रविवार, 10 मई 2020

सपा-कांग्रेस श्रमिकों के बड़े दुश्मन

लखनऊ। कोरोना वायरस के संक्रमण में लॉकडाउन के दौरान अन्य राज्यों के श्रमिकों को उत्तर प्रदेश वापस लाने और उनके लिए रोजगार के अवसर बनाने में लगी योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने श्रमिकों के बारे में बयान देने पर विपक्षी दलों पर करारा हमला बोला है। प्रदेश के श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि कांग्रेस, सपा तथा बसपा श्रमिकों के सबसे बड़े दुश्मन हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य ने साफ कहा कि यह दल नहीं चाहते है कि प्रवासी श्रमिकों को उत्तर प्रदेश में काम मिले। इसी कारण यह लोग श्रमिकों को इस संकट की घड़ी में भी भड़काने का काम कर रहे हैं। यह दल उन श्रमिकों का विरोध कर रहे हैं, जिनके लिए निवेश के माध्यम से रोजगार तलाशने की प्रक्रिया चल रही है। मौर्य ने कहा कि श्रमिकों को लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का बयान यह दर्शाता है कि वह लोग श्रमिकों के सबसे बड़े दुश्मन हैं।प्रदेश में श्रम अधिनियमों में जो संशोधन अध्यादेश आया है, वह प्रदेश के साथ ही प्रवासी श्रमिकों के हितों की रक्षा करने के लिए है। इस समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अन्य प्रदेशों में रह रहे सभी प्रवासी कामगारों व श्रमिकों को उत्तर प्रदेश में वापस लाने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि यह भी भी संकल्प लिया गया कि हम उत्तर प्रदेश में ही इनको (श्रमिकों को) सेवा में नियोजित भी करेंगे, जो जिस योग्य कामगार है, उसे उसके लायक काम यहीं पर दिलाने की हम व्यवस्था करेंगे।स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि यह दल उन श्रमिकों का विरोध कर रहे हैं, जिनको हम लॉकडाउन के चलते बंद उद्योग- कारखानों में पुन: समायोजित करने के लिए अवसर प्रदान करने जा रहे हैं। कांग्रेस और सपा के बयान से उनका श्रमिक विरोधी चेहरा सामने आया है। उनको मैं भी स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि जो श्रमिकों के लिए घडिय़ाली आंसू बहा रहे हैं उनको शायद नहीं पता कि हमने नये निवेश के रास्ते खोलते वक्त श्रमिकों के हितों का ध्यान रखा है।उन्होंने कांग्रेस और सपा पर तंज किया कि वे पहले अध्यादेश को पढें, फिर किसी तरह की टिप्पणी करें। अब तो उनकी टिप्पणी से आभास हो गया है कि वह सभी श्रमिकों के नंबर एक दुश्मन हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों दल नहीं चाहते कि श्रमिकों को काम मिले इसलिए अनाप शनाप बयानबाजी कर रहे हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा है कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने एक अध्यादेश से मजदूरों को शोषण से बचाने वाले श्रम-कानून के अधिकांश प्रावधानों को तीन वर्ष के लिए स्थगित कर दिया है। यह बेहद आपत्तिजनक व अमानवीय है। श्रमिकों को संरक्षण न दे पाने वाली गरीब विरोधी भाजपा सरकार को तुरंत त्यागपत्र दे देना चाहिए।कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी ट्वीट कर कहा कि यूपी सरकार के श्रम कानूनों में बदलावों को तुरंत रद्द किया जाना चाहिए। आप मजदूरों की मदद करने के लिए तैयार नहीं हो। आप उनके परिवार को कोई सुरक्षा कवच नहीं दे रहे हो। अब आप उनके अधिकारों को कुचलने के लिए कानून बना रहे हो। मजदूर तो देश निर्माता हैं, आपके बंधक नहीं हैं।


यूपी में 3373 संक्रमित, 75 की मौत

लखनऊ। कोरोना वायरस का संक्रमण उत्तर प्रदेश को लगातार अपनी गिरफ्त में लेता जा रहा है। शन‍िवार को कोरोना वायरस से चार और लोगों की मौत हो गई। नोएडा में दो और अलीगढ़ व आगरा में एक-एक लोगों ने दम तोड़ा। अब तक कुल 75 लोगों की मौत हो चुकी है। 163 नए मरीज और मिले। अब कुल मरीजों का आंकड़ा 3373 पहुंचा। शनिवार को 112 मरीज और हुए स्वस्थ। अब तक कुल 1499 लोग हो चुके हैं स्वस्थ। कुल मरीजों में से 44.4 फीसद अब तक हो चुके हैं स्वस्थ।


 
अभी तक सुरक्षित माने जा रहे झांसी से सटे ललितपुर जिले को भी कोरोना वायरस ने अपनी चपेट में ले लिया। यहां के एक युवक की शुक्रवार रात झांसी मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई। इससे ललितपुर जिले में खलबली मची है। इसके साथ ही गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में बीते 24 घंटे में दो लोगों की मौत के बाद से जिले में लोग काफी भयभीत हैं। उधर ताजनगरी आगरा में हालत काबू से बाहर होते जा रहे हैं।सूबे के सिर्फ 13 जिलों में 80 फीसद संक्रमित हैं। आगरा, कानपुर, लखनऊ व मेरठ के साथ सहारनपुर, गौतमबुद्धनगर (नोएडा) व मुरादाबाद में सर्वाधिक संक्रमित हैं। प्रदेश के अब 75 में से 67 जिलों में कोरोना के संक्रमित लोग हैं। प्रदेश में कोरोना के कहर से मरने वालों की संख्या 73 में से 22 आगरा से हैं।ललितपुर जिला भी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गया है। यहां जिला अस्पताल में कार्यरत एक कर्मचारी की मेडिकल कॉलेज, झांसी में इलाज के दौरान शुक्रवार की शाम मौत हो गई। उसकी मौत कोरोना के चलते हुई है, जिसकी पुष्टि करते हुए सीएमओ डॉ प्रताप सिंह ने कहा है कि अब काम और अधिक बढ़ गया है। शनिवार सुबह जिला अस्पताल को बंद करा दिया है। सभी कर्मचारी बाहर निकल आये और इमरजेंसी भी बंद हो गई। इसके साथ ही बाजार बंद कराने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। जिले में कोरोना का पहला केस मिलने से जिला प्रशासन में खलबली मच गयी है। प्रसाशनिक, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अफसर आगे की रणनीति बनाने में जुट गए हैं।विगत पांच मई को महाराष्ट्र से लौटा एक युवक कोरोना पॉजिटिव निकला। रिपोर्ट आने पर प्रशासनिक अधिकारियों में हलचल मच गई। एसडीएम और सीओ ने शमसाबाद बाजार बंद करा दिया। अब स्वास्थ्य टीम उन लोगों पर नजर रख रहीं हैं जो कोराेना पॉजिटिव युवक के संपर्क में आए हैं। शमसाबाद थाना क्षेत्र के एक मोहल्ला निवासी युवक विगत पांच मई को महाराष्ट्र से लौटा था। बाहर से आने पर विगत सात मई को युवक का मिशन अस्पताल में सैंपल लिया गया था। शनिवार को लखनऊ के केजीएमयू से युवक की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई। जिलाधिकारी को इससे अवगत कराया गया। डीएम के निर्देश पर एसडीएम और सीओ पुलिस बल लेकर कस्बा शमसाबाद पहुंचे।


 
वहां पर पुलिस ने बाजार बंद कराकर युवक को निगरानी में ले लिया। जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने युवक के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि की।गौतमबुद्ध नगर (नोएड) में कोरोना वायरस संक्रमण के चलते बीते 24 घंटे के भीतर लगातार दूसरी मौत हो गई, इससे स्वास्थ्य विभाग में खलबली मची है। दोनों मृतकों की उम्र 0-60 वर्ष थी। ताजा मामले में 60 वर्षीय बुजुर्ग ने शुक्रवार रात 11 बजे ग्रेटर नोएडा के राजकीय आयुॢवज्ञान संस्थान में दम तोड़ दिया। मृतक के परिजनों को क्वारंटाइन किया गया है। इससे पहले शुक्रवार तड़के एक 60 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हुई थी।ताजनगरी आगरा में कोरोना वायरस का कहर नियंत्रण से बाहर होता जा रहा है। यहां पर हर दिन दो दर्जन से अधिक पॉजिटिव केस सामने आ रहे हैं। अब तो संक्रमितों के इलाज में लगे डॉक्टर तथा मेडिकल स्टाफ भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। एसएन मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर और कर्मचारी के साथ भर्ती गर्भवती महिला में पुष्टि होने के साथ ताजनगरी में संख्या 706 पर है। शुक्रवार रात तक 23 नए केस आए थे। आगरा में 22 मौत रिपोर्ट की जा चुकी हैं।अलीगढ़ में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है। जेएन मेडिकल कॉलेज की जांच रिपोर्ट में दो मरीज कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। इनमें एक अलीगढ़ तथा एक मथुरा का है। अलीगढ़ में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की संख्या अब 55 हो गई है। इनमें से दो की मौत हो चुकी है। 24 सही हो चुके हैं।फिरोजाबाद में शुक्रवार रात सैफई से आई रिपोर्ट से सनसनी बड़ी फैल गई। प्राइवेट लैब के पॉजिटिव बताए गए पांच संक्रमितों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। फीरोजाबाद में स्वास्थ्य विभाग के अलावा एक प्राइवेट पैथोलॉजी में भी कोरोना की जांच होती है। इस लैब में पिछले दिनों तीन गर्भवती महिलाओं के अलावा कई रोगियों की रिपोर्ट पॉजिटिव बताई गई थी। एक सैंपल के लिए लैब 4500 रुपये लेती है। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने प्राइवेट लैब से संक्रमित बताए गए रोगियों की अपने स्तर से जांच कराई।  सैफई मेडिकल कॉलेज से पांच ऐसे रोगियों की रिपोर्ट निगेटिव आई, जिन्हेंं प्राइवेट लैब ने पॉजिटिव बताया था। डीएम चंद्र विजय सिंह ने बताया कि रात को आई रिपोर्ट में पांच सैंपल निगेटिव पाए गए। अब तो हरियाणा बेस्ड लैब के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


21 नए मरीजों से मेरठ में बेचैनी

शेरखान


मेरठ। कोरोना मरीजों की चेन दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। शनिवार को दो मरीजों की मौत हो गई। देर शाम आई जांच रिपोर्ट में 21 नए मरीजों में कोरोना पॉजिटिव पाया गया। मरने वालों में एक विधायक का रिश्‍तेदार भी शामिल है।शनिवार को मिले 21 संक्रमित में 17 लोग एक ही मोहल्ला रविंद्रपुरी के रहने वाले हैं। ये सभी वहां के एक कोरोना मरीज के संपर्क में आए थे। अब मेरठ में कोरोना संक्रमितों की संख्या 230 हो गई है। इससे मेरठ में दहशत पसर गई है। शहर की गलियों व सड़कों पर पुलिस ने पूरी तरह सख्ती बढ़ा दी है। उधर, मेडिकल कॉलेज में बदहाली की वीडियो वायरल होने व दीगर शिकायतों के आधार पर देर शाम जिलाधिकारी अनिल ढींगरा और सीएमओ डा. राजकुमार मेडिकल कॉलेज में छापा मारा। मेडिकल कॉलेज में मरीजों ने स्टाफ के व्यवहार और समुचित इलाज न मिलने को लेकर हंगामा किया। वहीं मेडिकल स्टाफ को दोपहर का खाना रात को परोस दिया गया। इसे लेकर मेडिकल स्आफ ने विरोध जताया। कुल मिलाकर मेरठ मेडिकल में अफरातफरी का आलम है। शनिवार को शामली में दो पॉजिटिव केस मिले हैं।विधायक रफीक अंसारी का कहना है कि उनके फूफा की मौत नहीं बल्कि हत्या हुई है। फूफा ही नहीं जो भी वहां भर्ती है उसे मारा जा रहा है। पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद दूसरे दिन भर्ती करने को कहा गया।शुक्रवार रात 12 बजे बड़ी मुश्किल से भर्ती किया गया। दवा नहीं दी गई। इलाज न होने से मौत तो सुबह ही हो गई थी लेकिन घोषणा अब रात में की गई है। वेंटिलेटर पर तो सिर्फ दिखावे के लिए रखा गया था।


संदिग्ध मरीज की मौत से मचा हड़कंप

बलरामपुर। राजधानी के बलरामपुर में शनिवार को कोरोना के संदिग्ध मरीज की मौत हो जाने से हड़कंप मच गया है। एहतियात के तौर पर इमरजेंसी के मरीजों को सामने की बिल्डिंग में शिफ्ट कर दिया गया है। मरीज का नमूना कोरोना जांच को भेजा गया है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आरके गुप्ता ने कहा कि एहतियात के तौर पर इमरजेंसी को सैनिटाइज कराया गया है। मरीज की रिपोर्ट आने के बाद इमरजेंसी को खोल दिया जाएगा।


हालांकि सामने की बिल्डिंग में इमरजेंसी सेवाएं चल रही हैं।मृतक इंदिरानगर निवासी था, जो कि स्वास्थ्य भवन में ड्राइवर था। दोपहर को उल्टी व दस्त की शिकायत के साथ अस्पताल पहुंचा था। उसके मुंह से झाग भी निकल रही थी। उसके शव को रिपोर्ट नहीं आने तक के लिए सुरक्षित रखवा दिया गया है। वहीं इमरजेंसी को सैनिटाइज करने के बाद वहां भर्ती सारे मरीजों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। अगर रिपोर्ट आती है तो बलरामपुर अस्पताल के साथ स्वास्थ्य विभाग की भी चिंताएं बढ़ेंगी।उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। शनिवार को राजधानी के मछली मोहाल में एक मरीज में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। वहीं, बीते दिन शुक्रवार को तीन और मरीजों में वायरस की पुष्टि हुई। इसमें एक केस सब्जी मंडी कैसरबाग, दूसरा केस फतेहगंज अमीनाबाद तथा तीसरा मामला हजरतगंज के नरही का है। हजरतगंज में पहला कोरोना मरीज मिलने से प्रशासन की नींद उड़ गई है। नरही निवासी एक गर्भवती में कोरोना की पुष्टि से पूरे इलाके में दहशत है। जानकारी के मुताबिक, महिला छह मई तक विवेकानंद अस्पताल गई थी। उसकी कहीं यात्रा की हिस्ट्री नहीं है। लेकिन आसपास की दुकानों व अन्य जगह जाने की जानकारी से दहशत बनी हुई है। राजधानी में अब कोरोना मरीजों की संख्या 257 हो गई है। जिसमें शहर निवासी 177 हो गई है।वहीं, राजाजीपुरम स्थित आरएलबी अस्पताल को तीन दिनों के लिए सील कर दिया गया है। यह राजधानी का पहला सरकारी अस्पताल है, जिसे सील किया गया है। यहां गत चार मई को एक 20 वर्षीय लावारिस युवती का इलाज किया गया था। जिसकी रिपोर्ट बाद में पॉजिटिव आई थी। अभी यहां से 10 लोगों को हाईरिस्क व 45 को लो रिस्क में रखा गया है। सभी की रिपोर्ट आने के बाद अस्पताल को पुन: चालू किया जाएगा। उधर, राजधानी के  कैसरबाग लगातार मिल रहे कोरोना पॉजिटिव मरीजों से इलाके की संवेदनशीलता भी बढ़ती जा रही है। तीन मई को यहां तीन संक्रमित मरीज मिले थे, जिसमें दो सब्जी विक्रेता और एक जनरल स्टोर संचालक था। इसके बाद इन सभी के परिवारजन और संपर्क में आए लोगों के नमूने जांच के लिए गए थे। शुक्रवार को आई रिपोर्ट में पता चला कि पूर्व में पॉजिटिव आ चुका जनरल स्टोर संचालक फतेहगंज गल्ला मंडी स्थित जिस दुकान से सामान लेता था, अब वहां का एक युवक भी पॉजिटिव मिला है। वहीं,  दूसरा पॉजिटिव युवक कैसरबाग सब्जी मंडी का ही मूल निवासी है। अब इन दोनों के परिजनों के 10-10 सैंपल लिए गए हैं। तीसरा मरीज नए इलाके नरही से है। यहां की गर्भवती महिला की एक निजी लैब में जांच कराई गई तो तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई। जबकि अन्य दोनों मरीजों को राम सागर मिश्रा अस्पताल भेजा गया है। उधर, महिला का केजीएमयू में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है।  सीएमओ डॉक्टर नरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि शुक्रवार को तीन नए मरीज मिले हैं, जिनके परिवारजनों के नमूने भी जांच को भेजे गए हैं। बीकेटी स्थित रामसागर मिश्र अस्पताल से कोरोना संक्रमण से मुक्त होने के बाद शुक्रवार को चार और मरीजों को छुट्टी मिल गई है। इनमें से दो मरीज लखनऊ के निवासी हैं। बता दें, अब तक 185 लोग कोरोना के प्रकोप से बाहर आ चुके हैं।


प्रवासियों को काम देने की योजना तैयार

लखनऊ। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लॉकडाउन में भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पांच लाख से अधिक प्रवासी कामगार/श्रमिकों को काम देंगे। मुख्यमंत्री ने शनिवार को टीम-11 के साथ कोरोना वायरस संक्रमण की समीक्षा के दौरान बैठक में मौजूद अधिकारियों को सभी प्रवासी कामगार व श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए शीघ्र ही वृहद कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिया।सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पांच लाख से अधिक लाख प्रवासी श्रमिक/ कामगारों की चुनौती को अवसर में बदला जाएगा। पहले तो सभी की सुरक्षित वापसी हो फिर लेबर रिफार्म कानून के जरिए गांवों व कस्बों में ही नौकरियां रोजगार देने की योजना को मूर्त रूप दिया जाए। उन्होंने कहा कि लाखों श्रमिक/कामगारों का हर क्वॉरंटीन सेंटरों में ही स्किलिंग डाटा तैयार करने किया जाए। उन्होंने कहा कि अभी तक आठ लाख प्रवासी श्रमिक/कामगार उत्तर प्रदेश पहुंच चुके हैं। पिछले तीन दिनों में 80 ट्रेनों से करीब सवा लाख कामगार उत्तर प्रदेश में अपने जिलों में पहुंच चुके हैं। अभी बाकी लोग 35 ट्रेन से आज या कल तक पहुंचेंगे। प्रतिदिन 35 से 40 ट्रेनों से प्रवासी कामगार व श्रमिक प्रदेश वापस आ रहे हैं।सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सभी प्रवासी कामगार/श्रमिकों को नौकरी देने के लिए हम लेबर रिफार्म कानून ला रहे हैं। लेबर रिफार्म से सभी प्रवासी श्रमिकों/कामगारों को बड़ा फायदा होगा और रोजगार सृजन की व्यापक संभावनाएं बढेंगी। इसके साथ यूपी की अर्थव्यवस्था भी तेजी से दौड़ेगी। लेबर रिफार्म में हर कामगार / श्रमिक को रोजगार/ नौकरी के साथ ही न्यूनतम 15 हजार रूपए वेतन की गारंटी के साथ उसके काम के घंटों की गारंटी तथा सुरक्षा की गारंटी भी होगी।सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महिला कामगार/श्रमिकों के लिए महिला सुरक्षा कानून के तहत सुरक्षा की गारंटी की व्यवस्था भी होगी। नई इकाइयों के साथ ही पुरानी इकाइयों में भी नई भॢतयों में लेबर रिफार्म कानून लागू होगा। महिला स्वयं सहायता समूह के लिए व्यापक स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जाएं। डिटर्जेंट के कारोबार के साथ ही साथ इत्र, एग्री प्रोडक्ट्स, धूप बत्ती, अगरबत्ती, फूड पैकेजिंग और गौ आधारित कृषि के उत्पादों के साथ फूल आधारित उत्पादों तथा कंपोस्ट खाद आदि के कारोबार पर रणनीति भी तैयार की जाए।सीएम योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया कि कामगार/श्रमिकों के साथ ही महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से भी नौकरी व रोजगार पैदा करने की रणनीति बने।


 
सरकार का फोकस रेडीमेड गार्मेंट के साथ ही तमाम उद्योगों का हब बनाने पर भी हैं। योगी सरकार फोकस बड़े उद्यमों के साथ ही साथ बांग्लादेश, वियतनाम जैसे देशों की तुलना में बेहतर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों का बड़ा हब बनाने में है।सीएम योगी आदित्यनाथ ने इन सभी की सुरक्षित व सम्मानजनक वापसी के साथ ही पूरी मदद के निर्देश दिए हैं। इनके साथ ही विदेशों में फंसे प्रवासी कामगार/श्रामिकों को भी आज शारजाह से लेकर पहली फ्लाइट लखनऊ पहुंचेगी। इसमें उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के कामगार और श्रमिक मौजूद आ रहे हैं जो रोजगार के लिए खाड़ी देश गए थे। सरकार सभी प्रवासी श्रमिक/कामगारों को स्वास्थ्य जांच के पश्चात सरकारी क्वारंटीन सेंटरों में भेज रही है। इसके बाद सभी को राशन पैकेट व भरण पोषण भत्ता देकर होम क्वारंटीन में भेजा जा रहा है।प्रदेश के सभी श्रमिक/कामगार का क्वारंटीन काल पूरा होते ही सरकार उन सभी के रोजगार और नौकरी की व्यवस्था करेगी। इनको क्षमता के अनुसार मनरेगा, ईंट भट्ठों के अलावा चीनी मिलों और एमएसएमई सेक्टरों में रोजगार देने की योजना बनी है। इनमें भी जिनमें बीमारी के थोड़े भी लक्षण हैं उन्हें उपचार के लिए कोविड अस्पतालों में भेजा जा रहा है।सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना की केमिस्ट्री को समझते हुए ट्रीटमेंट करने की आवश्यकता है। आप सभी आयुष कवच कोविड एप का व्यापक प्रचार-प्रसार करें। लोगों को इसे डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित करें। प्रदेश में कोविड-19 के मरीजों की रिकवरी की दर 42 प्रतिशत है जो कि जो रिकवरी के राष्ट्रीय औसत 29.2 प्रतिशत से लगभग 13 प्रतिशत अधिक है। हमारे एल-1, एल-2 तथा एल-3 कोविड चिकित्सालयों के 52,000 बेड के क्षमता विस्तार के लक्ष्य के सापेक्ष 53,400 बेड की व्यवस्था है। हम पूल टेस्टिंग में प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर हैं। मलेरिया, डेंगू सहित विभिन्न संचारी रोगों की रोकथाम के लिए विशेष अभियान चलाएं।


भाजपा के खिलाफ मैदान में बसपा

लखनऊ। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लॉकडाउन के बाद खुले उद्योगों में फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के दौरान श्रमिकों से 12-12 घंटा काम कराने के प्रस्ताव के खिलाफ बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने बिगुल बजा दिया है। मायावती ने शनिवार को चार ट्वीट किया और कहा कि श्रमिकों का शोषण बर्दाश्त नहीं होगा।मायावती ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण देश में गरीब, मजदूर, कामगार तथा श्रमिकों की स्थिति बेहद खराब है। यूपी सरकार के श्रम कानून को निलंबित करने असर का श्रमिकों पर पड़ेगा। कोरोना प्रकोप में मजदूरों/श्रमिकों का सबसे ज्यादा बुरा हाल है, फिर भी उनसे आठ के स्थान पर 12 घण्टे काम लेने की शोषणकारी व्यवस्था पुन: देश में लागू करना अति-दु:खद व दुर्भाग्यपूर्ण। उन्होंने कहा कि श्रम कानून में बदलाव देश की रीढ़ श्रमिकों के व्यापक हित में होना चाहिये ना कि कभी भी उनके अहित में। मायावती ने कहा कि परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने श्रमिकों के लिए प्रतिदिन 12 नहीं बल्कि 8 घण्टे श्रम व उससे ज्यादा काम लेने पर ओवरटाइम देने की युगपरिवर्तनकारी काम तब किया था जब देश में श्रमिकों/मजदूरों का शोषण चरम पर था। इसे बदलकर देश को उसी शोषणकारी युग में ढकेलना क्या उचित है। देश में वर्तमान हालात के मद्देनजर श्रम कानून में ऐसा संशोधन करना चाहिये ताकि खासकर जिन फेक्ट्री/प्राइवेट संस्थानों में श्रमिक कार्य करते हैं वहीं उनके रूकने आदि की व्यवस्था हो।किसी भी स्थिति में वे भूखे ना मरे और ना ही उन्हेंं पलायन की मजबूरी हो ऐसी कानूनी व्यवस्था होनी चाहिये। वैसे तो अभी काम का पता नहीं है, परन्तु सरकारें बेरोजगारी व भूख से तड़प रहे करोड़ों श्रमिकों/मजदूरोंके विरुद्ध शोषणकारी आदेश लगातार जारी करने पर तत्पर हैं। उन्होंने यह अति-दु:खद व सर्वथा अनुचित जबकि इस कोरोना के संकट में इन्हेंं ही सबसे ज्यादा सरकारी मदद व सहानुभूति की जरूरत है।


गोवा के बाद मिजोरम की वायरस को मात

इंफाल। इस वक्त पूरा देश कोरोना वायरस की गंभीर चुनौती का सामना कर रहा है। वहीं गोवा के बाद एक और राज्य इस वायरस के संक्रमण से पूरी तरह से मुक्त हो चुका है। यह राज्य है मिजोरम, जहां पर एकमात्र कोरोना संक्रमित व्यक्ति अब स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज हो चुका है।


 संक्रमित पादरी के सभी नमूने पॉजिटिव, अब डिस्चार्ज
देश के पूर्वोत्तरीय राज्य मिजोरम के 50 वर्षीय एक पादरी ने नीदरलैंड की यात्रा की थी। 24 मार्च को उन्हें कोरोना से संक्रमित पाया गया था। मिजोरम राज्य के स्वास्थ्य मंत्री आर ललथंगलिआना ने बताया कि पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना से संक्रमित पादरी के सभी चार नमूने निगेटिव पाए गए। शनिवार को पादरी को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।


अब मिजोरम में एक भी कोरोना मरीज नहीं
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा,’मिजोरम को कोविड-19 मुक्त राज्य घोषित किया जा सकता है क्योंकि हमारे पास कोरोना का अब एक भी मरीज नहीं है।’ बता दें कि तनाव के बीच आई इस सकारात्मक खबर ने कोरोना वायरस के बचाव में कार्य कर रहे कोरोना वॉरियर्स के मनोबल को भी बढ़ाया है।


गोवा ने पिछले महीने दी थी कोरोना को मात
इससे पहले गोवा ने भी पिछले महीने कोरोना वायरस पर ‘जीत’ दर्ज कर लिया था। यहां कुल 7 मामले थे, जिसमें से आखिरी का सैम्‍पल भी नेगेटिव पाया गया। अब गोवा में आधिकारिक तौर पर एक भी कोरोना केस नहीं है। गौरतलब है कि भारत में कोरोना (Coronavirus in India) का कहर लगातार जारी है। यहां कोरोने वायरस के अबतक 59,662 केस सामने आए हैं जिनमें से 1,981 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 17,847 लोग ठीक होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं।


यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई  संदीप मिश्र  लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को लेकर उत्तर प्रदेश में भी 7 दिनों के...