मंगलवार, 28 अप्रैल 2020

एक साथ नहीं खुलेगा 'लॉक डाउन'

नई दिल्ली। सोमवार को देश के सभी राज्यों के मु्ख्यमंत्रियों से संवाद के बाद अब केंद्र सरकार लॉकडाउन की अगली कार्ययोजना पर काम शुरू कर चुकी है। सरकार की ओर से मुख्यमंत्रियों से मिले फीडबैक के आधार पर प्लान बनाने का काम शुरू हो गया है। इसके अलावा दिल्ली में केंद्र सरकार से लेकर जम्मू-कश्मीर से केरल तक राज्य सरकारें भी लॉकडाउन पर पूरा ऐक्शन प्लान बनाने में जुटी हुई हैं। शुरुआती चर्चाओं में जो चीजें निष्कर्ष के रूप में सामने आ रही हैं, उनमें मूल बात यही है कि केंद्र सरकार 3 मई के बाद भी लॉकडाउन की कई पाबंदियों को बरकरार रख सकती है।


इस लॉकडाउन का स्वरूप कंप्लीट लॉकडाउन से अलग हो सकता है और सरकार उन इलाकों को थोड़ी छू़ट दे सकती है, जो कि कोरोना से मुक्त होकर ग्रीन जोन बन गए हैं। दूसरी ओर कोरोना से बुरी तरह से प्रभावित दिल्ली, मुंबई और अहमदाबाद जैसे बड़े शहर अब भी पाबंदियों में ही रखे जा सकते हैं।


रियायतों के साथ जारी रहेगा लॉकडाउन?
सोमवार को पीएम से चर्चा के दौरान कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने पीएम से लॉकडाउन बढ़ाने की मांग की है। हालांकि कुछ राज्य ऐसे भी हैं, जिन्होंने पूर्ण लॉकडाउन के बजाय कुछ रियायतों के साथ लॉकडाउन लागू करने पर जोर दिया है। पूर्वोत्तर राज्यों के अलावा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी यह माना है कि पूरी तरह से लॉकडाउन हटाने का फैसला सही नहीं होगा।


‘रेड जोन को ग्रीन जोन बनाने की दिशा में काम करें राज्य’
वहीं दूसरी ओर पीएम नरेंद्र मोदी ने राज्यों से रेड जोन हुए हिस्सों में और अधिक ध्यान देकर इन्हें ऑरेन्ज जोन और ग्रीन जोन बनाने की दिशा में काम करने को कहा है। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों बातचीत के दौरान यह स्वीकार किया है कि लॉकडाउन के कारण देश के कई हिस्सों में सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं। हालांकि पीएम ने इस बात की ओर भी संकेत किए कि कई विशेषज्ञों ने इस बात को माना है कि कोरोना का असर आने वाले कुछ महीनों में और भी अधिक हो सकता है। पीएम ने राज्यों से विमर्श के बाद अब केंद्र को लॉकडाउन पर फैसला लेने की सभी स्थितियों पर मंथन करने के लिए कहा है।


सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कई नियम रहेंगे बरकरार
माना जा रहा है कि 3 मई के बाद सरकार उन इलाकों में थोड़ी रियायत दे सकती है जो कि कोरोना के हॉटस्पॉट नहीं हैं। इसके अलावा ई-कॉमर्स वेबसाइट्स और शहरी क्षेत्रों के बाजारों पर से आंशिक रूप से प्रतिबंध भी हटाया जा सकता है। इसके लेकर गृहमंत्रालय खुद एक विस्तृत गाइडलाइन जारी करने की तैयारी कर रहा है। इस बात की पूरी संभावना है कि अगर सरकार बाजार खोलने के आदेश देती भी है तो यहां सोशल डिस्टेंसिंग और अलग-अलग समय के निर्धारण पर दुकानों के खुलने के नियम लागू किए जाएंगे। इसके अलावा दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद जैसे बड़े महानगरों में हर रोज आ रहे केसों को देखते हुए यहां कोई विशेष रियायत नहीं दी जाएगी।


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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


अप्रैल 29, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-262 (साल-01)
2. बुधवार, अप्रैल 29, 2020
3. शक-1943, वैशाख, शुक्ल-पक्ष, तिथि- षष्ठी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 06:00,सूर्यास्त 06:54।


5. न्‍यूनतम तापमान 21+ डी.सै.,अधिकतम-34+ डी.सै.।


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सोमवार, 27 अप्रैल 2020

कालाबाजारी में यूपी गवर्नमेंट नंबर-1

आकांक्षा उपाध्याय


लखनऊ/अयोध्या। "जब सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का" की तर्ज पर हल्का पुलिस के संरक्षण में दारू विक्रेताओं ने शराब की जमकर कालाबाजारी किया। सही मायने में उत्तर प्रदेश की सरकार कालाबाजारी में नंबर वन पर है। पूरे प्रदेश में कालाबाजारी के झंडे गाड़ दिए गए हैं। जिसके विरुद्ध किसी प्रकार की कार्य दिशा निश्चित नहीं है।100 रूपये की शराब 300 से 500 रूपये में बेंचकर अनुज्ञापी मालामाल हो गये। कालाबाजारी की जानकारी जनता के बींच से उठकर आलाधिकारियों तक पहुंची तो प्रशासन की टीम ने शराब की दूकानों पर जब छापेमारी शुरू की तो चौकाने वाले नतीजे सामने आये। कहीं स्टाक रजिस्टर में दर्ज बोतलों से कम माला मिला तो कहीं पूरी दूकान ही बोतलों से खाली मिली। यही नहीं कई दूकानदार तो भाग खडे हुए।
नगर मजिस्ट्रेट सत्य प्रकाश सिंह ने बताया कि जनता के बींच से यह जानकारी आयी थी की चोरी छिपे लॉकडाउन के दौरान अंग्रेजी शराब के अनुज्ञापियों द्वारा चोरी छिपे शराब की बोतलें पियक्कड़ों को उपलब्ध करायी जा रही हैं। जानकारी को संज्ञान में लेते हुए शनिवार की रात से दूकानों पर छापेमारी शुरू की गयी पहला छापा रिकाबगंज अल्काटावर के सामने स्थित अंग्रेजी शराब की दूकान पर डाला गया। स्टाक रजिस्टर से जब मिलान किया गया तो पता चला कि लगभग 28 बोतलें नदारद हैं उन्होंने बताया कि सीओ सिटी अरविन्द चौरसिया की मौजूदगी में हुई छापेमारी के बाद दूकान को सीज कर दिया गया। रविवार को छुट्टी के बावजूद सुबह से ही छापेमारी शुरू कर दी गयी। गंन्दा नाला सुभाष नगर स्थित अंग्रेजी शराब की दूकान जब अनुज्ञापी द्वारा खुलवायी गयी तो वहां एक भी बोतल शराब है ही नहीं। शराब की बोतलें कहां गयीं इसकी जानकारी में अनुज्ञापी छापामार दल को नहीं दे पाया। नाका स्थित बियर की दूकान पर जब छापा डाला गया तो पता चला कि स्टाक में दर्ज माल से कम शराब व बियर की बोतले हैं। अनियमित्ता पाये जाने के बाद दूकान को सीज कर दिया गया। इसी भांति गुदड़ी बाजार मोड़ पर स्थित शराब की दूकान के अनुज्ञापी को जब अधिकारियों ने बुलवाया तो उसने बताया कि दूकान की चाभी नहीं मिल रही है। छापामार दल जिसमें आबकारी इंस्पेक्टर नीरजा सिंह भी शामिल थीं उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ा। नगर मजिस्ट्रेट सत्य प्रकाश सिंह ने बताया कि रविवार की रात में भी अंग्रेजी शराब की दूकानों पर छापे मारे जायेंगे। नतीजों की रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी जायेगी उनके निर्देश के बाद ही दोषी अनुज्ञापियों के विरूद्ध सम्बन्धित थानों में मुकदमा दर्ज कराया जायेगा। पुलिस, आबकारी व प्रशासन की संयुक्त टीम की छापेमारी से शराब विक्रेताओं के होश उड़ गये हैं और लॉकडाउन के दौरान मालामाल होने का सपना पाले लोगों के सिर पर कानून की तलवार लटकती दिखायी पड़ने लगी है जिससे उनकी नींद हराम हो गयी है।


 


दुनिया के अनुभव ने काफी कुछ सिखाया

नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए से एक बार फिर से मुख्यमंत्रियों के साथ लॉकडाउन को लेकर चर्चा की। इसस दौरान हिमाचल और मेघालय को छोड़कर सभी राज्यों ने लॉकडाउन को खत्म करने की सलाह दी। संक्रमण के चलते जारी लॉकडाउन के दौरान उनकी मुख्यमंत्रियों के साथ यह तीसरी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग है। बैठक में तीन मुद्दों पर चर्चा हुई है। एक, राज्यों में कोरोना संक्रमण की मौजूदा स्थिति और रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयास। दूसरे 20 अप्रैल से गृह मंत्रालय द्वारा प्रदत्त छूटों के क्रियान्वयन पर राज्यों का फीडबैक और तीसरे, तीन मई के बाद की क्या रणनीति हो।


देश में कोरोना संकट की शुरुआत के बाद 22 मार्च से अब तक प्रधानमंत्री मोदी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चार बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक कर चुके हैं।  बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन के अलावा प्रधानमंत्री कार्यालय एवं अन्य संबद्ध मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों ने शिरकत की। इसके अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन सहित विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी बैठक में हिस्सा लिया। कोरोना वायरस पर जारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आज की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल हुए। वहीं, इस चर्चा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे। हालांकि इस दौरान राज्यों की तरफ से भी अपने मुद्दे रखे गए। इनमें आर्थिक पैकेज की मांग प्रमुख हैं। चर्चा के दौरान मेघालय के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी से लॉकडाउन को तीन मई के आगे बढ़ाने का सुझाव दिया।कोरोना वायरस को लेकर जारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन शामिल नहीं हुए हैं। एएनआई ने सूत्रों के हवाले से  कहा कि केरल ने अपने सुझाव लिखित में दिए हैं। उत्तराखंड के सीएम ने कहा कि पर्यटन और तीर्थयात्री लॉकडाउन से बहुत प्रभावित हुए हैं। पीएम के हस्तक्षेप से हम जल्द ही अपने उद्योग और अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित कर पाएंगे। सभी एहतियाती उपायों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ, व्यापार और व्यापार गतिविधियां चरण-वार तरीके से शुरू होनी चाहिए। हमें धीरे-धीरे स्थिति को सामान्य करने के लिए लोगों के जीवन को आसान बनाना होगा। मिजोरम के मुख्यमंत्री ने इस बारे में बात की कि लॉकडाउन के बाद केंद्र के निर्देशों का किस तरह पालन होगा। पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने राज्य के स्वास्थ्य संबंधी योद्धाओं के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) और अन्य चिकित्सा उपकरण प्रदान करने के लिए केंद्र के हस्तक्षेप की मांग की। उन्होंने तीन मई को लॉकडाउन खत्म होने पर उद्योग शुरू करने की इच्छा व्यक्त की और कोविद -19 से लड़ने के लिए भारत सरकार से वित्तीय सहायता मांगी।ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि वह लॉकडाउन जारी रखने के पक्ष में हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि आर्थिक गतिविधियों को इजाजत दी जाए। पटनायक ने कहा, “मैं केंद्र सरकार से विनती करता हूं कि हम अर्थव्यवस्था के उपायों को शुरू करें क्योंकि हम बीमारी पर लगाम लगाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शाम जारी आंकड़ों के अनुसार देश में कोरोना रोगियों की संख्या बढ़कर 26917 हो गई है। इस बीच 5914 लोगों को अस्पताल से छुटी दी जा चुकी है। सरकार का दावा है कि कोरोना मरीजों के स्वस्थ होने के प्रतिशत में भी लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है तथा यह बढ़कर 21.90 फीसदी तक पहुंच गया है। बाकी 20177 लोगों का देश के विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। उधर, कैबिनेट सचिव ने भी राज्यों के मुख्य सचिवों एवं पुलिस महानिदेशकों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बात की। उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में ज्यादा मामले हैं, वे लॉकडाउन का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराएं तथा चिकित्सा सेवाओं को मजबूत बनाएं। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘मन की बात’ के जरिये देश को संबोधित किया और कोरोना को लेकर अति-आत्मविश्वास से बचने को कहा। कोरोना वायरस कहर के बीच रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई देश की जनता लड़ रही है। उन्होंने कहा कि भले ही कारोबार हो, कार्यालय की संस्कृति हो, शिक्षा हो या चिकित्सा क्षेत्र हो, हर कोई कोरोना वायरस महामारी के बाद की दुनिया में बदलावों के अनुरूप ढल रहा है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया का अनुभव हमें बहुत कुछ सीखा रहा है, इसलिए हमें  अति-आत्मविश्वास नहीं पालना चाहिए, क्योंकि कोरोना से सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी।


886 लोगों की मौतें, संक्रमित 28380

नई दिल्ली। स्वास्थ्य मंत्रालय, गृह मंत्रालय और एनसीडीसी ने संयुक्त संवाददाता में कोरोना वायरस को लेकर कई तथ्य सामने रखे। गृह मंत्रालय ने बताया कि छह अंतर मंत्रालयी केंद्रीय टीमों (आईएमटीसी) के गठन के अलावा आज चार और आईएमटीसी का गठन किया गया है। वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी कि मरीजों का रिकवरी रेट 20.57 फीसदी है। प्रेस कांफ्रेंस में कोविड एंपावर्ड ग्रुप अधिकारी भी मौजूद थे।


स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कल से आज तक 491 लोग ठीक हुए हैं, ठीक होने वालों की कुल संख्या 4748 हुई। पिछले 24 घंटे में 1684 नए मामले सामने आए हैं। अबतक संक्रमितों की कुल संख्या 28380 है। 4748 लोग अभी तक सही हुए हैं, हमारा रिकवरी रेट 20.57 फीसदी है। पिछले 28 दिन से 15 जिलों में कोई नया केस सामने नहीं आया है। अभीतक 80 जिलों में पिछले 14 दिन से नया मामला सामने नहीं आया है। कोरोना से अबतक 886 लोगों की मौत हुई है। कोई भी शिकायत मिलने पर हमारी रैपिड एक्शन टीम तुरंत हरकत में आ जाती है। ये हाउस टू हाउस सर्च करती है, और इसका डाटा रिकॉर्ड किया जाता है। मरीजों का उपचार होने तक उसकी निगरानी चलती रहती है, 28 दिनों तक निगाह रखी जाती है। गृह मंत्रालय ने कहा कि कुछ आर्थिक गतिविधियों की अनुमित इस आधार पर दी गई है कि लॉकडाउन नियमों, सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन हो।   कुछ ऐसी व्याख्या की जा रही थी कि किसी फैक्टरी में कोविड मरीज पाए जाने पर सीईओ को सजा हो सकती है, या फैक्टरी को तीन महीने के लिए सील किया जा सकता है, इसलिए गृह मंत्रालय ने राज्यों को पत्र लिखकर कहा है कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। छह अंतर मंत्रालयी केंद्रीय टीमों के गठन के अलावा गृह मंत्रालय ने आज चार और आईएमटीसी का गठन किया है। इन टीमों को एडिशनल सेक्रेटरी स्तर के अधिकारी देख रहे हैं। मुंबई की टीम ने कहा है कि सर्विलांस की और जरूरत है। इंदौर टीम ने 171 कंटेनमेंट जोन के बारे में बताया है। हेल्थ प्रोटोकॉल का मजबूती से पालन किया जाए।


विश्व में उम्मीद की नई आशा जगी

अकाशुं उपाध्याय


न्यूयॉर्क/नई दिल्ली। कोरोना वायरस के कारण लागू किए गए लॉकडाउन (बंद) में यूरोपीय देशों द्वारा चरणबद्ध एवं व्यस्थित तरीके से ढील दिए जाने की कोशिशों के तहत स्पेन ने छह सप्ताह के बंद के बाद पहली बार बच्चों को बाहर जाकर खेलने की अनुमति दी। इस बीच, अमेरिकी गवर्नर अपने-अपने राज्यों में अपने-अपने तरीके से बंद में ढील देने के लिए कदम उठा रहे हैं।
     
चीन की सरकारी मीडिया ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण का केंद्र रहे वुहान के अस्पतालों में कोविड-19 का अब कोई मरीज नहीं है। वुहान में इस संक्रमण से करीब 3,900 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भी कोरोना वायरस संक्रमण से उबरने के बाद सोमवार को 10 डाउनिंग स्ट्रीट में काम पर लौट आए हैं। अमेरिका में संक्रमण के बुरी तरह प्रभावित न्यूयॉर्क और मिशिगन के गर्वनरों ने कम से कम मई के मध्य तक बंद लागू रखने का फैसला किया है। जॉर्जिया, ओकलाहोमा और अलास्का ने कुछ कारोबार फिर से खोलने की अनुमति दे दी है। अमेरिका स्थित 'जॉन्स हॉप्किन्स यूनिवर्सिटी' के अनुसार संक्रमण से दुनिया भर में दो लाख लोगों की मौत हो चुकी है और 29 लाख लोग संक्रमित हुए हैं। हालांकि माना जा रहा है कि वास्तविक आंकड़ा इससे कहीं अधिक है। इटली, ब्रिटेन, स्पेन और फ्रांस में बीस-बीस हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है जबकि अमेरिका में यह आंकड़ा करीब 55,000 है। इटली में मौत की संख्या में कमी आने के बीच प्रधानमंत्री ग्यूसेप कोंते ने सामान्य स्थिति पर लौटने के लिए एक समय-सारिणी तैयार की है जिसके तहत फैक्ट्रियों, निर्माण कार्यों और थोक आपूर्ति कारोबारों को संक्रमण को काबू करने के लिए आवश्यक कदम उठाने की शर्त पर काम पुन: आरंभ करने की अनुमति दे दी गई है। उन्होंने कहा कि चार मई से पार्क खोल दिए जाएंगे, अंतिम संस्कार की अनुमति दी जाएगी, एथलीट प्रशिक्षण आरंभ कर सकेंगे और एक ही क्षेत्र में रहने वाले अपने संबंधियों से मिल सकेंगे। यदि सब सही रहा, तो 18 मई को स्टोर और संग्रहालय खोल दिए जाएंगे और एक जून से कैफे एवं सलून खोले जाएंगे। लेकिन उन्होंने लोगों को इस दौरान मास्क पहनने और सामाजिक दूरी बनाए रखने की हिदायत दी। दक्षिण कोरिया में कोरोना वायरस संक्रमण के केवल 10 नए मामले सामने आए हैं। यह लगातार 26वां दिन हैं जब नए मामलों की संख्या 100 से नीचे है। देश में इस वायरस से कुल 10,738 लोग संक्रमित हुए हैं जिनमें से 243 की मौत हो गई है। दक्षिण कोरिया ने वृहद स्तर पर जांच करके और मरीजों को पृथक-वास में रख कर इस संक्रमण को काबू किया है। देश में आर्थिक गतिविधियों या अन्य गतिविधियों पर बंद लागू नहीं किया गया था लेकिन स्कूलों को बंद कर दिया गया था जिन्हें खोले जाने पर विचार किया जा रहा है।


रेल परियोजनाओं का उद्घाटन-शिलान्यास करेंगे

रेल परियोजनाओं का उद्घाटन-शिलान्यास करेंगे  इकबाल अंसारी  नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 जनवरी को दोपहर 12:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसि...