मंगलवार, 21 अप्रैल 2020

राज्यपाल ने बढ़ाया पुलिस का हौसला

राज्यपाल ने बढ़ाया कोरबा जिला पुलिस का हौसला


 गेंदा लाल शुक्ला


कोरबा। राज्यपाल अनुसूइया उइके ने एसपी अभिषेक मीणा से कटघोरा के हालात पर चर्चा करते हुए कोरबा में लॉकडाउन के पालन के लिए एसपी के उठाए गए कदमों की सराहना की। उन्होंने कहा कि हॉट स्पॉट कटघोरा में कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे पुलिस के जवानों को सुरक्षा सामग्री और सुविधाओं का अभाव होने नहीं दिया जाएगा।
जानकर सूत्रों के अनुसार राज्यपाल उइके ने दूरभाष पर एस पी अभिषेक मीणा से कहा कि राज्य में कोरोना की लड़ाई जीतने के लिए कटघोरा के हालात पर काबू पाना बेहद जरूरी है। पुलिस की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि संक्रमण को रोकने में तभी सफलता मिलेगी, जब लोग घरों से न निकलें। आवश्यक सामग्री के लिए भी निर्धारित समय पर निकलें तो फिजिकल डिस्टेंस बना रहे। इसके लिए अनुशासन होना जरूरी है और पुलिस कोरबा में इस दायित्व का निर्वहन बखूबी कर रही। उन्होंने कहा कि एसपी अभिषेक मीणा ने कटघोरा और कोरबा में जिस तरह से सुरक्षा घेरा तैयार किया है, उससे संक्रमण को बेहतर ढंग से रोका जा सकेगा। इसमें काफी हद तक सफलता मिलने भी लगी है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि आगे भी लड़ाई जीतने तक पुलिस इसी मुस्तैदी से मैदान में डटी रहेगी और अंततः जीत हम सबकी होगी। उन्होंने एसपी से कहा कि इस संकट की घड़ी में पुलिस लोगों का विश्वास जीते और उन्हें समझाए कि जो कुछ किया जा रहा है, वह उनके जीवन को सुरक्षित करने के लिए है। जनता स्वस्फूर्त पुलिस का साथ दे और कोरोना के संक्रमण से सभी को निजात मिले। पुलिस को मिली सुविधाओं का भी जायजा राज्यपाल ने लिया। एसपी मीणा ने बताया कि पुलिस कर्मियों के लिए पर्याप्त सुरक्षा किट उपलब्ध है।


कच्चे तेल का भाव जीरो डॉलर से नीचे

नई दिल्ली। अमेरिकी वायदा बाजार में कच्चे तेल (Crude Oil) का भाव सोमवार को जीरो डॉलर प्रति बैरल से नीचे चल गया। इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब कच्चे तेल का भाव नेगेटिव में चला गया। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण दुनिया भर के कई देशों में कामकाज ठप है। डिमांड कम होने के कारण क्रूड की ओवर सप्लाई हो रही है जिसकी वजह से सोमवार को कच्चे तेल का भाव -37.63 डॉलर प्रति बैरल तक लुढ़क गया। कच्चे तेल में ऐतिहासिक गिरावट के बावजूद भारत में पेट्रोल और डीजल की रिटेल कीमतें प्रभावित नहीं होंगी। आइए जानतें हैं भारत में कैसे तय होते हैं पेट्रोल-डीजल के भाव?


भारत कच्चे तेल का बड़ा आयातक


भारत कच्चे तेल का बड़ा आयातक है। खपत का 85 फीसदी हिस्सा आयात के जरिए पूरा किया जाता है। ऐसे में जब भी क्रूड सस्ता होता है तो भारत को फायदा होता है। तेल जब सस्ता होता है तो आयात में कमी नहीं पड़ती बल्कि भारत का बैलेंस ऑफ ट्रेड भी कम होता है।


भारत कैसे तय होतीं हैं तेल की कीमतें?


तेल की कीमतें दो मुख्य चीजों पर निर्भर करतीं हैं। एक अंतर्राष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमत और दूसरा सरकारी टैक्स। क्रूड ऑयल के रेट पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है, मगर टैक्स सरकार अपने स्तर से घटा-बढ़ा सकती है। यानी जरूरत पड़ने पर सरकार टैक्स कम कर बढ़े दाम से कुछ हद तक जनता को फायदा पहुंचा सकती है। पहले देश में तेल कंपनियां खुद दाम नहीं तय करतीं थीं, इसका फैसला सरकार के स्तर से होता था। मगर जून 2017 से सरकार ने पेट्रोल के दाम को लेकर अपना नियंत्रण हटा लिया गया। कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिदिन उतार-चढ़ाव के हिसाब से कीमतें तय होंगी। अमूमन जिस रेट पर हम तेल खरीदते हैं, उसमें करीब 50 फीसदी से ज्यादा टैक्स होता है। इसमें करीब 35 फीसदी एक्साइज ड्यूटी और 15 फीसदी राज्यो का वैट या सेल्स टैक्स। इसके अलावा कस्टम ड्यूटी होती है, वहीं डीलर कमीशन भी जुड़ता है। तेल के बेस प्राइस में कच्चे तेल की कीमत, उसे शोधित करने वाली रिफाइनरीज का खर्च शामिल होता है। इसलिए, क्रूड की कीमतें सीधे खुदरा कीमतों को प्रभावित नहीं करती हैं।


क्यों गिर रही हैं तेल की कीमतें?
कोरोना वायरस संकट के कारण कच्चे तेल की मांग में कमी आयी और तेल की सभी भंडारण सुविधाएं भी अपनी पूर्ण क्षमता पर पहुंच गई है. इसी समय, रूस और सऊदी अरब ने अतिरिक्त आपूर्ति के साथ दुनिया में कच्चे तेल की बाढ़ ला दी. इस दोहरे मार से तेल की कीमतें गिरकर जीरो के नीचे चली गई.गिरती कीमतों का भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर?
भारत कच्चे तेल का बड़ा आयातक होने के नाते और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आने पर क्रूड-इंटेंसिव इकोनॉमी हासिल करता है। यह ऑयल इम्पोर्ट बिल को कम करने में मदद करता है और ट्रेड बैलेंस को बेहतर बनाने में मदद करता है। यह रुपये की वैल्यू को सपोर्ट करने में मदद करता है और महंगाई भी कंट्रोल होती है। किसे होगा फायदा और नुकसान?
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का फायदा एयरलाइंस और पेंट कंपनियों को होगा। इसके साथ ही इसका फायदा ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को हो सकता है, लेकिन उनके लिए यह उतना आसाना नहीं है क्योंकि वे पहले से ही महंगी तेल खरीद रखे हैं और वे अभी मांग में गिरावट से भी आहत हैं। इसलिए ओएनजीसी और ओआईएल जैसी तेल उत्पादन कंपनियों को कम तेल की कम कीमतों से नुकसान होगा।


सीएम योगी के बड़े भाई ने दी मुखाग्नि

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट का आज (मंगलवार) सुबह अंतिम संस्कार किया गया। उत्तराखंड के पौड़ी के पास पैतृक गांव पंचूर में सीएम योगी के बड़े भाई मनेंद्र बिष्ट ने पिता को मुखाग्नि दी। आनंद सिंह बिष्ट की अंतिम यात्रा में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, रामदेव, चिदानन्द जी, मदन कौशिक समेत कई गणमान्य लोग शामिल हुए।


बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट (89) ने सोमवार को दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली। 13 मार्च को तबीयत बिगड़ने पर आनंद सिंह बिष्ट को दिल्ली एम्स में भर्ती कराया था। जहां सोमवार सुबह उपचार के दौरान उनका निधन हो गया। सीएम योगी आदित्यनाथ अपने पिता के अंतिम संस्कार में नहीं पहुंचे। सीएम योगी ने कल कहा था कि अंतिम संस्कार के कार्यक्रम में लॉकडाउन की सफलता तथा महामारी कोरोना को परास्त करने की रणनीति के कारण भाग नहीं ले पा रहा हूं। पूजनीया मां, पूर्वाश्रम से जुड़े सभी सदस्यों से भी अपील है कि वे लॉकडाउन का पालन करते हुए कम से कम लोग अंतिम संस्कार के कार्यक्रम में रहें। पूज्य पिताजी की स्मृतियों को कोटि-कोटि नमन करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा हूं।


राष्ट्रपति और पीएम ने भी जताया शोक
भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी योगी आदित्यनाथ के पिता के निधन पर शोक जताया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सीएम योगी के पिता के निधन पर उनको सांत्वना दी। उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में उनकी पूरी संवेदना है। वहीं, सीएम योगी को संबोधित अपने पत्र में पीएम मोदी ने कहा कि स्व. आनन्द सिंह बिष्ट के जीवन की सार्थकता का अनुभव हमें सार्वजनिक जीवन में आप जैसे विलक्षण तत्वज्ञानी के सान्निध्य से होता है। आप जैसे यशस्वी और कर्मठ पुत्र के पिता के रूप में वे एक गौरव पुरुष थे।


भावनाएं काबू कर बैठक करते रहे सीएम
सोमवार को जब मुख्यमंत्री के पिता के निधन का दुखद समाचार आया उस समय मुख्यमंत्री कोरोना से मुकाबले के लिए टीम-11 के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। खबर मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने भावनाओं को नियंत्रित किया। बैठक घंटे भर में खत्म हो गई। मुख्यमंत्री अपने कक्ष में चले गए। अपर मुख्य सचिव गृ़ह अवनीश अवस्थी ने बताया कि पिता के निधन के बावजूद सीएम ने राजधर्म को प्राथमिकता दी।


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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


अप्रैल 22, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-255 (साल-01)
2. बुधवार, अप्रैल 22, 2020
3. शक-1943, वैशाख, कृष्ण-पक्ष, तिथि- अमावस्या, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 06:02,सूर्यास्त 06:51।


5. न्‍यूनतम तापमान 20+ डी.सै.,अधिकतम-33+ डी.सै.।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
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सोमवार, 20 अप्रैल 2020

559 लोगों की मौत, 17656 संक्रमित

नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित मामलों की संख्या बढ़कर 17,656 हो गई है और इस महामारी की चपेट में आकर 559 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी।


इनमें से कोविड-19 के कुल 14,255 सक्रिय मामलें हैं और 2841 लोग स्वस्थ्य हो चुके हैं और इन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा चुका है। एक व्यक्ति अन्य देश चला गया है और 559 लोगों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, महाराष्ट्र इस महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य बना हुआ है। यहां 4203 लोग इस महामारी से संक्रमित हैं। इसके बाद दिल्ली में कुल 2003 और गुजरात में कुल 1851 मामले सामने आए हैं।


 


ऑस्ट्रियाः वायरस के दौरान पूरी हो तैयारी

कैनबरा। ऑस्ट्रिया ने कहा कि वह चाहता है कि यूरोपीय संघ राज्य सहायता पर अपने नियमों को निलंबित कर दे, ताकि वियना ब्रसेल्स की अनुमति के बिना कोरोनोवायरस महामारी के दौरान कंपनियों को तैयार कर सके।


ऑस्ट्रिया ब्लोक के भीतर स्व-वर्णित 'फ्रुगल' में से एक है, यूरोपीय संघ के बजट में शुद्ध योगदानकर्ताओं ने अंततः म्यूचुअल ऋण, या 'यूरो बॉन्ड' के विचार का विरोध करते हुए, प्रकोप से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों के लिए बचाव पैकेज का समर्थन किया। इसे निधि दें। अब रूढ़िवादी-नेतृत्व वाले ऑस्ट्रिया का कहना है कि बदले में देशों को कंपनियों को अनुचित लाभ देने से रोकने के उद्देश्य से राज्य सहायता नियमों को निलंबित करना चाहिए, ताकि वह अपनी अर्थव्यवस्था को बनाए रखने पर पिछले साल के आर्थिक उत्पादन का लगभग दसवां हिस्सा खर्च करने की अपनी योजना को स्वतंत्र रूप से लागू कर सके।


डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित

डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में विकास भवन के सभाकक्ष में ...