गुरुवार, 16 अप्रैल 2020

हिंदू महिला को मुस्लिमों ने दिया कंधा

भोपाल। कोरोना के संकट के बीच भोपाल में आपसी भाईचारे की तस्वीर सामने आई है। एक हिन्दू महिला की मौत के बाद उनके कोई परिजन सामने नहीं आए तो मुस्लिम समुदाय के युवक आगे आए और उन्होंने मृतक हिन्दू महिला की अर्थी को कंधा देते हुए शमशान ले गए। घटना भोपाल के टीला जमालपुर की है। सामान्य बीमारी के चलते महिला की बुधवार को सुबह मौत हो गई थी, लॉकडाउन की वजह से अंतिम यात्रा में महिला के रिश्तेदार नहीं आ सके। इसके बाद मोहल्ले के मुस्लिम युवकों ने महिला की अर्थी उठाई और उसे कंधा देते हुए श्मशान ले गए।


पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने साम्प्रदायिक सदभाव की तस्वीर बताया


पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसकी तस्वीर शेयर करते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा- “इंदौर के साउथ तोड़ा के बाद आज भोपाल के टीला जमालपुरा इलाक़े से भी सामने आयी साम्प्रदायिक सद्भाव की तस्वीर। एक हिन्दू महिला की अर्थी को मुस्लिम समाज के युवकों ने कांधा दिया।


इंदौर के साउथ तोड़ा के बाद आज भोपाल के टीलाजमालपुरा इलाक़े से भी सामने आयी साम्प्रदायिक सद्भाव की तस्वीर। एक हिन्दू महिला की अर्थी को मुस्लिम समाज के युवकों ने दिया कांधा।इसी प्रकार का आपसी प्रेम-स्नेह-भाईचारा हमारी गंगा-जमुनी संस्कृति को बताता है।


दिखावे से दूर रहे कार्यकर्ताः अखिलेश

अखिलेश यादव ने सपाईयों को दी नसीहत-सेल्फी और फोटो से रहें दूर


बृजेश केसरवानी


प्रयागराज। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सभी ज़िलों के पदाधिकारीयों को निर्देशित करते हुए कहा है की ज़रुरतमन्दों की मदद करते वक़्त फोटो खींच कर न करें किसी को ज़लील।निर्वतमान ज़िलाध्यक्ष कृष्णमूर्ति सिंह यादव,निर्वतमान महानगर अध्यक्ष सै०इफ्तेखार हुसैन को अखिलेश यादव ने फोन कर ज़िला व नगर के समस्त पदाधिकारीयों को निर्देश जारी करने को कहा। उन्होने हर सम्भव ज़रुरतमन्दों की मदद करने की बात कही साथ ही यह भी कहा की इन दिनों लोग ज़रुरतमन्दों को राहत पहोँचाते वक़्त सेल्फी और फोटो खीँच कर वाट्सऐप और फेसबुक पर अपलोड कर रहे हैं।इस पर कड़ाई से अंकुश लगाया जाए।अखिलेश ने कहा हमे दूसरे लोगों की नक़ल नहीं करनी हम दूसरों के लिए नज़ीर बने ।लोग हम से सीखें न की हम दूसरों के ग़लत कार्यों को अपनाएँ।कहा मदद करते वक़्त अगर कोई पदाधिकारी या कार्यकर्ता फोटो खींच कर सोशल साईट्स पर अपलोड करे तो ऐसे लोगों को चिन्हित कर मुझे सूचित करें।समाजवादी पार्टी महानगर प्रवक्ता सै०मो०अस्करी ने बताया की मा०राष्ट्रीय अध्यक्ष ने ज़िलाध्यक्ष व महानगर अध्यक्ष को इस पर कड़ाई से रोक लगाने और किसी ज़रुरतमन्द को मदद पहोँचाते वक़्त इस बात का ख्याल रखने को कहा की आज कोरोना वॉयरस जैसी महामारी में जो हक़दार है उसकी मदद करें लेकिन सोशल डिस्टेन्स और डब्ल्यू एच ओ के निर्देशों का शतप्रतिशत पालन सूनिश्चित करते हुए ही राहत सामाग्री का वित्रण करें। फोटो और सेल्फी से दूर रहें।


पत्रकारिता का चिंतन 'स्वाध्याय'

पत्रकार
करोना महामारी में एक बात अजीब देखने मिली और शायद इस तरफ किसी का ध्यान नही गया । क्यों?
पत्रकार जहां इस करोना महामारी में देश के शासन-प्रशासन से कंधा मिलाकर लड़ने की कोशिश कर रहा है। हम उन बड़े चैनलों की बात नही कर रहेे है। क्योंकि उन्हें तो सैलरी मिल रही है लेकिन हमारे देश के स्थानीय पत्रकार जैसे साप्ताहिक, दैनिक, न्युज पोर्टल वाले भी इस समय परेशान हैं। वह किसी से अपनी परेशानी नही बयान कर पा रहे हैं। लेकिन हमारे देश में पत्रकारों के हित हेतु हजारों संस्थाए काम कर रही है। लेकिन लाकडान को 25दिन हो गए, आज तक गरीब पत्रकारों के बिषय में न प्रधानमंत्री, न ही किसी प्रदेश के मुख्यमंत्री ,न ही किसी मंत्री, न ही किसी एमपी ,एमएलए,न ही को पत्रकारों की भलाई हेतु बनाई गई संस्था अभी तक किसी ने भी इस विषय पर कुछ कहा नही ।हमारे देश के दानवीरों को भी इनका ध्यान नही है। क्या जानबूझकर या उन्हे इनकी याद नही आई? यह एक विडम्बना ही है देश के शासन प्रशासन से कंधा मिलाकर पत्रकारों को लोग क्युं भूल रहे हैं।उनका भी ध्यान रखा जाए। सभी से मेरी अपील है
करोना महामारी से लडकर हम जरूर कामयाब होंगे।


कर्महीनता के पक्षकार 'आलोचना'

कर्महीनता के पक्षकार    'आलोचना'


महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने ,,शेर दिली प्रबंधन व्यवस्था के तहत ,,देश में भाजपा के प्रवक्ता , कार्यकर्ता एजेंट बनकर ,काम करते हुए ,गैर भाजपाई सरकार के खिलाफ षड्यंत्र रचने वाले पत्रकारों के खिलाफ कार्यवाही शुरू कर दी है ,,देश में सभी सरकारों को ऐसे एजेंट ,,कार्यकर्ता बने कथित पत्रकारों ,चेनल्स के हेड के खिलाफ मुक़दमा दर्ज कर उन्हें जेल भेजकर राष्ट्रविरोधी षड्यंत्र से देश को बचाने का सबक़ लेना चाहिए ,,देश जानता है ,देश की जनता जानती है ,,वर्तमान हालातों में अधिकतम पत्रकार ,,भाजपा एजेंडे के तहत हर  खबर में ऐंगल तलाश कर खबर का प्रसारण ,प्रकाशन करते है ,,,भाजपा शासित सरकार हो या फिर केंद्र की सरकार हो ,उसकी किसी भी प्रकार की नाकामयाबी ,अव्यवस्था पर वोह कोई खबर नहीं बनाते है ,बस टारगेट बनाकर विपक्ष में बैठे लोगों के खिलाफ राई का पर्वत बनाना ,,झूंठ को बढ़ावा देना ,,गैरभाजपाई सरकारों ,और गैर भाजपाई वोटर्स को टारगेट करके ,,खबर बनाने की प्रयोगशालाए तैयार कर खबर बनाने का काम ,, इन कथित पत्रकार का लबादा ओढ़े ,,भाजपा के हिडन एजेंटों द्वारा किया जा रहा है ,,ऐसा  नहीं है देश में इन लोगों के खिलाफ क़ानून नहीं ,है लेकिन क़ानून ,,  में कई बार दिक़्क़त यह आती है ,के ,,हमने समझा तथा हाकम से करेंगे फरियाद ,कमबख्त वोह भी तुम्हारा चाहने वाला निकला ,,,उद्ध्वठकरे के खिलाफ एक साज़िश रची गयी ,भाजपा और भाजपा के हिडन एजेंट बने पत्रकारों को ,, उद्धव ठाकरे का शासन गले नहीं उतर रहा ,वोह कर्नाटक ,मध्य्प्रदेश की तर्ज़ पर सरकारें गिराने ,,वातावरण बिगाड़ने के एजेंडे पर  काम कर रहे है ,,इसीलिए कोरोना एड्वाज़री होते हुए भी ,आपदा प्रबंधन अधिनियम , ,महामारी अधिनियम ,के विधिक प्रावधानों में ,खबरों की मर्यादाओं की पाबंदी होने ,,धारा 144 में सकारात्मक और सच्ची खबरों के प्रकाशन , प्रसारण की बाध्यता होने पर भी ,,कथित एक खुद को पत्रकारिता का चैनल बताने वाले ,ऐ बी पी चैनल ,रजत शर्मा के ट्वीट और कुछ सोशल मिडिया एक्टिविस्टों ने ,सरकार के खिलाफ वातावरण बनाने के लिए अफवाह फैलाई और महाराष्ट्र के मुम्बई में अराजकता फैलाने के लिए योजनाबद्ध अफवाह से पहले तो भीड़ एकत्रित करवाई ,फिर उस भीड़ को सिर्फ मुस्लिम ,साम्प्रदायिक ऐंगल से जोड़ कर मस्जिद का चित्र बताते हुए ,,भड़काने वाली ,देश को गुमराह करने वाली , खबरों का प्रसारण शुरू किया ,,महाराष्ट्र पुलिस ने इस मामले में विनय दूबे ,सोशल मीडिया एक्टिविस्ट और ,ऐ बी पी मराठा चैनल के पत्रकार कहे जाने वाले हिडन भाजपा कार्यकर्ता राहुल कुलकर्णी को गिरफ्तार किया है ,,,राहुल कुलकर्णी की गिरफ्तारी मात्र से ही ऐ बी पी चैनल में हिडन कार्यकर्ता रुबिका लियाक़त के हालात देखने लायक थे ,अपनी खुद की  चैनल हेड की गिरफ्तारी के खौफ से घबराकर ,पहली बार वोह ,एक बकरी जो शेर के सामने मिमियाती है इस तरह से मिमिया कर ,,खबर में मुस्लिम ऐंगल ,जमाती ऐंगल ,मस्जिद ऐंगल ,,नफरत फैलाने वाली पूर्व प्रसारित खबर का खंडन देती नज़र आयी ,,खुद रजत शर्मा जिन्होंने ट्वीट कर ,,कहा था ,इस भीड़ के पास सामान नहीं है ,,पलटी खा गए ,,शाबाश उद्धव ठाकरे ,ऐसे षड्यंत्रकारी राष्ट्रद्रोही हरकत करने वालों ,अफवाहबाजों ,,खबर खुद गढ़ कर ,देश में आराजकता का माहौल बनाने वालों के खिलाफ ऐसी कार्यवाही हर मुख्यमंत्री को करना ही चाहिए ,,पत्रकार है तो इनकी इज़्ज़त करेंगे हम ,लेकिन किसी   पार्टी ,किसी सरकार के एजेंट बनकर उनके प्रचारक ,,कार्यकर्ता की हैसियत से ,गुमराह करने वाले प्रयास करने वाले ,कभी बख्शे नहीं जाना चाहिए ,इस ऐ बी पी चैनल ने कोटा में ,,पॉलिथीन फेंकने वाली महिलाओं ,,अस्पताल में मानसिक रोगी महिला के हंगामे की खबर भी इसी ऐंगल से प्रसारित किया था ,,महिलाये दूसरी निकली ,,अस्पताल की महिला अधिकृत रूप से चिकित्सकीय  बयान के अनुसार मानसिक रोगी थी ,,यह भी उन्होने खबर में नहीं दर्शाया।


,क्योंकि खबर नहीं सिर्फ षड्यंत्र  वातावरण की मुहीम थी ,इस मामले में भी  कोटा के लोग इस चैनल खबर प्रसारक के खिलाफ कार्यवाही की तैयारी में है ,राजस्थान में अशोक गहलोत के निर्देश पर , कई कथित सोशल मीडिया एक्टिविस्ट नफरतबाज़ों के खिलाफ गिरफ्तारी की कार्यवाही की है ,जिसमे कुछ फ़र्ज़ी पत्रकार है   कुछ सरकारी कर्मचारी ,यहाँ तक के पुलिस के सिपाही भी शामिल है ,,,,कोटा में  दिलचस्प मामला चर्चा का विषय बना है ,यहां नफरत बाज़ों ने कुछ युवाओ को नफरत एडिक्ट किया ,इन युवाओं ने आव देखा न ताव ,नफरत की अफवाहे ,,नफरत के बोल ,,,लिखना शुरू किये ,,बस पुलिस अधीक्षक को शिकायत मिली ,पुलिस ने इन नफरत के अल्फ़ाज़ लिखने वालों को लोकड़ाउंन उलंग्घन में पहले ही गिरफ्तार कर लिया , लेकिन इस षड्यंत्र ,इस नफरत के लिए यह कार्यवाही नाकाफी है ,इसको लेकर शिकायतकर्ता जब सक्रिय हुए तो ,इन गुमराह युवाओं को पानी गलती का अहसास हुआ और बस फिर सिफारिशों ,हाथा जोड़ी ,,माफ़ी नामे का दौर शुरू हो गया ,सभी जानते है ,यह हिडन सियासी एजेंट मीडिया गैरभाजपाई वोटर्स ,गैर भाजपाई सरकारों ,गैर भाजपाई नेताओं के खिलाफ ,अपनी प्रयोगशालाओं में नफरत की पैदावार कर ,घर घर नफरत बाँट रहे है ,,हालात यह है के इनकी फैक्ट्री से निकले नफरत के नशे के एडिक्ट ,घर घर युवा भी होते जा रहे ऐसे में इन बच्चों ने गुमराही में आकर अगर पहली गलती की है ,, तो शिकायत करता को इन नौजवानों को भूल का अहसास होने पर माफ़ कर देना चाहिए ,,अभी भी अगर राज्य सरकारें ,,सभी सोशल मीडिया एकाउंट ,, यू ट्यूब चैनल ,,प्रिंट मीडिया ,,,फेसबुक ,इंस्टाग्राम ,, ट्विटर ,वाट्सअप संदेशों को खंगाले ,उनके कमेंट जो वोह पोस्टों पर करते है ,देखे तो वोह  इस नफरत की प्रयोगशाला के वितरक है प्रसारक है ,ऐसे लोगों को तलाश कर ,खंगाल कर जेल की सींखचों में पहुंचाना ज़रूरी हो गया है ,एक तरफ नफरत है ,एक तरफ मोहब्बत है ,एक तरफ देश है ,एक तरफ देश में नफरत फैलाने वाले यह योजनाबद्ध नफरत की प्रयोगशाला चला रहे नफरतबाज़ है ,यह राष्ट्रीयता और राष्ट्रविरोधी लोगों के बीच की लड़ाई है ,इसलिए नफरत से इस देश को  खोखला करने वाले हर घटना में नफरत का ऐंगल तैयार करने वाले इन रिसर्च स्कॉलर हिडन कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्यवाही ,सख्त कार्यवाही होना ही चाहिए ,इसके लिए सरकारों को भी कढे क़दम उठाना होंगे ,,खुद आम जनता ,सोशल मीडिया सकारात्मक विचारधारा के एक्टिविस्टों को भी ,जागृति अभियान चलाकर ,ऐसे लोगों के खिलाफ मुक़दमे दर्ज करवाना होंगे ,नफरत फैलाने वाला कोई भी हो ,में ,मेरा भाई ,या दूसरा ,तीसरा कोई भी पक्ष हो उसके खिलाफ कार्यवाही होना चाहिए ,में शुक्रगुज़ार हूँ ,वरिष्ठ पत्रकार उदयपुर निवासी अख्तर खान साहब का ,जो इस मुहिम में सकारात्मक तरीके से नफरतबाज़ों के चंगुल में फंसे ,नोजवानो को सच्चाई उजागर कर ,,इस नफरत के ज़हर से बचाने के प्रयासों में लग गए ,है अभी एक खबर महाराष्ट्र की मुंबई में भीड़ जमा होने पर प्रकाशित ,प्रसारित खबर ,और वर्तमान हालातों में ज़िम्मेदारियों  की खबर से नज़र अंदाज़ी पर एक रिसर्च यूं ट्यूब खबर तैयार की गयी है ,जिसे काफी  लोकप्रियता मिल रही ,है ,,एक बार फिर उद्धव ठाकरे ,मॉडल को राजस्थान सहित पूरे हिंदुस्तान में ईमानदाराना तरीके से लागू करने पर अभियान के रूप में काम होना चाहिए ,ताकि सरकारों की नाकामी से ध्यान हटाने के लिए  ,,नफरत और गुमराही खबरों की प्रयोगशाला के इन हिडन कार्यकर्ताओं की  नफरत प्रयोगशालाए  बंद हो सके और देश ,,नफरत की बीमारी का एडिक्ट ,मानसिक रोगी होने से बच सके ,,देश को भूख ,गरीबी ,रोज़गार ,चुनावी एजेंडे की क्रियान्विति ,जनता से जुडी खबरे मिल सकें ,,गैर भाजपाई सरकारों ,गैर भाजपाई वोटर्स को टारगेट खबरों पर विराम लगकर खबरे सिर्फ देश के लिए देशवासियों के लिए निष्पक्ष और निर्भीक प्रकाशित और प्रसारित हो सकें ,आओ हम जंग करे ,एक बार फिर नफरत के खिलाफ आज़ादी की ,,आओ फिर हम जंग करे ,ओरिजनल पत्रकारों के साथ ,मिलकर , पत्रकारिता के भेस में छुपे हिडन कार्यकर्ताओं खिलाफ जंग करें ,,यह देश हमारा  है ,इसे बचाने की यहां मोहब्बत का  माहौल तैयार करने की ज़िम्मेदारी हमारी ,आपकी सभी की तो है ,कुछ गिनती के नफरत बाज़ ,कुछ गिनती की नफरत प्रयोगशालाए चाहे किसी भी धर्म ,किसी भी मज़हब ,,  किसी भी पत्रकारिता की खाल में छिपी प्रयोगशाला में हो ,उसके खिलाफ हम है ,आप हैं फिर वोह चाहे ,में , मेरा भाई ,आप ,, आपका भाई क्यों न हो।


एडवोकेट ,अख्तर खान अकेला


वायरस की प्रवासियों पर दोहरी मार

राज्य सरकारों पर दोहरी मार
कोरोना संकट और प्रवासी लोग

इन दिनों देश के अधिकांश प्रदेशों के सामने दोहरी चुनौती खड़ी हुई है!
एक चुनौती कोरोना संकट से निपटने की है, तो दूसरी चुनौती प्रवासी मजदूर और छात्र-छात्राओं की समस्याओं का समाधान करने की बनी हुई है!
घर बंदी पार्ट 2 के बाद देश के राजस्थान गुजरात महाराष्ट्र और दिल्ली जैसे राज्यों में प्रवासी मजदूर छात्र-छात्राओं की चुनौती एक साथ उग्रता के साथ खड़ी होती हुई दिखाई देने लगी!
राज्य सरकारों के सामने समस्या यह है कि सरकारें कोरोना संकट से निपटें या फिर प्रवासियों की समस्याओं का समाधान करें, जहां तक राज्य सरकारों की प्रवासियों को लेकर जिम्मेदारियां हैं उन जिम्मेदारियों को सरकार अपने स्तर पर निभा रही हैं लेकिन प्रवासी अपने घरों पर जाने की जिद पर अड़े हुए हैं इस समस्या का समाधान क्या हो इस पर राज्य केंद्र से मंत्रणा भी करते हुए दिखाई दे रहे हैं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एनडीटीवी चैनल पर इस समस्या के समाधान का हल भी बताया गहलोत ने कहा कि राजस्थान के कोटा शहर में लगभग 25000 छात्र-छात्राएं जो आईआईटी और मेडिकल की तैयारी कर रहे थे वह अपने घर जाना चाहते हैं, गहलोत ने कहा की मैंने इस बारे में प्रधानमंत्री को सुझाव भी दिया था की केंद्र कोई ऐसी व्यवस्था करें जिससे प्रवासी मजदूर वे छात्र छात्राएं अपने घरों पर सुरक्षित जा सके! राजस्थान में अटके पड़े प्रवासी छात्र छात्राओं के लिए गहलोत चिंतित भी नजर आए, और वह इस समस्या के समाधान का हल् ढूंढते दिखाई दिए!
वैसे तमाम राज्य प्रवासी मजदूर और छात्र-छात्राओं का पूरा ध्यान रख रहे हैं उन्हें खाने-पीने से लेकर रहने तक की समस्या नहीं आने दे रहे हैं इस काम में केवल सरकार ही नहीं बल्कि स्थानीय लोग वह समाज सेवक भी जुटे हुए हैं, इसके बाद भी प्रवासी मजदूरों वे छात्र छात्राओं को तनाव में देखा जा रहा है, इस समय इन लोगों को भरोसा दिलाने की सख्त जरूरत है राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने प्रदेश के प्रवासियों में भरोसा दिलाने का भरसक प्रयास कर रहे हैं राज्य सरकार ने प्रवासियों के लिए हेल्पलाइन सुविधा भी मुहैया करा रखी है जो रात दिन कार्य कर रही है, लेकिन गुजरात महाराष्ट्र और राजस्थान दिल्ली मैं अचानक से उमड़ा प्रवासियों का झुंड बताता है कि प्रवासी घर वापसी के अलावा और कुछ नहीं चाहते, वासियों को संयम धैर्य और विश्वास रखना चाहिए जो वह अभी तक रखते आए हैं थोड़े दिन की बात और है सरकार सारे देश के लिए चिंतित है, सरकार देश के हर नागरिक को कोरोना से भी और भूख से भी बचाने में जुटी हुई है!
                 देवेंद्र यादव 


पक्षी बचाओ अभियान जारी रखें।

पंक्षी बचाओ अभियान लगातार जारी रख रहे है पानी का सकोरा


धमतरी जन कल्याण सेवा समिति ने चौथे शिविर मे मराठा पारा वार्ड के आसपास पंक्षियों के लिए दाना पानी रखे। पंक्षियों के लिए घरों घर पानी की व्यवस्था करने के उद्देश्य से हर वर्ष पंक्षी बजाओ अभियान चलाया जाता है। इस वर्ष भी यह अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें मराठा पारा वार्ड के आसपास पानी का सकोरा रखा गया है। जिसमें पानी डालने की जिमेदारी खुद वहां के पंक्षी प्रेमी पर्व पार्षद दुष्यंत राव घोरपड़े ने ली और कहा यहां बहुत ही नेक कार्य है। ऐसे पुण्य कार्य मे हम सबको आगे आना चाहिए और हम सभी को अपने घरों के आसपास पशु पंक्षियों के लिए दाना पानी रखना चाहिए। समिति के अध्यक्ष गुड्डा रजक खुद अकेले ही आसपास मिट्टी के सकोरा रख और घर मे पंक्षियों के लिए दाना खुद तैयार कर रहे है। गुड्डा रजक ने कहा हर वर्ष यहां अच्छे कार्य हमारे समिति द्वारा किया जाता है और बहुत दिल से खुशी होती है की हम ऐसे कार्य कर रहे आगे भी यहां कार्य चलता रहेगा सभी नगर वासियों से एक अपील भी कि है आप भी अपने घरों के आसपास पशु पंक्षियों के लिए दाना पानी जरूर रखें।


मृतकों के शवों से फैल रहा संक्रमण

बैंकॉक। थाईलैंड में कोराना संक्रमण से मृत लोगों की लाशों से दूसरों में संक्रमण फैलने का पहला मामला सामने आया है। यह संक्रमण मरीज की लाश के शव परीक्षण से खुलासा हुआ। इसे विश्व में दर्ज इस प्रकार का पहला मामला बताया जा रहा है। यह मामला सामने आने के बाद विशेषज्ञों ने चीरघर और अंतिम संस्कार स्थलों से संक्रमण फैलने की चिंता जताई है।


बैंकॉक के वैज्ञानिकों ने जर्नल ऑफ फॉरेंसिक लीगल मेडिसिन स्टडी में शोध जारी करते हुए इस मामले की खुलासा किया है। यह शोध में बैंकॉक के आरवीटी चिकित्सा केंद्र के वोन श्रीविजितालाई और चीन के हैनान चिकित्सा विश्वविद्यालय के विरोज वाईवानितकित ने किया है। इन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमित जीवित या मृतक के शव में संपर्क में आने से पहले हर व्यक्ति निजी सुरक्षा उपकरण जरूर पहनें। खासतौर से पोस्टमार्टम और शव परीक्षण के समय कोविड-19 रोगग्रस्त होने संभावना बन सकती है।


विशेषज्ञों का मानना है कि वायरस संक्रमण से मारे गए लोगों के शव का अंतिम संस्कार बेहद सावधानी से होना चाहिए। अस्पताल से भी शव पूरी सावधानी से अंतिम संस्कार के लिए भेजें। श्रीलंका सरकार ने भी शव से संक्रमण का खतरा देखते हुए मुस्लिम समुदाय के आपत्ति को दरकिनार कर सभी शव जलाने का आदेश दिया है। यहां कई मुस्लिम समुदाय के मृतकों के शव जला दिए गए हैं। मौजूदा अध्ययन में यह साफ नहीं हुआ है कि शव में कोरोना वायरस कब तक रह सकता है या शव को छूने से यह किस तरह फैल सकता है। हालांकि दुनिया भर में मुर्दाघरों में सेवाएं दे रहे स्वास्थ्य कर्मियों ने संक्रमण का खतरा जताया है।


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...