शुक्रवार, 24 अप्रैल 2020

काम करने का तरीका बदलाः मोदी

सरपंचों से बोले पीएम मोदी- कोरोना ने हम सभी के काम करने के तरीके को बदला


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर आज देशभर के सरपंचों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए से बातचीत की और ई-ग्राम स्वराज पोर्टल एवं मोबाइल ऐप को लॉन्च किया।


पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना ने हम सभी के काम करने के तरीके को बहुत बदल दिया है। पहले हम किसी कार्यक्रम को आमने सामने रहकर करते थे। लेकिन आज वही कार्यक्रम वीडियो कॉन्फेंसिंग के माध्यम से करना पड़ रहा है। आज इस कार्यक्रम में जुड़े सभी लोगों का मैं स्वागत करता हूं। देश में जारी बंद की वजह से और सामाजिक दूरी को ध्यान में रखते हुए आज प्रधानमंत्री विभिन्न प्रतिभागियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत कर रहे थे। एकीकृत पोर्टल पंचायती राज मंत्रालय की एक नई पहल है जो ग्राम पंचायतों को अपनी ग्राम पंचायत विकास योजना को तैयार करने और कायार्न्वित करने में मदद करती है।


महाराष्ट्र सीएम को ठेके खोलने की सलाह

मुंबई। महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के चीफ राज ठाकरे ने अपने चचेर भाई और महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में राज ठाकरे ने सीएम उद्धव ठाकरे से कहा है कि राज्य में शराब की दुकानें खोल दी जाएं, जिससे राजस्व मिलता रहे और घाटा ना हो। इससे पहले राज ठाकरे ने कहा था कि लॉकडाउन के कारण राज्य का खजाना तेजी से खाली हो रहा है। मुख्यमंत्री कार्यालय को लिखी गई इस चिट्ठी में राज ठाकरे कहते हैं, 'शराब की दुकानों को खोलने की अनुमति देने का मतलब यह नहीं है कि यह शराब पीने वालों की जरूरत पूरी करने की कोशिश है, बल्कि इसके जरिए मुश्किल वक्त में भी राजस्व जुटाया जा सकता है। जैसा ही अभी कोरोना वायरस के कारण जारी लॉकडाउन में चल रहा है।


सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए खुलें दुकानें:-


राज ठाकरे ने कहा है कि एक महीने पहले लॉकडाउन लागू होते ही शराब की दुकानें बंद की गई थीं। अब इन्हें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए खोला जा सकता है। इस समय राज्य सरकार को किसी नैतिक मुद्दे पर फंसने की बजाय मुश्किल वक्त में जरूरी फैसला लेना चाहिए।एमएनएस चीफ राज ठाकरे ने आगे लिखा है, 'मुश्किल का सामने करते हुए हल निकालने की जरूरत है। 3 मई तक चलने वाले लॉकडाउन के कारण राज्य का खजाना तेजी से खाली हो रहा है।' राज ठाकरे ने यह भी मांग की है कि होटल और किचन्स को अनुमति दी जाए कि वे भी सोशळ डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपना काम शुरू करें। इसके पीछे राज ठाकरे ने यह तर्क रखा है कि महाराष्ट्र का एक बड़ा तबका बाहर के खाने पर ही निर्भर है। उन्होंने कहा है कि इन सब गतिविधियों से राज्य सरकार की कमाई होगी। अच्छी खबर! 10 दिनों में नहीं आया कोरोना का एक भी केस, मुंबई के 9 इलाके कंटेनमेंट जोन से बाहर।


मुंबई का हाल बेहाल, लगातार बढ़ रहे हैं कोरोना के मामले


आपको बता दें कि महाराष्ट्र में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। सिर्फ मुंबई शहर में कोरोना के तीन हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं और अभी भी हर दिन सैकड़ों मामले सामने आ रहे हैं। यही कारण है कि स्थिति पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र को प्लाज्मा तकनीकि से कोरोना के मरीजों के इलाज की टेस्टिंग करने की अनुमति भी दे दी है। महाराष्ट्र में कोरोना के मामलों की संख्या 5652 हो चुकी है, जिसमें से कुल 269 लोगों की मौत भी हो चुकी है। वहीं, राज्य में अब तक कुल 779 लोग कोरोना से ठीक भी हो चुके हैं।


मोहाली में 63, पंजाब में 277 संक्रमित

मधुसूदन मिस्त्री की रिपोर्ट


मोहाली । सेक्टर-18 की 82 साल की बुजुर्ग की संपर्क में 28 लोगों की रिपोर्ट भी वीरवार को नेगेटिव आई है। बुजुर्ग दर्शना को पहले इलाज के लिए पंचकूला के लिए अलकेमिस्ट हॉस्पिटल में एडमिट किया गया था। जिन 28 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। उसमें 82 साल की बुजुर्ग के परिवार के आठ सदस्य शामिल हैं। जबकि अस्पताल के स्टाफ और कांटेक्ट में आए बाकी लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। बुजुर्ग की हालत पहले से अब ठीक है। लेकिन उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही है। जिसके चलते ऑक्सीजन पर रखा गया है। चंडीगढ़ में कुल 27 मरीजों में से 14 ठीक हो चुके हैं। वहीं 13 लोगों का इलाज चल रहा है।पंजाब के फगवाड़ा की छह महीने की रितिका के संपर्क में पीजीआइ के 18 डॉक्टरों समेत कुल 54 लोग संपर्क में आए थे। वीरवार को इन सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। इन लोगों में पीजीआइ के पीडियाट्रिक, रेडियोलॉजी और कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के 18 डॉक्टर शामिल थे। जबकि 15 नर्सिग ऑफिसर, 13 स्टाफ अटेंडेंट, दो फिजियोथेरेपिस्ट और छह एक्स रे व रेडियोलॉजी स्टाफ अटेंडेंट शामिल थे। इन सभी 54 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। दूसरी ओर कोरोना हॉटस्पॉट मोहाली में वीरवार को दो दिन के बाद कोरोना वायरस का एक और नया पॉजिटिव मामला सामने आया है। वीरवार को पीजीआई में रितिका ने कोरोना वायरस के चपेट में आने से दम तोड़ दिया था। बच्ची के पिता रामू और उनकी पत्नी के सैंपल बुधवार को जांच के लिए भेजे गए थे। बच्ची के मां-बाप की रिपोर्ट भी वीरवार दोपहर नेगेटिव आई है। जबकि बच्ची के नाना-नानी को होम क्वारंटाइन किया गया है। बच्ची की नानी और नाना की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। अब सवाल यह उठ रहा है कि मासूम बच्ची को आखिरकार कोरोना कैसे हुआ। बच्ची के पिता रामू का कहना है पीजीआइ के डॉक्टरों और नर्सिग स्टाफ से ही उसकी बच्ची को कोरोना हुआ है। इस मामले में पीजीआइ प्रशासन की ओर से जांच की जा रही है।


जिले में वीरवार को दो दिन के बाद कोरोना वायरस का एक और नया पॉजिटिव मामला सामने आया है। यह केस नयागांव के आदर्श नगर में रहने वाले 30 वर्षीय युवक का है। आदर्श नगर में 17 अप्रैल को पीजीआइ कर्मचारी में कोरोना मिला था जिसके बाद रविवार को उसके घर से चार सदस्य जिनमें उसकी 26 वर्षीय पत्नी, एक महीने की लड़की, 20 साल का साला व 60 साल की सास भी कोरोना पॉजिटिव मिले थे। इनमें दो मरीजों को पीजीआइ व दो मरीजों को ज्ञान सागर अस्पताल में आइसोलेट किया गया है। जिस 30 वर्षीय युवक में कोरोना पाया गया है, वह भी नयागांव की उसी बिल्डिंग में रह रहा था जिसमें पीजीआइ कर्मचारी रहता है। उसके संपर्क में आने पर उसमें कोरोना मिला है। इस बिल्डिंग में कुल 40 कमरे हैं। इस समय 22 परिवार वहां मौजूद हैं जबकि 18 परिवार लॉकडाउन के बाद से अपने-अपने घरों में जा चुके हैं। वीरवार को कोरोना का एक नया मामला सामने आने के बाद अब मोहाली में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 63 तक पहुंच गई है। जबकि 14 लोग ठीक हो चुके हैं। अब तक 47 मामले एक्टिव हैं जिनमें दो कोरोना मरीजों की मृत्यु हो चुकी है। बता दें कि अब तक 1104 लोगों के सैंपल लिए जा चुके हैं जबकि 45 की रिपोर्ट आनी अभी बाकी है।


राष्ट्रपति की पत्नी सील रही है 'मास्क'

नई दिल्ली। भारत की प्रथम महिला सविता कोविंद कोरोनावायरस से जंग में आगे आई हैं। वह खुद फेस मास्क सिल रही हैं। बीते बुधवार उन्होंने राष्ट्रपति भवन के शक्ति हाट में सिलाई मशीन पर बैठ खुद मास्क सिले। उनकी सादगी देख हर कोई उनसे प्रभावित हो गया। खुद कपड़े का बना लाल रंग का मास्क लगाए वह मास्क सिलती नजर आईं। यह मास्क दिल्ली के अलग-अलग शेल्टर होम भिजवाए जाएंगे। सविता कोविंद की इस पहल से उन्होंने संदेश दिया है कि हर कोई कोरोनावायरस से लड़ सकता है।


हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोरोना से बचने के लिए लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, साथ ही वह भीड़भाड़ वाली जगहों में जाने पर मास्क जरूर लगाएं। इस समय कोरोना से बचाव के लिए बाजार में तीन लेयर वाले सर्जिकल मास्क, N-95 मास्क व कपड़े के बने मास्क मिल रहे हैं। हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा था कि लोग कपड़े से बने मास्क का इस्तेमाल करें। पीएम खुद कई बार मुंह को गमछे से ढक सामने आ चुके हैं। पीएम मोदी ने कुछ दिनों पहले अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के बीजेपी जिलाध्यक्ष से फोन पर बात की थी। इस दौरान पीएम ने उनसे कहा था कि वह ज्यादा से ज्यादा लोगों को मास्क के बदले गमछे का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करें।


टीचर बनाने वाले पति की निर्मम हत्या

झज्जर। प्रेमी संग मिलकर अपने पति की हत्या करने के जुर्म में पुलिस में आरोपी महिला को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया है। पुलिस अधीक्षक बलवान सिंह राणा ने इस मामले में जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के निर्देश दिए गए थे। जिस पर तत्परता से कार्यवाही करते हुए एसआई नरेन्द्र सिंह प्रबन्धक थाना सदर दादरी द्वारा आरोपी जयवीर पुत्र दरियावसिंह वासी घसौला हाल वार्ड न0 17 चरखी दादरी को गिरफ्तार कर अदालत चरखी दादरी से दिनांक 25 अप्रैल तक पुलिस रिमाण्ड पर लिया गया है।


पुलिस प्रवक्ता सुमित साॅगवान ने बताया कि अभियोग मे आगामी कार्यवाही करते हुए एसआई नरेन्द्र प्रबन्धक थाना सदर दादरी द्वारा अपने पति की हत्या करवाने की आरोपी मोनिका देवी पत्नि मृतक प्रदीप वासी चरखी पुत्री श्रीराम सिंह वासी छप्पार जिला झज्जर को गिरफतार करके गहनता से पुछताछ की गई। आरोपी मोनिका ने पुछताछ मे बताया कि जयवीर से करीब दो वर्ष पहले कुरूक्षेत्र मे बीएड करने के दौरान आपस मे दोस्ती हो गई थी। जिसका आरोपिता मोनिका के मृतक पति प्रदीप को शक होने पर प्रदीप मोनिका के साथ लडाई झगडा करने लग गया था। जिसके कारण दोनो ने आपस मे मिलकर प्रदीप को ठिकाने लगाने की ठान ली। दोनो की योजना के अनुसार दिनांक 10 अप्रैल को मोनिका ने अपने पति प्रदीप को जयवीर के घर भेज दिया व जयवीर को फोन से बता दिया जयवीर ने मोनिका के कहे अनुसार प्रदीप को जूस मे नींद की गोलिया पिलाकर व उसके बाद ईन्जैक्शन लगाकर मौत के घाट उतार दिया। आरोपी मोनिका को आज अदालत मे पेश किया गया जो अदालत द्वारा आरोपी को जिला जेल झज्जर में बन्द करने के आदेश दिए।


जनप्रतिनिधियों की सुविधाओं में हो कटौती

सरकारी सेवकों (कोरोना युग के कर्मयोद्धाओं) की निकली आह !


हमें तो लूट लिया कोबिड-2019 ने 


सांसदों, विधायकों एवं मंत्रियों को अकूत सुविधाओं में कटौती, चुनाव सभाओं पर रोक लगे


मिर्जापुर । शोले फ़िल्म का एक डायलाग आज भी लोग दुहराते है । गब्बर सिंह डाकू बोलता- तुम थे तीन और वे थे दो !... हा, हा, हा... तीनों बच गए ? आदि आदि ! उसी डाकू सा खौफ इन दिनों कोरोना वायरस को लेकर है । एक समय आएगा, जब क्रोध में सक्षम व्यक्ति अपने से कमजोर को श्रापेगा- जाओ ! तुम्हें कोरोना हो जाए । मां बच्चे को डराएगी- बेटा सो जाओ, नहीं तो कोरोना आ जाएगा । आदि आदि । कोरोना की गाज गिर ही गई -केंद्रीय सरकार की सेवाओं में कोरोना टैक्स के रूप में समूह क से घ तक के *DA* जुलाई 21 तक रोक देने से 3 DAवृद्धि ( डियरनेस एलाउंस) नहीं मिलेगी जिससे इस अवधि में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी को प्रत्यक्षतः 71780/-से लेकर प्रथम श्रेणी के अधिकारी वर्ग का तीन लाख 41 हजार के लगभग अब सरकार नहीं देगी । यानी इस देनदारी से सरकार मुक्त हो गई । सरकार काम पूर्ववत लेगी  लेकिन उक्त धनराशि  उसके खाते में बच जाएगी ।


अर्धवार्षिक वेतन वृद्धि से लेकर जीवन पर्यंत मिलने वाले पेंशन पर असर - सरकार के इस निर्णय से 6-6 माह पर महंगाई सूचकांक के आधार पर वर्तमान में मिलने वाली प्रतिमाह की वृद्धि अब नहीं मिलेगी । इसका असर सेवा निवृत्ति के बाद पेंशन पर पड़ेगा क्योंकि वृद्धि होते होते बढ़े हुए मूल वेतन का 50% पेंशन मिलता है । 


यह वृद्धि कैसे होती है- मान लिया जाए कि 100 रुपए वेतन है । इस पर 17% DA के बाद हर साल जनवरी में कर्मचारी के वेतन में 4% वृद्धि होती है तो इस वृद्धि को जोड़कर उसी जुलाई और फिर अगले  वर्ष जनवरी  में 4% वृद्धि होती । यानी एक साल में 12% वृद्धि वेतन में हो जाती । लेकिन अब सरकारी सेवकों को जुलाई '21 में भी 117/- ही मिलेंगे । यदि पुराना नियम रहा तो जुलाई '21 में 117/- मूल वेतन माना जाएगा । इससे पूरी सेवावधि पर वेतन में कमी आएगी, साथ में पेंशन निर्धारण में भी फर्क आएगा ।


कर्मचारी कसमसा रहे हैं- केंद्रीय सेवाओं में यह नियम लागू होने के कारण केंद्र के साथ प्रदेश सरकार के कर्मचारी कसमसा गए हैं।  इनका तर्क है कि यह नियम प्रदेश में लागू जरूर होगा । कई प्रदेशों ने लागू कर दिया है । कर्मचारी संगठन लॉकडाउन से अभी बोल्ड नहीं हो रहे हैं । लेकिन संकेत आने लगे कि कर्मचारी संगठन इसको लेकर महाभारत कर सकते हैं ।


जो सेवा में नहीं हैं- जो सरकारी सेवा में नहीं है, वे या तो इस मुद्दे पर अनजान होने के नाते निष्क्रिय हैं जबकि वे जो सरकारी सेवकों से खुन्नस खाए रहते हैं कि सरकारी सेवा में बहुत ऊपरी कमाई है, वे इस कटौती से प्रसन्न हैं । लेकिन इस कटौती से जब कर्मचारियों की क्रय-शक्ति घटेगी और पूंजी का प्रवाह टेहरी में डैम बनने से गंगा के सिकुड़ने की तरह होगा तब मार्केट में उसका बुरा प्रभाव पड़कर रहेगा ।सरकारी सेवकों का सुझाव- सरकार खर्चों में कटौती करे । वर्ष भर में समीक्षा के लिए राजधानियों में होने वाली बैठकों की जगह वीडियो कांफ्रेंसिंग सिस्टम का प्रयोग हो । पत्राचार के लिए दूत (मैसेंजर) की जगह ऑनलाइन पत्राचार हो जिससे टीए, डीए में बचत होगी । मंत्रियों, अधिकारियों की विदेश यात्राओं पर रोक लगे । फिजूल के प्रचार पर रोक लगे । सरकारी क्षेत्र में हर स्तर (मंत्री से लेकर निचले स्तर तक) दौरों तथा स्वागत समारोहों, शिलान्यास तथा लोकार्पण समारोह ऑनलाइन हो । अगले 5 सालों में होने वाले चुनाव सभाएं रोकी जाएं । नेताओं का उद्बोधन आनलाइन ही हो ।होटलों की जगह लाज में ठहरें- सरकारी दौरों के वक्त 3/5 स्टार होटलों में रक कर भारी धनराशि के व्यय को रोका जाए । हवाईवयात्राओं पर सरकार कटौती करे । कम्प्यूटर युग के पूर्व से चली आ रही विदेशी दूतावासों पर होने वाले व्यय कम किए जाएं । अनावश्यक जांच आयोगों तथा निरर्थक आयोगों का गठन रोका जाए ।


सलिल पांडेय


चौथे स्तंभ की ना कोई सुध ना परवाह

न्याय के चौथे स्तंभ पत्रकारों  का नहीं  ले रही सुध -- केंद्र सरकार


प्रयागराज। हम देख रहे हैं कि कोरोना योद्धाओं में डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ, नर्सों, हेल्थ वर्करों, सफाई कर्मियों व पुलिस कर्मचारियों के कल्याण व सुरक्षा की बहुत बात हो रही है, यह अच्छी बात है लेकिन इस महामारी से पूरे देश-दुनिया को जगाने वाले इन वीर जांबाज न्याय के चौथे स्तंभ पत्रकारों की पता नहीं क्यों? आज तक किसी सरकार/ राजनैतिक पार्टी/ स्वयंसेवी संगठनों/धार्मिक संस्थाओं या उद्योगपतियों ने भी कोई सुध नहीं ली है। जबकि ये लोग अपने आप को हाईलाइट करवाने के लिए  पत्रकारों के मुरीद माने जाते हैं।


कोरोना  से संबंधित  पल-पल की खबरें/अपडेट देने में सबसे आगे पत्रकार अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं।दुनिया को खबरों से रोशन करने वाले हमारे पत्रकार बंधु स्वयं चिराग तले अंधेरे में जी रहे है।आज पत्रकार भी 20-20 घंटे ड्यूटी देता है। वह और उसका परिवार भी कोरोना की चपेट में आ रहा है। पत्रकारों का परिवार  भी परेशानी  का शिकार हो रहा है लेकिन ना तो केंद्र सरकार,ना ही  उत्तर प्रदेश सरकार और ना ही कोई अन्य राज्य सरकार इस ओर ध्यान दे रही है। मैं अपने देश की सरकारों से पूछना चाहता हूं कि क्या पत्रकार इस देश का नागरिक नहीं है? क्या पत्रकार कोई इंसान नहीं है? क्या पत्रकारों की जान और काम का कोई महत्व या मोल नहीं है?


(BK) मैंने अभी तक इस महामारी के भीषण दौर में सरकार को पत्रकारों की जान माल की रक्षा के लिए कोई जमीनी राहत पैकेज जारी करते नहीं  सुना है? हां इतना जरूर है कि प्रधानमंत्री जी ने पत्रकारों के कार्यों की मौखिक तारीफ अवश्य की है। परंतु पत्रकार को कोई सुविधा या सरकार से मदद नहीं मिली, माननीय प्रधानमंत्री जी,केंद्रीय गृहमंत्री एवं राज्यों के सभी माननीय मुख्यमंत्रियों से माँग करता हूं कि आप भी तत्काल इन पत्रकारों की सुध लें।अपने विशेषाधिकार से आपदा फंड के तहत फौरी तौर पर देश के सभी शक्रिय पत्रकारों को ₹10000/- प्रति माह के हिसाब से तुरंत इनके खाते में पैसे डलवाए साथ ही इनके परिवार को 3 महीने का राशन अग्रिम भिजवाए, इसके अलावा इन्हें भी फील्ड ड्यूटी हेतु सुरक्षा किट उपलब्ध कराएं और इनका भी रैपिड टेस्ट करवाएं।


याद रखें!यदि न्याय के चौथे स्तंभ  पत्रकारों का  ख्याल नहीं  तो यहां आम और खास की भी कोई आवाज सुनने वाला नही है।


 बृजेश केसरवानी 


'पीएम' ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात दी

'पीएम' ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात दी  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात...