प्रेग्नेंसी में महिलाओं को कई तरह की प्रॉब्लम का सामना करना पड़ता है. मॉर्निंग सिकनेस, ब्लड प्रेशर का कम होना, कभी ब्लड प्रेशर का ज्यादा होना, खून की कमी, रात को नींद न आना, चक्कर जैसी समस्याएं प्रेग्नेंसी में बहुत ही आम मानी जाती है. इन समस्याओं के अलावा प्रेग्नेंसी में महिलाएं स्ट्रेस का शिकार हो जाती हैं. गर्भ में पलने वाले बच्चे को हेल्दी रखने के लिए बहुत ज्यादा जरूरी है प्रेग्नेंट मां को हेल्दी रखना.
बढ़ सकता है गर्भपात का खतरा
एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि प्रेग्नेंसी में ज्यादा तनाव लेने वाली महिलाओं को गर्भपात का खतरा हो सकता है. डॉक्टर्स का भी मानना है कि प्रेग्नेंसी में महिलाओं को स्ट्रेस नहीं लेना चाहिए. मां द्वारा लिया जाने वाला स्ट्रेस बच्चे पर गहरा असर डाल सकता है. प्रेग्नेंसी में तनाव को कम करने के लिए महिलाएं हेल्दी फूड, हेल्दी ड्रिंक्स और कई चीजों का सहारा लेती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्रेग्नेंसी में महिलाएं भ्रामरी प्राणायाम करें तो भी शरीर को स्ट्रेस फ्री रखा जा सकता है. आइए जानते हैं उस प्राणायाम के बारे में…
कब करें भ्रामरी प्राणायाम
के मुताबिक, प्रेग्नेंट महिलाएं यह प्राणायाम सुबह और शाम दोनों ही वक्त कर सकती हैं. प्राणायाम को करते वक्त ध्यान रहे कि आसपास का वातावरण शांत हो.
कैसे करें भ्रामरी प्राणायाम
भ्रामरी प्राणायाम करने के लिए जमीन पर बैठ जाएं. इसके बाद दोनों हाथों की कोहनियों को मोड़कर कानों तक ले जाएं और अंगूठे के सहारे से कानों को बंद कर लें.
कानों को बंद करने के बाद हाथों की तर्जनी उंगली और मध्यमा, कनिष्का उंगली को आंखों के ऊपर ऐसे रखें जिससे पूरा चेहरा कवर हो जाए. इसके बाद मुंह को बंद करके नाक से हल्की-हल्की सांस को अंदर और बाहर छोड़े.
15 सेकेंड तक ये आसान करने के बाद वापस से नॉर्मल स्थिति में आ जाएं. इस प्राणयाम को 10 से 20 बार दोहराएं. आप चाहे तो शुरुआत में इसे 5 से 10 भी कर सकती हैं.
योग के जानकरों से लीजिए सलाह
प्रेग्नेंसी में प्राणायाम को करने से पहले योग के जानकर या फिर योग गुरू से सलाह अवश्य लें. अगर, आपको किसी तरह की कोई शारीरिक समस्या है या फिर हाथ पैर पूरी तरह से खींच नहीं रहे हैं तो इस प्राणायाम को करने से बचें.