लॉक डाउन के दायरे में मनायें रमज़ानुल-मुबारक – शहर काजी
सुनील पुरी
फतेहपुर। रमज़ानुल-मुबारक की आमद और देश में लागू लाक डाउन के दृष्टिगत उलेमाओं ने मुस्लिम समाज से अपील की है कि लाक डाउन का पूरी तरह से पालन करते हुए रामज़ान के रोज़े और तरावीह की नमाज़ अपने घरों में रहकर ही अदा की जाये। जिससे हम सभी कोरोना जैसी बीमारी से लड़ाई में जीत सकें।
25 या 26 अप्रैल से मुकद्दस रमजान का महीना प्रारम्भ हा रहा है, जिसमें मुस्लिम समाज के लोगों के द्वारा पूरे माह दिन में रोज़ा-व्रत रखा जाता है और रात में तरावीह की नमाज़ अदा की जाती है। रमज़ान का महीना मुस्लिम समाज के द्वारा बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है जिसके समाप्त होते ही ईद का त्योहार होता है। इस माह में मस्जिदों में नमाज़ी भारी संख्या में इकट्ठा होकर इबादत करते हैं और रात में बड़ी तादाद में तरावीह की नमाज पढ़ने वालों की संख्या रहती है। तमाम देशों के कोरोना जैसी बीमारी से दोचार होने और देश में लाक डाउन लागू रहने की वजह से सभी उलेमाओं की तरफ से मस्जिदों में न आकर अपने-अपने घरों में रहकर तरावीह और अन्य नमाज़ें अदा करने की बात कहीं है जिससे कोरोना जैसी बीमारी के संक्रमण फैलाव न हो सके। कहा कि कोरोना महामारी को लेकर इस बार तरावीह मस्जिद में नहीं बल्कि घरों में होगी। फतेहपुर शहर के काज़ी कारी फरीदउद्दीन क़ादरी और काज़ी अब्दुल्ला शहीदुल इस्लाम ने सर्व मुस्लिम समाज से अपील करते हुए कहा कि हम सभी को सरकार द्वारा बताई गई गाइड लाइन्स के अनुसार अपने-अपने घरों में रहकर ही इबादत करना और ईश्वर से इस बीमारी के खत्म होने और मुल्क में खुशहाली और शान्ति के लिए दुआ करना है। शहर काजी बिन्दकी मौलाना रज़ा क़ादरी ने गुरूवार की शाम को रमज़ानुल-मुबारक का चांद घरों से ही देखने की अपील करते हुए कहा कि यदि 24 अप्रैल को चांद दिखाई दिया तो 25 अप्रैल को पहले रोज़े की शुरूआत होगी अन्यथा 26 अप्रैल को पहला रोज़ा होगा और 25 अप्रैल से तरावीह शुरू हो जायेगी।