बुधवार, 6 मई 2020

लॉकडाउन के उल्लंघन में 57 लोग अरेस्ट

लॉकडाउन के उल्लंघन में 57 लोग गिरफ्तार


गाजियाबाद। लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले 57 लोगों को शनिवार को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इन लोगों के खिलाफ अलग अलग कुल 10 मुकदमे दर्ज किए हैं। इसी क्रम में बेवजह सड़क पर दौड़ने वाले 191 वाहनों का पुलिस ने चालान किया है। जबकि 11 वाहन जब्त किए गए हैं। यह रिपोर्ट पुलिस के कमांड कार्यालय से जारी हुई है। पुलिस की रिपोर्ट में बताया गया है कि लॉकडाउन-2 में सख्ती बढ़ा दी गई है। बिना वजह सड़क पर निकलने वालों के खिलाफ लगातार मुकदमे और गिरफ्तारी की कार्रवाई हो रही है। शनिवार को पुलिस ने अलग-अलग स्थानों से 57 लोगों को गिरफ्तार किया।


जनपद गाजियाबाद में नया आदेश जारी

शहनवाज अली


गाजियाबाद। प्रदेश सरकार की ओर से लॉकडाउन-3 के दौरान पोर्टल पर ऑनलाइन अनुमति दिए जाने के आदेश को निरस्त करते हुए नया आदेश जारी किया है, जिसमें उद्यमी सिर्फ शपथ पत्र देकर उद्योग को संचालित कर सकते हैं। इनमें करीब 12 हजार से अधिक इकाईयां शामिल हैं। शर्त है कि इकाईयां कंटेंनमेंट जोन या फिर औद्योगिक क्षेत्र के अलावा शहरी क्षेत्र में स्थित न हों।


कोरोना से बचाव के लिए सरकार ने 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ ही कोविड-19 के तहत दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए पोर्टल पर ऑनलाइन प्रपत्रों को अपलोड कर अनुमति देने के आदेश जारी किए थे। इसमें औद्योगिक संगठनों ने उद्योग चलाने की अनुमति के लिए शर्तों को लेकर आपत्तियां लगा दी थी। शर्तों के साथ कंपनी चलाने की मंजूरीः जिले में दो दिन में जिला उद्योग केंद्र के पोर्टल पर कुल 1413 उद्योगों के लिए अनुमति मांगी गई और 587 को शर्तों के आधार पर मंजूरी दी गई। सरकार ने उद्यमियों की आपत्तियों को ध्यान में रखते हुए मंगलवार देर रात उद्योग चलाने के लिए सिर्फ शपथ पत्र के आधार पर ही मंजूरी देने का शासनादेश जारी कर दिया। बुधवार दोपहर तक करीब 70 उद्यमियों ने 34 शपथ पत्र जिला उद्योग केंद्र कार्यालय की हेल्प डेस्क पर जमा कराए, जबकि ई-मेल पर करीब 45 उद्यमियों ने शपथ पत्र भेजे। अभी तक करीब 2080 ऑनलाइन व ऑफलाइन उद्योग चलाने के लिए अनुमति व शपथ पत्र दाखिल किए गए हैं। इनमें हैवी, मीडियम, स्माल व माइक्रो इंडस्ट्री शामिल हैं। इनमें शर्त है कि यह औद्योगिक क्षेत्रों के अलावा शहरी क्षेत्र के बाहर ही स्थित हों। शहर के भीतर या कंटेंनमेंट जोन की इकाईयों को संचालित करने की अनुमति नहीं होगी। मौजूदा आदेश के बाद ऐसी करीब 12 हजार से अधिक इंडस्ट्रीज चलाई जा सकती हैं।


शपथ पत्र में यह देना जरूरीः हाल ही में उद्योग चलाने के लिए आए शासनादेश में सिर्फ शपथ पत्र देने के बाद उद्योग चलाने की अनुमति होगी। यह शपथ पत्र जिलाधिकारी के नाम होगा और जिला उद्योग केंद्र में जमा कराया जाएगा, जिसमें इकाई का नाम, कहां-कहां रजिस्ट्रेशन कराया है, कर्मचारी कितने हैं और उनके नामों की सूची एवं कोविड-19 के सभी दिशा-निर्देशों का पालन के साथ ही कंटेनमेंट जोन में न हो।


जिला उद्योग केंद्र के उपायुक्त बीरेंद्र कुमार ने बताया कि शासनादेश के अनुसार उद्योगों को शपथ पत्र देकर संचालित किया जा सकता है। इसमें कंटेंनमेंट जोन पर निगरानी की जरूरत होगी। अभी ऑनलाइन अनुमति में हर प्रपत्र को जांच परखकर अनुमति प्रदान की जा रही थी। अब यह देखना जरूरी होगा कि शपथ पत्र देने वाला प्रतिबंधित स्थान पर तो उद्योग नहीं चला रहा है। बावजूद इसके मौजूदा समय में उद्यमियों के साथ कर्मचारियों को भी जिम्मेदारी के साथ सावधानी बरतने की जरूरत है।


सीएम की झूठी खबर फैलने से सनसनी

देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निधन की झूठी खबर सोशल मीडिया पर फैलने से राज्य में सनसनी फैल गई। पूरी तरह स्वस्थ मुख्यमंत्री के बारे में इस तरह की अफवाह फैलाने वाले की तलाश शुरू हो गई है। राज्य के पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक खुमार ने संवाददाताओं को बताया कि इस मामले में पुलिस अधीक्षक देहरादून को मामला दर्ज कर, दोषी को गिरफ्तार करने के आदेश दे दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों को किसी भी सूरत में बक्शा नहीं जाएगा। ऐसे लोगों पर कठोर से कठोर कार्यवाही की जाएगी।


3 माह के भीतर भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाए

लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक शिक्षकों की भर्ती मामले में सरकार द्वारा तय किए गए मानकों पर मुहर लगाई है। न्यायालय ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि तीन माह के भीतर भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाए। न्यायालय ने कटऑफ अंक बढ़ाने के सरकार के फैसले को सही बताया है।


न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल और न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पवार की खंडपीठ ने सरकार द्वारा तय किए गए मानकों पर मुहर लगाई। न्यायालय ने सरकार द्वारा तय किये गये मानको 90/97 पर मुहर लगाते हुये तीन माह के भीतर भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया। इस आदेश के तहत सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी 65 फीसद और अन्य आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी 60 फीसद अंक पाकर उत्तीर्ण होंगे।


हमले पर 6 माह से लेकर 10 साल की सजा

लखनऊ। कोराना योद्धाओं की सुरक्षा को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में उत्तर प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं महामारी रोग नियंत्रण अध्यादेश, 2020 को मंजूरी दे गई है। इस नए कानून के तहत चिकित्सक, स्वास्थ्यकर्मियों, पुलिसकर्मियों और स्वच्छताकर्मियों के साथ ही शासन की तरफ से तैनात किसी भी कोरोना योद्धा से अभद्रता या हमले पर 6 माह से लेकर 7 साल तक की सजा का प्रावधान और 50 हजार से लेकर 5 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कैबिनेट की बैठक हुई। इसमें उत्तर प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं महामारी रोग नियंत्रण अध्यादेश, 2020 पर मुहर लगी है। नए कानून में चिकित्सक पैरामेडिकल स्टाफ , पुलिसकर्मियों, स्वच्छताकर्मी और सरकार द्वारा तैनात किसी भी कोरोना वारियर से अभद्रता या हमला करने वाले के लिए सात साल तक कैद और पांच लाख तक के जुर्माने की सजा का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही राज्य और जिला स्तर पर महामारी नियंत्रण प्राधिकरण गठित करने का निर्णय लिया गया है। राज्य स्तर पर मुख्य सचिव और जिले में जिलाधिकारी प्राधिकरण के अध्यक्ष होंगे। चिकित्सकों, सफोईकर्मियों, पुलिसकर्मियों एवं किसी भी कोरोना वॉरियर्स पर थूकने और आइसोलेशन तोड़ने पर भी इस कानून के तहत कड़ी कार्रवाई होगी। इस कानून के तहत कोरोना योद्धा के खिलाफ समूह को उकसाने या भड़काने पर भी कार्रवाई हो सकती है। इसके तहत दो वर्ष से पांच वर्ष तक की सजा का और पचास हजार से 2 लाख तक का जुर्माने का प्रावधान है। इस नए अध्यायदेश के अनुसार, मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य महामारी नियंत्रण प्राधिकरण बनेगा, जिसमें मुख्य सचिव सहित सात अन्य अधिकारी सदस्य होंगे। दूसरा तीन सदस्यीय जिला महामारी नियंत्रण प्राधिकरण होगा, जिसके अध्यक्ष डीएम होंगे। राज्य प्राधिकरण महामारी के रोकथाम नियंत्रण से संबंधित मामलों में सरकार को परामर्श देगा, जबकि जिला प्राधिकरण जिले में विभिन्न विभागों के क्रियाकलापों के साथ समन्वय स्थापित करेगा।


कोरोना महामारी को देखते हुए क्वारंटाइन का उल्लंघन करने पर एक से तीन साल की सजा और जुर्माना दस हजार से एक लाख तक का होगा। अस्पताल से भागने वालों के खिलाफ एक वर्ष से तीन वर्ष सजा और जुर्माना दस हजार एक लाख तक होगा। अस्पतालों और क्वारंटाइन सेंटरों में अश्लील एवं अभद्र आचरण करने पर एक से तीन साल की सजा और पचास हजार से एक लाख तक का जुर्माना होगा। इसमें लॉकडाउन तोड़ने और इस बीमारी को फैलाने वालों के लिए भी कठोर सजा का प्रावधान है। अध्यादेश के मुताबिक, अगर कोई कोरोना मरीज स्वयं को छिपाएगा तो उसे 1 वर्ष से लेकर 3 वर्ष की सजा हो सकती है और 50 हजार से एक लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। अगर कोरोना मरीज जानबूझ कर सार्वजनिक परिवहन के माध्यम से यात्रा करता है तो उसके लिए 1 से 3 साल तक की सजा और 50 हजार से 2 लाख तक का जुर्माना देना पड़ सकता है।


खर्च आंकड़ों के विश्लेषण का हवाला

नई दिल्ली। गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स लागू होने के बाद एक भारतीय परिवार को अनाज, खाद्य तेल और सौंदर्य प्रसाधनों समेत अन्य रोजमर्रा जरूरत के सामानों की 8,400 रुपये की मासिक खरीद पर टैक्स में औसतन 320 रुपये तक की बचत हो रही है।


वित्त मंत्रालय के एक सूत्र ने उपभोक्ता खर्च आंकड़ों के विश्लेषण का हवाला देते हुए यह बात कही। सरकार ने 1 जुलाई 2017 को जीएसटी लागू किया था, जिसके बाद बिक्री कर या वैट और उत्पाद शुल्क जैसे 17 अलग-अलग केंद्रीय और राज्य कर जीएसटी में समा गए थे। सूत्र ने कहा कि रोजमर्रा उपयोग की वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्स को कम रखा गया है, जिसके चलते उपभोक्ताओं को मासिक खर्च में बचत हो रही है। अगर एक परिवार जीएसटी लागू होने के बाद 10 उत्पादों अनाज, खाद्य तेल, चीनी, चॉकलेट, नमकीन और मिठाई, सौंदर्य प्रसाधन, वॉशिंग पाउडर, टाइल्स, फर्नीचर और दरी-कालीन जैसे कॉयर उत्पादों एवं अन्य घरेलू उत्पादों की मद में एक महीने में 8,400 रुपये खर्च करता है तो उसकी मासिक बचत 320 रुपये होगी। उसने कहा कि 8,400 रुपये की वस्तुओं पर जीएसटी के तहत 510 रुपये का टैक्स बनता है जबकि जीएसटी के पहले इस पर 830 रुपये का टैक्स बनता था। इस लिहाज से ग्राहकों की 320 रुपये की बचत होगी।


भारत और इस्राइल को करीब किया

कोरोना संकट ने भारत और इस्राइल को करीब ला दिया- भारत में इस्त्राइल के राजदूत


नई दिल्ली। कोरोना संकट ने भारत और इस्राइल को करीब ला दिया है। दोनों देश कोरोना ले लड़ने के बेहतरीन तरीके साझा कर रहे हैं और नई प्रक्रियाएं अपना रहे हैं। कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने को लेकर उन्होंने कहा कि मुझे इसके डिटेल्स की प्रतिक्षा है। इस प्रक्रियाओं को अंतिम रूप नहीं दिया गया है। हम एडवान्सड स्टेज पर हैं। हां, हम निश्चित रूप से इसे दुनिया के साथ साझा करेंगेः भारत में इस्राइल के राजदूत रॉन मलका।


पश्चिम बंगाल में 15 लैब है, जिनमें 10 सरकारी और 5 निजी है। सभी में कोरोना वायरस के लिए टेस्ट किए जा रहे हैं। हर दिन टेस्ट औसत 2500 टेस्ट किए जा रहे हैं: अलपन बंद्योपाध्याय, पश्चिम बंगाल के गृह सचिव


कोरोना ने देशभर में अब तक लगभग 548 डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिक्स को संक्रमित किया। केंद्र द्वारा बनाए गए आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना वायरस ने देशभर में अब तक लगभग 548 डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिक्स को संक्रमित किया है।


डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित

डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में विकास भवन के सभाकक्ष में ...