शनिवार, 9 मई 2020

3 सरकारों का श्रमिकों को लेकर कदम

नई दिल्ली।  यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार, मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान की सरकार, गुजरात की विजय रूपाणी सरकार इन सभी ने श्रमिकों को लेकर एक कदम उठाया है। ये कदम उठाने के पीछे दलील दी गई कि रोजगार पनपे और उद्योग-धंधे खूब फले-फूले। लेकिन सवाल उठाने वाले कह रहे हैं कि जो कदम इन सरकारों द्वारा उठाए गए हैं वो श्रमिक विरोधी हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का संगठन भारतीय मजदूर संघ भी इस फैसले की मुखालिफत करते हुए पूरे देश में आंदोलन की तैयारी में है।  


मामला क्या है : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 7 मई को एक अध्यादेश लाकर 38 श्रम कानूनों पर 3 साल के लिए रोक लगा दी है। ये कानून उद्योगों में काम करने वाले मजदूरों के हक से जुड़े थे। इस अध्यादेश का नाम है ‘उत्तर प्रदेश अस्थायी श्रम कानूनों से छूट अध्यादेश, 2020’ जिसके तहत मजदूरों के हक में काम करने वाले कई कानूनों पर अगले तीन वर्षों तक रोक रहेगी। इस कथित राहत का लाभ नये और पुराने दोनों तरह के उद्योगों को मिलेगा। इसके नोटिफिकेशन के बाद तीन साल तक इन संस्थाओं में श्रम कानूनों को लेकर कोई जांच आदि नहीं होगी। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह नोटिफिकेशन यूपी में लागू हो जाएगा।


गाजियाबादः शर्तों का हो रहा है 'उल्लंघन'

गाजियाबाद। ऑरेंज जोन में आने के बाद सरकार ने औद्योगिक इकाइयों को खोलने की अनुमति प्रदान की लेकिन शर्तों के साथ शर्तों का हो रहा है खुला उल्लंघन श्रम विभाग नहीं कर पा रहा है।


कोई कठोर कार्यवाही ऐसे ही सूत्र बताते हैं कई फैक्ट्रियोंः में मजदूर अपनी जान की बाजी लगाकर अपने परिवार के लिए काम करने जा रहे हैं फैक्ट्री की तरफ से ना तो उनको हाथ धोने का साबुन दिया  जा रहा है नहीं हैंड सैनिटाइजर दिया जा रहा है जिससे वह इस वैश्विक महामारी की चपेट में आ सकते हैं यह औद्योगिक इकाई रेल का डिब्बा बनाती है जिसमें अनेकों मजदूर काम करते है।


जब हमारे संवाददाता ने इस संबंध में श्रम विभाग विभाग मजदूर निरीक्षक से बात की तो उन्होंने फोन पर उन्हें बताया की  सैकड़ों औद्योगिक इकाइयों  को हम वहां जाकर चेक नहीं कर सकते हैं यदि कोई मजदूर हमें इसकी शिकायत करता है तो हम कार्यवाही कर सकते हैं ।


लेकिन मजदूर अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए मजबूर है तो मजदूर इस मामले में शिकायत करने में असमर्थ है सूत्र बताते हैं ऐसे ही कितनी औद्योगिक इकाइयां हैं जिनमें बगैर किसी सुरक्षा इंतजामों के बगैर ही लोग काम कर रहे हैं और वह झुंड में जाकर काम पर लग जाते हैं जबकि सरकार की गाइडलाइन का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है यदि श्रम विभाग नहीं चेता तो इस महामारी की चपेट में काफी लोग आ सकते हैं।


गाजियाबाद में चतुर्थ दिवस संपन्न हुआ

आज की नारी अबला नही सबला है-- उर्मिला आर्या


गाजियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवती परिषद के मार्गदर्शन में चल रहे  6 मई से 13 मई 2020 तक ऑनलाइन आर्य कन्या शिविर का चतुर्थ दिवस सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। शिविर का शुभारम्भ करते हुए ।


कु अनिता आर्या ने सुमधुर भजन के साथ सत्र का शुभारंभ किया।तदुपरान्त परिषद की उप प्रधान शिक्षिका प्रगति आर्या ने अपने विषय सर्वांग सुन्दर व्यायाम के बारे में जानकारी दी और उसका महत्व व अर्थ बताते हुए कहा कि हम सभी अपने आपको तंदरुस्त रखना चाहते है जिसके लिए हमे नियमित रूप से व्यायाम करने चाहिए।जिनके लिए हमे किसी न किसी साधन या सुविधा की आवश्यकता होती है,परन्तु यदि हमारे पास व्यायाम करने के कोई भी साधन उपलब्ध न हो, ऐसे में भी हम किस प्रकार व्यायाम कर अपने आप को स्वस्थ रख सकते हैं।साथ हीं सर्वांग सुन्दर व्यायाम का अर्थ समझाते हुए कहा कि जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट है सर्वांग अर्थात शरीर के सम्पूर्ण अंगों को सुन्दर बनाने के व्यायाम और सुन्दर से हमारा तात्पर्य है अपने आप को शारिरिक तौर पे स्वस्थ व मजबूत बनाने से है न कि बाहरी सुंदरता से।इन अभ्यासों के माध्यम से अपने शरीर को स्वस्थ बना सकते हैं।साथ ही उन्होंने सर्वांग सुन्दर व्यायाम के आठ अभ्यासों को कराया और उनके लाभों की चर्चा की।


 परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा की एक आदर्श आर्य युवती दो परिवारों को प्रशिक्षित कर संस्कार दे सकती है।जिस घर मे वो अभी है उस घर को तो वे स्वर्ग बनाती ही है विवाह के बाद जब वे अपने दूसरे घर जाती है तो वहाँ भी सभी को संस्कारित कर सकती है अपने व्यवहार से।


शिविर के दुसरे सत्र में परिषद की  शिक्षिका करुणा शर्मा ने लक्ष्मी बाई को याद करते हुए एक देश भक्ति गीत के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया।


आर्य युवती  परिषद की  प्रदेश अध्यक्षा श्रीमती उर्मिला आर्या ने  कहा कि आज की नारी अबला नही सबला है और हम इन शिविरों के माध्यम से नारी शक्ति को आत्म रक्षा के गुण सीखा कर मजबूत राष्ट्रभक्त तैयार कर रही है।साथ ही उन्होंने बताया कि एक आदर्श आर्य युवती के क्या क्या कार्य होतें है और वे किस प्रकार समाज मे अपनी पहचान बना सकती है।
परिषद की उप प्रधान शिक्षिका प्रगति आर्या ने कार्यक्रम का कुशल संचालन किया। परिषद की शिक्षिका पिंकी ने सभी का आभार व्यक्त किया और शांति पाठ के साथ शिविर  के सत्र का समापन किया।इस अवसर पर मुख्य रूप से  आर्य युवती परिषद की प्रधान शिक्षिका शास्त्री मनीषा आर्या,शिक्षिका सरस्वती,अनिता, चिंकी,ज्योति,शीतल,सुनीता बुग्गा,राजश्री यादव आदि उपस्थित रहे।


प्रधान पर विकास कार्य न करने का आरोप

ग्रामीणों ने लगाया ग्राम प्रधान पर विकास कार्य न करने का आरोप 


हापुड़। पिछले 5 सालों से नहीं खुला पंचायत घर का ताला, धूल फांक रहा पंचायत घर। ग्रामीणों ने गाँव में स्कूल से लेकर पार्क तक की स्तिथि को बदहाल बताया। वहीं केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई शोचालय योजना के निर्माण में ग्रामीणों ने लगाया धांधली का आरोप लगाया। अब ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को पत्र सौंपकर की जांच की मांग। हापुड़ जनपद के थाना बाबूगढ़ क्षेत्र के अटुटा गाँव का मामला।


अतुल त्यागी


मजदूर के हित में नहीं है 'कानून'

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी अध्यादेश मजदूर विरोधी है, संविधान सम्मत कानून नहीं है ?यह अध्यादेश मनमाना है ,यह असविधानिक है ,अंतर्राष्ट्रीय विधि विरोधी है यह मजदूर विरोधी अध्यादेश है?यह सविधान व मजदूरो के विरुद्ध केवल छल है ?लोकडाउन मे मजदूरो के विरुद्ध इतनी जल्दबाजी का क्या कारण है? कोरोनावायरस के संक्रमण से बचाव के कारण पूरे देश में राष्ट्रीय आपात घोषित है ।जनस्वास्थ्य लोकहित में देश प्रदेश वासियों को घरो मे लोकडाउन किया गया है ।लाकडाउन के दौरान मजदूरों के सविधानिक मूलाधिकारो संवैधानिक सुरक्षा विधिक अधिकारों के विरुद्ध कानून बनाना, अध्यादेश लाना कौन सा मजदूरों के स्वास्थ्यहित में है ?जबकि लोकडाउन स्वास्थ्य हित में है ?यह अध्यादेश किसके स्वास्थ्यहित में है ?लोकहित जनस्वास्थहित मे जारी लाकडाउन के दौरान सविधान विरुद्ध मजदूर विरोधी अध्यादेश जारी करना साजिश है ,छल है ,संविधान विरोधी है ।भारत में संवैधानिक लोकतांत्रिक समाजवादी कानून है ,देश मे पूंजीवाद नहीं है ?सविधानिक भारत मे किसी के संवैधानिक मूल अधिकारों को खत्म नहीं किया जा सकता ।मजदूरों के विरुद्ध जारी अध्यादेश देश के मजदूरों के मानव अधिकारों के विरुद्ध है ?संवैधानिक अधिकारों के विरुद्ध है ?विधिक अधिकारों के विरुद्ध है ?इसे अविलंब वापस किया जाए, निरस्त किया जाए। मजदूरों के हित में मजदूरों के जनस्वास्थ्य हित में, मजदूरों की सुरक्षा के लिए आवश्यक सुरक्षा चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए मजदूर हित के लिऐ कानूनी प्रावधान किये जाये,मजदूरो के कल्याण के लिऐ मजदूरो का पंजीकरण स्थानीय स्तर पर किया जाना सुनिश्चित किया जाये ,मजदूर देश की बुनियाद है देश की नीव है देश का बुनियादी विकास,बुनियादी निर्माण,बुनियादी स्वास्थ साफ सफाई की मजदूरो के बिना कल्पना भी नही की जा सकती है । देश की सुख समर्द्धी खुशहाली स्वास्थ का मानक पैमाना मजदूरो की खुशहाली स्वास्थ कल्याण सुरक्षा मे ही छुपा है। मजदूरो की सुरक्षा के लिऐ व किसी भी मानवक्षति को रोकने के लिऐ  तथा किसी भी निर्माण,औद्योगिक साइट आदि पर मृत्यु होने पर ,कम से कम 50 लाख का बीमा अभिलंब निर्धारित किया जाए।मजदूरो के प्राथमिक स्वास्थ  ,कल्याण की प्रत्येक ग्राम स्थानिय नगर निकाय, वार्ड/जोन स्तर पर अधिकारिक जिम्मेदारी सुनिश्चित की जानी चाहीऐ।
            सुरेन्द्र कुमार एडवोकेट


गंगा में नहाने गई, डूबने से दो की मौत

 गंगा में डूबने से दो किशोरियों की मौत


बृजेश केसरवानी


प्रयागराज। नवाबगंज थाना क्षेत्र के नरहा कछार में गंगा नहाने गई दो किशोरियां की डूबने से मृत्युु हो गई। सपना पुत्री समर बहादुर निवासी सीतपुर थाना नवाबगंज व नेहा यादव पुत्री राजू यादव निवासी नहरा कछार थाना नवाबगंज नहाते-नहाते बीच धार में चली गई। जिससे डूबने से उनकी मौत हो गई ,सूचना मिलते ही थाना प्रभारी नवाबगंज सुरेश सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुँचे और गांव वालों की मदद से लाश को ढूँढने का प्रयास जारी है। जल पुलिस तथा गोताखोरों को मौके पर बुलाया गया।


कोरोना फैलाने में चीन की बड़ी भूमिका

वाशिंगटन डीसी। कोरोना वायरस के प्रसार को लेकर चीन और बाकी देशों में चल रही तनातनी के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने आखिरकार मान लिया है कि कोरोना के फैलने में चीन की बड़ी भूमिका रही। उसने माना कि चीन की वुहान मार्केट कोरोना वायरस के प्रसार में एक बड़ी वजह बनी है।


विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के फूड सेफ्टी जूनॉटिक वायरस एक्सपर्ट डॉ. पीटर बेन ऐंबरेक ने शुक्रवार को जेनेवा में प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा कि वुहान की वेट मार्केट ने इसमें भूमिका निभाई है, यह साफ है लेकिन क्या भूमिका है इस दिशा में और ज्यादा रिसर्च की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस शहर में वायरस कहीं और से आया या इस वेट मार्केट से वायरस बाहर गया यही शोध का विषय है। लेकिन यह सवाल जरूर उठता है कि कोरोना वायरस के फैलाव में इस शहर की भूमिका कितनी थी। हालांकि पीटर ने चीन पर लगाए जा रहे अमेरिका के आरोपों पर कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि यह जानने में एक वर्ष का समय लग गया था कि मर्स (मिडिल ईस्ट रेसिपिरेटरी सिंड्रोम) का सोर्स ऊंट है। इसी प्रकार कोरोना के मामले में अभी भी देर नहीं हुई है। हमारे लिए अभी सबसे अधिक जरूरी इस वायरस का प्रसार रोकना है।


चीन पर बात करते हुए पीटर ने यह जरूर कहा कि जांच की बात की जाए तो चीन के पास जांच के सभी साधन हैं और बहुत से योग्य रिसर्चर्स भी हैं। लेकिन कभी-कभी समूहों और शोधकर्ताओं के साथ और दुनिया भर के लोगों के साथ विचार-विमर्श और सहयोग करना बहुत उपयोगी होता है, जिससे एक समान मुद्दों पर अपने अनुभवों को सभी बांट सकें। साथ ही पीटर ने दुनियाभर में वेट मार्केट्स के लिए नियमों की जरूरत भी बताई। उन्होंने कहा कि साफ-सफाई की सुविधाओं को सुधारने और कुछ को बंद करने की भी जरूरत है। वेस्ट मैनेजमेंट, लोगों, सामान के मूवमेंट और जिंदा जानवरों को प्रॉडक्ट्स से अलग करने पर ध्यान देना होगा. चीन का वुहान वेट मार्केट, जहां से कोरोना फैलने की आशंका शुरू से ही जताई जा रही है। इस मार्केट को चीन ने वायरस के प्रसार को रोकने के लिए जनवरी में ही बंद करने का फैसला लिया था और वन्यजीवों के व्यापार और खपत पर अस्थाई प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था।


उधर अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने फिर दोहराया कि इस बात के सबूत हैं कि चीन के वुहान मार्केट से ही कोरोना वायरस फैला है। शुक्रवार को पोम्पियो ने एक इंटरव्यू में कहा कि चीन ने पूरी दुनिया से कोरोना के डेटा को छिपाए रखा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी शुक्रवार को कहा कि वो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को लेकर जल्द ही बड़ा ऐलान करेंगे। इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप विश्व स्वास्थ्य संगठन पर चीन के हाथों की कठपुतली होने का आरोप लगाते हुए फंड बंद कर चुके हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप लगातार विश्व स्वास्थ्य संगठन पर कोरोना को लेकर चीन की तरफदारी करने का आरोप लगाते रहे हैं। मालूम हो कि चीन के वुहान शहर से फैले कोरोना वायरस ने अमेरिका समेत पूरी दुनिया को जकड़ लिया है। इस वैश्विक महामारी की सबसे ज्यादा चपेट में अमेरिका है। अब तक अमेरिका में कोरोना वायरस के 12 लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 77 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...