासगंज का प्रशासन पूर्णरूप से सतर्क नजर आया । जनपद में यह देखने को मिला कि शहर की आवागमन की सीमाएं बन्द कर दी गई हैं । जगह जगह प्रशासन ने सुरक्षा कर्मियों की तैनाती कर दी है और ये कोरोना योद्धा जनता की सुरक्षा में तत्पर हैं।बिना कार्य के किसी को भी नहीं निकलने दिया जा रहा है अगर जरूरी कार्य से कोई व्यक्ति निकलता है तो उसकी पूरी जानकारी ली जा रही है। बिना मास्क के कोई दिखायी देता है तो चेतावनी देकर वापस भेज दिया जाता है कि बिना मास्क के, बिना बजय, बिना किसी कार्य के नहीं निकलना है।लॉक डाउन का उलंघन करने वालों पर पूर्ण कार्यवाही की जा रही है। कुछ शर्तों के साथ ही सुबह -शाम कुछ समय के लिए ही कुछ छूट मिली है जो कि गृहस्थी के कुछ जरूरी सामान ही ले सकते हैं।
जनपद में जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक व अन्य अधिकारी गढ़ स्वयं जनता की सेवा में घूम रहे है और पूरे शहर का जायजा ले रहे हैं जिला प्रशासन की पूरे शहर पर कड़ी नजर है।


 मुकेश यादव की रिपोर्ट…


30 जून तक रेलवे की सभी बुकिंग रद्द

नई दिल्ली। भारतीय रेल ने सामान्य यात्री ट्रेनों में 30 जून तक की यात्रा के लिए बुक सभी टिकटों को रद्द कर दिया है, इसमें मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों और उपनगरीय सेवाएं भी शामिल हैं। सभी यात्रियों को पूरा किराया रिफंड कर दिया जाएगा। रेलवे ने गुरुवार को बयान में यह जानकारी दी। हालांकि, रेलवे ने कहा कि इस दौरान, प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए चलाई जा रहीं ‘श्रमिक’ ट्रेनें और नई दिल्ली तथा प्रमुख स्टेशनों के बीच चल रही 15 जोड़ी विशेष ट्रेनों का परिचालन जारी रहेगा। इससे पहले बुधवार को रेलवे ने स्पेशल ट्रेनों में 22 मई से वेटिंग टिकट की शुरुआत करने की घोषणा की थी। रेलवे बोर्ड ने बुधवार को न केवल अपनी वर्तमान विशेष ट्रेनों, बल्कि आगामी सभी ट्रेनों में यात्रा के लिए 22 मई से प्रतीक्षा सूची का प्रावधान शुरू करने संबंधी आदेश जारी किया। वर्तमान विशेष ट्रेनों में केवल कंफर्म टिकट बुक किये जा रहे हैं, वहीं 22 मई से शुरू हो रही यात्राओं के वास्ते 15 मई से टिकटों की बुकिंग में प्रतीक्षा सूची में टिकट बुक कराने का प्रावधान होगा। अब 1 AC में 20, एग्जीक्यूटिव क्लास में 20, 2AC में 50, 3AC में 100, AC चेयर कार में 100 और स्लिपर में 200 तक वेटिंग टिकट काटे जाएंगे। पीटीआई के मुताबिक, कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाये गये लॉकडाउन से पहले यात्रियों द्वारा बुक कराई गई 94 लाख टिकटों के रद्द होने पर भारतीय रेलवे को 1,490 करोड़ रुपये का नुकसान होगा।


रेलवे के शीर्ष अधिकारियों ने ‘पीटीआई’ को बताया कि 22 मार्च से 14 अप्रैल के बीच यात्रा के लिए बुक कराई गई 55 लाख टिकटों के लिए 830 करोड़ रुपये की राशि वापस की जाएगी। रेलवे ने 21 दिन के लॉकडाउन लागू होने से तीन दिन पहले 22 मार्च को अपनी यात्री ट्रेन सेवाओं को व्यापक पैमाने पर स्थगित कर दिया था। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन को 15 अप्रैल से बढ़ाकर तीन मई तक किए जाने के निर्णय के कारण बुक कराए गए 39 लाख टिकटों के लिए 660 करोड़ रुपये की राशि वापस की जायेगी।


रोडवेज की बस ने मजदूरों को कुचला

मुजफ्फरनगर। यूपी के मुजफ्फरनगर से गुरुवार सुबह सुबह एक बुरी खबर आई है। मुजफ्फरनगर में रोडवेज की बेकाबू बस ने प्रवासी मजदूरों को कुचल दिया है। इस हादसे में 6 मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि 4 मजदूर घायल हैं. जानकारी के मुताबिक ये मजदूर पैदल ही पंजाब से बिहार के गोपालगंज जा रहे थे। हादसा थाना नगर कोतवाली क्षेत्र के मुजफ्फरनगर देवबंद सहारनपुर राजमार्ग टोल प्लाजा के करीब हुआ।


पैदल मजदूरों को पीछे से सरकारी बस ने कुचल दिया। घटना की सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी घायलों को इलाज के लिए जिला चिकित्सालय में भिजवाया जहां उनकी हालत को गंभीर देखते हुए डॉक्टर ने उन्हें मेरठ रेफर कर दिया जहां उनका इलाज चल रहा है। पुलिस ने मौके से सभी 6 मृतकों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। सभी मजदूरों की पहचान हो गई है। पीछे से पैदल आ रहे सैकड़ों मजदूरों को पुलिस ने ट्रक व अन्य वाहनों में बैठा कर आगे के लिए रवाना कर दिया। जानकारी के अनुसार बस का ड्राइवर शराब के नशे में धुत था। जैसे ही यह बस सहारनपुर की थाना देवबंद क्षेत्र की घलोली चेक पोस्ट को पार कर मुजफ्फरनगर जनपद की सीमा में घुसी तो टोल प्लाजा से कुछ ही दूरी पहले रोडवेज बस ने इन मजदूरों को कुचल दिया। रोडवेज बस ड्राइवर को पुलिस ने दबोच लिया. पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है। पुलिस ने ड्राइवर को हिरासत में ले लिया है।


चलती ट्रेन से 338 मजदूर लापता

बांदा। यूपी के बांदा पहुंची वडोदरा श्रमिक स्पेशल ट्रेन में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। इस ट्रेन में सवार 1,908 में से 338 लोग चलती ट्रेन से लापता हो गए हैं। अब दो राज्यों का प्रशासन लापता प्रवासी कामगारों की खोजबीन में जुट गया है। 22 सामान्य डिब्बों की यह ट्रेन गुजरात के वडोदरा स्टेशन से मंगलवार को 1,908 प्रवासी मजदूरों को लेकर बांदा के लिए चली थी, जिन्हें वहां बाकायदा स्क्रीनिंग करके ट्रेन में बिठाया गया था।
सभी यात्रियों की जानकारी के साथ इसका एक लेटर अपर कलेक्टर वड़ोदरा डीआर पटेल द्वारा स्थानीय प्रशासन को भेजा गया था। जब ट्रेन बांदा पहुंची तो 1,908 की बजाय 1,570 लोग ही बांदा उतरे। चलती ट्रेन से लोग नदारद दिखे हैं, ऐसे में प्रशासन पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं. रेलवे प्रशासन सकते में है।


वडोदरा से सवार 1,908 मजदूरों में से सिर्फ 1,570 यात्री ही बुधवार सुबह बांदा रेलवे स्टेशन पर उतरे। बाकी 338 लोग कहां लापता हैं, इसके बारे में किसी को कुछ नहीं पता। दावा किया जा रहा था कि पुख्ता स्वास्थ्य जांच और पड़ताल के बाद ही श्रमिकों को ट्रेनों से उनके गृह राज्यों में भिजवाया जा रहा है। बांदा प्रशासन इस संबंध में गुजरात प्रशासन से संपर्क कर गुमशुदा यात्रियों की जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहा है।


गुजरात से बांदा रवाना हुई थी ट्रेन


गुजरात के वडोदरा शहर से मंगलवार को 22 डिब्बों की एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन बांदा के लिए रवाना हुई थी, जिसमें गुजरात प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई सूची के अनुसार उत्तर प्रदेश के 48 जिलों के 1908 यात्री स्वास्थ परीक्षण के बाद सवार हुए थे। नॉन स्टॉप ट्रेन का रास्ते मे कोई ठहराव नहीं था और यह बुधवार सुबह सीधे बांदा रेलवे स्टेशन आकर रुकी, जिसमें गिनती के बाद सिर्फ 1570 यात्री ही उतरे पाए गए।मंडलायुक्त गौरव दयाल ने ‘आजतक’ को बताया कि वडोदरा-बांदा श्रमिक स्पेशल ट्रेन में बुधवार को यहां 48 जिलों के 1570 लोग उतरे, जबकि भेजी गई सूची में 1908 यात्रियों की जानकारी थी। पहुंचे लोगों की स्क्रीनिंग कर उन्हें विभिन्न जनपदों के लिए रवाना कर दिया गया।


सूची हो सकती है गलत


गायब यात्रियों के सवाल पर उन्होंने कहा कि “हम वहां के प्रशासन से इस संबंध में संपर्क कर जानकारी जुटा रहे हैं। हो सकता हो कि वह लोग वहां से ट्रेन में सवार ही ना हुए हों या तो सूची में ही गलतियां हों।”एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि 22 डिब्बों की ट्रेन में 1908 लोगों को वैसे भी मानक के अनुसार नहीं बिठाया जा सकता, इस बात की संभावना अधिक है कि सूची बनाने में चूक हुई हो, फिर भी हम इसकी पड़ताल करवा रहे हैं।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


मई 15, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-278 (साल-01)
2. शुक्रवार, मई 15, 2020
3. शक-1943, ज्येठ, कृष्ण-पक्ष, तिथि- अष्टमी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:50,सूर्यास्त 07:02।


5. न्‍यूनतम तापमान 22+ डी.सै.,अधिकतम-36+ डी.सै.।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहींं है।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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(सर्वाधिकार सुरक्षित)


बुधवार, 13 मई 2020

होम लोन की ब्याज दर शून्य करें योगी

लखनऊ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कहा कि महामारी के समय आर्थिक संकट से जूझ रहे लोगों के घर के लोन पर लगने वाली ब्याज दर को शून्य कर दिया जाए और किस्त (इएमआई) जमा करने की बाध्यता को अगले 6 माह तक स्थागित किया जाना चाहिए। 
प्रियंका ने लिखा कि आर्थिक संकट के समय जब एक तरफ छंटनी हो रही है और वेतनों में कटौती हो रही है, मध्य वर्ग के लिए घर के लोन की ईएमआई चुकाना एक बड़ी चुनौती बन गया है। ऐसे में मेरा सुझाव है कि घर के लोन पर लगने वाली ब्याज दर को शून्य करके किस्त (इएमआई) जमा करने की बाध्यता को अगले छ: महीनों के लिए स्थगित किया जाए।उन्होंने लिखा, “शिक्षा और घर के लोन का खर्च मध्य वर्ग की आर्थिक बुनावट का एक बड़ा हिस्सा होता है। आपको ज्ञात है कि मध्य वर्ग इस आर्थिक संकट से कितना प्रभावित है। ऐसे में प्राइवेट स्कूलों की फीस माफी की घोषणा उनके लिए एक बड़ी राहत होगी।”उन्होंने कहा कि किसानों के लिए बिजली की बढ़ी हुई दरें चिंता का विषय बनी हुई हैं। मेरा सुझाव है कि किसानों के चार महीनों के ट्यूबवेल तथा घर के बिजली बिल माफ हों। उनके बकाया बिजली बिलों पर भी पेनल्टी व ब्याज माफ किया जाए।


उन्होंने आगे लिखा है कि किसानों के लोन पर भी चार महीने का ब्याज माफ हो। उनके किसान क्रेडिट कार्ड तथा अन्य लोन पर कटी हुई आर-सी पर तुरंत रोक लगायी जाए और उस पर भी पेनल्टी और ब्याज माफ किया जाए। जगह जगह से फसलों की खरीद में आ रही समस्या पर प्रियंका गांधी ने पत्र में मांग की है कि किसानों की सम्पूर्ण फसल खरीदने की गारंटी की जाए। गन्ना सहित सारे भुगतान तुरंत किए जाए।उन्होंने कहा, “शिक्षा मित्र, आशा बहनें, आंगनबाड़ी कर्मी, रोजगार सेवक,पंचायत मित्र व अन्य संविदा कर्मी जो कोरोना संकट में हर स्तर पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं और स्थानीय प्रशासन के साथ सरकार के निर्देशों का पालन करवाने में जी-जान से लगे हैं। इनकी सेवाओं को देखते हुए एक प्रोत्साहन राशि दी जाए और एक महीने की सैलरी बोनस के रूप में दी जाए।”प्रियंका गांधी ने कहा, “छोटे मंझोलों उद्योगों का बैंक लोन माफ किया जाए। लोन माफी के फैसले से ये दिवालिया होने से बच जाएंगे। इनके बिजली के बकाया बिलों पर भी उदारतापूर्वक विचार कर उन्हें राहत देने की घोषणा की जाए। बुनकरों के बिजली के बिल माफ किया हो और प्रत्येक बुनकर परिवार को प्रतिमाह 12 हजार रुपया क्षतिपूर्ति राशि दिया जाए।”


उन्होंने आगे पत्र में लिखा है कालीन कारोबारियों और कारीगरों को आर्थिक मदद की सख्त जरूरत है। इनके बैंक कर्ज माफ किये जायें। उन्होंने मुख्यमंत्री को सुझाव दिया है कि चिकन उद्योग में लगे हर परिवार को न्यूनतम 12 हजार रुपया प्रतिमाह दिया ताकि वे जीवन-यापन कर सकें। महासचिव ने सुझाव दिया है कि प्रत्येक पोल्ट्री कारोबारियों को प्रति मुर्गी 100 रुपया का आर्थिक सहयोग किया जाए।कांग्रेस की महासचिव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता के मृत्यु पर अपनी शोक संवेदना व्यक्त की। उन्होंने लिखा है कि आपके पिता के निधन के बाद मैं पहली बार आपको पत्र भेज रही हूं। ईश्वर उनकी दिवंगत आत्मा को शान्ति दें।


सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया  बृजेश केसरवानी  प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी ...