बुधवार, 13 मई 2020

बचावः सीएचसी को किया 'सेनीटाइज'

कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए सीएचसी को किया गया सैनिटाइज


प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में आए प्रवासी कराते जांच


सुनील पुरी


फतेहपुर। कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए लगातार प्रयास जारी है। इसी के चलते फायर ब्रिगेड द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का व्यापक ढंग से सैनिटाइजेशन किया गया दवा का छिड़काव हुआ सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में प्रतिदिन विभिन्न प्रांतों से प्रवासी आ रहे हैं और दिन भर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लोगों की भीड़ रहती है।


नगर के तहसील स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का फायर ब्रिगेड द्वारा व्यापक ढंग से सैनिटाइजेशन किया गया दवा का छिड़काव किया गया ताकि कोरोनावायरस संक्रमण से बचा जा सके बताते चलें कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दिल्ली हरियाणा राजस्थान महाराष्ट्र गुजरात सहित तमाम प्रांतों से सैकड़ों प्रवासी प्रतिदिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचते हैं। उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की जाती है जिससे उनका स्वास्थ्य परीक्षण होता है। इस कारण से सामुदायिक स्वास्थ्य में लगभग दिनभर प्रवासियों की भीड़ रहती है उनका आना जाना लगा रहता है ऐसी स्थिति में कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए फायर ब्रिगेड द्वारा बेहतर ढंग से सीएचसी को सैनिटाइज किया गया इस संबंध में डॉ नीरज गुप्ता ने कहा कि जिस प्रकार यहां पर प्रतिदिन प्रवासी आ रहे हैं ऐसी स्थिति में किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचाव के लिए सैनिटाइज करना बहुत आवश्यक है। और अक्सर ही इस प्रकार का संडे जेसन करना चाहिए ताकि साफ-सफाई बनी रहे ऐसी स्थित में चिकित्सकों कर्मचारियों के अलावा आने वाले प्रवासियों के लिए भी यह बेहतर होगा।


'सुपर इकोनामिक पावर' बनेगा भारत

नागपुर। केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री नितिन गडकरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से घोषित किये गये आर्थिक पैकेज की सराहना करते हुए बुधवार को कहा कि यह देश को एक उत्कृष्ट आर्थिक शक्ति (सुपर इकोनॉमिक पावर) के रूप में उभरने में मदद करेगा। गडकरी ने कहा, “लगभग 11 करोड़ कर्मचारियों को इस पैकेज के जरिये राहत दी गई है जो राष्ट्र को एक बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की ओर अग्रसर करेगा।” उन्होंने कहा कि देश लघु उद्योगों, कुटीर उद्योगों और ग्रामीण उद्योगों के लिए घोषित इस पैकेज को कभी नहीं भूलेगा।


गाैरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान भारत को आत्मनिर्भर बनाने और कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी से निपटने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की।



सबसे अधिक ओडिशा में 101नए मामले

भुवनेश्वर। ओडिशा ने 101 नए कोविड-19 पॉजिटिव मामलों की सूचना दी, जो राज्य में अब तक की एक दिन में सामने आई सबसे बड़ी संख्या है। इसके बाद बुधवार को राज्य में कोरोनो वायरस की संख्या 538 हो गई। सूचना और जनसंपर्क विभाग ने जानकारी दी है कि गंजम जिले ने 52 पॉजिटिव मामले दर्ज किए गए, बालासोर में 33, जाजपुर और सुंदरगढ़ में 7-7 और क्योंझर में 2 मामले सामने आए हैं। विभाग ने कहा, ज्यादातर मामले संगरोध केंद्रों और कंटेनमेंट जोन से रिपोर्ट हो रहे हैं। 90 मामले संगरोध केंद्रों से हैं, आठ कंटेनमेंट जोन से हैं, और तीन अन्य से सामने आए हैं। इसके साथ ही राज्य में सक्रिय मामलों की संख्या 419 हो गई है, जबकि 116 मरीज अब तक ठीक हो चुके हैं। संक्रमण के कारण यहां अब तक तीन मौतें हुई हैं।


 


प्रवासी मजदूर और कोरोना

प्रवासी मजदूर और कोरोना
डा. वरिंदर भाटिया


कोरोना वायरस के कारण देश में हुए लॉकडाउन से अगर सबसे अधिक किसी का नुकसान हुआ है तो वह प्रवासी मजदूरों का है। यह दूसरे शहर या राज्य में जाकर कमाने वाले शख्स हैं। लॉकडाउन प्रवासी मजदूरों के लिए एक गंभीर आर्थिक और सामाजिक समस्या लेकर आया है। इस संकट में लाखों प्रवासियों को घर पहुंचने के लिए या तो इंतजार करना पड़ा है या फिर वापस पैदल जाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। जो लोग घर वापस नहीं जा सके, उन्हें अपनी बुनियादी जरूरतों जैसे दो समय का भोजन, कपड़ा और अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रत्येक दिन संघर्ष करना पड़ा है। पिछली जनगणना के अनुसार अकेले बिहार में लगभग 2.5 करोड़ प्रवासी श्रमिक हैं जो पंजाब या हरियाणा जैसे छोटे राज्यों की जनसंख्या के बराबर है।


2.5 करोड़ श्रमिकों में से दो करोड़ ग्रामीण क्षेत्रों से और 50 लाख शहरी क्षेत्रों से आते हैं और उनमें से अधिकांश महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली के यूटी जैसे विभिन्न राज्यों में दैनिक मजदूरी के रूप में काम करते हैं। ये प्रवासी श्रमिक अपने राज्य में करोड़ों रुपए लाते हैं और राज्य की अर्थव्यवस्था में मदद करने के साथ-साथ अपने परिवारों को भी चलाते हैं। लॉकडाउन की वजह से अलग-अलग राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के लिए राज्य सरकारों ने अपनी ओर से पहल की है। राज्यों के अनुरोध पर रेल मंत्रालय ने भी इन मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं। एक ओर ट्रेन के किराए पर जमकर विवाद हो रहा है तो इन श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से आने वाले ज्यादातर मजदूरों की शिकायत है कि उनसे न सिर्फ किराया वसूला गया, बल्कि कई घंटों की यात्रा के दौरान वे भूखे-प्यासे रहे। वहीं दूसरी ओर बड़ी संख्या में मजदूरों के लौटने से पंजाब, हरियाणा और कर्नाटक जैसे कई राज्यों की चिंताएं भी बढ़ गई हैं। कुछ राज्य सरकारों ने तो मजदूरों से वहीं रुकने और अपने घरों को न जाने का अनुरोध किया है और किसी भी तरह की दिक्कत न होने का भरोसा दिया। विभिन्न राज्यों सेलोटने वाले वे मजदूर हैं जो उन राज्यों में चौदह दिन की क्वारंटीन अवधि पूरी कर चुके हैं।


हालांकि इन्हें अपने गृह जिलों में घरों तक जाने के पहले टेस्टिंग से गुजरना होगा और ये घरों तक कब पहुंच पाएंगे, तय नहीं है। लेकिन इन सबके बीच सबसे बड़ी समस्या यह है कि अपनी नौकरी और छोटे-मोटे रोजगार छोड़कर आए ये मजदूर अब अपने घरों पर क्या करेंगे और जीवन निर्वाह कैसे करेंगे? कुछ सरकारों ने तो बाहर से आने वाले श्रमिकों को राज्य के भीतर ही काम देने का आश्वासन दिया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने अधिकारियों को रोजगार की व्यापक कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। वहां आने वाले प्रत्येक श्रमिक और कामगार का सरकार स्किल डाटा तैयार करा रही है और होम क्वारंटीन पूरा होते ही उन्हें रोजगार दिलाने की तैयारी की जा रही है। वापसी कर रहे ज्यादातर मजदूर अन्य राज्यों में या तो औद्योगिक प्रतिष्ठानों में काम कर रहे थे, घरेलू कार्यों में लगे थे या फिर प्राइवेट कंपनियों में नौकरी कर रहे थे। लॉकडाउन की स्थिति में सबसे जरूरी तो यह है कि मजदूरों को वित्तीय सहायता दी जाए ताकि वह अपने परिवार का पालन-पोषण कर सकें। नेशनल रजिस्टर बने ताकि प्रवासी श्रमको का ब्यौरा दर्ज हो और उनका डाटा शेयर किया जाए और उनके हितों की रक्षा हो सके। होटल, सिनेमा, ऑटोमोबाइल जैसे क्षेत्रों में काम कर रहे मजदूरों के लिए विशेष योजनाएं बनाई जाएं ताकि इन क्षेत्रों में लगे श्रमिकों का इस्तेमाल भी हो सके और वो आर्थिक रूप से पंगु भी न होने पाएं, काम मिले या न मिले। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार दूसरी जगहों पर प्रवासी मजदूरों की जो दुर्दशा हुई और जिस तरीके से उनका अपमान हुआ, उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया गया, उसे देखते हुए लगता नहीं कि ये लोग अति शीघ्र लौटकर फिर कहीं काम-धाम के लिए जाएंगे। फिलहाल प्रवासी मजदूरों की व्यवस्था का भार राज्य सरकारों पर है। केंद्र ने उनके ठहरने और भोजन की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। इसके अतिरिक्त भी बहुत कुछ किए जाने की आवश्यकता है।


पूरे देश में राज्यों को आपसी तालमेल में प्रवासी मजदूरों के लिए हेल्पलाइन बनाकर काम करना चाहिए। पिछले तीन वर्षों से जीएसटी काउंसिल को लेकर राज्यों ने जिस प्रकार का समन्वय और सहयोग किया है, उसी प्रकार इस महामारी से निपटने के लिए भी केंद्र और राज्यों के बीच एक प्रकार की साझेदारी का वातावरण बनाए जाने की आवश्यकता है। ऐसे समय में सभी राज्यों के लिए यह महत्त्वपूर्ण हो जाता है कि वे इन मजदूरों के लिए अपने यहां पर्याप्त अवसर पैदा करें। उसके लिए राज्य में कंपनियों में निवेश जरूरी है। कई विदेशी कंपनियां, कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप के बाद चीन से किसी अन्य देश जाने का विचार कर रही हैं। लेकिन इन प्रवासी मजदूरों ने कोरोना वायरस के लॉकडाउन जैसी कठिनाई से भरी स्थिति का सामना किया है और यही कठिनाई उन्हें वापस मजदूरी करने के लिए किसी अन्य राज्य में जाने के विचार पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर करेगी। इन सभी में से आधे से अधिक प्रवासी मजदूर यह तय करेंगे कि बेहतर मजदूरी के लिए हजारों किलोमीटर दूर जाने के बजाय अपने स्वयं के राज्यों में काम करना बेहतर है। कटु सत्य है कि देशभर में हुए लॉकडाउन ने अनौपचारिक क्षेत्र में काम करने वाले असंख्य मजदूरों की आजीविका के साधनों को लगभग खत्म कर दिया है। इससे एक बात समझ में आ रही है कि देश को कोरोना से जुड़ी स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों के साथ-साथ रिक्शेवालों, ठेले-रेहड़ी वालों और दिहाड़ी कमाने वाले श्रमिकों के बढ़ते असंतोष और असुरक्षा की भावना के लिए प्रभावी कदम उठाने होंगे। अब जबकि यह लग रहा है कि अधिकतर प्रवासी मजदूर अपने-अपने राज्यों में ही रोजगार की तलाश करेंगे तो ऐसे में राज्यों का दायित्व बन जाता है कि वे इन मजदूरों के लिए रोजगार की कोई पुख्ता योजना अमल में लाएं। इसके लिए केंद्र सरकार को भी राज्यों की मदद के लिए आगे आना चाहिए। केंद्र व राज्य मिलकर ही इस नए संकट का समाधान कर सकते हैं।



मेरठ में कानूनगो सहित 271 संक्रमित

मेरठ सदर तहसील के कानूनगो समेत 8 नए संक्रमित, मेरठ में कोरोना पॉजिटिव हुए 2701 मेरठ में बुधवार दिन में 8 मरीजों को कोराेना की पुष्टि हुई है। अब तक 271 लोग मेरठ में कोरोना पॉजिटिव मिल चुके हैं, जबकि 14 की मौत हो चुकी है। वहीं 72 लोग स्वस्थ होकर घर भी जा चुके हैं।
सचिन कुमार
मेरठ। सदर तहसील के कानूनगो समेत 8 नए संक्रमित बढऩे से मेरठ में कोरोना पॉजिटिव 271हो गये है। मेरठ में बुधवार दिन में 8 मरीजों को कोराेना की पुष्टि हुई है। अब तक 271 लोग मेरठ में कोरोना पॉजिटिव मिल चुके हैं, जबकि 14 की मौत हो चुकी है। वहीं 72 लोग स्वस्थ होकर घर भी जा चुके हैं। बुधवार को जिस मरीज को कोरोना की पुष्टि हुई वह सदर तहसील में कानूनगो हैं। अन्य की जानकारी की जा रही है। जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ विश्वास चौधरी ने इसकी पुष्टि की है।
मेरठ में रोजाना 316 सैंपलों की जांच की जा रही है। अब तक जिले में साढ़े छह हजार से ज्यादा सैंपल जांचे जा चुके हैं, जिनमें से 271 पॉजिटिव निकले हैं।


 


घरों में खाना बनवा कर वितरण किया

स्थानीय नागरिकों की अनूठी पहल 
 श्वेतांक सिंह 
लखनऊ। कानपुर रोड स्थित एलडीए कॉलोनी के सेक्टर ई निवासियों ने की अनूठी पहल जेठ माह के प्रथम मंगल को स्थानीय नागरिकों ने अपने हाथों से भोजन बनाकर प्रवासी मजदूरों को भोजन का किया वितरण। आज पूरा भारत वर्ष लॉग डाउन के फेज 3 में है  और प्रवासी श्रमिक भाई दूर-दूर से अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचने के लिए पैदल ही मीलों का सफर कर रहे हैं जिसके चलते आज लखनऊ के कानपुर रोड स्थित सेक्टर ई के स्थानीय नागरिकों ने जेठ महक के प्रथम मंगल के उपलक्ष में इन प्रवासी मजदूर भाइयों के लिए अपने हाथों से भोजन तैयार कर उनको भोजन वितरित किया इसमें स्थानीय पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर अपना सहयोग दिया इस अवसर पर जहां स्थानीय पुरुषों ने राशन खरीदने से लेकर सब्जी बनाने का कार्य अपने हाथों में लिया वहीं दूसरी ओर स्थानीय महिलाओं ने भी सब्जी काटने से लेकर आटा मलने व पूरी बनाने में अपना अभूतपूर्व योगदान दिया इस अवसर पर श्रमदान करने वाले लोगों में दलजीत छाबड़ा ,पत्नी बबली छाबड़ा विनय कौशिक, पत्नी कौशिकी कौशिक, सुमित अरोड़ा, पत्नी दीपिका अरोड़ा, आलोक शर्मा, पत्नी ममता शर्मा, विशाल सिंह पत्नी, प्रिया सिंह, छोटेलाल, पत्नी मुन्नी देवी, श्याम श्रीवास्तव, पत्नी वीना श्रीवास्तव, दीपू सचदेवा, पत्नी आरती सचदेवा ,सहित मोहल्ले के सैकड़ों लोगों ने श्रमदान कर प्रवासी श्रमिकों के लिए अपने हाथों से तैयार किया भोजन इस भोजन का वितरण पहले शहीद पथ पर उसके बाद आगरा एक्सप्रेसवे टोल प्लाजा पर किया गया ।
 
 


बलधारी भाजपाइयों पर पुलिस का कहर

बेवर पुलिस का भाजपाइयों पर कहर
मैनपुरी। नगर और जनपद के मुँहबली भाजपा-बलधारिओं और भाजपा व्यापार मंडल पदाधिकारिओं, कहीं चुल्लू भर पानी दिख रहा हो तो जरूर बताना ... जी.टी रोड़ स्थित मैन बाजार में फोटोस्टेट की दुकान चलाने बाले एक बच्चे राजा गुप्ता के घर पर पिछले दो-दिनों से पुलिस का घेरा पड़ा हुआ है, और सारा परिवार नजरबंद है। पीड़ित का सारा परिवार कट्टर भाजपा समर्थक है और घटना की जानकारी नगर से लेकर जनपद के अधिकतर भाजपाइयों को है पर परिणाम कुछ भी नही... कसूर सिर्फ इतना है कि प्रशासन के कथनानुसार फोटोस्टेट/कंप्यूटर वर्क सहित कुछ दुकानो को खोलने की छूट दी गई थी, दो-दिन पूर्व राजा गुप्ता दुकान बंद कर उसी के ऊपर स्थित अपने घर पर जा रहा था तभी कुछ पुलिसकर्मी आये और उससे पूछताछ करने लगे तो उसने कहा कि वह दुकान बंद कर घर जा रहा है, इतने में थानाध्यक्ष-बेवर आ गये और गालियां देते हुऐ डंडा लेकर उसके पीछे भागे तो राजा भाग कर अपने घर में घुस गया और डर के मारे अपना दरवाजा बंद कर लिया तो पुलिसकर्मी उसका दरवाजा पीट-पीट कर काफी देर गंदी-गंदी गालियां उसके परिजनों की मौजूदगी में देते रहे... अगले दिन सुबह से उसके परिजनों का उत्पीडन शुरू हुआ और दरवाजे पर पुलिसकर्मी तैनात कर दिये गये, जिससे कोई भी व्यक्ति किसी भी आवश्यक कार्य से भी बाहर ना निकल सके। अब आलम ये है कि सब्जी, फल या दूध के लिऐ भी अगर कोई घर से वाहर आता है तो पुलिस उसे धमकाकर घर भेज देती है, जिससे सारा परिवार दहशत के घेरे में है। ये सच है कि थानाध्यक्ष-बेवर की अपनी कार्यशैली अलग है और लॉकडाउन का सही तरह पालन कराने में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान है। उनकी सक्रियता और सख्ती के लिऐ वह प्रशंसा के पात्र हैं लेकिन एक बच्चे के लिऐ इसे अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बना लेना उचित नही है। गंभीर भारसाधक अधिकारी को यह शोभा नही देता कि एक बच्चे के लिऐ अपनी सारी शक्तिओं का प्रयोग करें... ये समय हटधर्मिता का नही बड़ादिल दिखाने का है, पुलिस को यह बात समझनी चाहिये और सत्ताधारी दल के नेता जो दिनरात खुद की झूठी तारीफों के पुल बाँधते रहते हैं ऐसे समय में चुप्पी साध लेते हैं और एक आवाज नही निकालते, दूसरों की मदद क्या करोगे जब अपने कार्यकर्ताओं के लिऐ तुम्हारी आवाज नही निकलती।


अनुरूद्ध कुमार


कौशाम्बी: डीएम द्वारा समिति की बैठक की गई

कौशाम्बी: डीएम द्वारा समिति की बैठक की गई  रामबाबू केसरवानी  कौशाम्बी। जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी द्वारा उदयन सभागार में स्वच्छ भारत मिशन (ग्...