गुरुवार, 23 अप्रैल 2020

दायरे में मनायें रमजानुल-मुबारकः काजी

लॉक डाउन के दायरे में मनायें रमज़ानुल-मुबारक – शहर काजी 


सुनील पुरी


फतेहपुर। रमज़ानुल-मुबारक की आमद और देश में लागू लाक डाउन के दृष्टिगत उलेमाओं ने मुस्लिम समाज से अपील की है कि लाक डाउन का पूरी तरह से पालन करते हुए रामज़ान के रोज़े और तरावीह की नमाज़ अपने घरों में रहकर ही अदा की जाये। जिससे हम सभी कोरोना जैसी बीमारी से  लड़ाई में जीत सकें। 


25 या 26 अप्रैल से मुकद्दस रमजान का महीना प्रारम्‍भ हा रहा है, जिसमें मुस्लिम समाज के लोगों के द्वारा पूरे माह दिन में रोज़ा-व्रत रखा जाता है और रात में तरावीह की नमाज़ अदा की जाती है। रमज़ान का महीना मुस्लिम समाज के द्वारा बड़े उत्‍साह के साथ मनाया जाता है जिसके समाप्‍त होते ही ईद का त्‍योहार होता है। इस माह में मस्जिदों में नमाज़ी भारी संख्‍या में इकट्ठा होकर इबादत करते हैं और रात में बड़ी तादाद में तरावीह की नमाज पढ़ने वालों की संख्‍या रहती है। तमाम देशों के कोरोना जैसी बीमारी से दोचार होने और देश में लाक डाउन लागू रहने की वजह से सभी उलेमाओं की तरफ से मस्जिदों में न आकर अपने-अपने घरों में रहकर तरावीह और अन्‍य नमाज़ें अदा करने की बात कहीं है जिससे कोरोना जैसी बीमारी के संक्रमण फैलाव न हो सके। कहा कि कोरोना महामारी को लेकर इस बार तरावीह मस्जिद में नहीं बल्कि घरों में होगी। फतेहपुर शहर के काज़ी कारी फरीदउद्दीन क़ादरी और काज़ी अब्‍दुल्‍ला शहीदुल इस्‍लाम ने सर्व मुस्लिम समाज से अपील करते हुए कहा कि हम सभी को सरकार द्वारा बताई गई गाइड लाइन्‍स के अनुसार अपने-अपने घरों में रहकर ही इबादत करना और ईश्‍वर से इस बीमारी के खत्‍म होने और मुल्‍क में खुशहाली और शान्ति के लिए दुआ करना है। शहर काजी बिन्‍दकी मौलाना रज़ा क़ादरी ने गुरूवार की शाम को रमज़ानुल-मुबारक का चांद घरों से ही देखने की अपील करते हुए कहा कि यदि 24 अप्रैल को चांद दिखाई दिया तो 25 अप्रैल को पहले रोज़े की शुरूआत होगी अन्‍यथा 26 अप्रैल को पहला रोज़ा होगा और 25 अप्रैल से तरावीह शुरू हो जायेगी।


क्वॉरेंटाइन के बाद, घर भेजें गए 25 लोग

14 दिन क्वॉरेंटाइन के बाद वापस घर भेजे गए 25 लोग


भेजने के पहले सभी का चिकित्सीय परीक्षण किया गया


सभी लोगों को खाद्य सामग्री भी दी गई।


महाराष्ट्र के अहमदनगर से आए थे यह सभी भेजे गए देवमई गांव


फतेहपुर। 14 दिन पहले महाराष्ट्र के अहमदनगर से आए 25 लोगों को क्वॉरेंटाइन हेतु स्कूल में बने अस्थाई आश्रय स्थल में रखा गया था। जिनको चिकित्सा परीक्षण के बाद खाद्य सामग्री के साथ सभी को बस द्वारा उनके गांव भेज दिया गया। 25 लोगों में से एक महिला भी मौजूद थी। कोरोना वायरस संक्रमण और लॉक डाउन के दौरान 14 दिन पहले मलवा थाना क्षेत्र के देवमई गांव के रहने वाले 25 लोग जिनमें एक महिला भी शामिल थी महाराष्ट्र के अहमदनगर से गांव पहुंचे थे। जहां पर ग्रामीणों ने अंदर आने का विरोध किया था जिसके चलते उन्हें गांव के बाहर एक ही स्कूल में कई घंटे तक रखा गया था सूचना मिलने पर एसडीएम प्रहलाद सिंह ने सभी को बस के द्वारा नगर के निकट फरीदपुर मोड़ स्थित चिल्ड्रन पब्लिक स्कूल में बने कोरोनावायरस की सुरक्षा के लिए अस्थाई आश्रय स्थल में भर्ती कराया था। भर्ती कराने के पहले सभी की थर्मल स्क्रीनिंग की गई थी। जिसमें सभी का स्वास्थ्य सामान्य पाया गया था फिर भी इतिहास के तौर पर उन्हें क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया था 14 दिन पूरे होने के बाद एक बार फिर इनका स्वास्थ्य परीक्षण हुआ सभी को खाद्य सामग्री दी गई और बस के द्वारा उनके गांव मलवा थाना क्षेत्र के देवमयी गांव भेजा गया। इस मौके पर एसडीएम पहलाद सिंह ने कहा कि सभी लोगों को खाने पीने की सुविधा के साथ इन्हें 14 दिन रखा गया बीच-बीच में भी स्वास्थ्य परीक्षण होता रहा जाते समय एक बार फिर स्वास्थ्य परीक्षण किया गया जिसमें सभी का स्वास्थ्य सामान पाया गया है जिसके चलते इन्हें खाद्य सामग्री के साथ बस द्वारा उनके गांव भेजा जा रहा है इस मौके पर तहसीलदार गणेश सिंह चिल्ड्रन पब्लिक स्कूल के संचालक संजय श्रीवास्तव प्रफुल्ल तिवारी संगीता तिवारी सहित तमाम लोग मौजूद रहे।


परिवर्तित संस्कार 'संपादकीय'

परिवर्तित संस्कार   'संपादकीय'


नकल से वफा, असल से बेवफाई चाहता हूं।
ये बद-मिजाजी है मेरी, ये मैं क्या चाहता हूं।
 


विश्व के हालात चिंताजनक होने के साथ-साथ दिन-प्रतिदिन मार्मिक होते जा रहे हैं। विश्व के विकसित देशों में कोरोना वायरस कोविड-19 ने तबाही मचा रखी है। जिंदगी के साथ, मौत का यह खेल किसी के भी मन को विचलित कर सकता है। देश के हालात भी ठीक नहीं है। संक्रमण पर अनुमानित नियंत्रण नहीं है। जिस को नियंत्रित करने में कारगर प्रयास किए जा रहे हैं। वायरस का आतंक इतनी आसानी से कम होने का कोई आसार नजर नहीं आ रहा है। विश्व के लगभग 200 देश महामारी का दंश झेल रहे हैं। कहीं चिकित्सा उपकरण, दवाइयां और चिकित्सक आदि का अभाव है तो कई गरीब देशों में खाद्यान्न की समस्या खड़ी हो गई है। भारतवर्ष के मूल निवासियों में संस्कारों का अभूतपूर्व सामजस्य रहा है। लेकिन संस्कारों का भौतिक आवरण भी परिवर्तित हो गया है। हमारी धारणा बनी रहती थी कि यदि हमारा पड़ोसी कष्ट में है तो हम स्वयं भी उसकी आभा में रत रहते थे। पड़ोसी के परिवार के भूखा रहने पर, हमें भी भूख नहीं लगती थी। लेकिन आज सामाजिक परिवेश में बड़ा परिवर्तन हो गया है। शासन और नीति परिवर्तन में बड़ा बदलाव आया है।
 देश की गरीब और जरूरतमंद जनता की दुश्वारी पर खेद करने वालों का अकाल पड़ गया है। गरीब-मजदूर की मैली-कुचैली थाली से निवाले बीन-बीन कर खाने वाले रसूखदार अधिकारियों और नेताओं की बाढ़ आ गई है। सबसे भ्रष्ट कहे जाने वाली पुलिस फोर्स और चिकित्सक कर्तव्य का निष्ठा से पालन कर रहे हैं। बाकियों ने तो अपने आप से किए हुए वायदे भी भुला दिए हैं। पता नहीं वायरस जीवित छोड़ेगा भी या नहीं ?
देश के प्रतिष्ठित चैनल और अखबार सच दिखाने और सच को प्रकाशित करने से कतरा रहे हैं। बड़े-बड़े खुलासे करने वाले पत्रकारों की वरिष्ठता को वायरस सूंघ गया है। जनता के इतने बड़े जरूरतमंद तबके का शोषण हो रहा है। भूख-प्यास से त्रस्त गरीब, लाचार जनता को इस देश का नागरिक होने की यह कीमत अदा करनी पड़ेगी ? यह सच में कल्पना से भी परे है। 
भविष्य के गर्भ में क्या पोषित हो रहा है? यह तो ठीक-ठीक नहीं कहा जा सकता है। लेकिन वर्तमान की कालिख इतिहास के कई पन्नों पर अपना प्रभाव स्थापित करेगी।


राधेश्याम 'निर्भयपुत्र'


थाईलैंडः 50 की मौत, 2839 संक्रमित

बैंकाक। थाईलैंड में कोरोना वायरस से गुरुवार को एक और मौत हो गई है। मिली रिपोर्ट के मुताबिक, 78 वर्षीय महिला की मौत कोरोना के चलते हुई, लेकिन उन्हें पहले से स्वस्थ्य संबंधी दिक्कतें थी। इस मौत के साथ ही 13 नए और संक्रमित मामले यहां पर दर्ज किए गए हैं।


इसमें से पांच केस पिछले केस के चलते सामने आए हैं जबकि अन्य पांच लोगों को कोई भी लिंक नहीं है। वहीं तीन अन्य मामले साउथ आइसैंलड फुकेत से दर्ज किए गए हैं। इसके बाद कोविड-19 की समीक्षा करने प्रवक्ता ने बताया कि फुकेत से तीन नए केस आने के बाद अधिकारी वहां की जनता का परीक्षण कर रही है। जनवरी में थाललैंड में कोरोना वायरस ने दस्तक दी थी। अब तक यहां पर कुल 2,839 मामले सामने आए हैं जबकि और 50 मौतें हुई हैं। इसमें से  2,430 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं। बता दें कि इस वायर से पूरी दुनिया परेशान है। 200 से ज्यादा देश इस वायरस का सामना कर रहा है। वक्त 26 लाख से ज्यादा लोग इस वैश्विक तौर पर इस वायरस से संक्रमित हैं। वहीं मरने वालों का आंकड़ा 1 लाख से ऊपर पहुंच चुका है।


अटलांटिका पर संक्रमितो की संख्या- 48

कोस्टर। जापान के नागासाकी प्रान्त में मरम्मत के लिए डॉक के पास खड़े इतालवी क्रूज में कोरोना वायरस संक्रमण के चौदह और मामलों की पुष्टि हुई है।


इसके बाद कोस्टा अटलांटिका पर कोरोनोवायरस संक्रमणों की संख्‍या 48 हो गई है, जिससे कि स्थानीय समुदाय के लोगों को लेकर चिंता बढ़ गई है। एक लाइव न्‍यूज कॉन्‍फ्रेंस में अधिकारी ने कहा कि इतालवी क्रूज जहाज 623 चालक दल के सदस्यों को ले जा रहा था और इसमें कोई यात्री नहीं है। इनमें से आधे रसोइये थे और दूसरे आधे कर्मचारी दल को खाना परोसने वाले थे।


प्रदूषण में भारी कमी की उम्मीद जगी

पेरिस। यूरोप महाद्वीप के लिए वर्ष 2019 इतिहास का काफी गर्म साल रहा और वर्ष 2020 शुरुआत से ही नॉवेल कोरोना वायरस के संक्रमण का शिकार हो गया है लेकिन इससे काफी हद तक पर्यावरण में सुधार देखा जा रहा है। कोविड-19 के कारण आर्थिक मंदी के कारण इस साल कॉर्बन से होने वाले प्रदूषण में भारी कमी की उम्मीद है। साथ ही यह भी आशंका और भय है कि इस वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए टीका मिल जाने के बाद उत्सर्जन में अचानक वृद्धि हो सकती है।


2000 के बाद 11 साल रहे गर्मः बीते वर्ष महाद्वीप के हर क्षेत्र में गर्म हवाएं चली और तापमान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। उपग्रह के जरिए पृथ्वी के तापमान पर नजर रखने वाली यूरोपीय संघ की एक एजेंसी ने यह जानकारी दी। कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस (सी3एस) ने कहा कि महाद्वीप के 12 सबसे गर्म वर्षो में 11 साल 2000 के बाद रहे हैं, क्योंकि ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन जारी है।


फ्रांसः 1 करोड़ कर्मचारी बेरोजगार

फ्रांस में भी निजी क्षेत्र की कंपनियों के एक करोड़ से अधिक कर्मचारी बेरोजगार हो चुके हैं।


पेरिस। निजी क्षेत्र के प्रत्येक दो कर्मचारियों में से एक को नौकरी से हटा दिया गया है। हालांकि, बेरोजगार हुए इन कर्मचारियों को संकट के इस दौर में सरकार की ओर से क्षतिपूर्ति का लाभ दिया जा रहा है। सरकार ने बुधवार को यह जानकारी दी है। फ्रांस के श्रम मंत्री मुरिएल पेनिकॉड ने बीएफएम टेलीविजन से कहा, 'फ्रांस में आज की तारीख में एक करोड से अधिक कर्मचारियों को उनका वेतन सरकार की तरफ से दिया जा रहा है।' उन्होंने कहा कि करीब 8 लाख 20 हजार नियोक्ताओं, या फिर यों कह सकते हैं कि प्रत्येक दस में से छह से अधिक ने सरकार के सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम के तहत आवेदन किया है।


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...