शुक्रवार, 24 अप्रैल 2020

टीचर बनाने वाले पति की निर्मम हत्या

झज्जर। प्रेमी संग मिलकर अपने पति की हत्या करने के जुर्म में पुलिस में आरोपी महिला को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया है। पुलिस अधीक्षक बलवान सिंह राणा ने इस मामले में जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के निर्देश दिए गए थे। जिस पर तत्परता से कार्यवाही करते हुए एसआई नरेन्द्र सिंह प्रबन्धक थाना सदर दादरी द्वारा आरोपी जयवीर पुत्र दरियावसिंह वासी घसौला हाल वार्ड न0 17 चरखी दादरी को गिरफ्तार कर अदालत चरखी दादरी से दिनांक 25 अप्रैल तक पुलिस रिमाण्ड पर लिया गया है।


पुलिस प्रवक्ता सुमित साॅगवान ने बताया कि अभियोग मे आगामी कार्यवाही करते हुए एसआई नरेन्द्र प्रबन्धक थाना सदर दादरी द्वारा अपने पति की हत्या करवाने की आरोपी मोनिका देवी पत्नि मृतक प्रदीप वासी चरखी पुत्री श्रीराम सिंह वासी छप्पार जिला झज्जर को गिरफतार करके गहनता से पुछताछ की गई। आरोपी मोनिका ने पुछताछ मे बताया कि जयवीर से करीब दो वर्ष पहले कुरूक्षेत्र मे बीएड करने के दौरान आपस मे दोस्ती हो गई थी। जिसका आरोपिता मोनिका के मृतक पति प्रदीप को शक होने पर प्रदीप मोनिका के साथ लडाई झगडा करने लग गया था। जिसके कारण दोनो ने आपस मे मिलकर प्रदीप को ठिकाने लगाने की ठान ली। दोनो की योजना के अनुसार दिनांक 10 अप्रैल को मोनिका ने अपने पति प्रदीप को जयवीर के घर भेज दिया व जयवीर को फोन से बता दिया जयवीर ने मोनिका के कहे अनुसार प्रदीप को जूस मे नींद की गोलिया पिलाकर व उसके बाद ईन्जैक्शन लगाकर मौत के घाट उतार दिया। आरोपी मोनिका को आज अदालत मे पेश किया गया जो अदालत द्वारा आरोपी को जिला जेल झज्जर में बन्द करने के आदेश दिए।


जनप्रतिनिधियों की सुविधाओं में हो कटौती

सरकारी सेवकों (कोरोना युग के कर्मयोद्धाओं) की निकली आह !


हमें तो लूट लिया कोबिड-2019 ने 


सांसदों, विधायकों एवं मंत्रियों को अकूत सुविधाओं में कटौती, चुनाव सभाओं पर रोक लगे


मिर्जापुर । शोले फ़िल्म का एक डायलाग आज भी लोग दुहराते है । गब्बर सिंह डाकू बोलता- तुम थे तीन और वे थे दो !... हा, हा, हा... तीनों बच गए ? आदि आदि ! उसी डाकू सा खौफ इन दिनों कोरोना वायरस को लेकर है । एक समय आएगा, जब क्रोध में सक्षम व्यक्ति अपने से कमजोर को श्रापेगा- जाओ ! तुम्हें कोरोना हो जाए । मां बच्चे को डराएगी- बेटा सो जाओ, नहीं तो कोरोना आ जाएगा । आदि आदि । कोरोना की गाज गिर ही गई -केंद्रीय सरकार की सेवाओं में कोरोना टैक्स के रूप में समूह क से घ तक के *DA* जुलाई 21 तक रोक देने से 3 DAवृद्धि ( डियरनेस एलाउंस) नहीं मिलेगी जिससे इस अवधि में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी को प्रत्यक्षतः 71780/-से लेकर प्रथम श्रेणी के अधिकारी वर्ग का तीन लाख 41 हजार के लगभग अब सरकार नहीं देगी । यानी इस देनदारी से सरकार मुक्त हो गई । सरकार काम पूर्ववत लेगी  लेकिन उक्त धनराशि  उसके खाते में बच जाएगी ।


अर्धवार्षिक वेतन वृद्धि से लेकर जीवन पर्यंत मिलने वाले पेंशन पर असर - सरकार के इस निर्णय से 6-6 माह पर महंगाई सूचकांक के आधार पर वर्तमान में मिलने वाली प्रतिमाह की वृद्धि अब नहीं मिलेगी । इसका असर सेवा निवृत्ति के बाद पेंशन पर पड़ेगा क्योंकि वृद्धि होते होते बढ़े हुए मूल वेतन का 50% पेंशन मिलता है । 


यह वृद्धि कैसे होती है- मान लिया जाए कि 100 रुपए वेतन है । इस पर 17% DA के बाद हर साल जनवरी में कर्मचारी के वेतन में 4% वृद्धि होती है तो इस वृद्धि को जोड़कर उसी जुलाई और फिर अगले  वर्ष जनवरी  में 4% वृद्धि होती । यानी एक साल में 12% वृद्धि वेतन में हो जाती । लेकिन अब सरकारी सेवकों को जुलाई '21 में भी 117/- ही मिलेंगे । यदि पुराना नियम रहा तो जुलाई '21 में 117/- मूल वेतन माना जाएगा । इससे पूरी सेवावधि पर वेतन में कमी आएगी, साथ में पेंशन निर्धारण में भी फर्क आएगा ।


कर्मचारी कसमसा रहे हैं- केंद्रीय सेवाओं में यह नियम लागू होने के कारण केंद्र के साथ प्रदेश सरकार के कर्मचारी कसमसा गए हैं।  इनका तर्क है कि यह नियम प्रदेश में लागू जरूर होगा । कई प्रदेशों ने लागू कर दिया है । कर्मचारी संगठन लॉकडाउन से अभी बोल्ड नहीं हो रहे हैं । लेकिन संकेत आने लगे कि कर्मचारी संगठन इसको लेकर महाभारत कर सकते हैं ।


जो सेवा में नहीं हैं- जो सरकारी सेवा में नहीं है, वे या तो इस मुद्दे पर अनजान होने के नाते निष्क्रिय हैं जबकि वे जो सरकारी सेवकों से खुन्नस खाए रहते हैं कि सरकारी सेवा में बहुत ऊपरी कमाई है, वे इस कटौती से प्रसन्न हैं । लेकिन इस कटौती से जब कर्मचारियों की क्रय-शक्ति घटेगी और पूंजी का प्रवाह टेहरी में डैम बनने से गंगा के सिकुड़ने की तरह होगा तब मार्केट में उसका बुरा प्रभाव पड़कर रहेगा ।सरकारी सेवकों का सुझाव- सरकार खर्चों में कटौती करे । वर्ष भर में समीक्षा के लिए राजधानियों में होने वाली बैठकों की जगह वीडियो कांफ्रेंसिंग सिस्टम का प्रयोग हो । पत्राचार के लिए दूत (मैसेंजर) की जगह ऑनलाइन पत्राचार हो जिससे टीए, डीए में बचत होगी । मंत्रियों, अधिकारियों की विदेश यात्राओं पर रोक लगे । फिजूल के प्रचार पर रोक लगे । सरकारी क्षेत्र में हर स्तर (मंत्री से लेकर निचले स्तर तक) दौरों तथा स्वागत समारोहों, शिलान्यास तथा लोकार्पण समारोह ऑनलाइन हो । अगले 5 सालों में होने वाले चुनाव सभाएं रोकी जाएं । नेताओं का उद्बोधन आनलाइन ही हो ।होटलों की जगह लाज में ठहरें- सरकारी दौरों के वक्त 3/5 स्टार होटलों में रक कर भारी धनराशि के व्यय को रोका जाए । हवाईवयात्राओं पर सरकार कटौती करे । कम्प्यूटर युग के पूर्व से चली आ रही विदेशी दूतावासों पर होने वाले व्यय कम किए जाएं । अनावश्यक जांच आयोगों तथा निरर्थक आयोगों का गठन रोका जाए ।


सलिल पांडेय


चौथे स्तंभ की ना कोई सुध ना परवाह

न्याय के चौथे स्तंभ पत्रकारों  का नहीं  ले रही सुध -- केंद्र सरकार


प्रयागराज। हम देख रहे हैं कि कोरोना योद्धाओं में डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ, नर्सों, हेल्थ वर्करों, सफाई कर्मियों व पुलिस कर्मचारियों के कल्याण व सुरक्षा की बहुत बात हो रही है, यह अच्छी बात है लेकिन इस महामारी से पूरे देश-दुनिया को जगाने वाले इन वीर जांबाज न्याय के चौथे स्तंभ पत्रकारों की पता नहीं क्यों? आज तक किसी सरकार/ राजनैतिक पार्टी/ स्वयंसेवी संगठनों/धार्मिक संस्थाओं या उद्योगपतियों ने भी कोई सुध नहीं ली है। जबकि ये लोग अपने आप को हाईलाइट करवाने के लिए  पत्रकारों के मुरीद माने जाते हैं।


कोरोना  से संबंधित  पल-पल की खबरें/अपडेट देने में सबसे आगे पत्रकार अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं।दुनिया को खबरों से रोशन करने वाले हमारे पत्रकार बंधु स्वयं चिराग तले अंधेरे में जी रहे है।आज पत्रकार भी 20-20 घंटे ड्यूटी देता है। वह और उसका परिवार भी कोरोना की चपेट में आ रहा है। पत्रकारों का परिवार  भी परेशानी  का शिकार हो रहा है लेकिन ना तो केंद्र सरकार,ना ही  उत्तर प्रदेश सरकार और ना ही कोई अन्य राज्य सरकार इस ओर ध्यान दे रही है। मैं अपने देश की सरकारों से पूछना चाहता हूं कि क्या पत्रकार इस देश का नागरिक नहीं है? क्या पत्रकार कोई इंसान नहीं है? क्या पत्रकारों की जान और काम का कोई महत्व या मोल नहीं है?


(BK) मैंने अभी तक इस महामारी के भीषण दौर में सरकार को पत्रकारों की जान माल की रक्षा के लिए कोई जमीनी राहत पैकेज जारी करते नहीं  सुना है? हां इतना जरूर है कि प्रधानमंत्री जी ने पत्रकारों के कार्यों की मौखिक तारीफ अवश्य की है। परंतु पत्रकार को कोई सुविधा या सरकार से मदद नहीं मिली, माननीय प्रधानमंत्री जी,केंद्रीय गृहमंत्री एवं राज्यों के सभी माननीय मुख्यमंत्रियों से माँग करता हूं कि आप भी तत्काल इन पत्रकारों की सुध लें।अपने विशेषाधिकार से आपदा फंड के तहत फौरी तौर पर देश के सभी शक्रिय पत्रकारों को ₹10000/- प्रति माह के हिसाब से तुरंत इनके खाते में पैसे डलवाए साथ ही इनके परिवार को 3 महीने का राशन अग्रिम भिजवाए, इसके अलावा इन्हें भी फील्ड ड्यूटी हेतु सुरक्षा किट उपलब्ध कराएं और इनका भी रैपिड टेस्ट करवाएं।


याद रखें!यदि न्याय के चौथे स्तंभ  पत्रकारों का  ख्याल नहीं  तो यहां आम और खास की भी कोई आवाज सुनने वाला नही है।


 बृजेश केसरवानी 


15 नए संक्रमित, 197 पहुंचा आंकड़ा

बिहार में 15 नए कोरोना पॉजिटिव केस, 197 पहुंचा आंकड़ा


अजय दीप चौहान


पटना। बिहार में कोरोना से जुड़ी इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है। एक साथ कुल 15 पॉजीटिव केस सामने आए हैं। यह सभी मुंगेर जिले के जमालपुर के सदर बाजार इलाके से जुड़े हुए हैं। सरकार की तरफ से दी गई जानकारी में बताया गया है कि जमालपुर सदर बाजार में 15 नए कोरोना वायरस मरीजों की पहचान हुई है। सूबे में यह आंकड़ा 197 हो गया है।


सदर बाजार इलाके से कोरोना के जो नए मरीज सामने आए हैं, उनमें 5 पुरुष और 10 महिलाएं शामिल हैं. जमालपुर के सदर बाजार इलाके में जिन पुरुष मरीजों की पहचान हुई है उनकी उम्र 14 साल, 18 साल, 30 साल के दो मरीज और 46 साल के एक पुरुष शामिल हैं। 10 महिलाओं में अलग-अलग आयु वर्ग के मरीज शामिल हैं। 10 साल की उम्र की दो बच्चियों के अलावे 12 साल की एक बच्ची भी पॉजिटिव पाई गई है। इसके अलावे 20 साल, 23 साल, 25 साल, 30 साल, 37 साल और 38 साल की महिलाएं इनफेक्टेड पाई गई हैं।


लॉक डाउनः नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म

संतोष कुमार


पटना। कोरोना महामारी और लॉकडाउन के बीच पटना में हुई एक घटना ने सबको शर्मसार कर दिया है। पटना की एक नाबालिग बच्ची के साथ तीन दोस्तों ने गैंगरेप किया है। मामला मसौढ़ी के भगवानगंज थाने के एक गांव का है। घटना के बारे में मिली जानकारी के मुताबिक भगवानगंज थाने के एक गांव की रहने वाली 14 साल की बच्ची के साथ तीन दोस्तों ने रातभर सामूहिक दुष्कर्म किया है। घटना 21 अप्रैल को हुई। बताया जा रहा है कि घर से शौच के लिए निकली नाबालिग युवती को तीन दोस्तों ने बाइक पर अगवा कर लिया। इसके बाद वह नाबालिग युवती को लेकर भजौर गांव स्थित सरकारी विद्यालय के पास गए और रात भर उसके साथ दुष्कर्म किया। घटना के अगले दिन जब पीड़िता वापस आई तो उसने अपने परिवार वालों को पूरी आपबीती सुनाई। पीड़िता की तरफ से पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी गई है। भगवानगंज थाने में तीनों नामजद आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। नाबालिग के साथ दुष्कर्म को अंजाम देने वाले भजौर गांव के निवासी राजेश कुमार, सुजीत कुमार और जामुन टोला के रहने वाले भूषण कुमार शामिल थे। पुलिस ने इस मामले में सभी आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया है। अब भगवानगंज पुलिस पीड़िता का मेडिकल कराएगी। पीड़िता का बयान धारा 164 के तहत न्यायालय में कलमबद्ध कराया गया है।


रोजगारः ठोस योजना बनाने के निर्देश

रोजगार के संबंध में मुख्यमंत्री ने एक सप्ताह के भीतर ठोस योजना बनाने के निर्देश दिये ।


रिपोर्ट -सविता शर्मा


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ जी ने ग्रामीण क्षेत्रों में आए व्यक्तियों हेतु रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए प्रस्तुतीकरण का अवलोकन किया एवं प्रदेश में आगामी 3 से 6 महीने के भीतर कम से कम 15 लाख लोगों के रोजगार ठोस कार्य योजना बनाने का निर्देश दिया । मुख्यमंत्री जी ने उनके संबंध में विभिन्न विभागों को 1 सप्ताह के भीतर कार्य योजना बनाकर प्रस्तुत किए जाने का निर्देश दिए हैं उन्होंने कहा है कि  एम. एस. एम. ई. ओ. डी. ओ. पी. एन. आर. एल. एम. उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण दीनदयाल उपाध्याय स्वरोजगार योजना कौशल विकास मिशन खादी ग्राम उद्योग तथा मनरेगा के माध्यम से रोजगार सृजन के कार्यों में तेजी लाई जाए उन्होंने कहा कि लॉक डाउन के बाद रोजगार सृजन और अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाना एक चुनौती है जिसके लिए अभी से तैयार की जाए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिशु ता( अप्रेंटिसशिप ) प्रोत्साहन योजना के तहत युवाओं को लोगों में प्रशिक्षण के साथ-साथ 2.500 का मासिक प्रशिक्षण भत्ता प्रदान किए जाने की व्यवस्था की गई है 1 वर्ष में एक लाख युवाओं को यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी मुख्यमंत्री जी ने कहां की इस योजना के तहत 2 लाख युवाओं को जोड़े जाने की कार्य योजना बनाए जाने की संभावनाओं को तलाशकी जाए तथा रोजगार अथवा स्वरोजगार के माध्यम से आर्थिक स्वावलंबन के लिए युवाओं को 'युवा हब'के माध्यम से भी भी ज्यादा से ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराया जाए ।


 


केंद्र ने तोड़ी पंजाब सरकार की उम्मीद

पंजाब सरकार ने मांगी लॉकडाउन में शराब बेचने की इजाजत


गृह मंत्रालय ने जताई कोरोना की वजह से असमर्थता


चंडीगढ़/ नई दिल्ली। पंजाब में लॉकडाउन के दौरान शराब के शौकीनों की चाहत पूरी होने की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। लॉकडाउन पार्ट-1 में पंजाब सरकार ने राज्य में शराब की बिक्री जारी रखी थी। लेकिन लॉकडाउन-दो में शराब बंदी की वजह से पंजाब में भी शराब की बिक्री बंद है। 15 अप्रैल से लॉकडाउन बढ़ने और दिशानिर्देश आने के बाद पंजाब की कैप्टन सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से शराब बेचने की इजाजत की मांग की थी। लेकिन गृह मंत्रालय ने इसकी छूट देने से साफ इनकार कर दिया है।


बता दें कि बीते 14 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन का समय 3 मई तक बढ़ाने की घोषणा की थी। इसके अगले दिन गृह मंत्रालय ने बढ़े हुए लॉकडाउन के दौरान पालन करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे। इन दिशानिर्देशों में शराब की बिक्री पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया था। जबकि इससे पहले पंजाब, पश्चिम बंगाल, असम और मेघालय आदि राज्यों में शराब की बिक्री जारी रखी गई थी। इसी को देखते हुए पंजाब सरकार ने गृह मंत्रालय से शराब की बिक्री खोलने की मांग की थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान पंजाब सरकार ने शराब की दुकानें खोलने का अनुरोध किया था लेकिन मंत्रालय ने उसे खारिज कर दिया। मंत्रालय द्वारा 15 अप्रैल को जारी दिशा निर्देशों के अनुसार लॉकडाउन के दौरान शराब, गुटखा, तंबाकू आदि की बिक्री पर कड़ा प्रतिबंध है।


सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया  बृजेश केसरवानी  प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी ...