नई दिल्ली। रेल मंत्रालय ने अपने 5231 कोचों को कोविड देखभाल केंद्रों के रूप में रूपांतरित कर दिया है। इन कोचों को बेहद हल्के मामलों के लिए उपयोग में लाया जा सकता है जिन्हें नैदानिक रूप से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुरूप कोविड देखभाल केंद्रों को सौंपा जा सकता है। इन कोचों का उपयोग वैसे क्षेत्रों में किया जा सकता है जहां राज्य की सुविधाएं कमजोर हैं और कोविड के संदिग्ध तथा पुष्ट मामलों के आइसोलेशन के लिए क्षमताओं को बढ़ाने की आवश्यकता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देश संलग्न (नीचे दिए गए लिंक में) हैं।
कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई जारी रखते हुए भारतीय रेल भारत सरकार के स्वास्थ्य देखभाल प्रयासों में सहायता देने के लिए सभी संभव प्रयास कर रही है। भारतीय रेल ने अपने 5231 कोविड देखभाल केंद्र राज्यों को प्रदान कराने की तैयारी की है। जोनल रेलवे ने इन कोचों को क्वारांटाइन सुविधा के लिए रूपांतरित कर दिया है।
215 स्टेशनों में से रेलवे 85 स्टेशनों में स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं उपलब्ध कराएगा, 130 स्टेशनों में राज्य तभी कोविड देक्षभाल कोचों का आग्रह करेंगे जब वे कर्मचारियों एवं अनिवार्य दवाएं उपलब्ध कराने के लिए सहमत होंगे। भारतीय रेल ने इन कोविड देखभाल केंद्रों के लिए 158 स्टेशनों को वाटरिंग और चार्जिंग सुविधा के साथ और 58 स्टेशनों को वाटरिंग सुविधा के साथ तैयार रखा (सूची अनुलग्नक क के रूप में नीचे संलग्न है) है।
इन कोविड देखभाल केंद्रों के अतिरिक्त, भारतीय रेल ने कोविड-19 चुनौती का सामना करने के लिए 2500 से अधिक चिकित्सक और 35000 से अधिक अर्ध चिकित्सक कर्मचारियों की नियुक्ति करेगी। चिकित्सकों और अर्ध चिकित्सक कर्मचारियों की नियुक्ति विभिन्न जोनों द्वारा अस्थायी आधार पर की जा रही है। 17 समर्पित अस्पतालों में लगभग 5,000 बेड एवं रेलवे अस्पतालों में 33 अस्पताल ब्लॉक की कोविड-19 रोगियों के उपचार के लिए पहचान की गई है जो किसी भी आकस्मिक स्थिति के लिए तैयार रहेंगे।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुरूप, राज्य सरकारें रेलवे को मांग पत्र भेजेंगी। रेलवे राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को इन कोचों का आवंटन करेगा। रेलवे द्वारा आवंटन किए जाने के बाद, रेलगाड़ी आवश्यक अवसंरचना के साथ अपेक्षित स्टेशन पर खड़ी कर दी जाएगी और जिला कलेक्टर/मजिस्ट्रेट या उनके किसी प्राधिकृत व्यक्ति को सुपुर्द कर दिया जाएगी। रेलगाड़ी जहां कहीं भी खड़ी होगी, जल, बिजली, अपेक्षित मरम्मत, कैटरिंग प्रबंधों एवं सुरक्षा का ध्यान भारतीय रेल द्वारा रखा जाएगा।