सोमवार, 27 अप्रैल 2020

वायरसः मौतों के आंकड़ों में गिरावट

नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण से जूझ रही दुनिया के लिए रविवार अच्छी खबर लेकर आया। करीब एक महीने के बाद संक्रमण से सबसे बुरी तरह प्रभावित लगभग हर देश में इससे हो रही मौतों में कमी दर्ज की गयी है। कोरोना से हो रहीं मौतों का आंकड़ा रविवार को 5000 से नीचे रहा और दुनिया भर में 3751 मौतें दर्ज की गयीं। इसके बाद अब कुल मौतों का आंकड़ा बढ़कर 2,06,915 हो गया है। संक्रमण के मामलों में भी बीते 3 दिन के मुकाबले कमी आई और करीब 74,000 नए केस सामने आए जिसके बाद कुल मामले बढ़कर अब 29,93,000 से भी ज्यादा हो गए हैं। अमेरिका (US), यूरोप (Europe), एशिया (Asia) और अफ्रीका (Africa) सभी जगह नए मामलों और मौतों में कमी दर्ज की गयी है।


US में लॉकडाउन का उल्लंघन कर हजारों लोग पहुंचे बीच पर

गर्मी बढ़ने के साथ ही हजारों लोग घरों में रहने के आदेशों का उल्लंघन करते हुए दक्षिणी कैलिफोर्निया के समुद्र तटों और नदियों के किनारे उमड़ पड़े। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि घर में ही रहने के आदेश का उल्लंघन करने से कोरोना वायरस फिर से अपना प्रकोप दिखा सकता है। ऑरेंज काउंटी के न्यूपोर्ट समुद्र तट पर हजारों लोग जमा हो गए। स्थानीय निवासियों के मुताबिक सामान्य तौर पर इतनी भीड़ नहीं होती है। वहीं तटरक्षक लोगों को हिदायत दे रहे थे कि अगर वे छह या इससे ज्यादा के समूह में हैं तो एक-दूसरे से दूर-दूर रहें। पड़ोस के हंटिंगटन तट पर भी बड़ी संख्या में लोग जुटे। पार्किंग स्थल बंद होने के बावजूद बड़ी संख्या में लोग यहां पुहंच गए।


जॉर्जिया यूनिवर्सिटी ने खोजी औषधि

राजेंद्र कुमार 
सिरसा/जॉर्जिया। हरियाणा में सिरसा के कस्बा ऐलनाबाद के सब्जी विक्रेता राजकुमार ग्रोवर के पुत्र डा. मुकेश ग्रोवर ने वह कर दिखाया जिससे केवल ऐलनाबाद का नहीं बल्कि पूरे सिरसा, हरियाणा व पूरे देश का सिर गर्व से ऊंचा हो गया है। डा. मुकेश ग्रोवर ने संयुक्त राज्य अमेरिका के जॉर्जिया राज्य विश्वविद्यालय में कोविड -19 के लिए एक आशाजनक उपचार को खोज निकाला है। 
     कोविड-19 के पहले अमेरिकी मामलों के सामने आने के बाद फरवरी में जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी के वायरोलॉजिस्ट डा. मुकेश ग्रोवर ने एक शोध शुरु किया था जिसका परिणाम अब जाकर सामने आया है। अपने उच्च-स्तरीय जैव सुरक्षा लैब के परीक्षणों में डा. मुकेश ग्रोवर और उनके सहयोगियों ने औरानाफिन दवा से कोविड-19 के सफल ईलाज का दावा किया है। औरानाफिन दवा के साथ इलाज किए जाने के 48 घंटे बाद ही  संक्रमित कोशिकाओं में कोरोना वायरस की मात्रा 95 प्रतिशत कम हो गई। आपको बता दें कि औरानाफिन एक प्रकार का यौगिक है जिसमें सोना होता है और 1985 से यह जोड़ रोग के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा औरानाफिन दवा को पहले से ही अनुमोदित किया गया है। डा. मुकेश ग्रोवर ने बताया कि हम कोविड-19 के उपचार के लिए दवाओं की तलाश कर रहे थे। लेकिन अब जाकर कुछ हल मिला है। उन्होंने अपने शोध को वायरोलॉजी पत्रिका में जारी किया है। इसे अभी तक अन्य वैज्ञानिकों द्वारा वीटो नहीं किया गया है। चिकित्सक तुरंत कोविड-19 के इलाज के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं। इसे केवल एक चिकित्सक की देखरेख में लिया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि वे अभी भी कोविड-19 के इलाज की अन्य संभावनाओं की तलाश कर रहे है। उन्हें यकीन है कि और भी कई दवाएं प्रभावी हो सकती हैं। हमें बस उनका परीक्षण करना है। आपको बता दें कि डा. मुकेश ग्रोवर शहर के वार्ड 8 निवासी राजकुमार ग्रोवर व सरोज ग्रोवर के सुपुत्र हैं। इन्होंने पांचवीं कक्षा तक की पढ़ाई शहर के नवज्योति स्कूल से की है। जबकि दसवीं कक्षा सर छोटूराम जाट हाई स्कूल से, बारहवीं कक्षा राजकीय नेशनल कॉलज सिरसा से तथा वेटरनरी सर्जन की पढ़ाई नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय, मऊ (मध्यप्रदेश) से की थी। वे 2008 में अमेरिका चले गए जहां उन्होने हवाई विश्वविद्यालय से 2012 में अपनी पी.एच.डी. की डिग्री प्राप्त की। अपने कार्य के लिए उन्हें अमेरिका में कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है। वे अमेरिका की कई प्रसिद्ध संस्थाओं में भी अपनी सेवाएं दे चुके है। वे अब जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वर्ष 2012 में उनकी शादी कोमल से हुई। उनके 4 वर्षीय पुत्री सान्या भी है। उनके बड़े भाई नरेश ग्रोवर गांव कोटली में जेबीटी अध्यापक के रूप में कार्यरत हैं। डा. मुकेश ग्रोवर की इस उपलब्धि पर शहरवासियों ने भी खुशी व्यक्त करते हुए उन्हें बधाई प्रेषित की है।


इस मौसम में तरबूज के अनेक फायदे

गर्मियों का मौसम शुरू हो चुका है और इस समय भरपूर पानी पीने के साथ साथ ऐसे फलों का सेवन करना भी जरूरी होता है जो शरीर में पानी की कमी को पूरा कर सकें. तरबूज ऐसे फलों का एक बड़ा उदाहरण है. ऊपर से थोड़ा सख्त नजर आने वाला तरबूज अंदर से पानी से भरा होता है. तरबूज खाने से शरीर को कई तरह से फायदा पहुंचता है. यह न केवल हेल्दी होता है बल्कि शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है. इसके अलावा इसमें अधिक मात्रा में विटामिन ए भी मौजूद होता है जो आंखों के लिए बहुत अच्छा होता है. आइए आपको बताते हैं गर्मियों में तरबूज खाने के फायदों के बारे में.
तरबूज खाने के गजब फायदे


तरबूज में लाइकोपिन नामक तत्व पाया जाता है जो त्वचा की चमक को बरकरार रखता है. तरबूज खाने से स्किन का ग्लो बना रहता है और स्किन इंफेक्शन से भी बचा जा सकता है.
हार्ट संबंधी बीमारियों को रोकने में भी तरबूज एक रामबाण उपाय है. ये दिल संबंधी बीमारियों को दूर रखता है. दरअसल ये कोलस्ट्रॉल के लेवल को नियंत्रित करता है जिससे इन बीमारियों का खतरा कम हो जाता है.
तरबूज में विटामिन ए की मात्रा बहुत अधिक होती है जिससे आंखों की रोशनी सही बनी रहती है. इसके अलावा तरबूज खाने से इम्यून सिस्टम भी स्ट्रॉन्ग होता है और वायरल बीमारियों से दूर रहा जा सकता है.
तरबूज खाने से दिमाग शांत रहता है और गुस्सा कम आता है. असल में तरबूज की तासीर ठंडी होती है इसलिए ये दिमाग को शांत रखता है. इसके अलावा यह स्ट्रेस व तनाव को भी बॉडी से दूर रखता है.
तरबूज के बीज भी कम उपयोगी नहीं होते हैं. बीजों को पीसकर चेहरे पर लगाने से स्किन पर ग्लो नजर आता है. साथ ही इसका लेप सिरदर्द में भी आराम पहुंचाता है.
तरबूज के नियमित सेवन से कब्ज की समस्या दूर हो जाती है. इसके अलावा शरीर में खून की कमी होने पर इसका जूस फायदेमंद साबित होता है.
तरबूज को चेहरे पर रगडऩे से ग्लो तो आता ही हे साथ ही ब्लैकहेड्स भी हट जाते हैं. वहीं झुर्रियों की समस्या भी कम होती है.


ओजोन परत के छेद पर लेयर बना

इस महीने यानी अप्रैल की शुरुआत में भी वैज्ञानिकों को उत्तरी ध्रुव यानी नॉर्थ पोल के ऊपर स्थित ओजोन लेयर में एक 10 लाख वर्ग किमी का छेद दिखा था। यह इतिहास का सबसे बड़ा छेद था। लॉकडाउन की वजह से कम हुए प्रदूषण की वजह से ये छेद भर गया।
धरती के उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों के ऊपर ओजोन लेयर है। इससे पहले भी लॉकडाउन ने दक्षिणी ध्रुव के ओजोन लेयर के छेद को कम किया था। अप्रैल महीने की शुरुआत में उत्तरी ध्रुव के ओजोन लेयर पर एक बड़ा छेद देखा गया था। वैज्ञानिकों का दावा था कि यह अब तक के इतिहास का सबसे बड़ा छेद है। यह 10 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला था


उत्तरी ध्रुव यानी नॉर्थ पोल यानी धरती का आर्कटिक वाला क्षेत्र. इस क्षेत्र के ऊपर एक ताकतवर पोलर वर्टेक्स बना हुआ था. जो अब खत्म होने के कगार पर है। नॉर्थ पोल के ऊपर बहुत ऊंचाई पर स्थित स्ट्रेटोस्फेयर पर बन रहे बादलों की वजह से ओजोन लेयर पतली हो रही थी।ओजोन लेयर के छेद को कम करने के पीछे मुख्यतः तीन सबसे बड़े कारण थे बादल,क्लोरोफ्लोरोकार्बन्स और हाइड्रोक्लोरोफ्लोरोकार्बन्स. इन तीनों की मात्रा स्ट्रेटोस्फेयर में बढ़ गई थी। इनकी वजह से स्ट्रेटोस्फेयर में जब सूरज की अल्ट्रवायलेट किरणें टकराती हैं तो उनसे क्लोरीन और ब्रोमीन के एटम निकल रहे थे। यही एटम ओजोन लेयर को पतला कर रहे थे। जिसके उसका छेद बड़ा होता जा रहा था। इसमें प्रदूषण औऱ इजाफा करता लेकिन लॉकडाउन में वो हुआ नहीं नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार ऐसी स्थिति आमतौर पर दक्षिणी ध्रुव यानी साउथ पोल यानी अंटार्कटिका के ऊपर ओजोन लेयर में देखने को मिलता है। लेकिन इस बार उत्तरी ध्रुव के ऊपर ओजोन लेयर में ऐसा देखने को मिल रहा है।


आपको बता दें कि स्ट्रेटोस्फेयर की परत धरती के ऊपर 10 से लेकर 50 किलोमीटर तक होती है। इसी के बीच में रहती है ओजोन लेयर जो धरती पर मौजूद जीवन को सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाती है।


अजबः 123 जिलों में नहीं है वेंटिलेटर

नई दिल्ली। कोरोना के खिलाफ पूरा देश जंग में जुटा है वहीं देश के कई जिलों में न तो वेंटिलेटर है और न ही ICU बेड। इनमें से कई जिलों में कोरोना संक्रमित मरीज भी पाए गए हैं, ऐसे में सवाल यह उठता है कि हम कोरोना के खिलाफ जंग में कहां हैं ? यह खुलासा रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव द्वारा सभी राज्यों के स्वास्थ सचिवों से की गई वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के दौरान हुई। इसमें UP, MP, बिहार और असम जैसे राज्य हैं जहां कोरोना का संक्रमण ज्यादा है।


सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार पूरे देश में कोरोना मरीजों की संख्या 27892 हो गयी है वहीं कोरोना संक्रमण से मारने वालों की संख्या 872 है, हालांकि ठीक होने वाले मरीजों की संख्या भी 6185 है। सबसे ज्यादा मरीज महाराष्ट्र में पाए गए हैं जबकि दूसरे नंबर पर गुजरात है जहां कोरोना मरीजों की संख्या 3 हजार से पार कर गई है। वहीं तीसरे नंबर पर दिल्ली है। लेकिन कोरोना से मौतों के मामले में महाराष्ट्र के बाद गुजरात और उसके बाद मध्यप्रदेश का नंबर आता है। इंडियन एक्सप्रेस ने इन आंकड़ों के बारे में बताया है कि कुछ राज्यों में स्वास्थ्य सुविधा किस स्तर पर है।


इसी भयावह स्थिति पर चर्चा के लिए रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने सभी राज्यों के स्वास्थ सचिव से चर्चा की उसमें यह खुलासा हुआ है कि देश के 143 जिले में ICU बीएड भी नहीं है वहीं 123 जिलों में कोई वेंटिलेटर नहीं है। इनमें से 67 जिले में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं। अकेले UP में ऐसे 35 जिले हैं जिनमें 20 जिलों में कोरोना का मामला सामने आ चुका है। दूसरे नंबर पर मध्यप्रदेश है जहां


इसके अलावा देश के 123 जिलों में जीरो वेंटीलेटर बेड हैं। इनमें से 39 जिलों में संक्रमण के मामले देखे गए हैं। जिन जिलों में वेंटिलेटर नहीं है ऐसे यूपी में 35 जिले हैं और इनमें से 20 जिलों में कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे जिलों की संख्या बिहार में 28 और असम में 17 है। जिनमें क्रमश: 10 और 3 जिलों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। वहीं UP के 39 जिलों में कोई वेंटिलेटर नहीं है। दूसरे नंबर पर मध्यप्रदेश है जहां 31 जिलों में ICU बेड नहीं है जबकि इनमें से 11 जिलों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। बिहार तीसरे नंबर पर आता है जहां 29 जिलों में ICU बीएड नहीं हैं लेकिन इनमें से 11 जिलों में कोरोना का मामला सामने आ चुका है।


पीएम की मुख्यमंत्रियों से विशेष चर्चा

नई दिल्ली। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने एक महीने और लॉकडाउन बढ़ाने की मांग की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सीएम नवीन पटनायक ने लॉकडाउन को पूरे महीने तक जारी रखने की मांग की है। हालांकि, इस पर पीएम मोदी ने हर राज्य से लॉकडाउन को लेकर प्लान बनाने को कहा है।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन को लेकर सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से बात की। इस दौरान कई मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन को बढ़ाने की गुजारिश की, जिसमें ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक शामिल हैं। इसके अलावा कई मुख्यमंत्रियों ने चरणवार तरीके से लॉकडाउन हटाने को कहा। पीएम नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मौजूद ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नबा दास ने कहा कि हमने मांग की है कि लॉकडाउन जारी रहना चाहिए अन्यथा हम ओडिशा में इन चीजों का सामना नहीं कर सकते। लॉकडाउन को एक महीने और रहने दीजिए, फिर, हम देखेंगे कि क्या किया जा सकता है। इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान गुजरात के सीएम विजय रूपाणी ने टेस्टिंग, ट्रीटमेंट के हालात की जानकारी दी। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पीएम नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की, जिन्होंने समय पर लॉकडाउन लगाया। उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य की स्थिति बताई। ये भी कहा कि यमुनोत्री और गंगोत्री कपाट खोले गए हैं।
उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने रोग नियंत्रण की जानकारी दी और पूरे महीने (मई) तक लॉकडाउन की मियाद को बढ़ाने की मांग की। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्य की कोरोना अपडेट और किसान मंडियों के व्यवस्थाओं की जानकारी दी। किसी एक ऐप का भी जिक्र किया, जिससे बीस तरह की सेवाएं दी जा रही हैं।
वहीं, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोटा और दूसरे राज्यों से छात्रों को बुलाने पर एक नीति की मांग की। नीतिश ने कहा कि जब डिजास्टर कानून में साफ है कि अंतरराज्यीय और अंतरजनपदीय आवाजाही न हो तो भी कुछ राज्य छात्रों को बुला चुके हैं, जबकि हम केंद्र के निर्देश का पालन कर रहे हैं। कोरोना वायरस महामारी संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की। इस बैठक में पीएम मोदी ने लॉकडाउन खोलने को लेकर चर्चा की और कहा कि इसपर एक नीति तैयार करनी होगी, जिसपर राज्य सरकार को विस्तार से काम करना होगा।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बैठक में कहा कि राज्य सरकार अपनी नीति तैयार करें और किस तरह लॉकडाउन को खोला जाए. इसमें रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन में राज्य अपने इलाकों में लॉकडाउन को खोला जा सकता है। जिन राज्यों में अधिक केस है, वहां लॉकडाउन जारी रहेगा, जिन राज्यों में केस कम है वहां जिलेवार राहत दी जाएगी। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि अर्थव्यवस्था को लेकर टेंशन न लें, हमारी अर्थव्यवस्था अच्छी है। बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के अलग-अलग जिलों को जोन के हिसाब से बांटा है, अभी करीब 170 से अधिक जिले रेड जोन में शामिल हैं। गौरतलब है कि कोरोना वायरस संकट की वजह से देश में 3 मई तक का लॉकडाउन लागू है। इस बीच आगे की रणनीति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा की। इसमें कई राज्यों की ओर से लॉकडाउन को आगे बढ़ाने और फेज़ वाइज़ लॉकडाउन हटाने का प्रस्ताव रखा।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्रियों के बीच ये बैठक करीब तीन घंटे तक चली। पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि राज्य सरकारों ने अच्छा काम किया है, लॉकडाउन की वजह से हमें लाभ मिला है। इस बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोटा में फंसे हुए बच्चों का मुद्दा उठाया। नीतीश कुमार ने मांग करते हुए कहा कि बच्चों को लाने के लिए एक नीति बननी चाहिए, कई राज्य लगातार बच्चों को वापस बुला रहे हैं।


गौरतलब है कि बैठक से पहले भी कई राज्य सरकारें इस बात को कह चुकी हैं कि एक दम से लॉकडाउन को हटाना खतरनाक साबित हो सकता है, ऐसे में केंद्र सरकार को लॉकडाउन को लेकर अलग-अलग नीति बनानी चाहिए।


नेता प्रतिपक्ष ने पीएम की तारीफ की

नई दिल्ली। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी हमेशा से मोदी सरकार के खिलाफ संसद के अंदर और बाहर नकारात्मक टिप्पणी ही करते रहते हैं, लेकिन इस बार उन्होंने कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ने में मोदी सरकार की तारीफ कर सबको भौचक्का कर दिया है।


अधीर रंजन चौधरी ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए मोदी सरकार के उठाए कदमों की तारीफ करते हुए कहा कि भारत एक ऐसी जगह हैं, जहां 130 करोड़ की आबादी बसती है। बावजूद इसके भारत सरकार ने इस खतरनाक वायरस से लड़ने के लिए महान कदम उठाए हैं। यही हम इसी तरह के कदम उठाते रहे तो भारत अनेक देशों को पीछे छोड़ विश्व का नेता बन जाएगा। अधीर रंजन चौधरी का बयान ऐसे समय में आया है जब कांग्रेस के तमाम नेता केंद्र सरकार के केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते और पेंशनरों के महंगाई राहत को बंद किए जाने के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं।


यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई  संदीप मिश्र  लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को लेकर उत्तर प्रदेश में भी 7 दिनों के...