रविवार, 10 मई 2020

विदेशों से स्वदेश पहुंच रहे हैं 'भारतीय'

नई दिल्ली। कोरोना महामारी की मार झेल रहा पूरा विश्व आज इससे लड़ने में हर संभव कोशिष कर रहा है। विश्व के सभी देशो ने अपने यहाँ इसके संक्रमण को रोकने के लिए लॉक डाउन कर रखा है और नागरिको को घरो में ही रहने की सलाह दी है। ऐसे में विश्व के विभिन्न देशो में फसे भारतीयों को स्वदेश लेन केलिए भरत ने वन्दे भारत मिशन शुरू किया है, जिसके तहत भारतीयों को भारत वापस लाया ज रहा है।


इस ऑपरेशन के तहत अब तक विभिन्न देशो से भारतीय नागरिक स्वदेश लौट चुके है. इस मिशन के तहत शनिवार ढाका से 129 भारतीय दिल्ली पहुंचे. शारजाह से 182 भारतीयों का दल लखनऊ पहुंचा. कुवैत से भी 163 और 177 यात्रियों को लेकर दो फ्लाइट भारत पहुंची है. सवाधानी को ध्यान में रखते हुए वंदे भारत मिशन के तहत आ रहे भारतीयों को एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग के बाद 14 दिन के सेल्फ क्वारैंटाइन में भेजा जा रहा है।


वंदे भारत मिशन में सरकार बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं, बीमारों या फिर उन लोगों को प्राथमिकता दे रही है जिनके घर में किसी की मौत हो गई है या फिर कोई गंभीर रूप से बीमार है। विदेश में फंसे ऐसे भारतीयों को वंदे भारत मिशन से बड़ा सहारा मिल रहा है। मस्कट से कोच्चि आ रहे एक यात्री ने बोर्डिंग से पहले बताया- “काम के दौरान मेरी आंख में चोट लग गई थी। मस्कट में डॉक्टरों ने ऑपरेशन करने से मना कर दिया, उन्होंने केरल में ऑपरेट करवाने की सलाह दी। मैं भारतीय दूतावास का आभारी हूं कि उन्होंने भारत लौटने में मेरी मदद की।


आकाशीय बिजली से रेलिंग हुई 'क्षतिग्रस्त'

आकाशीय बिजली गिरने से मकान का छज्जा और रेलिंग हुई क्षतिग्रस्त


बादल के तेज चमक और गरज से लोगों में दहशत फैली


फतेहपुर। तेज गरज चमक के साथ आकाशीय बिजली गिरने से एक नवनिर्मित मकान का छज्जा और रेलिंग क्षतिग्रस्त हो गई। बादल की तेज समाप्त और बिजली की गड़गड़ाहट सुनकर लोगों के दिल दहल उठे बिजली गिरने के बाद काफी देर तक बारिश होती रही बारिश बंद होने के बाद लोग घरों के बाहर निकले तो बिजली गिरने की जानकारी हो पाई। मौके पर लोगों की भारी भीड़ एकत्र रही।


नगर के ललौली रोड नई कॉलोनी में रामबाबू गुप्ता का नवनिर्मित मकान है फिलहाल मकान में ताला बंद रहता है रामबाबू गुप्ता अपने पुराने मकान नगर के ही मोहल्ला जहानपुर में रहते हैं। रविवार को भोर पहर बादल की गरज चमक के साथ गड़गड़ाहट हुई तो लोगों की नींद खुल गई आकाशीय बिजली गिरने की भी तेज आवाज आई बिजली गिरने के बाद काफी देर तक बारिश होती रही बारिश समाप्त होने के बाद लोग घरों के बाहर निकले तो देखा कि नई कॉलोनी स्थित रामबाबू के मकान का छज्जा और रेलिंग आकाशी बिजली गिरने से क्षतिग्रस्त हो गया है काफी एक नीचे गिरी हुई पड़ी मिली आकाशीय बिजली गिरने की खबर लगने पर लोगों की भारी भीड़ एकत्र हो गई इस संबंध में मोहल्ले के रहने वाले तथा वार्ड के सभासद वेदू गुप्ता ने बताया कि तेज चमक के साथ आकाशीय बिजली गिरी ऐसा लगा कि बहुत पास में ही कहीं बिजली गिरी है लोग बारिश समाप्त होने के बाद जब घरों से बाहर निकले तो लोगों की आशंका सही निकली मोहल्ले के ही रामबाबू गुप्ता का छज्जा और रेलिंग क्षतिग्रस्त हो गया था जिसकी सूचना गृहस्वामी को दे दी गई।


नियमों में आमूलचूल बदलाव का प्रस्ताव

सिडनी। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल ने पगबाधा से जुड़े नियमों में आमूलचूल बदलाव का प्रस्ताव देते हुए कहा है कि अगर गेंद विकेटों से टकरा रही है तो बल्लेबाज को आउट दिया जाना चाहिए फिर चाहे गेंद कहीं भी पिच हुई हो या फिर किसी भी लाइन पर बल्लेबाज से टकराई हो।


चैपल ने साथ ही कहा कि कप्तानों को गेंद पर काम करने के एक तरीके पर सहमति बनानी होगी जिससे कि स्विंग गेंदबाजी को प्रोत्साहन मिले। कयास लगाए जा रहे हैं कि कोविड-19 के बाद खेल शुरू होने की स्थिति में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद लार की जगह कृत्रिम पदार्थ के इस्तेमाल की स्वीकृति देने पर विचार कर रहा है।


स्टंप पर लग रही हो गेंद दो होना चाहिए आउटः चैपल ने 'ईएसपीएनक्रिकइंफो' पर अपने कॉलम में लिखा, 'नए पगबाधा नियम इस तरह होने चाहिए'। कोई भी गेंद अगर बल्ले से टकराए बिना अगर पहले पैड से टकराती है और अंपायर के नजरिये से अगर स्टंप से टकरा रही है तो आउट दिया जाना चाहिए, फिर भले की शॉट खेला गया हो या नहीं।' उन्होंने कहा, 'भूल जाइए कि गेंद कहां पिच हुई और यह पैड से स्टंप की लाइन पर टकराई या नहीं। अगर गेंद स्टंप से टकरा रही है तो आउट दिया जाना चाहिए।' बदलाव की निश्चित तौर पर होगी आलोचनाः इस 76 वर्षीय पूर्व बल्लेबाज ने कहा कि पगबाधा के नियमों के बदलाव की उम्मीद के मुताबिक बल्लेबाज आलोचना करेंगे लेकिन इससे खेल अधिक निष्पक्ष होगा। चैपल ने कहा, 'निश्चित तौर पर इस पर बल्लेबाज हाय-तौबा मचाएंगे लेकिन यह बदलाव खेल में काफी सकारात्मक चीजें लेकर आएगा। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि खेल निष्पक्ष होगा।


लॉक डाउन की रणनीति पर आगे की चर्चा

नई दिल्ली। देश में जारी तीसरे चरण के लॉकडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को एक बार फिर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करेंगे। बैठक में लॉकडाउन को लेकर आगे की रणनीति पर चर्चा की जा सकती है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से होने वाली यह बैठक दोपहर तीन बजे से शुरू होगी। इस दौरान पीएम मोदी विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों और उससे निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर भी चर्चा करेंगे।


पहले भी कर चुके हैं बैठकः यह पहली बार नहीं है जब पीएम मोदी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करेंगे, इससे पहले भी पीएम मोदी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चार बार बैठक कर चुके हैं। 20 मार्च को उन्होंने कोरोना वायरस को लेकर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ पहली बार बैठक की थी। इस बैठक के बाद 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की गई थी। इसके बाद 2 अप्रैल, 11 अप्रैल  और 27 अप्रैल को भी पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कॉल के माध्यम से मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की थी।


3.5 रिएक्टर स्केल पर की तीव्रता मापी

नई दिल्ली। कोरोना वायरस लॉकडाउन के बीच राजधानी दिल्ली में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। दिल्ली में रविवार दोपहर को भूकंप आया। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.5 मापी गई है। भूकंप का केन्द्र उत्तर-पूर्वी दिल्ली में वजीरपुर के समीप था। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केन्द्र (एनसीएस) के अनुसार, भूकंप के झटके दोपहर एक बजकर 45 मिनट पर महसूस किए गए। भूकंप का केन्द्र सतह से पांच किलोमीटर की गहराई में स्थित था। भूकंप से किसी तरह के जानमाल के नुकसान की तत्काल कोई सूचना नहीं है।


एक माह में तीसरी बार आया भूकंपः दिल्ली में  एक महीने के भीतर तीसरी मर्तबा भूकंप के झटके मसहूर किए गए हैं। इससे पहले 12 अप्रैल और 13 अप्रैल को भी दिल्ली में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। पहला झटका 3.5 तीव्रता की गति से आया था जबकि दूसरा झटका 2.7 तीव्रता के साथ आया था। गत 12 और 13 अप्रैल को महसूस किए गए इन झटकों के केंद्र भी वजीरपुर के आसपास के क्षेत्र में दर्ज किए गए थें।


चौथे जोन में है दिल्लीः पिछली बार की तरह इस बार भी लोग लोग लॉकडाउन की वजह से घरों में ही थे। भूकंप के झटके मामूली थे जिसकी वजह से अधिकतर लोगों को इसका अहसास ही नहीं हुआ। भूकंप की अधिक तीव्रता के लिहाज से देश को पांच जोन में बांटा गया है। दिल्ली, अधिक तीव्रता वाले चौथे जोन में आता है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में वर्ष 2004 में 2.8 तीव्रता के जबकि वर्ष 2001 में 3.4 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।


शराब स्टाफ बेचने की अनुमतिः सरकार

नई दिल्ली। देश भर के रेस्तरांओं और होटलों ने राज्य सरकारों से उन्हे शराब के स्टॉक को बेचने की अनुमति देने को कहा है। कोरोना वायरस की वजह लागू लॉकडाउन के चलते रेस्तरांओं और होटलों के पास करीब 3,000 करोड़ रुपये की शराब का स्टॉक जमा हो गया है। भारतीय राष्ट्रीय रेस्तरां संघ (एनआरएआई) के अध्यक्ष अनुराग कटरियार ने कहा, ‘इस समय हम काफी संकट से जूझ रहे हैं। एक तरफ हमारे पास महंगी शराब का स्टॉक जमा हो गया है वहीं दूसरी तरह हमारे सामने नकदी का संकट है। हालांकि, अब उद्योग को रोशनी की कुछ किरण दिख रही है, क्योंकि कई राज्यों ने शराब बिक्री की अनुमति दे दी है।
कटरियार ने कहा, ‘हम सभी राज्य सरकारों से आग्रह करते हैं कि हमें शराब के स्टॉक की बिक्री की अनुमति दी जाए, ‘होम डिलिवरी’ मॉडल से हम यह शराब बेच सकते हैं। उन्होने कहा कि इससे हमें अपना स्टॉक निकालने में मदद मिलेगी। हम कुछ पैसा जुटा पाएंगे जिससे लोगों की जरूरतें पूरी हो सकेंगी, साथ ही इस मॉडल के जरिये हम सामाजिक दूरी के दिशा निर्देशों का भी अनुपालन कर सकेंगे। कटरियार ने कहा कि हमें पता है कि इसके लिए कानून में कुछ बदलाव की जरूरत होगी, लेकिन मुझे विश्वास है कि मौजूदा असाधारण स्थिति को देखते हुए यह कदम उठाया जाएगा।
इसी तरह बीयर कैफे के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) राहुल सिंह ने कहा कि भारत में शराब तीन तरीकों..खुदरा, होरेका (होटल, रेस्तरां और कैटरिंग) तथा कैंटीन स्टोरों के जरिये बेची जाती है। देशभर में होरेका लाइसेंस वाले स्थानों की संख्या 30,000 के करीब है। सिंह ने कहा, ‘किसी भी समय कम से कम एक महीने का स्टॉक रहता है, इसका मतलब है कि लॉकडाउन की वजह से देशभर में विभिन्न आउटलेट्स पर कम से कम 3,000 करोड़ रुपये का स्टॉक पड़ा है। उन्होने कहा कि शराब की खुदरा बिक्री शुरू हो गई है, अब हमारे उद्योग को भी इसकी अनुमति दी जानी चाहिए। सिंह ने कहा, ‘हम राज्य सरकारों से आग्रह कर रहे हैं कि हमें अस्थायी रूप से अपना स्टॉक बेचने की अनुमति दी जाए। उन्होने कहा कि दुनिया के सभी देशों ने ऐसा किया है, यहां भी ऐसा किया जा सकता है।


प. बंगाल-केंद्र सरकार मे बढ़ती 'तनातनी'

नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस सरकार प्रशासन पर कोविड-19 के आंकड़ों को छिपाने और हालात को संभाल नहीं पाने के आरोपों से उठे विवाद के बीच राज्य और केंद्र सरकार के स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत कोरोना वायरस आंकड़ों में अंतर देखा गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा शनिवार को जारी ताजा बुलेटिन के अनुसार राज्य में अब तक कोविड-19 के 1, 786 संक्रमण के मामले आए हैं और वायरस संक्रमित 171 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि अधिकारियों ने केवल 99 मौत संक्रमण के कारण होने की बात कही है और बाकी में अन्य गंभीर बीमारियों को वजह बताया गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार राज्य में मृतक संख्या 160 और कुल संक्रमण के मामलों की संख्या 1,678 बताई गई है। इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 के मामलों की संख्या राज्य सरकार के आंकड़ों से ज्यादा बताई थी। लेकिन पिछले चार दिन से चक्र बदल गया है और अब राज्य द्वारा बताए जा रहे आंकड़े ज्यादा हैं।
पश्चिम बंगाल और केंद्र सरकार के आंकड़ों में विसंगतियों के बारे में पूछे जाने पर स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार नियमित आधार पर सभी आंकड़े केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को दे रही है. उन्होंने कहा, ‘‘हम सारा डेटा केंद्र से साझा कर रहे हैं. वे वेबसाइट पर क्या डाल रहे हैं, यह उन पर निर्भर करता है। हम इस पर टिप्पणी नहीं कर सकते.’’
केंद्र सरकार ने पिछले दिनों राज्य में कोविड-19 से निपटने को लेकर तृणमूल कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा था. केंद्र ने इसके लिए राज्य की आबादी की तुलना में जांच की बहुत कम दर और देश में 13.2 प्रतिशत की सर्वाधिक मृत्यु दर का उदाहरण दिया। हालांकि राज्य सरकार ने कहा था कि शुरुआत में बुनियादी ढांचे की कमी की वजह से ऐसे कम मामलों का पता चला था और इसकी वजह से राज्य में मृत्यु दर अधिक रही।


पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया

पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को बृहस्पतिवार को ...