रविवार, 10 मई 2020

मुख्यमंत्रियों से चर्चा करेंगे 'पीएम मोदी'

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को दोपहर तीन बजे देश के मुख्यमंत्रियो के साथ लॉक डाउन को लेकर चर्चा करेंगे। यह जानकारी पीएमओ इंडिया के ट्विटर हैंडर से शेयर की गई है। इसमें बताया गया है कि राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ पांचवीं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सोमवार दोपहर को होगी। इससे पहले रविवार को कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और स्वास्थ्य सचिवों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में चर्चा की। कल की बैठक के बाद पता चलेगा कि लॉकडाउन ( lockdown 3.0) आगे बढ़ाया जाएगा या इससे बाहर निकलने के लिए कोई योजना आएगी।


सूत्रों ने कहा कि बहुत से राज्यों ने रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन की मार्किंग पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि प्रवासियों की वापसी के साथ जिलों में मामलों की संख्या बढ़ रही है, अधिकांश जिले रेड जोन के अंतर्गत आएंगे। कई राज्यों ने तर्क दिया कि इससे सामान्य स्थिति में वापसी मुश्किल हो जाएगी। उन्होंने सुझाव दिया कि वर्तमान कलर कोडिंग नियमों के मामले में, क्वारंटाइन सेंटर्स वाले क्षेत्रों को लाल क्षेत्रों के रूप में अधिसूचित किया जाना चाहिए।


बताते चलें कि तीसरी बार बढ़ाए गए लॉक डाउन की अवधि 17 मई को खत्म हो रही है। मगर, देश में कोरोना संक्रमण के मामलों की संख्या में कोई कमी नहीं आ रही है। हालांकि, अच्छी बात यह है कि कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों की दर बढ़कर 30 फीसदी तक पहुंच गई है। देश में अब तक कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़कर 62 हजार 939 से अधिक हो चुकी है, जबकि इसकी वजह से 2,109 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 19 हजार 358 लोग स्वस्थ होकर घर वापस लौट चुके हैं।


चंद्रमौलेश्ववर शिवांशु 'निर्भयपुत्र'


शाह के स्वास्थ्य पर अफवाह, 4 गिरफ्तार

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की सेहत को लेकर अफवाह फैलाने के आरोप में चार लोगों को गुजरात में गिरफ्तार किया गया है। दो अहमदाबाद से और दो को भावनगर से पकड़ा गया है। अमित शाह की सेहत को लेकर अफवाह फैलाने पर हुए एक्शन के बारे में क्राइम ब्रांच के स्पेशल सीपी अजय तोमर ने बताया कि केंद्रीय गृहमंत्री के नाम से एक फर्जी पोस्ट बनाई गई और उसे अलग-अलग ग्रुप में डाला गया। अजय तोमर के मुताबिक इस मामले में जिन लोगों की भूमिका सामने आई है उनमें अहमदाबाद से फिरोज खान पठान, सरफराज मेमन और भावनगर से सजाद अली और सहजाद हुसैन शामिल हैं।


इस बीच अमित शाह ने खुद अपने ट्विटर हैंडल से अपनी सेहत पर स्थिति स्पष्ट की है - 'मैं पूर्ण रूप से स्वस्थ हूं और मुझे कोई बीमारी नहीं है।' अब सवाल ये है कि जब तमाम सरकारी गतिविधियों में अमित शाह शामिल नजर आ ही रहे थे तो ऐसी सफाई देने की जरूरत ही क्या थी?


ये सही है कि अमित शाह को लेकर काफी दिनों से सोशल मीडिया पर कई तरह के सवाल पूछे जा रहे थे। कोरोना वायरस की महामारी और लॉकडाउन के दौरान ज्यादातर वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही मोर्चे पर सामने नजर आ रहे थे - और चुनाव प्रचार से लेकर तमाम राजनीतिक गतिविधियों में दोनों को साथ साथ न देखे जाने से ऐसे तत्वों को मौका मिल रहा था. ऐसा पहली बार तो था नहीं। पहले भी ऐसे कई मौके देखने को मिले हैं जब दोनों में से कोई एक ही एक बार में मोर्चे पर विरोधियों को ललकारते नजर आता है। दिल्ली विधानसभा चुनावों की ही तो बात है - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामलीला मैदान में रैली कर बीजेपी की चुनावी मुहिम का आगाज कर दिया और फिर अमित शाह सामने आ डटे। कई दिनों तक लगातार अमित शाह अकेले मैदान में विरोधियों को ललकारते रहे। आखिरी दौर में जरूर प्रधानमंत्री दोबारा आये और चुनाव प्रचार में तेजी आ गयी।


कोरोना मरीज स्वस्थ करने का मुकदमा

डीएम वार रूम गौतम बुद्ध नगर से शारदा हॉस्पिटल द्वारा कोरोना पॉजिटिव मरीजों को स्वस्थ करने का नया मुकदमा


अश्वनी उपाध्याय


गौतम बुध नगर/गाजियाबाद। शारदा अस्पताल से 15 कोरोना पॉजिटिव मरीजों को स्वस्थ करके डिस्चार्ज किया गया है। साथ ही दो सस्पेक्ट मरीजों को भी अस्पताल से छुट्टी दिया गया है। इन सभी का कल रात रिपोर्ट नेगेटिव आया था। किसी भी अस्पताल से एक बार में इतने मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज होने का या पहला मौका है। उत्तर प्रदेश शासन द्वारा नामित अधिकारी डॉ देवेंद्र वार्ष्णेय, डीजीएमई के अधिकारी डॉ ज्ञानेंद्र कुमार, जिला प्रशासन द्वारा मनोनीत नोडल अधिकारी डॉ अभिषेक त्रिपाठी के साथ साथ शारदा विश्वविद्यालय के प्रो चांसलर वाई के गुप्ता एवं शारदा हॉस्पिटल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ आशुतोष निरंजन ने सभी को डिस्चार्ज पत्र सौंपा।
शारदा हॉस्पिटल से अब तक 49 पॉजिटिव मरीजों को स्वस्थ करके डिस्चार्ज किया गया है वहीं 56 मरीजों का इलाज चल रहा है और उम्मीद जताई जा रही है कि वो भी जल्द ही स्वस्थ होकर अपने घर चले जाएंगे। 
आज होने वाले मरीजों में 6 बच्चे सहित सीआरपीएफ के जवान सत्यवीर भी शामिल है। डिस्चार्ज पत्र लेने के उपरांत उनके चेहरे की खुशी देखने लायक थी। उनके सेवा में लगे डॉक्टर, नर्स, तथा अन्य सदस्यों ने पुष्प वर्षा करके सभी को हॉस्पिटल से विदाई दिया।  शारदा हॉस्पिटल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ आशुतोष निरंजन ने कहा कि हमलोग मरीजों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए वचनबद्ध है। हमलोग जिले के नोडल अधिकारी तथा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी नरेन्द्र भूषण जी तथा जिलाधिकारी सुभाष एल वाई के निर्देशन में हमारे सभी सदस्य डॉक्टर, नर्स तथा अन्य सदस्य अपने जी जान से देश में आए इस महामारी से निपटने के लिए अपने तन मन से उपलब्ध है।


डॉ. अजीत कुमार


2 बंदरों की खासनें से मौत, दहशत

गाजियाबाद। गाजियाबाद के संजय नगर सेक्टर-23 में बंदरों को खांसी होने की जानकारी सामने आई है। वहीं, बी ब्लॉक के पार्क में दो बंदर खांसते हुए मर गए। लोगों ने वन विभाग को इसकी सूचना दी, लेकिन कोई भी इन बंदरों की सुध लेने नहीं आया। इस वजह से क्षेत्र के लोगों को दहशत का माहौल है।


संजय नगर निवासी आयुष के मुताबिक, बी ब्लॉक संजय नगर के पार्क में बंदर कई दिनों से खांस रहे हैं। देखने से लग रहा है कि बंदरों में किसी प्रकार का इंफेक्शन हो गया है। गुरुवार को एक बंदर खांसते हुए मर गया। उसके बाद शुक्रवार को भी इसी तरह एक और बंदर की मौत हो गई। ये बंदर लोगों के घरों की छतों पर भी घूमते हैं और कई बार टंकी खोलकर पानी भी पी लेते हैं।


आज ही के दिन हुआ क्रांति का आगाज

धन सिंह कोतवाल गुर्जर के द्वारा आज के दिन ही हुआ था क्रांति का आगाज


दिनेश गुर्जर 


गाजियाबाद। गाजियाबाद के द्वारा आज सोशल मीडिया के माध्यम से धन सिंह कोतवाल गुर्जर के बारे में सभी साथियों को संबोधित किया उन्होंने कहा


1857 क्रान्ति का प्रारम्भ/आरम्भ ”10 मई 1857“ को हुआ था। क्रान्ति की शुरूआत करने का श्रेय अमर शहीद कोतवाल धनसिंह गुर्जर को जाता है। उस दिन मेरठ में धनसिंह के नेतृत्व मे विद्रोही सैनिकों और पुलिस फोर्स ने अंग्रेजों के विरूद्ध क्रान्तिकारी घटनाओं को अंजाम दिया। धन सिंह कोतवाल जनता के सम्पर्क में थे। उनका संदेश मिलते ही हजारों की संख्या में क्रान्तिकारी रात में मेरठ पहुंच गये। समस्त पश्चिमी उत्तर प्रदेश, देहरादून, दिल्ली, मुरादाबाद, बिजनौर, आगरा, झांसी, पंजाब, राजस्थान से लेकर महाराष्ट्र तक के गुर्जर इस स्वतन्त्रता संग्राम में कूद पड़े। विद्रोह की खबर मिलते ही आस-पास के गांव के हजारों ग्रामीण गुर्जर मेरठ की सदर कोतवाली क्षेत्र में जमा हो गए। इसी कोतवाली में धन सिंह पुलिस प्रमुख थे। 10 मई 1857 को धन सिंह ने की योजना के अनुसार बड़ी चतुराई से ब्रिटिश सरकार के वफादार पुलिस कर्मियों को कोतवाली के भीतर चले जाने और वहीं रहने का आदेश दिया और धन सिंह के नेतृत्व में देर रात २ बजे जेल तोड़कर 836 कैदियों को छुड़ाकर जेल को आग लगा दी। छुड़ाए कैदी भी क्रान्ति में शामिल हो गए। उससे पहले भीड़ ने पूरे सदर बाजार और कैंट क्षेत्र में जो कुछ भी अंग्रेजों से सम्बन्धित था सब नष्ट कर चुकी थी। रात में ही विद्रोही सैनिक दिल्ली कूच कर गए और विद्रोह मेरठ के देहात में फैल गया।


इस क्रान्ति के पश्चात् ब्रिटिश सरकार ने धन सिंह को मुख्य रूप से दोषी ठहराया, और सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि धन सिंह कोतवाल क्योंकि स्वयं गुर्जर है इसलिए उसने गुर्जरो की भीड को नहीं रोका और उन्हे खुला संरक्षण दिया। इसके बाद घनसिंह को गिरफ्तार कर मेरठ के एक चौराहे पर फाँसी पर लटका दिया गया।


मेरठ की पृष्ठभूमि में अंग्रेजों के जुल्म की दास्तान छुपी हुई है। मेरठ गजेटियर के वर्णन के अनुसार 4 जुलाई, 1857 को प्रातः 4 बजे पांचली पर एक अंग्रेज रिसाले ने 56 घुड़सवार, 38 पैदल सिपाही और 10 तोपों से हमला किया। पूरे ग्राम को तोप से उड़ा दिया गया। सैकड़ों गुर्जर किसान मारे गए, जो बच गए उनको कैद कर फांसी की सजा दे दी गई। आचार्य दीपांकर द्वारा रचित पुस्तक "स्वाधीनता आन्दोलन" और मेरठ के अनुसार पांचली के 80 लोगों को फांसी की सजा दी गई थी। ग्राम गगोल के भी 9 लोगों को दशहरे के दिन फाँसी दे दी गई और पूरे ग्राम को नष्ट कर दिया। आज भी इस ग्राम में दश्हरा नहीं मनाया जाता।


एक पेड़ पर आते हैं 40 तरह के फल

एक ही पेड़ पर कई तरह फल लगना आम बात नही है और वो भी एक दो नही पूरे 40 तरह के फल। अमरीका में एक विजुअल आर्टस के प्रोफेसर ने एक ऎसा ही अद्भुत पौधा तैयार किया है। इतना ही नहीं बल्कि यह 40 प्रकार फल देने वाला यह पौधा बिकाऊ भी है, जिसकी कीमत अभी तक 19 लाख रूपए लग चुकी है। इस पेड़ को अमरीका की सेराक्यूज यूनिवर्सिटी में विजुअल आर्ट्स के प्रफेसर वॉन ऎकेन ने तैयार किया है। उन्होंने इस पेड़ का नाम ट्री ऑफ 40 रखा गया है। इस पेड़ से लगने वाले फलों में बेर, सतालू, खुबानी, चेरी और नेक्टराइन जैसे फल शामिल है। 


वॉन के मुताबिक उन्होंने ट्री ऑफ 40 प्रॉजेक्ट 2008 में शुरू किया था, जब उन्होंने वॉन ऎकेन ने न्यू यॉर्क स्टेट ऎग्रिकल्चरल एक्सपेरिमेंट में एक बागीचा को देखा। वॉन ने देखा कि इस बगीचे में 200 तरह के बेर और खुबानी के पौधे थे। कई प्राचीन और दुर्गन पौधों की प्रजातियों वाला यह बगीचा फंड की कमी के चलते बंद होने जा रहा था। 


ग्राफ्टिंग तकनीक के तहत पौधा तैयार करने के लिए सर्दियों में पेड़ की एक टहनी कली समेत काटकर अलग कर ली जाती है। इसके बाद इस टहनी को मुख्य पेड़ में छेद करके लगा दिया जाता है। जुड़े हुए स्थान पर पोषक तत्वों का लेप लगाकर सर्दी भर के लिए पट्टी बांध दी जाती है।


पाक सेना ने लड़ाकू विमानों की गश्त बढ़ाई

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में हुए मुठभेड़ के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई से घबराए पाकिस्तानी सेना ने सीमा पर लड़ाकू विमानों की गश्त बढ़ा दी है। पाकिस्तान को आशंका है कि भारत लाइन ऑफ कंट्रोल को पार कर सर्जिकल स्ट्राइक कर सकता है। बता दें कि हंदवाड़ा में पाक समर्थित आतंकियों के साथ हुए मुठभेड़ में भारतीय सेना के कर्नल आशुतोष शर्मा और चार जवान शहीद हो गए थे।
रियाज नायकू को ढेर कर सेना ने लिया था बदला
भारतीय सेना ने इस मुठभेड़ का बदला भले ही हिज्बुल के टॉप कमांडर रियाज नायकू को मारकर ले लिया है, लेकिन पाकिस्तान को अब भी कार्रवाई की चिंता सता रही है। यही कारण है कि उसने पीओके सहित समूची सीमा पर निगहबानी बढ़ा दी है।


पाक को बड़ी कार्रवाई का डरः समचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, इस मुठभेड़ के पहले से ही पाकिस्तान सीमा के पास हवाई सुरक्षा अभ्यास कर रहा था और इसके बारे में भारतीय खुफिया एजेंसियों को पूरी जानकारी भी थी। लेकिन, इस मुठभेड़ में कर्नल रैंक के अधिकारी के शहीद होने के बाद पाकिस्तान घबरा गया और उसे भारतीय सेना के कार्रवाई का डर लगने लगा है।


यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई  संदीप मिश्र  लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को लेकर उत्तर प्रदेश में भी 7 दिनों के...