भोपाल (संतोष जैन) । मध्यप्रदेश में दो-तीन दिन के भीतर होने जा रहे मंत्रिमंडल के गठन की कवायद के बीच भाजपा के वरिष्ठ विधायक व संभावित दावेदार भोपाल में जुट गए हैं। इनमें गोपाल भार्गव नरोत्तम मिश्रा भूपेंद्र सिंह विजय शाह और तुलसी सिलावट आदि शामिल इस बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की सिंधिया की इस मुलाकात को भी मंत्रिमंडल गठन से ही जोड़कर देखा जा रहा है। सिंधिया ने बड़ा मंत्रिमंडल बनाने जा बनाए जाने की बात रखी है। वह अपने खेमे के 6 पूर्व मंत्रियों को एक साथ मंत्री बनवाना चाहते हैं ताकि वे क्षेत्र में चुनाव के लिए जा सकें है।
शुक्रवार, 17 अप्रैल 2020
समान रूप से लागू नहीं है लॉक डाउन
मोदी राज में लॉक डाउन का नियम केवल गरीबो पर
यहां कानून और नियम आम लोगों के लिए अलग और वीवीआईपी लोगों के लिए अलग है।
ओम माथुर
बैंगलुरू। ये देश और हर खतरे से ऊपर हैं। हो भी क्यों नहीं ? नेताओं की जमात से है और कोढ में खाज कि पिताजी देश के प्रधानमंत्री रहे हैं और बेटे कर्नाटक के मुख्यमंत्री। लेकिन फिर भी इन्हें ये पता नहीं कि कोरोना संक्रमण के चलते देशभर में लोक डाउन चल रहा है और सोशल डिस्टेसिंग की पालन पर जोर दिया जा रहा है।
लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा के पोते एवं कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के पुत्र का आज बेंगलुरु में कांग्रेस नेता एम कृष्नाप्पा की बेटी के साथ धूमधाम से विवाह हुआ और इसमें कई लोगों ने शिरकत कर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उडा दी है। ऐसे समय में जब आम आदमी लाकडाउन के कारण घरों में कैद है या परिवहन के साधन बंद होने से देश में यहां वहां फंसे पड़े हैं,बड़े नेताओं को तो अपनी करनी से उनके सामने मिसाल कायम करनी चाहिए लेकिन जब यही लोग कानून का उल्लंघन करेंगे तो आम आदमी में क्या संदेश जाएगा? हमारे देश का यह दुर्भाग्य है कि यहां कानून और नियम आम लोगों के लिए अलग और वीवीआईपी लोगों के लिए अलग है। आम आदमी की छोटी सी गलती उसे हवालात में पहुंचा देती है, तो बड़े लोग बड़ी से बड़ी गलती करके भी आसानी से बचे रह सकते हैं ।
जब देश में आम आदमी के घरों की हजारों शादियां स्थगित हो चुकी है, तो क्या देवगौडा अपने पोते की शादी को टाल नहीं सकते थे या सिर्फ परिवार के दो चार सदस्यों के बीच करके देश के सामने उदाहरण पेश नहीं कर सकते थे? अब सवाल यह भी है कि क्या कर्नाटक की भाजपा सरकार इस मामले को गंभीरता से लेते हुए देवेगौड़ा व कुमार स्वामी सहित शादी में शामिल वीवीआईपी लोगों पर मुकदमा दर्ज करने की हिम्मत दिखाएगी?जैसा कि लाक डाउन व सोशल डिस्टेंसिंग की अवहेलना करने वाले आम लोगों पर दर्ज किए जा रहे हैं।
एमपी में जल्द ही मंत्रिमंडल का गठन
भोपाल। कोरोना संकट के बीच शिवराज सिंह चौहान अपने मंत्रिमंडल का गठन कर सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि पार्टी हाईकमान से चर्चा के बाद शिवराज सिंह चौहान 18 या 19 अप्रैल को अपने मंत्रिमंडल का गठन कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि अभी मंत्रिमंडल का गठन छोटा हो सकता है। लॉकडाउन हटने के बाद मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं। शिवराज सिंह चौहान के सामने मंत्रिमंडल के गठन की सबसे बड़ी चुनौती ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के नेताओं को एडजस्ट करना है।
मंत्रिमंडल में ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे से कमलनाथ सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे तुलसी सिलावट और राजस्व मंत्री रहे गोविंद सिंह राजपूत को शामिल किया जा सकता है। वहीं, दूसरी तरफ भाजपा के वरिष्ठ नेताओं गोपाल भार्गव, नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह, रामपाल सिंह, विजय शाह, गौरीशंकर बिसेन और मीना सिंह को मंत्री बनाए जाने की चर्चा है।
इन्हें भी मिल सकता है मौकाःकांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए वरिष्ठ नेता बिसाहूलाल को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि छोटे मंत्रिमंडल में दलित कोटे से तुलसी सिलावट तो आदिवासी कोटे से बिसाहूलाल, मीना सिंह और विजय शाह को मौका मिल सकता है।
उपचुनाव पर भी नजरःमध्यप्रदेश की 24 सीटों पर उपचुनाव होना है। ऐसे में ये माना जा रहा है कि इन उपचुनावों को ध्यान में रखते हुए भी मंत्रिमंडल में नेताओं को जगह मिल सकती है। बताया जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बड़ा मंत्रिमंडल बनाए जाने की बात रखी है। वे अपने खेमे के छह पूर्व मंत्रियों तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रभुराम चौधरी, इमरती देवी और प्रद्युम्न सिंह तोमर को एक साथ मंत्री बनवाना चाहते हैं, ताकि वे क्षेत्र में चुनाव के लिए जा सकें। हालांकि मंत्रिमंडल का स्वरूप छोटा होगा या बड़ा इस पर अंतिम फैसला पार्टी हाई कमान को लेना है।
विपक्ष उठा रहा है सवालःमध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल नहीं होने के कारण विपक्ष शिवराज सिंह चौहान पर सवाल उठा रहा है। कांग्रेस के सीनियर लीडर और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने राष्ट्रपति को लेटर लिखा था। उन्होंने मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल नहीं होने पर राष्ट्रपति से मांग की थी कि मध्यप्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए। वहीं, दिग्विजय सिंह और कमलनाथ कह चुके हैं कि ऐसे संकट में मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य मंत्री तक नहीं है।
कोरोनाः चिकित्सकों ने बताएं नए लक्षण
नई दिल्ली। कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को सकते में डाल दिया है। इस लाइलाज बीमारी की दवा बनाने में दुनिया के बड़े-बड़े बैज्ञानिक भी नाकामयाब साबित हो रहे हैं। इसी बीच एक और चौकाने वाली खबर सामने आई है। अभी तक आप कोरोना वायरस के जिन लक्षणों के बारे में जानते थे, उनमें प्रमुख थे खांसी, बुखार, थकान, फ्लू, जुकाम। लेकिन अब यूरोप के डॉक्टरों ने कोरोना का इलाज करा रहे मरीजों में कोरोना वायरस का नया लक्षण देखा है। नए लक्षणों को खोजना हमेशा से एक कठिन काम रहा है। लेकिन इस बार यूरोपियन डॉक्टर्स ने ऐसा कर दिखाया है।
संक्रमित मरीज के पैरों में मिले छोटे-छोटे घाव
कोरोना के इन सामान्य लक्षणों के आलावा डॉक्टरों ने बताया था कि कोरोना वायरस से ग्रसित व्यक्ति की सूंघने की क्षमता कम या खत्म हो जाती है। लेकिन इस बार जो लक्षण बताया जा रहा है वह और भी ज्यादा भयावह है। यूरोप के डॉक्टरों ने इलाज करा रहे कोरोना के मरीजों के पैरों में छोटे-छोटे घाव को खोजा है। डॉक्टरों का कहना है कि हॉस्पिटल में भर्ती हो रहे ज्यादातर मरीजों के पैर में ये छोटे घाव देखने को मिल रहे हैं।
इस वायरस से संक्रमित मरीजों के पैरों की उंगलियों के ऊपर, बीच में या फिर पैर के तलवे में ये छोटे-छोटे लाल या गुलाबी रंग के घाव देखने को मिल रहे हैं। ये घाव मरीज के ठीक होते ही अपने आप गायब भी हो जा रहे हैं। फ़िलहाल इसके लिए अलग से उपचार की जरूरत नहीं पड़ रही है।
दीखते हैं ये लक्षण-
वहीं स्पेन के डॉक्टरों का कहना है कि यह कोरोना वायरस के होने का एक प्रमुख निशान है। इसे बीमारी आने से ठीक पहले का प्रमुख लक्षण माना जा सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि सबसे पहले पैर में अगर छोटे-छोटे लाल या गुलाबी घाव दिखने लगे तो समझ जाना चाहिए कि कोरोना वायरस का हमला होने वाला है। इसके ठीक बाद वो सारे लक्षण दिखने लगेंगे जो कोरोना वायरस के संक्रमण पर होते हैं।
यूरोप के डॉक्टरों का कहना है कि हम चाहते हैं कि इस लक्षण के बारे में पूरी दुनिया को पता चले। ताकि दुनियाभर के डॉक्टर सिर्फ खांसी, बुखार और सांस की दिक्कतों तक ही सीमित न रहें। डॉक्टरों के मुताबिक ये लक्षण यूरोप के ज्यादातर मरीजों में देखने को मिला है। जिन मरीजों में यह लक्षण दिखाई दिया है, वे सभी पुख्ता तौर पर कोरोना संक्रमित थे।
कोरोना महामारी की शुरुआत में विश्व स्वास्थ्य संगठन और सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने इसके लक्षणों पर एडवाइजरी जारी की थी। जिसके मुताबिक, बुखार, सांस लेने में तकलीफ, खांसी, सीने में तेज दर्द, चेहरा या होंठ नीला पड़ना, संक्रमण का लक्षण था। लेकिन पिछले 4 महीने में जो मामने सामने आए उसमें कई और लक्षण सामने आए, इसे समझना बेहद जरूरी है। अब पेट में दर्द महसूस होना, गंध या स्वाद का पता न चलना, लगातार सिरदर्द महसूस, पैर में जामुनी रंग का घाव होने पर इसे नजरअंदाज न करें और डॉक्टरी सलाह लें।
अर्थव्यवस्था संकट में जान फूंकेगा आरबीआई
नई दिल्ली। कोरोना वायरस महासंकट से जूझ रही अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए शुक्रवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से बड़े ऐलान किए गए। गवर्नर शक्तिकांत दास ने रिवर्स रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती का ऐलान किया, इसी के साथ बाजार में नकदी संकट ना आए इसके लिए भी 50 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त मदद की बात कही। क्रक्चढ्ढ की ओर से रिवर्स रेपो रेट में कमी करने से सीधी मदद आम लोगों को पहुंच सकती है, इस ऐलान से बैंकों के पास ज्यादा पैसा उपलब्ध होगा। ऐसे में बैंक आम आदमी को कर्ज दे सकेंगे। ऐसे में इस ऐलान के बाद बैंकों पर कर्ज पर ब्याज दर कम करने का दबाव होगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्रक्चढ्ढ गवर्नर ने कहा कि कोरोना संकट के बीच बैंक सभी हालात पर नजर रखे हुए है, कदम-कदम पर फैसले लिए जा रहे हैं। कोरोना संकट की वजह से जीडीपी की रफ्तार घटेगी, लेकिन बाद में ये फिर तेज रफ्तार से दौड़ेगी। रिजर्व बैंक की ओर से बड़ी राहत देते हुए रिवर्स रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की गई है, इसी के साथ अब ये 3.75 फीसदी हो गई है। क्रक्चढ्ढ गवर्नर की ओर से कहा गया कि बैंक की ओर से लगातार इस तरह के ऐलान किए जाएंगे, जो तबके हालात के आधार पर होंगे।
नकदी संकट को दूर करने के लिए बैंक की तरफ से बाजार में 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा, ताकि नकदी में किसी तरह की कमी ना आए। इसके लिए ञ्जरुञ्जक्रह्र का ऐलान किया गया है। क्रक्चढ्ढ गवर्नर की ओर से कहा गया कि बैंकों की ओर से कर्ज मिलने में आम आदमी को कोई दिक्कत नहीं आएगी। इसके अलावा बैंक की ओर से नाबार्ड, एनएचबी, एनबीएफसी समेत अन्य क्षेत्रों में भी 50 हजार करोड़ की अतिरिक्त मदद दी जाएगी, ताकि नीचे तक मदद पहुंच सके।
शक्तिकांत दास ने कहा कि ढ्ढरूस्न ने इस बात का अनुमान लगाया है कि दुनिया में सबसे बड़ी मंदी आने वाली है, जो कि खतरे की घंटी है। कई देशों में आयात और निर्यात में भारी गिरावट देखने को मिली है। कोरोना संकट की वजह से भारत की त्रष्ठक्क 1.9 की रफ्तार से बढ़ेगी, त्र20 देशों में ये सबसे बेहतर स्थिति है। दुनिया में 9 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है। लेकिन जब कोरोना का दौर चला जाएगा तो भारत की जीडीपी एक बार फिर 7 से अधिक की रफ्तार से बढ़ेगी।
नाबार्ड, सिडबी और हाउसिंग फाइनेंस बैंक को मिली नकदी : आरबीआई गवर्नर ने कहा कि इकोनॉमी में ग्रोथ के लिए नाबार्ड को 25 हजार करोड़ रुपये, सिडबी को 15 हजार करोड़ रुपये और हाउसिंग फाइनेंस बैंक को 10 हजार करोड़ रुपये दिए जाएंगे। इससे एनबीएफसी, एमएसएमई, रियल एस्टेट को नकदी की किल्लत दूर होगी।
हृक्क्र नियमों में बैंक को राहत : आरबीआई गवर्नर ने एनपीए नियमों में बैंकों को 90 दिन की राहत दी है। मोरेटोरियम पीरियड में एनपीए को नहीं गिना जाएगा। त्र20 देशों में इंडिया की ग्रोथ सबसे बेहतर रहने का अनुमान : ष्टश1द्बस्र-19 महामारी के समय में मानवता की परीक्षा है। हमारा मिशन है किसी भी तरह मानवता को बचाना। इस माहौर में क्रक्चढ्ढ काफी एक्टिव है। लगभग हर दूसरे या तीसरे दिन क्रक्चढ्ढ कुछ नए ऐलान लेकर आया है। हम यह बतााना चाहते हैं कि आगे भी हम ऐसा करते रहेंगे। दास ने कहा, ढ्ढरूस्न के अनुमानों के मुताबिक, त्र20 देशों में इंडिया की ग्रोथ सबसे बेहतर रह सकती है। 2020 ग्लोबल इकोनॉमी के लिए सबसे बड़ी मंदी है।
मालगाड़ी के 4 डिब्बे पटरी से उतरे
कोरबा में दीपिका के पास मालगाड़ी के चार डिब्बे पटरी से उतरे
दुर्घटना से मालगाड़ी का यातायात हुआ बाधित
गेंदलाल शुक्ला
कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के दीपका नगर गुरुवार सुबह एक मालगाड़ी के चार डिब्बे पटरी से उतर गए जिससे रेल माल यातायात बाधित हो गई। कोरबा रेलवे स्टेशन के एक अधिकारी ने बताया कि दीपका रेलखंड के समीप कोयले से भरे छह चार डिब्बे पटरी से उतर गए। जिससे रेल यातायात बाधित हो गया। पर बहुत जल्द ठीक कर लिया जाएगा , गांधीनगर दीपका से लोड होकर जा रहे मालगाड़ी के डिब्बे पटरी से नीचे उतर गए। इसके कारण दीपका चौक आने जाने वाले मुख्य मार्ग में जाम की स्थिति निर्मित हो गई। मालगाड़ी जैसे ही बेपटरी हुई लोग कोयला बिनने के लिए उमड़ पड़े। और कोयला लूटने की होड़ मच गयी। अफरा-तफरी में सोशल डिस्टेंस का नहीं हो रहा है यहां भी पालन।
वीरान शहर और सुनी सड़केंः सीएम
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरोना के प्रति जागरूक करने वाला शानदार ट्वीट किया है। CMO छत्तीसगढ़ के ट्वीटर हैंडल पर उन्होंने राजधानी की चार अलग-अलग एंगल से ली गयी तस्वीर को पोस्ट किया है। तस्वीर में सुनसान सड़कें और वीरान पड़ा शहर नजर आ रहा है।टॉप एंगल से ली गयी तस्वीर में राजधानी के उन व्यस्तम प्वाइँट की तस्वीरें हैं, जहां कभी पैर रखने तक की जगह नहीं होती थी, लेकिन आज वहां कोरोना की वजह से वीरानी पसरी है। मुख्यमंत्री ने इस तस्वीर के साथ जो कैप्शन लिखा है, वो वाकई में दिल को छू लेने वाला है। उन्होंने लिखा है…मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरोना के खिलाफ युद्ध की संज्ञा दी है, जिसमें जंग के मैदान में बाहर नहीं निकलने वाला योद्धा ही जीतेगा। आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर, दुर्ग में अगले 72 घंटे के लिए पूर्ण लॉकडाउन घोषित किया गया है। सिर्फ दूध, दवाई और पेट्रोल पंप को छोड़कर सभी सेवाओं को बंद कर दिया गया है। यहां तक कि किराना और सब्जी दुकानें तक बंद हैं और बेवजह बाहर निकलने वालों पर पुलिस की कार्रवाई भी चल रही है।
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