सोमवार, 11 मई 2020

व्हाइट हाउस में हुआ वैदिक शांति पाठ

राष्ट्रीय प्रार्थना दिवस के मौके पर व्हाइट हाउस में वैदिक शांति पाठ
वाशिंगटन। अमेरिका में राष्ट्रीय प्रार्थना दिवस के मौके पर व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में एक हिंदू पुजारी ने पवित्र वैदिक शांति पाठ कराया। यह शांति पाठ कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से प्रभावित हर व्यक्ति के स्वास्थ्य, सुरक्षा और कुशलता के लिए किया गया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आमंत्रण पर, न्यू जर्सी के बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर के पुजारी हरीश ब्रह्मभट्ट इस मौके पर प्रार्थना करने के लिए मौजूद अन्य धर्मों के नेताओं के साथ शामिल हुए।


किम जोंग ने शी जिनपिंग की प्रशंसा की

उत्तर कोरियाई नेता ने महामारी पर नियंत्रण के लिए शी जिनपिंग की प्रशंसा की
सियोल। उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी को नियंत्रण में लाने में सफलता के लिए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की प्रशंसा करते हुए उन्हें एक निजी संदेश भेजा है।उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया में यह खबर तब आई है जब दक्षिण कोरिया की खुफिया एजेंसी ने आकलन किया कि इस महामारी से पहले से ही जर्जर उत्तर कोरिया की अर्थव्यवस्था और बदतर हो गई है।
कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने बताया कि किम ने संदेश में शी को बधाई देते हुए इस अभूतपूर्व वैश्विक महामारी के खिलाफ युद्ध जीतने के लिए उनकी अत्यधिक प्रशंसा की।


सैन्य अभ्यास में 19 की मौत, 15 घायल

तेहरान। ओमान की खाड़ी में सैन्य अभ्यास के दौरान ईरानी नौसेना के पोत पर दुर्घटनावश उसकी अपनी ही एक मिसाइल गिरने से 19 नौसेनिकों की मौत हो गई और 15 अन्य घायल हुए हैं। ईरान की सेना ने यह जानकारी दी। सरकारी टेलीविजन की खबर के अनुसार घटना रविवार को जसक के बंदरगाह के पास हुई सैन्य अभ्यास के दौरान मिसाइल हेंडिजन-क्लास सपोर्ट पोत कोणार्क पर जा गिरी। सरकारी समाचार एजेंसी ‘आरएनए’ की खबर के अनुसार एक स्थानीय अस्पताल में 12 नौसेनिकों को भर्ती कराया गया है और अन्य तीन को मामूली चोटे आई हैं।


सरकारी टेलीविजन के अनुसार कोणार्क निशाने के काफी पास था। कोणार्क दूसरे पोतों के लिए निशानों को समुद्र में स्थापित कर रहा था। उसने कहा कि मिसाइल दुर्घटनावश पोत पर गिर गई।


ब्रिटेन में हो सकती है 7 लाख की मौत

लंदन। कोरोना वायरस महामारी की वजह से ब्रिटेन में सात लाख लोगों की मौत हो सकती है। यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल के अध्ययन के अनुसार ब्रिटेन में सात लाख लोग इस जानलेवा वायरस से जान गंवा सकते हैं। यह संख्या द्वितीय विश्व युद्ध में हुई मौतों से भी ज्यादा है। यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल के अध्ययन में कहा गया है कि मंदी, गरीबी और लापरवाही की स्थिति में यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है। शोधकर्ताओं का अनुमान है कि बिना वैक्सीन के ब्रिटेन को कोविड-19 को हराने के लिए 2024 तक सोशल डिस्टेंसिंग के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। 


शोधकर्ताओं ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से मंदी भी आ सकती है। ऐसे में कोरोना वायरस, खराब स्वास्थ्य प्रणाली और गरीबी की वजह से पांच साल में 6.75 लाख लोगों की मौत हो सकती है। यूनिवर्सिटी में रिस्क मैनेजमेंट के प्रोफेसर फिलिप थॉमस ने कहा कि लॉकडाउन से धीरे-धीरे बाहर आने की नीति तभी प्रभावी है जब हम संक्रमण की दर एक से नीचे रखने में कामयाब होंगे। मंदी की स्थिति में गरीबी से भी उतनी ही मौतें होंगी, जितनी कोरोना से।


छूट के साथ, 1 जून तक लॉक डाउन

बोरिस जॉनसन ने ब्रिटेन में एक जून तक बढ़ाया लॉकडाउन
लंदन। ब्रिटेन में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामलों और मृतकों की संख्या में हो रही बढ़ोतरी के बीच प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। बोरिस ने देश में लॉकडाउन को आगे बढ़ाने के साथ-साथ नई रूपरेखा भी तैयार की है।


प्रधानमंत्री ने रविवार को देश में लगे लॉकडाउन को एक जून तक बढ़ाने का फैसला किया, साथ ही सार्वजनिक स्थानों को खोलने के लिए जुलाई के पहले हफ्ते की समयसीमा रखी। हालांकि बोरिस ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के मद्देनजर कई महत्वपूर्ण फैसले लिए। उन्होंने कहा कि जो लोग घर से काम कर सकते हैं वो करें लेकिन जिन्हें बाहर जाकर काम करने की जरुरत है, वे बाहर निकलकर काम कर सकते हैं।


बोरिस ने साथ ही लोगों से कहा कि वे नजदीकी पार्कों और घर के बाहर में अपने परिवार के साथ व्यायाम कर सकते हैं, खेल भी सकते हैं, जिन्हें किसी दूसरी जगह जाना, वे अपनी गाड़ी से जा सकते हैं। हालांकि इस दौरान मास्क लगाना सभी के लिए अनिवार्य होगा। जॉनसन ने साफ संकेत दिया है कि अगर मामले बढ़े तो पाबंदियां बढ़ाई जा सकती हैं।


जॉनसन ने कुछ छूट के साथ दिशानिर्देश जारी किये हैं।


कानूनों में संशोधन का विरोध किया

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लॉकडाउन के बीच कुछ राज्यों द्वारा श्रम कानूनों में संशोधन किये जाने का विरोध करते हुए कहा है कि इस समय देश कोरोना से लड़ रहा है और किसी को श्रमिकों के मूल अधिकारों को रौंदने की इज़ाज़त नही दी जा सकती है।


राहुल गांधी ने कहा कि महामारी से लड़ाई के दौरान कुछ राज्यों में मज़दूरों के अधिकारों में कटौती कर उनका शोषण करने और उनकी आवाज़ दबाने की कोशिश हो रही है। यह मूलभूत सिद्धांतो का हनन है और इससे समझौता नही किया जा सकता है। कांग्रेस नेता ने ट्वीट किया , “अनेक राज्यों द्वारा श्रम कानूनों में संशोधन किया जा रहा है। हम कोरोना के खिलाफ मिलकर संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन यह मानवाधिकारों को रौंदने, असुरक्षित कार्यस्थलों की अनुमति, श्रमिकों के शोषण और उनकी आवाज दबाने का बहाना नहीं हो सकता। इन मूलभूत सिद्धांतों पर कोई समझौता नहीं हो सकता।


महाकाल की नगरी औसत से ज्यादा मौत

महाकाल की नगरी उज्जैन में कोरोना मृत्युदर राष्ट्रीय औसत से काफी ज्यादा


उज्जैन। भगवान शिव के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग और अन्य धार्मिक स्थलों के चलते मशहूर उज्जैन में रविवार सुबह की स्थिति में कोरोना के मरीजों की मृत्यु दर करीब 19 प्रतिशत दर्ज की गई। यह मृत्यु दर 3.35 प्रतिशत के राष्ट्रीय औसत के साढ़े पांच गुने से भी ज्यादा है।


आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, उज्जैन जिले में रविवार सुबह तक कोविड-19 के कुल 237 मरीज मिले हैं। इनमें शामिल एक पुलिस निरीक्षक और एक भाजपा पार्षद समेत 45 मरीजों की मौत हो चुकी है, जबकि 94 लोगों को संक्रमणमुक्त होने पर अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है।


उज्जैन में एक भी सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय नहीं है और कोविड-19 मरीजों के इलाज का भार निजी क्षेत्र के आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज के 750 बिस्तरों वाले अस्पताल पर है। इसके अलावा, पड़ोसी शहर इंदौर के एक निजी अस्पताल में भी उज्जैन के गंभीर मरीजों के लिये 100 बिस्तर आरक्षित किये गए हैं।


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