सोमवार, 27 अप्रैल 2020

मस्जिदः 2 दर्जन से अधिक लोगों की भीड़

ढाका। कोरोना के कहर के बीच दक्षिणी बांग्लादेश की एक स्थानीय मस्जिद में दो दर्जन से अधिक लोगों को नमाज के लिए एकत्रित करने वाले एक मौलवी कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं। रमजान के महीने में उन्होंने तकरीबन दो दर्जन लोगों का नमाज के दौरान नेतृत्व किया था।


बीडीन्यूज24 के अनुसार, मगुरा जिले के अदादंगा गांव की एक मस्जिद में मौलवी ने नमाज के लिए लोगों को इकट्ठा किया था। मौलाना के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद प्रशासन वहां आने वाले अन्य 20-25 लोगों की सूची तैयार कर रहा है। वहीं, अगर किसी में भी कोरोना के लक्षण पाए गए तो उनका कोरोना का टेस्ट किया जाएगा। शालिकहा उप-जिले के मुख्य कार्यकारी अधिकारी तनवीर रहमान ने बताया कि मस्जिद से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर स्थित मौलवी के बाघरपारा पशिचिमा गांव को लॉकडाउन कर दिया गया है। बांग्लादेश में अभी तक 5,416 कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं। इसके अलावा रविवार तक 145 लोगों की मौत हो चुकी हैैं।    
बांग्लादेश में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए छह अप्रैल से ही मस्जिदों में एकत्रित होकर नमाज पढ़ने पर रोक लगा दी है। वहीं, इससे संबंधित मंत्रालय ने भी नोटिस जारी करके लोगों से घरों में रहकर नमाज पढ़ने की अपील की है।नोटिस में कहा गया है कि शुक्रवार की नमाज पढ़ने के लिए मस्जिदों में ज्यादा से ज्यादा दस लोग ही एकत्रित हो सकते हैं। वहीं, कोरोना वायरस की वजह से पांच मई तक के लिए लॉकडाउन को बढ़ाया गया है।


इंडोनेशियाः चमगादड़ों की बिक्री जारी

जकार्ता। कोरोना वायरस महामारी से पूरी दुनिया जूझ रही है। करीब 4 अरब लोग अपने घरों में कैद हैं और लाखों लोग मारे गए हैं। चीन के वुहान शहर से फैले कोरोना वायरस का स्रोत चमगादड़ों का माना जा रहा है और वहां पर इसकी बिक्री पर रोक लगा दी गई है। इस बीच इंडोनेशिया में चमगादड़ों की बिक्री धड़ल्‍ले से जारी है। आलम यह है कि चमगादड़ बेचने वाली दुकानों पर 'सोल्‍ड आउट' के बोर्ड लगे हैं।


जिंदा जानवरों की खरीद-फरोख्‍त के लिए पूरी दुनिया में कुख्‍यात उत्‍तरी इंडोनेशिया के टोमोहोन एक्‍सट्रीम मार्केट में कोरोना महामारी के बाद भी जिंदा जानवरों की बिक्री जारी है। इस मार्केट में काफी नमी रहती है जिससे कभी भी यहां से कोई महामारी फैल सकती है। इस बीच वैज्ञानिकों का कहना है कि इसी तरह के वातावरण वाली वुहान मार्केट से कोरोना वायरस पूरी दुनिया में फैला। हर दिन करीब 50 से 60 चमगादड़ बिक रहे। पशुओं के अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्‍था पेटा के सदस्‍यों ने अप्रैल महीने में टोमोहोन मार्केट का दौरा किया। ये लोग थाईलैंड के बैंकाक में स्थित एक मार्केट में भी गए थे। उन्‍होंने पाया कि इन बाजारों में फर्श खून से सनी हुई है। दुकानदार सूअर को काटकर उसे अपने खुले हाथों से लोगों को बेच रहे हैं। दुकानों के काउंटर पर सांप, कुत्‍ते, मेंढक और सूअर के मांस रखे हुए हैं।


मजदूरों की आवाजाही पर दिया आदेश

नई दिल्ली। कोरोना वायरस की वजह से देशभर में लागू लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूरों की आवाजाही का मामला उच्चतम न्यायालय पहुंच चुका है। सोमवार को न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई की। जिसमें केंद्र सरकार को मामले की जांच करने और दो राज्यों के बीच मजदूरों की आवाजाही के मामले में कार्रवाई करने का आदेश दिया।


सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने पूछा कि इस जानकारी को कैसे सत्यापित किया जाएगा कि प्रवासी मजदूरों की आवाजाही बंद नहीं हुई है। इसपर याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि वे लोगों को उनके मूल गांव वापस भेजेंगे। हालांकि गृह मंत्रालय की तरफ से किसी भी तरह की आवाजाही की इजाजत नहीं है। इस मामले में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सर्वोच्च अदालत से कहा कि गृह मंत्रालय ने मजदूरों को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। बता दें कि पिछले दिनों मंत्रालय ने मजदूरों की आवाजाही के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम जारी किया था। जिसमें मजदूरों को किसी भी तरह की अंतर-राज्य आवाजाही की अनुमति नहीं है। गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा था कि लॉकडाउन की वजह से देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए मजदूरों को कुछ शर्तों के साथ राज्य के अंदर उनके काम के स्थानों पर जाने की अनुमति दी जाएगी। हालांकि तीन मई तक बढ़ाए गए लॉकडाउन के दौरान मजदूरों को किसी भी तरह की अंतर-राज्य आवाजाही की इजाजत नहीं होगी।


अमेरिका में घटकर मौत का आंकड़ा 1330

वाशिंगटन। अमेरिका में आज कोविड 19 से 1330 मौतें दर्ज की गईं। ये आंकड़ा जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी टैली द्वारा जारी किया गया है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि अमेरिका दूसरे देशों के साथ मिलकर काम कर रहा है और उन्हें यह समझा रहा है कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति चीन के वुहान से हुई है। उन्होंने कहा कि वायरस कहां से आया यह समझाने की जिम्मेदारी चीन की है। उन्होंने बेन शापिरो शो में शुक्रवार को कहा कि चीन को दिसंबर 2019 से वायरस के बारे में पता था। उन्होंने कहा, 'हमें अमेरिका में हुई मौतों और यहां जिस तरह के आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है, उसके लिए जिम्मेदार पक्षों की जवाबदेही तय करनी होगी।'


देश में कोरोना संक्रमण फैलने की औसत दर भले ही लॉकडाउन के बाद कम हुई लेकिन तीन राज्यों में बढ़ते प्रकोप ने चिंता बढ़ा दी है। महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश में हालात चिंताजनक हैं। देशभर में कुल 826 मौतों में से दो तिहाई से ज्यादा (555 मामले) सिर्फ इन तीन राज्यों से हैं। इस लिहाज से दिल्ली चौथे और उत्तर प्रदेश छठे पायदान पर है। स्वास्थ्य मंत्रालय के रविवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र में एक दिन में 811 नए मरीज मिले। पिछले 6 दिन में 71 लोगों की मौत हुई है यानी औसतन हर दो घंटे में एक मरीज दम तोड़ रहा है।


महीनों बाद चीन के बंद स्कूल खुले

बीजिंग। कई महीनों के बंद के बाद चीन की राजधानी पेइचिंग के स्कूल सोमवार को खुले। बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स ने स्कूलों में वापसी की और वापसी को लेकर वे काफी खुश थे। इसकी वजह यह थी कि उन्हें कई दिनों बाद अपने दोस्तों से मिलने का मौका मिल रहा था। यूनिफॉर्म में आए इन बच्चों के कंधों पर बैग था। वहीं, इन बच्चों की जिंदगी में जो नई चीज आ गई है वह है मास्क। सभी बच्चों के फेस पर मास्क लगा हुआ था।


अनोखे यूनिफॉर्म के साथ लौटे बच्चेः हैंगजाउ में पहली कक्षा के बच्चे भी स्कूल लौट आए हैं। इस बार उनका अनुभव बिल्कुल अलग है क्योंकि उनका यूनिफॉर्म बदल गया है। दरअसल, सोशल डिस्टेंसिंग के लिए उन्हें मास्क के साथ ही स्पेशल हेड गियर पहनाया गया है।


चीन ने सूचना के आरोपों को नकारा

बीजिंग। चीन के विदेश मंत्रालय ने यूरोपीय संघ की उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया है, जिसमें चीन पर संक्रमण को लेकर गलत सूचना देने का आरोप है। इसके पूर्व अमेरिका की राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने कोरोना के वैश्विक प्रसार के लिए चीन को उत्‍तरदायी माना है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने कोरोना की जानकारी को दुनिया के सामने साझा नहीं किया।


उसने सारी जानकारी छिपा कर रखी। उधर, चीन ने कहा कि उसने कोरोना को लेकर कोई दुष्‍प्रचार नहीं किया। चीन ने कहा है उसके पास इसके पोख्‍ता सबूत है। यूरोपीय संघ की विदेश नीति शाखा की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन एवं रूस कोरोना प्रसार के लिए जिम्‍मेदार हैं। चीन यूरोपीय संघ की एक रिपोर्ट को रेकना चाहता था, लेकिन बाद में यह रिपोर्ट जारी कर दी गई। बीजिंग ने यूरोपीय संघ पर इस रिपोर्ट को रोकने के लिए दबाव डाला था। बीजिंग ने कहा कि इस रिपोर्ट से दोनों के संबंधों में कटुता उत्‍पन्‍न होगी।


नियमों में बदलाव से भड़क गया चीन

FDI नियमों में बदलाव से भड़क गया है चीन


चीनी मीडिया दे रही फार्मा निर्यात रोकने की धमकी


दवाओं के लिए बेस माल जैसा होता है एपीआई भारत में करीब 85 फीसदी API चीन से आता है


बीजिंग। कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच चीन की कई देशों से तल्खी बढ़ रही है। अब इस सूची में भारत भी शामिल हो गया है। भारत द्वारा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) नियमों में बदलाव से भड़के चीन की सरकारी मीडिया में यह माहौल बनाया जाने लगा है कि चीन हमारे देश में अपने फार्मा निर्यात को रोक सकता है। चीन से हमारे देश में फार्मा की बात करें तो सबसे ज्यादा दवाएं बनाने के लिए जरूरी एक्टिव फार्मास्यूटिकल इनग्रेडिएंट (API) आता है। क्या हम अपने देश में एपीआई बनाकर चीन की अकड़ खत्म नहीं कर सकते? क्या हैं आखिर समस्याएं, आइए जानते हैं...


क्या होता है एपीआईः सबसे पहले यह जान लें कि एपीआई क्या होता है। इसका मतलब होता है एक्टिव फार्मास्यूटिकल इनग्रेडिएंट। वि​श्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार तैयार फार्मा उत्पाद यानी फॉर्मुलेशन के लिए इस्तेमाल होने वाले किसी भी पदार्थ को एपीआई कहते हैं। गौरतलब है कि एपीआई ही किसी दवा के बनाने का आधार होता है, जैसे क्रोसीन दवा के लिए एपीआई पैरासीटामॉल होता है। तो आपने यदि पैरासीटामॉल का एपीआई मंगा लिया, तो उसके आधार पर किसी भी नाम से तैयार दवाएं बनाकर उसे निर्यात कर सकते हैं। तैयार दवाएं बनाने की फैक्ट्री में ज्यादा निवेश करने की जरूरत नहीं होती है और इसे लगाना आसान होता है।


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