गुजरात का कानून मंत्री का चुनाव रद्द , गुजरात हाईकोर्ट ने चुनाव अवैध घोषित कर दिया !
मनोज सिंह ठाकुर
कांग्रेस नेता की याचिका पर भूपेंद्र सिंह चूडसामा के 2017 के निर्वाचन को कदाचार और हेरफेर के आधार पर ख़ारिज किया गया।
चूडसामा विजय रूपाणी की सरकार में अभी शिक्षा, कानून एवं न्याय, विधायिका और संसदीय मामलों आदि विभागों के प्रभारी हैं।
अहमदाबाद। गुजरात उच्च न्यायालय ने मंगलवार को राज्य के भाजपा मंत्री भूपेंद्र सिंह चूडसामा के 2017 के निर्वाचन को कदाचार और हेरफेर के आरोपों के आधार पर ख़ारिज कर दिया। न्यायमूर्ति परेश उपाध्याय ने कांग्रेस नेता अश्विन राठौड़ की याचिका पर सुनवाई करते हुए चूडासामा के चुनाव को ख़ारिज कर दिया। कांग्रेस उम्मीदवार अश्विन राठौड़ ने धोलका विधानसभा सीट पर भाजपा नेता की जीत को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी। 2017 गुजरात विधानसभा चुनाव में चूडसामा ने 327 वोट के मामूली अंतर से जीत हासिल की थी।
चुनाव याचिका में राठौड़ ने आरोप लगाया था कि चूडसामा ने ‘‘ चुनाव की प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में, विशेष रूप से वोटों की गिनती के समय भ्रष्ट आचरण अपनाया और नियमों का उल्लंघन किया।’’ राज्य में विजय रूपाणी की सरकार में चूडसामा अभी शिक्षा , कानून एवं न्याय, विधायिका और संसदीय मामलों आदि विभागों के प्रभारी हैं। ये शक इसलिए और अधिक हो रहा है क्योंकि जनसत्ता अखबार की खबर के अनुसार प्रधानमंत्री ने कल 11 मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक में कहा था कि जो मुख्यमंत्री इस बैठक में शामिल नहीं हो पाए हैं, वो 15 मई तक अपने सुझाव दे सकते हैं।”अहमदाबाद की हर छोटी-बड़ी खबर पर प्रधानमंत्री नजर रखते हैं, उसमें भी राज्य के दूसरे नम्बर के कद के मंत्री के चुनाव की कोर्ट में फाइनल हियरिंग थी। स्वभाविक है प्रधानमंत्री की नजर इस मसले पर जरूर रही होगी। इस आनन फानन निर्णय से ये जरूर साबित होता है मोदी जी का “वो” वाला दिमाग बहुत तेजी से काम करता है जब इनके ऊपर आफ़त आन पड़ती है।
11 बजकर 44 मिनट पर अहमदाबाद मिरर अखबार की सम्पादक दीपल त्रिवेदी देश की सबसे बड़ी खबर ब्रेक करती हैं कि गुजरात के शिक्षा और कानून मंत्री के चुनाव को गुजरात हाईकोर्ट ने अवैध घोषित कर दिया है। इसके ठीक 27 मिनट बाद, पीएमओ के ट्विटर हैंडल से 12 बजकर 11 मिनट पर एक ट्वीट आता है, कि आज रात 8 बजे प्रधानमंत्री देश को संबोधित करेंगे। वरिष्क्याठ पत्रकार गिरीश मालवीय लिखते हैं. क्या ये गुजरात चुनावों में हुई घपलेबाजी के एक्सपोज हो जाने के बाद देश का ध्यान भटकाने के लिए पूर्व सुनियोजित भाषण है? ताकि पूरे देश का ध्यान भाजपा द्वारा गुजरात चुनावों में की गई हेराफेरी से हटकर प्रधानमंत्री के भाषण पर चला जाए? टीवी चैनल आपको पता ही नहीं चलने देंगे कि गुजरात चुनावों से सम्बंधित एक बहुत बड़ी खबर आज ब्रेक हुई है।