गुरुवार, 23 अप्रैल 2020

जरूरतमंदों को ₹15-15 हजार वितरित

सूरत। गुजरात में कोरोना-लॉकडाउन के बीच गरीबों-भिखारियों एवं अन्य वंचित तबके लिए कई सामाजिक संस्थाएं और संपन्न सेठ खाने-पीने की मदद दे रहे हैं। यहां सूरत में गोराट स्थित कॉजवे रोड क्षेत्र के कुछ नेकदिल लोगों ने मदद का अनूठा तरीका अपनाया। उन्होंने गरीबों-भिखारियों को 1-1 किलो आटा देने की घोषणा की। जरूरतमंद लोग उन पैकेट्स को लेकर रवाना हो गए। उसके बाद जैसे ही उन्होंने आटे के पैकेट खोले तो आटे के साथ ही 15 हजार रुपए निकले। यह देख वे दंग रह गए और खुशी का ठिकाना नहीं रहा।


सूरत के रांदेर में ट्रक से बांटे गए 500 से ज्यादा आटे के कट्टा


इस तरह की नेकदिली का एक वीडियो सामने आया है।
इसमें आप देख सकते हैं कि, कैसे आटे के साथ रुपए निकले। संवाददाता ने बताया कि, यह वाकया रांदेर क्षेत्र में देर रात का है, जब एक ट्रक इलाके से गुजरा। ट्रक में बैठे शख्स ने 1-1 किलो आटा देने की घोषणा करते हुए जरूरतमंदों को बुलाया गया। कुछ लोग आकर 1-1 किलो आटे का पैकेट ले गए। लेकिन इस पैकेट को खोलने पर उसमें से आटे के साथ 15 हजार रुपये देखकर वे दंग रह गए और ऐसी मदद करने वाले को दिल से दुआएं देने लगे।


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जरूरतमंद ये पैकेट लेकर खुश हुए, दुआ देने लगे
कई लोगों ने कहा कि, कोरोना के कारण हॉट स्पॉट्स घोषित किए जा चुके गोराट इलाके में 3 दिनों पहले भी एक ट्रक आया था। उस ट्रक में बैठा व्यक्ति 1-1 किलो आटा वाले पैकेट वितरित कर रहा था। सिर्फ एक किलो आटे के लिए कई लोगों ने तो उठने की कोशिश ही नहीं की, लेकिन सही मायनों में जरूरतमंद लोग आटे का पैकेट ले गए।


गुजरात : मदद का अनूठा तरीका, मजदूर ले गए 1-1 किलो आटा, हर पैकेट से निकले 15 हजार रुपये
जिन लोगों ने आटे के पैकेट नहीं लिए वो खुद को कोसने लगे
ट्रक कुछ-कुछ दूरी पर रुकती रहा और उससे तकरीबन 500 से ज्यादा आटे के पैकेट बांटे गए। इन पैकेट को खोलने पर आटे के साथ-साथ ही 15 हजार रुपये नकद निकलने पर इसे लेने नहीं गए लोग खुद को कोसने लगे। हालांकि यह ट्रक किसका था, या किसने भेजा इसका किसी को पता नहीं लगा। कुछ लोगों ने कहा कि, मजीद पठान नामक व्यक्ति ने लोगों की मदद के लिए यह अनूठा तरीका अपनाया।


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बंदा ऐसा कि खुद की पहचान भी नहीं बताई
इस मामले में खास बात यह भी है कि, अमूमन मदद करने वाला व्यक्ति अपनी प्रसिद्ध के लिए फोटो-वीडियो बनाता है, लेकिन ऐसी मदद देने वाले व्यक्ति ने जानबूझकर किसी को अपना नाम तक नहीं बताया। उसने 500 से भी ज्यादा लोगों को 15 हजार बांट दिए। उसकी इस दिलेरी की चर्चा पूरे राज्य में होने लगी है। सोशल मीडिया पर भी इसको लेकर वीडियो चल रहे हैं। लोग उसे दाद दे रहे हैं।


दिल्लीः 1 परिवार के 11 लोग संक्रमित

जामा मस्जिद इलाके में एक ही परिवार के 11 लोग कोरोना पॉजिटिव
कविता गर्ग


नई दिल्ली। दिल्ली के जामा मस्जिद इलाके में एक ही परिवार के 11 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। ये जामा मस्जिद के गली चूड़ी वालान का मामला है। बताया जा रहा है कि परिवार का एक सदस्य विदेश से लौटा था। उसके बाद परिवार के सदस्यों में संक्रमण फैला। टेस्ट के बाद परिवार के 18 में से 11 सदस्य पॉजिटिव पाए गए हैं।


दरअसल, गली चूड़ी वालान में तीन भाइयों की ज्वाइंट फैमिली रहती है, जिसमें 18 सदस्य हैं। परिवार का एक सदस्य विदेश से लौटा था। उसे कोरोना पॉजिटिव पाया गया था और उसका इलाज मैक्स अस्पताल में चल रहा है। इसके बाद सबने प्राइवेट लैब में अपना कोरोना का टेस्ट कराया था, जिसके बाद 11 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। संक्रमित मिले 11 लोगों में एक डेढ़ महीने का और एक 12 साल का बच्चा शामिल है। तीन की हालत गंभीर है, जिन्हें दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि जब परिवार के कुछ सदस्यों की तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो वो खुद ही भर्ती होने के लिए अस्पताल पहुंचे। परिवार की शिकायत है कि इलाके के एसएचओ को जानकारी देने का बावजूद किसी ने उनकी मदद नहीं की। सीएमओ ने कहा कि 3 लोगों को एलएनजेपी में दाखिल कर लिया गया है, बाकी को क्वारनटीन किया गया है। डीएसओ को इनकी जिम्मेदारी दी गई है। बाकी मरीजों को दूसरे अस्पताल भेजा जाएगा।


कर्मचारी महंगाई भत्ते पर लगी रोक

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) पर बड़ा फैसला लिया है। कोरोना संकट के चलते केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों के अतिरिक्त महंगाई भत्ते पर रोक लगाई है। इससे सरकार को 14000 करोड़ रुपए बचेंगे। वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों और केंद्रीय सरकार के पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते (डीए) की देय किस्त 1 जनवरी 2020 से नहीं दी जाएगी। एक जुलाई 2020 से और एक जनवरी 2021 डीए और डीआर की अतिरिक्त किस्तों का भी भुगतान नहीं किया जाएगा।  केंद्रीय कैबिनेट ने मार्च महीने में  डीए में 4 प्रतिशत बढ़ाने की मंजू्री दी थी।


बढ़ोतरी के बाद यह 21 प्रतिशत तक पहुंच जाता। कोविड-19 लॉक डाउन की वजह से सरकार के टैक्स राजस्व में गिरावट आई है, जबकि कमजोर तबकों को आर्थिक मदद देने के कारण खर्चों में वृद्धि हुई है। इससे करीब 49.26 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारी और 61.17 लाख पेंशनभोगी प्रभावित होंगे। बता दें कि सरकार ने पहले मंत्रियों, पीएम, राष्ट्रपति और संसद सदस्यों के वेतन में 30 फीसदी की कटौती की थी। इसके अलावा, कोरोनो वायरस महामारी से लड़ने के लिए अधिक धनराशि प्रदान करने के लिए एमपीलैड्स योजना को भी दो साल के लिए निलंबित कर दिया गया है।


यूपी के 10 जनपद हुए कोरोना मुक्त

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, हाथरस, बरेली, प्रयागराज, शाहजहांपुर, महाराजगंज, बाराबंकी, हरदोई और कौशांबी में बुधवार को कोरोना मुक्त घोषित कर दिए गए हैं। राज्य के प्रमुख सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इन जिलों में कोरोना का अब एक भी सक्रिय केस नहीं है।


लॉकडाउन के सख्ती से पालन के निर्देश


उधर अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने कहा कि सीएम योगी ने टीम-11 की बैठक कर लॉकडाउन की समीक्षा की है। उन्होंने 10 से अधिक मरीज वाले जिलों में सख्ती लॉकडाउन के निर्देश दिए हैं। सीएम ने सप्लाई चेन में लगे लोगो की भी जांच के निर्देश दिए हैं। साथ ही टेस्टिंग लैब की क्षमता और अधिक तेजी से बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।


देश में संक्रमितों की संख्या 19984 पहुंची


उल्लेखनीय है कि देशभर में कोरोना के कुल मरीजों की संख्या 20 हजार के करीब पहुंच गई है। बुधवार सुबह स्वास्थ्य विभाग की ओर जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में अब तक कोरोना के 19 हजार 984 मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें 3870 लोग ठीक हो चुके हैं। इस जानलेवा बीमारी की चपेट में आकर अब तक 640 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में संक्रमण से मरने वाले लोगों में 11 राजस्थान में, 10 गुजरात में, 9 महाराष्ट्र में, 3 उत्तर प्रदेश में और आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, दिल्ली, मध्य प्रदेश एवं तमिलनाडु में दो-दो तथा कर्नाटक में एक मरीज की मौत हुई है।


यूपीः 42192 की जांच, 1449 संक्रमित

लखनऊ। यूपी में कोरोना वायरस का संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा। बुधवार को 112 नए मरीज और मिलने के साथ अब तक प्रदेश में 1449 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। वहीं 1584 संदिग्ध मरीजों को प्रदेश भर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती करवाया गया। वहीं दूसरी ओर प्रतापगढ़ को भी कोरोना मुक्त जिला घोषित किया गया।


राज्य सरकार अब तक 11 जिलों को कोरोना मुक्त होने का दावा कर चुकी है। ऐसे में अभी 42 जिलों में कोरोना पाजिटिव मरीज हैं। उधर 11 मरीज और स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से घर भेजे गए। अब तक कुल 173 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। वहीं अभी भी सर्वाधिक 324 मरीज आगरा में और दूसरे नंबर पर 182 मरीज लखनऊ में हैं। प्रदेश में अब तक 21 लोगों की कोरोना वायरस के संक्रमण से मौत हो चुकी है। संक्रामक रोग विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. विकासेंदु अग्रवाल ने बताया कि बुधवार को जो 112 नए मरीज मिले उनमें 26 सहारनपुर, 21 मुरादाबाद, 18 आगरा, लखनऊ में एक, गाजियाबाद में दो, नोएडा में एक, कानपुर में छह, वाराणसी में तीन, मेरठ में एक, बस्ती में एक, हापुड़ में एक, फिरोजाबाद में छह, रायबरेली में आठ, मथुरा में एक, मुजफ्फरनगर में सात, अमरोहा में पांच, सुल्तानपुर में एक और अलीगढ़ में तीन मरीज पाए गए।


इस तरह यूपी में कोरोना पाजिटिव मरीजों का आंकड़ा 1449 पहुंच गया है। आगरा व लखनऊ के बाद अधिक मरीज जिन जिलों में हैं उनमें नोएडा में 103, सहारनपुर में 98 और मुरादाबाद में 94 मरीज अब तक पाए जा चुके हैं। दूसरी ओर अब तक जो 11 जिले कोरोना मुक्त घोषित किए गए हैं उनमें प्रतापगढ़, पीलीभीत, हाथरस, प्रयागराज, महाराजगंज, बरेली, लखीमपुर खीरी, बाराबंकी, शाहजहांपुर, हरदोई और कौशांबी शामिल है।


40263 की रिपोर्ट आई निगेटिव, 480 की आना बाकी


यूपी में 42192 लोगों के नमूने जांच के लिए लैब में भेजे जा चुके हैं और इसमें से 40263 मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। वहीं 480 मरीजों की रिपोर्ट आना अभी बाकी है।


इफ्तारी पर भीड़ इकट्ठा ना करेंः योगी

मुस्लिम धर्मगुरुओं ने किया अपील का समर्थन


लखनऊ। लॉकडाउन व कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रमजान के महीने में अतिरिक्त सतर्कता बरतने के साथ ही सहरी व इफ्तार के समय कहीं भी भीड़ एकत्रित न होने देने के कड़े निर्देश दिए हैं। योगी ने लोगों से शहरी व इफ्तार घर पर ही करने की अपील की है। मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी मुख्यमंत्री की अपील का समर्थन किया है।


मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने रमजान के दौरान कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए हैं। डीजीपी ने भी लोगों से रमजान में घरों पर ही नमाज पढऩे और शारीरिक दूरी का पूरा ध्यान रखने की अपील की है। कहा है कि कहीं भी भीड़ एकत्रित नहीं होने दी जाएगी। डीजीपी ने सभी एडीजी जोन, आइजी व डीआइजी रेंज, एसएसपी व एसपी को रमजान के दौरान सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर कड़े निर्देश दिए हैं। कहा है कि इस दौरान सभी संवेदनशील स्थानों पर ड्रोन कैमरों के जरिए निगरानी कराई जाए। पुलिस अधिकारी धर्मगुरुओं से अपील कराएं कि लोग कहीं कोई जुलूस न निकालें। सामूहिक रूप से एक स्थान पर एकत्रित होकर कोई धार्मिक कार्यक्रम न करें और घरों पर ही नमाज पढ़ें।


डीजीपी ने कहा कि पुलिस के वाहनों पर लाउड स्पीकर लगाकर लॉकडाउन का पालन करने तथा शारीरिक दूरी बनाए रखने के लिए लोगों को जागरूक भी किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी पुलिस अधिकारी अपने-अपने समकक्षीय मजिस्ट्रेट के साथ लगातार भ्रमण करें और लॉकडाउन का प्रभावी अनुपालन सुनिश्चित कराएं। कहीं किसी भी दशा में भीड़ इकट्ठा न होने पाए। डीजीपी ने सोशल मीडिया पर झूठी व भ्रामक सूचना प्रसारित करने वालों पर भी कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया है। इसके अलावा थानावार तथा खुफिया सूचना के आधार पर सांप्रदायिक व शरारती तत्वों को चिह्नित कर उन पर कड़ी नजर रखी जाए। सभी संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त सतर्कता व पुलिस गश्त के निर्देश भी दिए गए हैं।


 


अमरनाथ यात्रा रद्द करने का फैसला निरस्त

नई दिल्ली। कोरोना महामारी के चलते अमरनाथ श्राइन बोर्ड पूरी तरह से असमजंस की स्थिति में हैं। बुधवार शाम में 2020 में होने वाली अमरनाथ यात्रा रद कर दी गई थी जिसके तुरंत बाद ही इस फैसले को वापस ले लिया गया। जम्मू कश्मीर सूचना निदेशालय ने प्रेस नोट को वापस ले लिया है, जिसमें अमरनाथ यात्रा 2020 को रद्द करने की जानकारी दी गई थी। अमरनाथ यात्रा को लेकर राजभवन में आज बुलाई गई श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की 38वीं बैठक में यात्रा के सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद सभी सदस्यों ने आम राय बनाते हुए वार्षिक अमरनाथ यात्रा को कोरोना प्रकोप को देखते हुए रद करने का निर्णय लिया था। बैठक के बाद इस फैसले के अधिकारितक तौर पर घोषणा भी कर दी गई परंतु कुछ ही घंटों बाद यात्रा रद करने के फैसले को वापस लेते हुए सरकार ने इस संबंध में पहले जारी किए गए आदेश को रद करने का एलान कर दिया।


अनुच्छेद 370 हटने के बाद बीच में ही रोक दी गई थी यात्रा


मालूम हो कि 2000 में अमरनाथ श्राइन बोर्ड बनाया गया था। जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल इसके चेयरमैन होते हैं। इससे पहले पिछले साल अगस्त में केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाने के ठीक 3 दिन पहले सुरक्षा का हवाला देते हुए अमरनाथ यात्रा रोक दी थी। यात्रा रोके जाने तक साढ़े तीन लाख लोग पवित्र गुफा में दर्शन कर चुके थे।


गौरतलब है कि तय कार्यक्रम के तहत इस यात्रा के लिए एक अप्रैल से रजिस्ट्रेशन शुरू होने थे। देशभर में कोरोना के चलते लॉकडाउन किया गया है। जम्मू में जिस यात्री निवास को अमरनाथ यात्रियों का बेस कैम्प बनाया जाता था, वह इन दिनों क्वारैंटाइन सेंटर बना हुआ है। जम्मू कश्मीर की सीमा को सील किया हुआ है और जरूरी सामान के अलावा किसी भी गाड़ी के आनेजाने की मनाही है।


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यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...