गाजियाबाद। ऑरेंज जोन में आने के बाद सरकार ने औद्योगिक इकाइयों को खोलने की अनुमति प्रदान की लेकिन शर्तों के साथ शर्तों का हो रहा है खुला उल्लंघन श्रम विभाग नहीं कर पा रहा है।
कोई कठोर कार्यवाही ऐसे ही सूत्र बताते हैं कई फैक्ट्रियोंः में मजदूर अपनी जान की बाजी लगाकर अपने परिवार के लिए काम करने जा रहे हैं फैक्ट्री की तरफ से ना तो उनको हाथ धोने का साबुन दिया जा रहा है नहीं हैंड सैनिटाइजर दिया जा रहा है जिससे वह इस वैश्विक महामारी की चपेट में आ सकते हैं यह औद्योगिक इकाई रेल का डिब्बा बनाती है जिसमें अनेकों मजदूर काम करते है।
जब हमारे संवाददाता ने इस संबंध में श्रम विभाग विभाग मजदूर निरीक्षक से बात की तो उन्होंने फोन पर उन्हें बताया की सैकड़ों औद्योगिक इकाइयों को हम वहां जाकर चेक नहीं कर सकते हैं यदि कोई मजदूर हमें इसकी शिकायत करता है तो हम कार्यवाही कर सकते हैं ।
लेकिन मजदूर अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए मजबूर है तो मजदूर इस मामले में शिकायत करने में असमर्थ है सूत्र बताते हैं ऐसे ही कितनी औद्योगिक इकाइयां हैं जिनमें बगैर किसी सुरक्षा इंतजामों के बगैर ही लोग काम कर रहे हैं और वह झुंड में जाकर काम पर लग जाते हैं जबकि सरकार की गाइडलाइन का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है यदि श्रम विभाग नहीं चेता तो इस महामारी की चपेट में काफी लोग आ सकते हैं।