सोमवार, 20 अप्रैल 2020

क्वॉरेंटाइन सेंटर पर संदिग्धों का हंगामा

पडरयनुरा। कर्नाटक के पडरयानुरा में ब्रुहत बेंगलुरु महानगर पालिका के आधिकारियों और जनता के बीच विवाद का मामला सामने आया है। यह झड़प अधिकारियों द्वारा कोरोना संक्रमितों को क्वारंटाइन सेंटर ले जाने के कारण शुरू हुआ था। इसके बाद पुलिस घटना स्थल पर पहुंची औक स्थिति को काबू में किया। पुलिस ने इस मामलें में 52 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कुछ लोग कोविड-19 से संक्रमितों के संपर्क में थे, इसलिए इन्हें क्वारंटाइन सेंटर ले जाया जा रहा था। तभी लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। एडिशनल पुलिस कमीश्नर सोमेंदु मुखर्जी ने बताया कि मामले पर जेजे नगर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। 


बता दें कि कर्नाटक में कोरोना वायरस से और दो लोगों की मौत हो गई। संक्रमण के छह नए मामले सामने आए। इसके साथ ही संक्रमितों की कुल संख्या 390 हो गई। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि राज्य में कोरोना से और 2 मौतें हुई हैं, 6 नए मामले पाए गए, संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 390 हो गई। उन्होंने बताया कि कर्नाटक में कोराना से अब तक 16 लोगों की मौत हुई है और 111 मरीज इलाज के बाद पूरी तरह ठीक हो गए हैं। जिन जिलों में संक्रमितों की संख्या अधिक है, वे हैं- बगलकोटे, बेल्लारी, बेलागावी, बीदर और मंड्या। पिछले 24 घंटों के दौरान मैसूरू में एक फार्मास्यूटिकल कंपनी के कर्मी की कोराना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई।


56 जिलो में खुलेंगे उद्योग 19 संवेदनशील

 उत्तर प्रदेश के 56 जिलों में खुलेंगे उद्योग, 19 संवेदनशील जिलों में फिलहाल छूट नहीं


लखनऊ। केंद्र सरकार की ओर से लॉकडाउन में छूट को लेकर जारी की गई गाइडलाइंस के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सभी जिलों के डीएम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य के 19 अति संवेदनशील जिलों में 20 अप्रैल से लॉकडाउन में ढील देने के निर्णय की जिम्मेदारी संबंधित जिलाधिकारियों के विवेक पर छोड़ दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिलाधिकारियों से कहा कि वे लॉकडाउन को लेकर जो भी फैसला करें उससे शासन को अवगत कराते रहें। संवेदनशील जिलों के डीएम लेंगे लॉकडाउन पर फैसला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ यूपी के सभी जिलाधिकारियों की चर्चा में यह फैसला लिया गया कि कोरोना संक्रमण के लिहाज से राज्य के 19 अति संवेदनशील जिलों में लॉकडाउन में ढील देने का निर्णय वहां के जिलाधिकारी करेंगे इन जिलों के हॉट स्पॉट एरिए में लॉकडाउन में किसी भी तरह की छूट नहीं दी जाएगी. ऐसे अति संवेदनशील जिलों में आगरा, लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, मेरठ, कानपुर, मुरादाबाद, वाराणसी, शामली, बागपत, बुलंदशहर, बस्ती, हापुड़, फिरोजाबाद, सहारनपुर, बिजनौर, रामपुर, अमरोहा और सीतापुर शामिल हैं।


4000 वकीलों का मदद हेतु आवेदन

राणा ओबराय

4 हजार वकीलों ने पंजाब & हरियाणा बार काँसिल में आर्थिक सहायता लेने हेतु किया आवेदन ;- विजेंदर अहलावत

चंडीगढ़। कोरोना जैसी वैश्विक महामारी का असर कारोबारियों के साथ साथ अब वकीलों पर भी पड़ने लगा है। पंजाब एंड हरियाणा बार काउंसिल के पूर्व चेयरमैन एवं सदस्य विजेंद्र अहलावत ने राष्ट्रीय खोज एवं भारतीय न्यूज़ के संपादक राणा ओबराय से फोन पर हुई बातचीत में बताया कि पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के लगभग 4 हजार वकीलों ने 16 अप्रैल तक आर्थिक सहायता लेने हेतु आवेदन भेजे है। उन्होंने बताया बार काउंसिल पहले यह सुनिश्चित करेगी कि आवेदन करने वाले वकील की आय का कोई अन्य साधन तो नहीं है। उसके बाद उनको कम से कम पांच हजार की आर्थिक सहायता दी जाएगी। अहलावत ने बताया ऐसे संकट के समय में बार एसोसिएशन ने वकीलों की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया है। कुछ शर्तों के साथ बार एसोसिएशन ने वकीलों को पांच हजार रुपये प्रतिमाह देने का फैसला लिया है। ताकि किसी वकील को कोई समस्या न हो। उन्होंने बताया कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते हाईकोर्ट सहित पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ की अदालतों में अब सिर्फ अर्जेन्ट केसों पर ही सुनवाई हो रही है ऐसे में कई युवा वकील एव अन्य वकील आर्थिक संकट में आ गए हैं। अब ऐसे जरूरतमंद वकीलों की मदद के लिए बार काउन्सिल ऑफ़ पंजाब एंड हरियाणा आगे आई है। विजेन्दर अहलावत ने बताया कि पंजाब एंड हरियाणा बार कौंसिल ने एक आपात बैठक बुला ऐसे जरूरतमंद वकीलों को आर्थिक सहायता दिए जाने के लिए कोवीड-19 रिलीफ फंड बनाया है, जिस फंड से मौजूदा हालत में आर्थिक संकट का सामना कर रहे जरूरतमंद वकीलों को मदद दी जा सकेगी। उन्होंने ने बताया कि इस फंड में तत्काल प्रभाव से बार कौंसिल के 25 सदस्यों के साथ पंजाब, हरियाणा के दोनों एडवोकेट जनरल ने 25- 25 हजार रुपये जमा करवाये है। अहलावत ने बताया कि फंड बनाए जाने के कुछ समय बाद ही सेंकडो एडवोकेट्स ने इस फंड के लिए अपना आर्थिक योगदान भी दे दिया है।


कोटेदार खा रहे हैं गरीबों का राशन

ग्रामीणों का आरोप कोटेदार खा रहा हमारा राशन


वाराणासी/रोहनिया। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना महामारी से बचाव के लिए लॉकडाउन लगाया गया और सरकार द्वारा सभी जिलों के जिलाधिकारी को कड़े शब्दों में निर्देश दिया गया है कि कोई व्यक्ति राशन और भोजन से वंचित न रहे। तो वही प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र बनारस के रोहनिया आराजी लाइन अंतर्गत ग्राम देउरा के क्षेत्र पंचायत सदस्य अशोक वर्मा और ग्रामीणों का आरोप है, कि कोटेदार गीता देवी द्वारा ग्रामीणों का जबरदस्त शोषण हो रहा है और राशन में घटतौली की शिकायत है,और यूनिट के अनुसार राशन भी नही मिल रहा,आपको बताते चले हाल ही में सरकार द्वारा सभी सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों पर ग्रामीणों में बिस्कुट वितरण के लिए आया था। लेकिन कोटेदार द्वारा गांव के किसी व्यक्ति में बिस्कुट का वितरण नहीं किया गया। जिसे नाराज ग्रामीणों ने सरकारी कॉपरेटिव पर एकजुट होकर कोटेदार मुर्दाबाद का नारा लगाकर मांग कि है ऐसे भ्रष्ट कोटेदार का दुकान सरकार तत्काल निरस्त किया जाना चाहिए। इस क्रम में सप्लाई स्पेक्टर अनूप कुमार ने बताया कि राशन सभी को मिल रहा है और ग्रामीणों की यूनिट,घटतौलि,मूल्य से अधिक पैसा लेकर राशन देने जैसी संबंधित समस्याओं का मेरे द्वारा जांच किया जाएगा। गलत पाए जाने पर कोटेदार के ऊपर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।


झोपड़ी मे आग, 2 बहने जलकर राख

कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक दिल दहला देने वाला हादसा सामने आया है। कानपुर के घाटमपुर कोतवाली के गोपालपुर गांव में रविवार सुबह चूल्हे की चिंगारी से झोपड़ी में आग लगने से चपेट में आए मासूम भाई-बहन की मौत हो गई, जबकि दो और जुड़वां बहनें गंभीर रूप से झुलस गईं। दोनों को हैलट में भर्ती कराया गया है। गांव निवासी मजदूर संतराम संखवार के परिवार में पत्नी राधा और पांच बच्चे हैं। सबसे बड़ा बेटा कृष्णा (8) घाटमपुर स्थित ननिहाल में रहता है। रविवार सुबह संतराम अपनी पत्नी राधा के साथ मजदूरी खेत में फसल काटने गया था।


घर में जुड़वां बेटियां सीता और गीता (5), बेटा गोपाल (3) और छोटी बेटी रीता (डेढ़ वर्ष) थी। ग्रामीणों के मुताबिक सुबह करीब 9:30 बजे संतराम के घर से आग की लपटें उठती दिखीं। शोर मचाने पर आसपास के लोग दौड़े और आग पर काबू पाया। हादसे में झुलसे चारों बच्चों को पूरी तरह से जल चुकी झोपड़ी से बाहर निकाला गया। इसमें गोपाल की मौत हो चुकी थी। बाकी तीनों बच्चों को सीएचसी लाया गया। डॉक्टरों ने तीनों को हैलट रेफर कर दिया। हैलट पहुंचने से पहले ही रीता ने भी दम तोड़ दिया। युवकों ने दिखाया साहस झोपड़ी के पूरी तरह से लपटों से घिरने के बाद भी गांव के कुछ युवकों ने साहस दिखाया। युवक अपनी जान की परवाह किए बगैर झोपड़ी में घुस गए और तीनों बच्चियों को बाहर निकाला। हालांकि गोपाल बुरी तरह से लपटों में घिर चुका था, इस कारण उसकी मौके पर ही मौत हो गई। सीता और गीता का इलाज चल रहा है। सीओ घाटमपुर रवि कुमार सिंह ने बताया कि बच्चों की मां राधा ने सुबह चूल्हे पर खाना बनाया था। चूल्हे की आग पूरी तरह नहीं बुझाई और खेतों पर काम करने चली गई। इसके बाद चूल्हे की चिंगारी से झोपड़ी में आग लग गई।


प्रार्थना करने वाले 14 पहुंचे हवालात

हरदोई। उत्तर प्रदेश के हरादोई में एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां कोरोना वायरस से बचने के लिए कुछ लोग एकत्र हुए थे। पुलिस को जब इसकी सूचना मिली तो एकत्र लोगों को जेल की हवा खानी पड़ी। हरदोई शहर कोतवाली क्षेत्र के ग्राम शंकरबक्शपुरवा में कोरोना वायरस को भगाने के लिए प्रार्थना करने को एकत्र होना लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन गया।
सूचना मिलने पर पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई और छह लोगों को हिरासत में ले लिया। छह लोगों को नामजद करते हुए आठ महिलाओं सहित 14 लोगों के विरुद्ध लॉकडाउन के उल्लंघन की रिपोर्ट दर्ज की गई है। शहर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत राधानगर पुलिस चौकी के प्रभारी श्यामू कनौजिया को कुछ ग्रामीणों ने सूचना दी कि ग्राम शंकरबक्शपुरवा में गुड्डू पुत्र मेहीलाल के घर में भीड़ एकत्र है। इस सूचना पर चौकी प्रभारी सिपाही विजेंद्र यादव और होमगार्ड ब्रजकिशोर मिश्रा के साथ शंकरबक्शपुरवा पहुंच गए। पुलिस के मुताबिक गुड्डू के घर पर कई महिलाओं सहित लगभग 20 लोग बैठे थे और आपस में बातचीत कर रहे थे। पुलिस टीम को देखकर कुछ लोग मौके से भाग गए। पूछताछ करने पर गुड्डू व मौजूद मिले अन्य लोगों ने पुलिस को बताया कि कोरोना जैसी बीमारी न फैलने के संबंध में बातचीत करते हुए भगवान से इस बीमारी को खत्म करने की प्रार्थना कर रहे थे। पूरे मामले में पुलिस ने गुड्डू, मनोज कुमार पुत्र आशाराम, रजनीकांत पुत्र राजेश कुमार, राममिलन पुत्र चेतराम, बलवंत पुत्र सुरजनलाल, अंकुल पुत्र रामविलास के अलावा आठ अज्ञात महिलाओं के विरुद्ध लॉकडाउन का उल्लंघन करने की रिपोर्ट दर्ज की है।


अंतिम-यात्रा में शामिल नहीं होंगे योगी

लखनऊ/दिल्ली। यूपी के सीएम और भाजपा के दिग्गज नेता योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट का लंबी बीमारी के बाद दिल्ली स्थित एम्स में निधन हो गया।
अब कोरोना से लड़ाई में डटे योगी ने अपने परिवार को खत लिखा है। इसमें उन्होंने लिखा कि एक बेटा अपने पिता के अंतिम संस्कार में क्यों नहीं जा रहा है। योगी ने कहा कि कोरोना से लड़ाई बहुत जरूरी है। इसलिए वे पहले इससे निपटेंगे।
इतना ही नहीं एक जिम्मेदार नागरिक का फर्ज निभाते हुए योगी ने घरवालों से अपील की कि अंतिम संस्कार में कम से कम लोग शामिल हों। सीएम योगी का कर्तव्यबोध कितना अडिग है यह समझने के लिए ये पत्र काफी है। पत्र के वायरल होने के बाद लोग उनकी जमकर तारीफ कर रहे हैं।


कौशाम्बी: डीएम द्वारा समिति की बैठक की गई

कौशाम्बी: डीएम द्वारा समिति की बैठक की गई  रामबाबू केसरवानी  कौशाम्बी। जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी द्वारा उदयन सभागार में स्वच्छ भारत मिशन (ग्...