तेहरान। ईरानी सेना रिवोल्यूशनरी गार्ड ने रविवार को स्वीकार किया कि पिछले हफ्ते अरब की खाड़ी में अमेरिकी युद्धपोतों के साथ उसकी मुठभेड़ हुई थी। उसने आरोप लगाया कि अमेरिकी बलों ने ही घटना की शुरुआत की थी।
बता दें कि अमेरिकी नौसेना ने बुधवार की घटना का एक वीडियो जारी किया था, जिसमें कुवैत के पास उत्तरी अरब की खाड़ी में ईरान की छोटी नौकाएं तेज गति से अमेरिकी युद्धपोतों की तरफ आ रही थीं। ईरानी सेना ने कहा, 'हमारी सेना अभ्यास कर रही थी और हमें अमेरिका की तरफ से गैर पेशेवर उकसावे वाली कार्रवाई और चेतावनी का सामना करना पड़ा।' हालांकि, ईरानी सेना ने अपने आरोपों के समर्थन में कोई वीडियो अथवा सुबूत जारी नहीं किया। उसने अमेरिकी बलों पर छह और सात अप्रैल को ईरान के युद्धपोतों को रोके जाने का आरोप लगाया। वहीं, बहरीन आधारित अमेरिकी नौसेना के पांचवे बेड़े के प्रवक्ता पेटे पगानो ने कहा कि नौसेना बुधवार को हुई घटना के अपने बयान पर कायम है। दूसरी तरफ, रविवार को ईरान के विदेश मंत्री मुहम्मद जावेद जरीफ ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना करते हुए ट्वीट किया कि ईरान विश्र्व के सबसे बुरे प्रकोप के बावजूद जल्द ही वेंटीलेटर का निर्यात करेगा। उन्होंने कहा, 'आपको बस दूसरे देशों के मामलों में दखल देना बंद करना होगा, खासकर मेरे और मेरा विश्र्वास कीजिए, हम किसी अमेरिकी राजनेता से सलाह नहीं लेते।