रविवार, 12 अप्रैल 2020

बीरगंजः 3 भारतीय कोरोना पॉजिटिव

काठमांडू। नेपाल के पारसा जिले में बीरगंज इलाके में तीन भारतीय नागरिकों के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है। नेपाल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि तीनों भारतीय नागरिकों में कोरोना के लक्षण नजर आने के बाद क्वारंटीन में रखा गया था। इसी दौरान उनके सैंपल जांच के लिए भेजे गए, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।


नेपाल में तीन भारतीय कोरोना पॉजिटिवः स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बीरगंज इलाके में तीन भारतीय नागरिकों के कोविड-19 पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है। इसी के साथ नेपाल में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है। नेपाल के बीरगंज में कोरोना पॉजिटिव पाए गए तीनों भारतीय नागरिकों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उन्हें जरूरी इलाज मुहैया कराया जा रहा है।


व्हाट्सएप पर कक्षा लेने वाली शिक्षिका

परिषदीय विद्यालय मुरारपुर की गीता ह्वाट्सऐप से पढ़ाने वाली जनपद की पहली शिक्षिका बनी


सुनील पुरी


बिंदकी फतेहपुर। विकासखंड देवमई के परिषदीय विद्यालय मुरारपुर की प्रधानाध्यापिका गीता यादव ने कोरोना वायरस के चलते लॉक डाउन की वजह से विद्यालय बंद है। ऐसे में उन्होंने व्हाट्सएप पर पढ़ाई की शुरुआत की है। जिससे बच्चों की पढ़ाई सुचारू रूप से होती रहे। उन्होंने बताया कि यूँ तो मैंने 6 माह पहले ही अभिभावकों क़ा watsapp  ग्रुप आवश्यक सूचनाओं के संप्रेषण हेतु बनाया था पर उस समय मुश्किल से 10 अभिभावक ही ऐसे थे। जिनके पास android फोन था तो इस चुनौती क़ा सामना करने के लिए मैंने छात्रों के परिवार के ऐसे सदस्य जिनके पास android फोन था (भले ही वो चाचा, ताऊ, भाई, चचेरा भाई  आदि) ,समूह मे जोड़ लिया था । 
    उस वक्त समूह में विद्यालय में होने वाली हर गतिविधि शेयर की जाती थी ताकी अभिभावकों के दिल से बेसिक की गलत छवि मिटा सकूँ और उन्हे भी दिखे कि उनका बच्चा कॉन्वेंट से भी कही बेहतर शिक्षा प्राप्त कर रहा है , TLM , रोल प्ले, गतिविधियाँ , कविता, कहानी, कॉमिक्स आदि को समय समय पर अभिभावकों द्वारा सराहा भी गया । विभिन्न मीटिंग की सूचना भी ग्रुप पर दे दी जाती थी ....... पर क्या पता था कि उस समय क़ा बनाया गया ये ग्रुप लॉक डाउन की स्थिति में यूँ कारगर सिद्ध होगा ।
    लॉक डाउन के समय समूह की सार्थकता सिद्ध हुई। जब कई दिन हो गए और बच्चों से बात हुई तो सब अपनी पढ़ाई को लेकर परेशान दिखे और घर और रहकर बोर भी हो रहे थे। सर्वप्रथम मैंने ग्रुप में बच्चों को COVID_19 पर बचाव हेतु पोस्टर बनाने क़ा टास्क दिया, परंतु मात्र 2 छात्रों ने ही अपनी कृति साझा की , फोन करने पर पता चला कि अभिभावक उन्हे बताना भूल गये । अब मैंने एक समय निश्चित कर दिया है, सुबह 7 बजे आराधना मैम योगा क़ा एक वीडियो भेजती हैं, मैं बच्चों को कक्षावार, विषयवार प्रश्नपत्र तैयार करके प्रेषित करती हूँ, बच्चे उनका प्रतिउत्तर मुझे भेजते हैं एवं समस्याएं भी साझा करते हैं, फिर भी ज्यादा से ज्यादा 10 बच्चे ही ऐसा करते थे । दो बच्चों को लीडर बनाया जो अगल बगल के बच्चों को भी प्रश्नपत्र बताने लगे , इसमें ग्रुप के प्रबुद्ध लोग भी भागीदारी कर रहें हैं। वर्तमान समय में लगभग 30-35 छात्र इस ऑन लाइन शिक्षा से लाभान्वित हो रहे हैं।
      ग्रुप में विकास खण्ड के खण्ड शिक्षा अधिकारी भी हैं जो समय समय पर COVID-19 से सम्बन्धित सूचनाओं के साथ साथ  आओ अंग्रेजी सीखें के सारे एपिसोड भी साझा करते रहते हैं। 
स्कूल चलो अभियान पर सहायक शिक्षा निदेशक अब्दुल मुबीन द्वारा लिखा गीत मैंने स्टारमेकर पर गाकर अभिभावकों को सुनाकर बेसिक स्कूलों की खूबियाँ बतायी व स्कूल चलो अभियान की शुरुवात भी की। स.अ.आराधना जी घर पर TLM के साथ वीडियो बनाकर भेजती हैं ताकि बच्चों की रुचि बनी रहे। कक्षा 1 के लिए मैने rhymes के वीडियो भी तैयार किए हैं। विषय आधारित कविताएं भी साझा करती रहती हूँ । zoom app के प्रयोग की भी तैयारी है। प्रधानाध्यापिका कहती हैं कि लॉक डाउन की स्थिति  मेरे बच्चों की पढ़ाई में बाधक नहीं बनेगी।


पीएम पर टिप्पणी करने वाला गिरफ्तार

आनंद


मीरजापुर। सोशल मीडिया फेसबुक पर अपने फेसबुक आईडी से प्रधानमंत्री का आपत्तिजनक फोटो पोस्ट करने वाले अभियुक्त मठना निवासी अभियुक्त सोनू अंसारी (19वर्ष) पुत्र फारूक अंसारी को बीती रात पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और उसके विरुद्ध थाना जमालपुर पर आईपीसी की धारा 153 ए, 505 (2) भा0द0वि0 व 67 आईटी एक्ट के तहत मुकदमा लिख जेल भेज दिया गया। इस दौरान थाना जमालपुर के थानाध्यक्ष अश्वनी त्रिपाठी, उ0नि0 पंकज राय, का0 राहुल यादव व का0 सुशील सिंह मौजूद रहे।


चर्च में पहुंचे 39 लोग गिरफ्तार

महासमुन्द। नयापारा के एक चर्च में रविवार सुबह रविवारी प्रार्थना करने चर्च पहुंचे 39 महिला-पुरूष को सिटी कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस सभी लोगों के खिलाफ धारा 144 और धारा 188 के उल्लंघन करने का मामला दर्ज कर सभी को जेल भेजने की तैयारी कर रही है। पूरे देश में और प्रदेश में कोरोना को लेकर सावधानी बरती जा रही है, लेकिन एक वर्ग के लोगों द्वारा शासन प्रशासन के बारबार चेतावनी देने के बाद भी लगातार ऐेसे कृत कर शासन प्रशासन के नियमों की धज्जीयां उठाई जा रही है। सिटी कोवताली पुलिस को रविवार सुबह 11 बजे सूचना मिली की नयापारा स्थित इंडियन बिलिबर फेलोशिप चर्च के पास्टर प्राणेश्वर राव ने 39 महिला पुरूषों को अपने चर्च में प्रार्थना करने के लिए बुलाया है।
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सूचना पाकर तत्काल पुलिस मौके पर पहुंची और सभी को चर्च से गिरफ्तार कर स्थानीय टाउन हाल में लाकर सभी के खिलाफ 144 का उल्लंघन करने के आरोप में कानूनी कार्रवाई करते हुए जेल भेज रही है। जेल भेजने से पहले जिला प्रशासन को मामले की जानकारी पुलिस ने दी जिसके बाद अनुविभागीय अधिकारी सुनील चन्द्रवंशी, तहसीलदार चोपड़ा पहुंचे और जिला अस्पताल के चिकित्सकों को जांच के लिए बुलाया गया। सभी महिला पुरूषों का जिला चिकित्सालय की टीम ने चेकप किया। चर्च के 39 महिला पुरूषों के साथ कुछ बच्चे भी प्रार्थना के लिए पहुंचे थे। जिनमें से एक बच्चे के शरीर का टेम्प्रेचर जांच में अधिक पाया गया है, जिसे इलाज के लिए अस्पताल भेजने की बात डाक्टरों ने कही है।


अंत्येष्टि में गए सैकड़ों, रिपोर्ट पॉजिटिव

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बीते दिनों बुजुर्ग जगन्नाथ मैथिल की मौत हो गई थी। उनकी अंत्येष्टि में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे। तीन दिन बाद जब मृतक बुजुर्ग की जांच रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई तो अंत्येष्टि में शामिल लोगों के बीच हड़कंप मच गया। साथ ही बुजुर्ग का इलाज करने वाले हमीदिया अस्पताल के डॉक्टरों और स्टाफ के बीच भी सनसनी फैल गई है, क्योंकि 3 दिन पहले जब बुजुर्ग की मौत हुई थी, तब उस समय न ही परिवार को और न ही हमीदिया अस्पताल के डॉक्टरों को यह पता था कि उन्हें कोरोना वायरस का संक्रमण है।


भोपाल में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है। भोपाल में कोरोना से यह दूसरी मौत हो गई है। शनिवार देर रात भोपाल के जहांगीराबाद निवासी मृतक बुजुर्ग जगन्नाथ की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई। उनकी मौत 3 दिन पहले भोपाल के हमीदिया अस्पताल में इलाज के दौरान हुई थी। राजधानी में अब कोरोना से मौत का आंकड़ा 2 तक पहुंच गया है। 6 अप्रैल को भोपाल में कोरोना से पहली मौत हुई थी। कोरोना वायरस से संक्रमित इब्राहिमगंज निवासी नरेश खटीक ने भोपाल के नर्मदा अस्पताल में कोरोना से दम तोड़ा था।


सुभाष विश्राम घाट पर पहुंचे थे सैकड़ों लोग


जगन्नाथ मैथिल की 9 अप्रैल को मौत हुई है। उनकी अंत्येष्टि में बरखेड़ी जहांगीराबाद के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए थे. उस समय सभी लोग सोच रहे थे कि दादा बुजुर्ग थे। इस कारण उनकी मौत हो गई। उनकी अंत्येष्टि में जहांगीराबाद स्थित उनके घर से लेकर सुभाषनगर विश्राम घाट तक सैकड़ों लोग पहुंचे थे। साथ ही जिस समय उनका इलाज हमीदिया अस्पताल में चल रहा था, उस समय डॉक्टर और दूसरे स्टाफ को भी उनके कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी नहीं थी। डॉक्टर सामान्य इलाज कर रहे थे। ऐसे में अब 3 दिन के बाद पॉजिटिव रिपोर्ट आई है तो लोगों के साथ अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ में हड़कंप का माहौल है।


बेटे को जहर देकर, कर ली आत्महत्या

 बाप ने 12 साल के बेटे को खिलाया जहर, फिर खुद भी लगाया मौत को गले
 
कविता गर्ग


जौनपुर। उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में कोरोना वायरस के संक्रमण के इस काल में सबकुछ ठप पड़ा हुआ है। इसी कड़ी में रविवार को गौराबादशाहपुर थाना क्षेत्र के धर्मापुर ठकुरची गांव में एक बाप ने खुद विषाक्त पदार्थ खाने के बाद (12) वर्षीय बेटे को भी खिला दिया। वहीं इलाज के दौरान जिला अस्पताल में पिता ने दम तोड़ दिया जबकि पुत्र को हालत नाजुक होने के चलते बीएचयू ट्रामा सेंटर के लिए रेफर कर दिया गया। बाप-बेटे के जहर खाने को लेकर पूरे गांव में सन्नाठा पसरा हुआ है। फिलहाल पुलिस घटना की जांच पड़ताल में जुटी है।


जानकरी के मुताबिक गौराबादशाहपुर थाना क्षेत्र के धर्मापुर ठकुरची गांव निवासी कोमल यादव (38) ने पहले बेटे आदित्य यादव (12) को विषाक्त पदार्थ खिलाया फिर खुद खा लिया. हालत बिगड़ने पर परिजनों में हड़कंप मच गया। दोनों बाप-बेटे को आनन-फानन में 108 एंबुलेंस से जिला अस्पताल जौनपुर ले गए। जहां पर इलाज के दौरान कोमल यादव ने दम तोड़ दिया। डाक्टरों ने प्राथमिक इलाज के बाद बेटे आदित्य की हालत नाज़ुक देखते हुए बीएचयू ट्रामा सेंटर के लिए रेफर कर दिया। मृतक के परिजनों के दबी जुबान के अनुसार कोमल विगत चार वर्ष एक लंबी बीमारी से लड़ रहा था, जिसको लेकर हमेशा तनाव में रहता था। वहीं मृतक के दो पुत्र व एक पुत्री है। पत्नी की मौत दो वर्ष पूर्व ही हो गया था। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।


संक्रमण वृद्धि में प्रदूषण बड़ा सहायक

न्यूयॉर्क। कोरोना वायरस संक्रमण और वायु प्रदूषण के बीच संबंध उजागर करने वाली एक अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका के उन शहरों में कोरोना संक्रमण से मौत होने के ज्यादा मामले सामने आए हैं जिनमें वायु प्रदूषण का स्तर तुलनात्मक रूप से अधिक है।
स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्यरत अग्रणी अमेरिकी संस्थान ‘हार्वर्ड टी एच चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ’ की हाल ही में प्रकाशित अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार, वायु प्रदूषण की अधिकता वाले इलाकों में कोविड-19 के मरीजों की मौत के ज्यादा मामले सामने आए हैं। इसके अनुसार अमेरिका के 3080 कांउटी में वायु प्रदूषण के स्तर और कोरोना से हुई मौत के तुलनात्मक अध्ययन के आधार पर यह बात सामने आई है
अध्ययन रिपोर्ट में अमेरिकी शहरों में प्रदूषण की मात्रा और कोरोना वायरस संक्रमण से मौत के आंकड़ों को सूचीबद्ध नहीं किया गया है, बल्कि अध्ययन में शामिल विभिन्न कांउटी (अमेरिका में एक कांउटी में कुछ शहर और कस्बे होते हैं) में प्रदूषण और आबादी सहित अन्य मानकों के आधार पर कोरोना के असर संबंधी चार अप्रैल तक जुटाए गए आंकड़ों के आधार पर तुलनात्मक अध्ययन किया गया है।
इसमें पाया गया कि मेनहट्टन कांउटी में जिन शहरों में पिछले 20 साल में पीएम 2.5 का औसत स्तर एक यूनिट अर्थात एक माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से कम पाया गया, उनकी तुलना में इस कांउटी में कोरोना से 248 कम मौतें हुईं। इसके अनुसार वाहन, तेल शोधन एवं बिजली संयंत्रों के कारण वायु प्रदूषण का सामना कर रहे अमेरिकी शहरों में, उन शहरों की तुलना में कोरोना से अधिक मौत हुईं जिनमें वायु प्रदूषण या तो तुलनात्मक रूप से कम है या प्रदूषण की वजह इन तीन कारणों से इतर कुछ और है।
अध्ययन में शहर की आबादी, अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या, कोरोना का परीक्षण किए गए मरीजों की संख्या, मौसम, सामाजिक आर्थिक स्थिति और लोगों के बर्ताव, जिसमें मोटापे की प्रवृत्ति और धूम्रपान की आदत को प्रमुख मानक के तौर पर शामिल किया गया। इसके आधार पर अध्ययन में पाया गया कि कोरोना से हुयी मौत की दर को बढ़ाने में वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार पार्टीकुलेट तत्व (पीएम 2.5) के संपर्क में अधिक समय तक रहना, एक वजह के रूप में सामने आया है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक कई दशक तक वायु प्रदूषण की अधिकता वाले इलाके में रहने वालों के लिये कोरोना से मौत का खतरा 15 प्रतिशत ज्यादा पाया गया जबकि जिन शहरों में वायु प्रदूषण नियंत्रित था, उनके निवासियों के लिए यह खतरा 15 प्रतिशत कम पाया गया।
रिपोर्ट में मौजूदा परिस्थितियों के आधार पर भविष्य के बारे में आगाह भी किया गया है कि अधिक वायु प्रदूषण वाले डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया में, कम वायु प्रदूषण वाली पड़ोसी कांउटी मोंटगोमरी की तुलना में कोरोना से मौत के अधिक मामले सामने आ सकते हैं। इसी प्रकार शिकागो में पड़ोस के इलाके लेक कांउटी और अटलांटा में पड़ोस की डगलस कांउटी की तुलना में कोरोना की अधिक गंभीर स्थिति का हवाला देते हुए इसे इन शहरों में अधिक वायु प्रदूषण होने से जोड़ा गया है। इस आधार पर रिपोर्ट में शिकागो और अटलांटा में लेक तथा डगलस कांउटी की तुलना में कोरोना से मौत की दर अधिक रहने के प्रति आगाह किया है। अध्ययन दल में शामिल वरिष्ठ वैज्ञानिक फ्रांसिस्का डोमिनिकी ने इस बात के लिए आगाह भी किया कि अधिक वायु प्रदूषण वाली कांउटी में न सिर्फ कोरोना के मरीजों की संख्या अधिक होगी बल्कि इनकी मौत के ज्यादा मामले भी सामने आने का खतरा है। इसके मद्देनजर उन्होंने वायु प्रदूषण नियंत्रण के उपायों को युद्धस्तर पर सुचारु रखने के महत्व को रेखांकित करते हुये कोरोना संकट के बाद भी मानव स्वास्थ्य की खातिर हवा को साफ बनाने को प्राथमिकता देने को अनिवार्य शर्त बताया।


कौशाम्बी: डीएम द्वारा समिति की बैठक की गई

कौशाम्बी: डीएम द्वारा समिति की बैठक की गई  रामबाबू केसरवानी  कौशाम्बी। जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी द्वारा उदयन सभागार में स्वच्छ भारत मिशन (ग्...