शनिवार, 9 मई 2020

विदेशों से लौटें भारती किए गए 'क्वारंटीन'

गाजियाबाद। वंदेभारत मिशन के तहत दूसरे देशों से लौट रहे भारतीयों को क्वारंटीन करने के लिए यूपी के दो जिलों गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर को नोडल डिस्ट्रिक्ट बनाया गया है। विदेश से आने वाले प्रदेश के लोग पहले 14 दिन इन्हीं जिलों में क्वारंटीन किए जाएंगे। इसके बाद कोरोना संक्रमण की जांच के बाद उन्हें उनके जनपद में भेजा जाएगा। बता दें कि आज ढाका से 37 लोग पहुंचे हैं।


जानकारी के मुताबिक, विदेश से आने वाले भारतीयों को क्वारंटीन करने के लिए जिला प्रशासन ने स्थानीय होटलों को अधिग्रहित कर लिया है। इससे बाहर से आने वाले लोगों को एयरपोर्ट से सीधे इन गेस्ट हाउस में लाया जाएगा। प्रशासन की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि तत्काल प्रभाव से विदेशों से आए भारतीयों को आइसोलेशन में रखने के लिए होटलों को अधिग्रहित किया जा रहा है। वहीं आइसोलेशन में रखे जाने के लिए उत्तर प्रदेश शासन की तरफ से निर्धारित दर पर इन होटल और गेस्ट हाउस को अग्रिम आदेश तक अभिहित किया जाता है और विदेशों से आ रहे लोगों को इन होटलों और गेस्ट हाउस को स्वयं भुगतान करना होगा।


गाजियाबादः 3 परिवार 3 तक क्वारंटाइन

गाजियाबाद। गाजियाबाद में सील सोसायटी में कूड़ा उठाने वाली गाड़ी न पहुंचने से हो रही समस्या अब दूर हो गई है। सेक्टर-4 की पार्क एवेन्यू सोसायटी में 3 परिवार 30 अप्रैल से क्वारंटीन हैं। यहां 2 कोरोना पॉजिटिव केस मिलने के बाद से सोसायटी सील है। इस कारण यहां कचरा उठाने वाली गाड़ियां नहीं आ रही थीं। एनबीटी ने शुक्रवार को इस संबंध में खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद सुबह 10 बजे गाड़ी आई और सोसायटी से कूड़ा उठाया गया।


30 अप्रैल से बंद थी एंट्रीः आरडब्ल्यूए अध्यक्ष ए़ के़ चौबे ने बताया कि 30 अप्रैल को तीनों परिवारों को क्वारंटीन किया गया था, तभी से इलाका सील हो गया। यहां कूड़े की गाड़ी अंदर नहीं आ रही थी। इस कारण क्वांरटीन किए परिवारों को खुद जाकर कूड़ा फेंकना पड़ता था। पड़ोसियों की नाराजगी के बाद उन्होंने कूड़ा फेंकने जाना बंद किया। इससे उनके घर के बाहर कचरे का ढेर लगता गया। कूड़ा गाड़ी की एंट्री के लिए आरडब्ल्यूए ने कई बार गेट पर बैठे पुलिसकर्मियों से कहा। प्रशासनिक अधिकारियों को भी बताया, लेकिन कुछ नहीं हुआ। शुक्रवार को एनबीटी में खबर छपने के बाद समस्या दूर हो गई।


मैं पूरी तरह से स्वस्थ हूंः अमित शाह

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि वह ‘‘पूरी तरह स्वस्थ’’ हैं और किसी बीमारी से पीड़ित नहीं हैं। शाह ने बयान जारी कर कहा कि उनके स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में अफवाह सोशल मीडिया के माध्यम से फैली। उन्होंने ट्वीटर पर बयान साझा करते हुए कहा, ‘‘मैं पूर्ण रूप से स्वस्थ हूं और मुझे कोई बीमारी नहीं है। अमित शाह ने कहा कि देश इस समय कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से लड़ रहा है और देश के गृह मंत्री के नाते देर रात तक अपने कार्यों में व्यस्त रहने के कारण मैंने इस सब पर ध्यान नहीं दिया। जब यह मेरे संज्ञान में आया तो मैंने सोचा कि यह सभी लोग अपनी काल्पनिक सोच का आनंद लेते रहें, इसलिए मैंने कोई स्पष्टता नहीं की।
गृह मंत्री ने आगे कहा कि मेरी पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं और मेरे शुभचिंतकों ने विगत दो दिनों से काफी चिंता व्यक्त की, उनकी चिंता को मैं नजरअंदाज नहीं कर सकता। इसलिए मैं आज स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं पूर्ण रूप से स्वस्थ हूं और मुझे कोई बीमारी नहीं है।


पीडित परिवारों का सड़क पर हुआ विरोध

उत्तर प्रदेश-फिरोजाबाद। स्थित छारबाग में लोकल लोगों ने कोरोना वायरस के मरीज की मृत्यु के बाद उसके मृत शरीर को लेकर पहुंचे स्वास्थ्य कर्मियों, पुलिसवालों तथा परिवार के लोगों का सड़क पर उतर कर विरोध किया। लोकल लोगों ने मृत शरीर को छारबाग से ले जाने की मांग की व जमकर नारेबाजी की। बाद में वरिष्ठ पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर लोगों को समझाया व शुक्रवार देर रात्रि मृत शरीर को यमुना किनारे ले जाकर उसकी अंत्येष्टि की गई।


फिरोजाबाद के प्रेम नगर डाकबंगला निवासी मनोज कुमार (33) कोरोना से संक्रमित थे व शुक्रवार को मृत्यु हो गई थी।मनोज के परिजनों के साथ स्वास्थ्य विभाग की एंबुलेंस देर शाम छारबाग स्थित स्वर्ग आश्रम पर अंतिम संस्कार के लिए पहुंची. इसकी जानकारी मिलने पर लोगों ने सड़कों पर उतरकर विरोध करना प्रारम्भ कर दिया। कुछ ही देर में सैकड़ों लोग सड़कों पर आ गए। बाद में, वरिष्ठ पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर जाकर स्थिति को संभाला। नगर मजिस्ट्रेट कुंवर पंकज सिंह ने बताया कि समझाने बुझाने पर लोग मान गए थे, लेकिन स्थिति दोबारा ना बिगड़े, इसलिए मृत शरीर को यमुना किनारे ले जाकर उसकी अंत्येष्टि की गई।


गूगल-फेसबुक के कर्मचारी 'वर्क-होम' करेंगे

नई दिल्ली। गूगल के ऑफिस एक जून से पहले नहीं खुलेंगे। वहीं अब खबर है कि गूगल और फेसबुक अपने कर्मचारियों को साल 2020 के अंत तक घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) करने की सुविधा दे रही हैं। इससे पहले गूगल ने सभी कर्मचारियों को ई-मेल के जरिए बताया था कि जून से पहले दफ्तर आना संभव नहीं है लेकिन अब वर्क फ्रॉम होम की अवधि बढ़ाने का फैसला लिया गया है।


फेसबुक की बात करें तो छह जुलाई को फेसबुक के ऑफिस खुल जाएंगे लेकिन वर्क फ्रॉम होम की पॉलिसी दिसंबर के अंत तक लागू रहेगी। इस दौरान सिर्फ जरूर काम के लिए ही कर्मचारियों को दफ्तर आने की जरूरत होगी। वर्क फ्रॉम होम को लेकर फेसबुक के प्रवक्ता ने कहा कि जो कर्मचारी दफ्तर से दूर अपना काम जारी रख सकते हैं, वे साल के अंत तक वर्क फ्रॉम होम की सुविधा ले सकते हैं।


अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई ने भी कहा है जिन कर्मचारियों को काम घर से हो सकता है, वे अपना काम साल के अंत तक घर से कर सकते हैं, लेकिन जिनका काम ऑफिस आए बिना नहीं हो सकता, वे जुलाई से ऑफिस आना शुरू कर सकते हैं।


कुछ दिन पहले सुंदर पिचाई ने गूगल के कर्मचारियों को एक ई-मेल किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि लंबे समय तक घर पर काम करने के बाद कर्मचारियों को ऑफिस आना चौंकाने वाला होगा, लेकिन एक जून से पहले यह संभव नहीं है।


पिचाई ने अपने कर्मचारियों के लिए विशेष निर्देश जारी किया है जिसमें उन्होंने खुद के साथ परिवार के सदस्यों की देखभाल करने की बात कही है। उन्होंने कहा है जिनको परिवार को लेकर कोई समस्या है वे तुरंत ऑफिस ना आएं। इसके लिए वे अपने मैनेजर से बात करें और सुविधानुसार घर से काम करें।


पिचाई ने कर्मचारियों को भेजे मेल में लिखा था, 'सभी लोग दफ्तर में एक साथ नहीं जाएंगे और दफ्तर में सभी के लिए अलग-अलग जगह होगी जिसकी गाइडलाइन भी अलग होगी। मुझे पता है कि ऑफिस आने को लेकर आपलोगों के दिमाग में कई सारे सवाल होंगे।' बता दें कि टेक कंपनियों में गूगल पहली ऐसी कंपनी है जिसने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की सबसे पहले सुविधा दी थी।


अमेरिका ने सऊदी अरब की सुरक्षा घटाई

तेल को लेकर तकरार, अचानक अमेरिका ने सऊदी अरब की सुरक्षा घटाई


वाशिंगटन डीसी/ रियाद। सऊदी अरब और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ने के बीच अमेरिका ने फैसला किया है कि वह सऊदी अरब से अपने एंटी मिसाइल सिस्टम और कुछ फाइटर एयरक्राफ्ट हटा लेगा। ईरान से सऊदी अरब की सुरक्षा करने के लिए अमेरिका ने दो पैट्रियट एंटी मिसाइल बैटरीज सऊदी अरब में तैनात किए थे। तेल को लेकर तकरार अमेरिका ने सऊदी अरब की सुरक्षा घटाई। हालांकि, इस फैसले के बाद सऊदी अरब के किंग सलमान और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच शुक्रवार को बातचीत भी हुई है। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने कहा है कि दोनों नेताओं ने वैश्विक उर्जा बाजार में स्थिरता के महत्व पर सहमति जताई है। हालांकि, बयान में पैट्रियट एंटी मिसाइल को लेकर कुछ नहीं कहा गया।


वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस की वजह से तेल की खपत कम होने के बाद सऊदी अरब ने तेल उत्पादन बढ़ा दिया था। इसकी वजह से तेल उत्पादन करने वाली अमेरिकी कंपनियों पर दबाव बढ़ गया था। पिछले महीने ट्रंप ने सऊदी अरब को तेल का उत्पादन कम करने के लिए समझाने का प्रयास किया था। शुक्रवार को अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा था कि सऊदी अरब से एंटी मिसाइल सिस्टम हटाया जा रहा है। लेकिन उन्होंने कहा कि इससे ये संकेत नहीं निकाला जाना चाहिए कि अमेरिका सऊदी अरब को सहायता घटा रहा है। पोम्पियो ने कहा कि तेल को लेकर दबाव बनाने के लिए ये फैसला नहीं लिया गया है। पोम्पियो ने यह भी जोड़ा कि इसका मतलब ये भी नहीं है कि ईरान अब खतरा नहीं है. उन्होंने कहा कि एंटी मिसाइल सिस्टम को कुछ ही वक्त के लिए लगाया गया था। वहीं, एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया है कि एंटी मिसाइल सिस्टम के साथ तैनात 300 सैनिक भी वापस बुलाए जा रहे हैं। हालांकि, कुछ ही महीने पहले अमेरिका ने सऊदी अरब में अपनी मिलिट्री की मौजूदगी बढ़ाने का फैसला किया था।


येचुरी ने राष्ट्रपति कोविंद को लिखा खत

कोविड-19 लॉकडाउन: सीताराम येचुरी ने राष्ट्रपति कोविंद को श्रम कानूनों पर लिखा खत


नई दिल्ली। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी (CPI-M) के महासचिव सीताराम येचुरी ने श्रम कानूनों पर भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लिखे पत्र में लिखा है। कोविंद को येचुरी के पत्र में कहा गया है कि मौजूदा श्रम कानूनों में 'कठोर' बदलाव किए जा रहे हैं, खासकर उस समय जब देश में तालाबंदी की घोषणा के बाद से प्रवासी श्रमिकों के "सबसे अमानवीय दुखद आयाम" देखे जा रहे हैं।


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...