बुधवार, 13 मई 2020

दूसरे राज्यों में फंसे हैं 37,147 कश्मीरी

एहसान अली की रिपोर्ट


जम्मू। कोरोना वायरस को हराने के लिए जारी लॉकडाउन के दौरान देश के दूसरे राज्यों में फंसे 37,147 जम्मू कश्मीर के नागरिकों की वापसी को सुनिश्चित किया गया है। वहीं, प्रदेश सरकार ने पिछले चार दिनों में उत्तराखंड के दूर दराज़ इलाको में फंसे जम्मू कश्मीर के 1250 लोगों को वापस लाया है। जम्मू कश्मीर के मंगलवार को कोरोना वायरस के सबसे अधिक 55 मामले सामने आये, जिससे केन्द्र शासित प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या बढ़ कर 934 हो गयी है. अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। सड़क मार्ग के बाद रेलगाड़ियों द्वारा मंगलवार को देश के अलग अलग राज्यों में फंसे जम्मू कश्मीर के श्रमिकों, मज़दूरों, छात्रों और पर्यटकों को जम्मू पहुंचाया गया।जम्मू  के उधमपुर रेलवे स्टेशन पर मंगलवार को बेंगलुरु और गोवा में फंसे प्रदेश के करीब 2200 नागरिकों को लाया गया।


जम्मू कश्मीर प्रशासन की तरफ से जारी किये गए आंकड़ों के मुताबिक पिछले चार दिनों में उत्तराखंड के धनौल्टी, नैनीताल, पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी, पौरी, चम्पावत, रुद्रायापराग, भागेश्वर, टेहरी गढ़वाल, प्रतापगढ़, भद्रकोट, धारचूला और अल्मोड़ा से करीब 2000 श्रमिकों, मज़दूरों, छात्रों और पर्यटकों को जम्मू पहुंचाया गया है। जिन लोगो की जम्मू कश्मीर में वापसी को सुनिश्चित किया गया वो मुख्यत जम्मू कश्मीर के पुंछ, रियासी, डोडा, अनंतनाग और बारामुल्ला के रहने वाले हैं। प्रशासन के मुताबिक बुधवार को भी देश के दूसरे राज्यों में फंसे लोगों के बड़ी संख्या में प्रदेश पहुंचने का अनुमान है। इसके साथ ही मंगलवार सुबह तक 37,147 लोग प्रदेश के प्रवेश द्वार लखनपुर से जम्मू कश्मीर पहुंच चुके हैं। इनमें से 10301 यात्री पंजाब, 18095 यात्री हिमाचल प्रदेश, 6515 यात्री देश के दुसरे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से जम्मू कश्मीर पहुंचे हैं।


15 लाख का झूठ, 20 करोड़ का दावा

लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को प्रधानमंत्री द्वारा 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा को लेकर तंज कसा। उन्होंने कहा कि पहले 15 लाख का झूठा वादा और अब 20 लाख करोड़ का दावा इस पर कोई कैसे ऐतबार करेगा।


अखिलेश यादव ने ट्विटर पर लिखा, “पहले 15 लाख का झूठा वादा और अब 20 लाख करोड़ का दावा। अबकी बार लगभग 133 करोड़ लोगों को 133 गुना बड़े जुमले की मार। ऐ बाबू, कोई भला कैसे करे ऐतबार। अब लोग ये नहीं पूछ रहे हैं कि 20 लाख करोड़ में कितने जीरो होते हैं, बल्कि ये पूछ रहे हैं कि उसमें कितनी गोल-गोल गोली होती हैं।”इससे पहले उन्होंने लिखा, “ये सच है कि बुनियाद कभी दिखती नहीं, पर ये नहीं कि उसे देखना भी नहीं चाहिए। जिन गरीबों के भरोसे की नींव पर आज सत्ता का इतना बड़ा महल खड़ा हुआ है, ऊंचाइयों पर पहुंचने के बाद, संकट के समय में भी उन गरीबों की अनदेखी करना अमानवीय है। ये सबका विश्वास के नारे के साथ विश्वासघात है।”


इसके अलावा उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि “देश के मजदूर-गरीब अपनी विपदाओं के लिए प्रबंध की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन उन्हें सुनने को मिला केवल निर्थक निबंध। क्या आधे घंटे से भी ज्यादा समय में सड़कों पर भटकते मजदूरों के लिए एक-आध शब्द की संवेदना की भी गुंजाइश नहीं थी, हर कोई सोचे। असंवेदनशील-दुर्भाग्यपूर्ण!”


कोरोना ने यूपी में तबादलों पर लगाई रोक

लखनऊ। योगी आदित्यनाथ सरकार ने उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी के मद्देनजर सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के स्थानांतरण पर प्रतिबंध लगा दिया है। मुख्य सचिव आर.के. तिवारी द्वारा मंगलवार देर रात जारी एक परिपत्र में कहा गया है कि अगले आदेश तक सभी तबादलों पर प्रतिबंध रहेगा। सकरुलर में कहा गया है कि अपरिहार्य परिस्थितियों में ही मुख्यमंत्री की पूर्वानुमति से तबादले किए जा सकते हैं। सभी अतिरिक्त मुख्य सचिवों / प्रमुख सचिवों / सचिवों को भेजे गए अपने परिपत्र में मुख्य सचिव ने कहा कि मार्च 2018 में की गई स्थानांतरण नीति 2021-22 तक मान्य थी।


सकरुलर में कहा गया है कि कोविड -19 महामारी को देखते हुए 2020-21 के दौरान सभी प्रकार के अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादलों पर प्रतिबंध रहेगा। इस सकरुलर के मुताबिक, मौत, मेडिकल इमरजेंसी, प्रमोशन, इस्तीफे, सस्पेंशन आदि के कारण खाली पड़े पदों को तबादलों के जरिए भरा जा सकता है।


तमिलनाडु-महाराष्ट्र में वायरस की बढ़ोतरी

नई दिल्ली। महाराष्ट्र और तमिलनाडु में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है तथा इन दोनों राज्यों में अब तक कुल 33145 मामले दर्ज किए गए हैं और 982 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। तमिलनाडु में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं हालांकि सकारात्मक बात यह है कि यहां मरने वालों की संख्या कुछ हद तक नियंत्रित है। यहां पिछले 24 घंटों में आठ की, जबकि महाराष्ट्र में 53 लोगों की मौत हुई। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से बुधवार सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार देशभर में कोविड-19 से अब तक 74,281 लोग संक्रमित हुए हैं तथा इस महामारी से अब तक 2415 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 24,286 लोग इसके संक्रमण से पूरी तरह ठीक हाे चुके हैं।


असरः 1470 अंक उछला शेयर बाजार

मुंबई। बड़े आर्थिक पैकेज के एलान से बुधवार को भारतीय शेयर बाजार गुलजार हुआ। आरंभिक कारोबार में सेंसेक्स पिछले सत्र से 1470 अंक से ज्यादा उछला और निफ्टी में भी 380 अंकों से ज्यादा का उछाल देखा गया। हालांकि, बाद में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों आरंभिक उंचाई से फिसले, फिर भी पिछले सत्र से दो फीसदी से ज्यादा की बढ़त बनाए हुए थे। 
सुबह 9.35 बजे सेंसेक्स पिछले सत्र से 758.04 अंकों यानी 2.42 फीसदी की तेजी के साथ 32,129.16 पर कारोबार कर रहा था। वहीं, निफ्टी पिछले सत्र से 213.50 अंकों यानी 2.32 फीसदी की बढ़त के साथ बना हुआ था। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सत्र से 1470.75 अंकों के उछाल के साथ 32,841.87 पर खुला और 32,845.48 तक चढ़ा। हालांकि, आरंभिक कारोबार के दौरान सेंसेक्स का निचला स्तर 32,110.55 रहा।


नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी भी पिछले सत्र के मुकाबले 387.65 अंकों की तेजी के साथ 9410.05 पर खुला और 9584.50 तक चढ़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देशवासियों को संबोधित करते हुए 20 लाख करोड़ के बड़े आर्थिक पैकेज का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि इस आर्थिक पैकेज से देश के विकास को बल मिलेगा और यह पैकेज आत्मनिर्भर भारत अभियान को नई गति प्रदान करेगा।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


मई 14, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-277 (साल-01)
2. बृहस्पतिवार, मई 14, 2020
3. शक-1943, ज्येठ, कृष्ण-पक्ष, तिथि- सप्तमी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:50,सूर्यास्त 07:02।


5. न्‍यूनतम तापमान 22+ डी.सै.,अधिकतम-34+ डी.सै.।


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मंगलवार, 12 मई 2020

50 दिन के भीतर पांचवी बार 'पीएम'

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को 50 दिन में पांचवीं बार देश के सामने आए। अपने संबोधन में उन्होंने चार अहम बातें कहीं। पहली- देश को आत्मनिर्भर बनना होगा। दूसरी- आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए 20 लाख करोड़ रुपए का पैकेज दिया जाएगा। तीसरी- आत्मनिर्भर बनने की राह में हमें लोकल प्रोडक्ट्स को अपनाना होगा। चौथी- लॉकडाउन का चौथा फेज आएगा, पर यह नए रंग-रूप और नए नियमों वाला होगा। 33 मिनट के अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने 2300 से भी ज्यादा शब्दों का इस्तेमाल किया। इस दौरान उन्होंने सबसे अधिक 28 बार आत्मनिर्भर शब्द का जिक्र किया।


प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में उन प्रवासी मजदूरों का कोई जिक्र नहीं किया, जो पिछले कुछ दिनों से देश के अलग-अलग हिस्सों से अपने घरों की ओर जा रहे हैं और उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि उन्होंने कहा कि आर्थिक पैकेज में गरीब, श्रमिक, प्रवासी मजदूरों के लिए भी महत्वपूर्ण फैसलों का ऐलान किया जाएगा। भारत दुनिया का 5वां ऐसा देश, जिसने जीडीपी के 10% हिस्से के बराबर पैकेज दिया।
लॉकडाउन के दौर में भारत दुनिया का पांचवां ऐसा देश बन गया है, जिसने अपनी जीडीपी का 10% या उससे ज्यादा हिस्सा आर्थिक पैकेज के तौर पर दिया है। भारत से पहले जापान अपनी जीडीपी का 21%, अमेरिका 13%, स्वीडन 12% और जर्मनी 10.7% के बराबर का आर्थिक पैकेज घोषित कर चुके हैं।


मोदी का राष्ट्र के नाम 5वां संदेश


भारत में लोगों ने अपने स्वजन खोए: प्रधानमंत्री मोदी ने देश के नाम अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा, ‘‘सभी देशवासियों को आदरपूर्वक नमस्कार। कोरोना संक्रमण से मुकाबला करते हुए दुनिया को अब चार महीने से ज्यादा समय बीत गया है। इस दौरान तमाम देशों के 42 लाख से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं। पौने तीन लाख से ज्यादा लोगों की दु:खद मृत्यु हुई है। भारत में भी अनेक परिवारों ने अपने स्वजन खोए हैं। मैं सभी के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।’’
एक वायरस ने दुनिया को तहस-नहस किया: ‘‘साथियो! एक वायरस ने दुनिया को तहस-नहस कर दिया है। विश्व भर में करोड़ों जिंदगियां संकट का सामना कर रही हैं। सारी दुनिया जिंदगी बचाने में एक प्रकार से जंग में जुटी है। हमने ऐसा संकट न देखा है, न ही सुना है। निश्चित तौर पर मानव जाति के लिए यह सब कुछ अकल्पनीय है। यह क्राइसिस अभूतपूर्व है, लेकिन थकना, हारना, टूटना, बिखरना, मानव को मंजूर नहीं है। सतर्क रहते हुए ऐसी जंग के सभी नियमों का पालन करते हुए अब हमें बचना भी है और आगे बढ़ना भी है।’’
संकल्प संकट से भी विराट होगा: ‘‘आज जब दुनिया संकट में है तो हमें अपना संकल्प और मजबूत करना होगा, हमारा संकल्प इस संकट से भी विराट होगा। साथियो! हम पिछली शताब्दी से ही लगातार सुनते आए हैं कि 21वीं सदी हिंदुस्तान की है। हमने कोरोना से पहले की दुनिया को, वैश्विक व्यवस्थाओं को देखने समझने का मौका मिला है। कोरोना संकट के बाद भी दुनिया में जो स्थितियां बन रही हैं, उसे भी हम निरंतर देख रहे हैं। विश्व की आज की स्थिति हमें सिखाती है कि इसका मार्ग एक ही है, आत्मनिर्भर भारत। हमारे यहां शास्त्रों में भी यही कहा गया है। इतनी बड़ी आपदा भारत के लिए एक संकेत, एक संदेश, एक अवसर लेकर आई है।’’
भारत ने आपदा को अवसर में बदला:‘‘मैं एक उदाहरण के साथ अपनी बात बता रहा हूं। जब कोरोना संकट शुरू हुआ, तब भारत में एक भी पीपीई किट नहीं बनती थी। एन-95 मास्क का भारत में नाममात्र उत्पादन होता था। आज स्थिति यह है कि भारत में ही हर रोज दो लाख पीपीई और दो लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं। हम ऐसा इसलिए कर पाए, क्योंकि भारत ने आपदा को अवसर में बदल दिया। ऐसा करने की भारत की दृष्टि आत्मनिर्भर भारत के हमारे संकल्प के लिए उतनी ही प्रभावी होने वाली है।’’
हम बेस्ट प्रोडक्ट बनाएंगे, सप्लाई चेन को आधुनिक बनाएंगे: ‘‘आज फिर भारत विकास की ओर सफलतापूर्वक कदम बढ़ा रहा है, तब भी विश्व कल्याण की राह पर अटल है। इस शताब्दी की शुरुआत के समय y2k संकट आया था। भारत के वैज्ञानिकों ने दुनिया को इस संकट से निकाला था। आज हमारे पास साधन, सामर्थ्य है, दुनिया का सबसे बेहतरीन टैलेंट है। हम बेस्ट प्रोडक्ट बनाएंगे। अपनी क्वॉलिटी और बेहतर करेंगे। सप्लाई चेन को और आधुनिक बनाएंगे। ये हम कर सकते हैं और हम जरूर करेंगे।’’
मोदी की स्पीच के 3 अहम प्वाइंट
1. आत्मनिर्भर भारत:मोदी ने कहा- ‘‘मैंने अपनी आंखों के साथ कच्छ भूकंप के दिन देखे हैं। हर तरफ सिर्फ मलबा ही मलबा। सबकुछ ध्वस्त हो गया था। ऐसा लगता था मानो कच्छ मौत की चादर ओढ़ कर सो गया था। उस परिस्थिति में कोई सोच भी नहीं सकता था कि कभी हालत बदल पाएगी। लेकिन देखते ही देखते कच्छ उठ खड़ा हुआ। कच्छ बढ़ चला। यही हम भारतीयों की संकल्पशक्ति है। हम ठान लें तो कोई लक्ष्य असंभव नहीं, कोई राह मुश्किल नहीं। और आज तो चाह भी है, राह भी है। ये है भारत को आत्मनिर्भर बनाना।’’
2. आत्मनिर्भर भारत के 5 स्तंभ:‘‘भारत आत्मनिर्भर बन सकता है। यह भव्य इमारत पांच पिलर्स पर खड़ी है।


पहला पिलर- इकोनॉमी। एक ऐसी इकोनॉमी जो इन्क्रीमेंटल चेंज नहीं, बल्कि क्वांटम जम्प लाए।


दूसरा पिलर- इन्फ्रास्ट्रक्चर। एक ऐसा इन्फ्रास्ट्रक्चर जो आधुनिक भारत की पहचान बने।


तीसरा पिलर- सिस्टम। ऐसा सिस्टम जो बीती शताब्दी की रीति नहीं, बल्कि 21वीं शताब्दी की टेक्नोलॉजी ड्रिवन व्यवस्था पर आधारित हो।


चौथा पिलर- डेमोग्राफी। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की डेमोग्राफी आत्मनिर्भर भारत के लिए हमारी ऊर्जा का स्रोत है।


पांचवां पिलर- डिमांड। इसका चक्र और इसकी ताकत का इस्तेमाल किए जाने की जरूरत है।’’
3. विशेष आर्थिक पैकेज: ‘‘देश में डिमांड बढ़ाने और इसे पूरा करने के लिए हमारी सप्लाई चेन के हर स्टेकहोल्डर का सशक्त होना जरूरी है। हमारी सप्लाई चेन को हम मजबूत करेंगे, जिसमें मेरे देश की मिट्‌टी की महक हो। हमारे मजदूरों के पसीने की खुशबू हो। कोरोना संकट का सामना करते हुए नए संकल्प के साथ मैं आज 20 लाख करोड़ रुपए के एक विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा कर रहा हूं। यह आर्थिक पैकेज आत्मनिर्भर भारत अभियान की अहम कड़ी के तौर पर काम करेगा।’’


मोदी ने विशेष पैकेज क्यों दिया?
1. प्रधानमंत्री के मुताबिक, 20 लाख करोड़ रुपए का यह पैकेज भारत की जीडीपी का करीब-करीब 10 फीसदी है। इन सबके जरिए देश के विभिन्न वर्गों को आर्थिक व्यवस्था की कड़ियों को 20 लाख करोड़ रुपए का संबल और सपोर्ट मिलेगा।
2. यह पैकेज 2020 में देश की विकास यात्रा को और आत्मनिर्भर भारत अभियान को नई गति देगा। आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करने के लिए इस पैकेज में लैंड, लेबर, लिक्विडी और लॉ... सभी पर बल दिया गया है।
3. मोदी ने कहा कि आर्थिक पैकेज हमारे कुटीर उद्योग, गृह उद्योग, लघु उद्योग, एमएसएमई के लिए है, जो करोड़ों लोगों की आजीविका का साधन हैं।
4. आर्थिक पैकेज देश के उस श्रमिक के लिए, उस किसान के लिए है, जो हर स्थिति और हर मौसम में देशवासियों के लिए दिन-रात परिश्रम कर रहा है। यह पैकेज देश के मध्यमवर्ग के लिए है, जो ईमानदारी से टैक्स देता है। यह भारत के उद्योगपतियों के लिए जो भारत को आर्थिक बुलंदियों तक पहुंचाने के लिए संकल्पित हैं।
5. ‘‘गरीब, श्रमिक, प्रवासी मजदूर हों, मछुआरे हों, हर तबके लिए आर्थिक पैकेज में कुछ महत्वपूर्ण फैसलों का ऐलान किया जाएगा। कोरोना ने हमें लोकल मैन्यूफैक्चरिंग, लोकल सप्लाई चेन, लोकल मार्केटिंग का भी मतलब समझा दिया है। लोकल ने ही हमारी डिमांड पूरी की है और हमें इस लोकल ने ही बचाया है। लोकल सिर्फ जरूरत नहीं, बल्कि हम सबकी जिम्मेदारी है।’’


कोरोना पर अब तक मोदी के 4 संदेश


पहला: प्रधानमंत्री ने 19 मार्च को देश को संबोधित किया था और जनता कर्फ्यू लगाने की बात कही थी। 22 मार्च को देशभर में सबकुछ बंद रहा। शाम को लोगों ने घरों के अंदर से ही कोरोना फाइटर्स का ताली और थाली बजाकर आभार जताया था।


दूसरा: मोदी ने 24 मार्च को संबोधित किया और कोरोना संक्रमण रोकने के लिए 25 मार्च से 14 अप्रैल तक देशव्यापी लॉकडाउन का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि कोरोना की चेन तोड़ने के लिए लोग घरों में रहने की लक्ष्मण रेखा का पालन करें।


तीसरा: प्रधानमंत्री मोदी ने 3 अप्रैल को एक वीडियो संदेश जारी किया। इस दौरान लोगों से 5 अप्रैल की रात 9 बजे 9 मिनट के लिए घरों की लाइट बंद कर घरों में दीये, मोमबत्ती और मोबाइल की लाइट जलाकर एकजुटता दिखाने की अपील की थी।


चौथा: प्रधानमंत्री मोदी 14 अप्रैल को एक बार फिर राष्ट्र को संबोधित किया था। इसमें उन्होंने लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ाने का ऐलान किया था।


लॉकडाउन के अब तक तीन फेजः कोरोना की वजह से देश पहला लॉकडाउन 25 मार्च से 14 अप्रैल तक और दूसरा लॉकडाउन 15 अप्रैल से 3 मई तक रखा गया था। इसके बाद तीसरे फेज का लॉकडाउन 4 मई से शुरू हुआ जो 17 मई तक चलेगा।


बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना के 3604 मामले सामने आए हैं। इसके बाद कोरोना मरीजों का कुल आंकड़ा 70756 हो गया है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि कुल केस में से 46008 एक्टिव केस हैं और 22454 लोग रिकवर हो चुके हैं। देश में कोरोना संक्रमण के चलते अब तक 2293 लोगों की मौत हो चुकी है।


'पीएम' ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात दी

'पीएम' ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात दी  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात...