शुक्रवार, 10 अप्रैल 2020

डीएम सहायता कोष में जमा की राशि

कोविड-19: वैश्विक महामारी कौशाम्बी डीएम सहायता कोष में जमा किये 21 हजार, सीडीओ को सौपा चेक


कौशाम्बी। कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से निपटने के लिए सरकार द्वारा युद्धस्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं, साथ ही सभी आवश्यक कदम भी उठाये जा रहे हैं। इस संकट की घड़ी में सरकार अपने समस्त नागरिकों, विशेषकर श्रमिकों, किसानों, वृद्धजनों, विधवा महिलाओं सहित समाज के कमजोर वर्ग के प्रत्येक परिवार हेतु आर्थिक मदद पहुंचाने का कार्य कर रही है। इसके साथ ही सन्देहास्पद एवं संक्रमित मरीजों के निःशुल्क इलाज के साथ साथ भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए भी समस्त आवश्यक प्रबंध किए जा रहे हैं। इस कार्य में जनता की सहभागिता एवं सहयोग के लिए भी अपील की जा रही है, जिसके क्रम में बिजनेसमैन राहुल केसरवानी भी सरकार के कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग किया है। कौशाम्बी में कोविड-19, वैश्विक महामारी डीएम सहायता कोष में बिजनेसमैन राहुल केसरवानी ने 21000 रुपये की सहयता राशि का चेक शुक्रवार को सीडीओ इन्द्रसेन सिंह को प्रदान किया।


रिपोर्ट- धीरज पाठक पत्रकार


इंडियाः 37 लोगों की मौत, 896 संक्रमित

नई दिल्ली। भारत में विदेशी नागरिकों सहित कोरोना वायरस महामारी से संक्रमित होने वालों की संख्या शुक्रवार (10 अप्रैल) को बढ़कर 6,761 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बात की जानकारी दी। मंत्रालय ने शुक्रवार को जारी आंकड़ों में कहा कि देश में कोविड-19 संक्रमण के चलते 206 मौतें हुई हैं और वर्तमान में कुल 6,039 व्यक्ति महामारी से संक्रमित हैं। वहीं, पिछले 24 घंटे में कोरोना के 896 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 37 लोगों को इस वायरस की वजह से अपनी जान गंवानी पड़ी है और 516 (1 माइग्रेटेड) मरीज अब तक इस बीमारी से ठीक हो चुके हैं।
मंत्रालय ने ने कहा, “महाराष्ट्र में सबसे अधिक 97 मौतें हुई हैं और वहीं, गुजरात में संक्रमण के चलते 17 लोगों की जान गई है। अब तक उपचार के बाद पूर्ण रूप से स्वस्थ हुए 515 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।” देश के 27 राज्य और सभी केंद्र शासित प्रदेशों में से कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे अधिक मामले 1,364 महाराष्ट्र से ही आए हैं। इसके बाद 898 मामलों के साथ दिल्ली दूसरे, जबकि 834 मामलों के साथ तमिलनाडु तीसरे स्थान पर है।
गौरतलब है कि भारत में कोरोनावायरस की रोकथाम के मद्देनजर केंद्र सरकार द्वारा 24 मार्च की मध्यरात्रि से 21 दिनों का राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन घोषित किया गया है।
देश में कोविड-19 संक्रमण के चलते 206 मौतें हुई हैं और वर्तमान में कुल 6,039 व्यक्ति महामारी से संक्रमित हैं। पिछले 24 घंटे में कोरोना के 896 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 37 लोगों को इस वायरस की वजह से अपनी जान गंवानी पड़ी है और 516 (1 माइग्रेटेड) मरीज अब तक इस बीमारी से ठीक हो चुके हैं।


पंजाब-ओडिशा में 1 मई तक लॉक डाउन

नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) को फैलने से रोकने के लिए पंजाब में भी लॉकडाउन और कर्फ्यू की अवधि बढ़ाकर 30 अप्रैल कर दी गई है। राज्य के स्पेशल चीफ सेक्रेटरी के.बी.एस. सिधु ने शुक्रवार (10 अप्रैल) को यह जानकारी दी। इसके साथ ही ओडिशा के बाद पंजाब ऐसा दूसरा राज्य बन गया है, जहां लॉकडाउन को बढ़ाकर 30 अप्रैल तक कर दिया गया है।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने पहले ही राज्य में लॉकडाउन बढ़ाने का संकेत देते हुए कहा था कि उनकी सरकार इसे बढ़ाने पर गंभीरता से विचार कर रही है क्योंकि पाबंदियां हटाने के लिए यह उपयुक्त समय नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ केंद्र की ओर से राज्यों के लिए तय 15 हजार करोड़ रुपए का पैकेज नाकाफी है और ऐसे में मोदी सरकार को प्रदेश सरकारों को पर्याप्त वित्तीय मदद देनी चाहिए।


91 लोग इस बारे में बात कर रहे हैं
पंजाब में शुक्रवार (10 अप्रैल) सुबह कोरोना का दो नए मामले सामने आने के साथ राज्य में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 132 हो गई है। इस बीमारी से राज्य में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है।
किसानों को लॉकडाउन में ढीलः मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बताया कि 15 अप्रैल से किसानों को फसलों की कटाई के लिए लॉकडाउन में ढील दी जाएगी और इसमें सामाजिक दूरी का ध्यान रखा जाएगा। सिंह ने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, ''हमने पहले लॉकडाउन किया और बाद में कर्फ्यू लगाया। फिर लोगों तक जरूरी वस्तुओं को पहुंचाने की व्यवस्था की। हमारे लोग हर मोहल्ले में पहुंचकर जरूरी वस्तुएं मुहैया करा रहे हैं।''
केंद्र के 15 हजार करोड़ नाकाफीः केंद्र सरकार की ओर दिए जा रहे पैकेज के बारे में पूछे जाने पर अमरिंदर ने कहा, ''15 हजार करोड़ रुपए पर्याप्त नहीं है। हमारे देश की 1.30 अरब की आबादी में यह कुछ नहीं है।'' उन्होंने कहा, ''राज्यों की स्थिति ऐसी स्थिति नहीं है वे अकेले लड़ सकें। केंद्र को उनकी पूरी मदद करनी चाहिए।''
तबलीगी जमात से जुड़े 27 लोग कोरोना संक्रमित
सिंह ने कहा कि कोरोना वायरस संकट के दौरान एक बात अच्छी हुई कि इस दौरान नशीली दवाओं की आपूर्ति ठप हो गई। उन्होंने यह भी बताया कि तबलीगी जमात से जुड़े 651 लोग पंजाब आए थे, जिनमें से 636 का पता लगा लिया गया है। इनमें से 27 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं।


'नाथ जी' के शासन में गऊ का सत्कार

अशोक कुमार संवाददाता


तिलहर/शाहजहांपुर। प्रदेश की राजनीति का एक पहलू गाय पर निर्धारित है। लेकिन गाय की हालिया स्थिति पर सरकार का कोई ध्यान नहीं है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार से यह अपेक्षा न थी। गोवंश का इतना सत्कार इससे पूर्व कभी नहीं हुआ। तहसील सदर के ब्लाक ददरौल में पडने वाली ग्राम पंचायत धन्योरा में पिछले एक माह से आरा ब्लेड तार से दोनो पैरों से घायल जख्मी नंदी पड़ा है। पर प्रशासन सुध नहीं ले रहा राष्ट्रीय बजरंग दल के सहयोग से चल रहा उपचार एवं चारा पानी की व्यवस्था कई बार कहने पर पशु चिकित्सक एक बार पहुंचकर खानापूरी कर चले आए। दोबारा जाने की आवश्यकता नहीं समझी। राष्ट्रीय बजरंग दल के गौ सेवा प्रमुख अरुण कुमार सिंह लाँक डाउन के चलते हुए भी घर से 15 किलोमीटर दूर पहुंचकर प्रतिदिन हर संभव इलाज एवं चारे पानी की व्यवस्था करते हैं। एक तरफ जहां राष्ट्रीय बजरंग दल सड़कों से घूम घूम कर जख्मी गोवंश को उठाकर अपने द्वारा चलाए जा रहे जख्मी गोवंश आश्रय स्थल पर पहुंचा रहा है इलाज कर सही भी कर चुके हैं वहीं अब तक प्रशासन ने जख्मी गोवंश के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं की है जहां पर जख्मी गौवंश का इलाज हो सके कहने के लिए तमाम गौशाला  कागजों पर चल रही हैं परंतु  जिंदा गौवंश भी मरने की कगार पर है जख्मी गोवंश तो भगवान भरोसे हैं।


95 हजार से ज्यादा मौतौ की इबारत

अकाशुं उपाध्याय


नई दिल्ली। नए साल का पहला दिन जब हर कोई जश्न में डूबा था, तब चीन में नया जानलेवा वायरस जन्म लेने की चेतावनी सामने आई और देखते ही देखते यह पूरी दुनिया को बेबस कर देने वाली महामारी में तब्दील हो गई, जिसने सभी देशों को न भूलने वाले सबक दिए हैं। चीन ने 31 दिसंबर और 01 जनवरी की रात 01.38 बजे अधिकृत तौर पर इस वायरस का खुलासा किया, जो 1.1 करोड़ आबादी वाले वुहान के खुले मांस बाजार से फैला। 100 दिन में कोरोना से दुनिया भर में मरीजों की संख्या 16 लाख के पार पहुंच गई है और 95 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
01 जनवरी
वुहान का मांस बाजार बंद
वुहान का मांस-मछलियों का बाजार बंद। रहस्यमय बीमारी की खबरें चीन के सोशल मीडया में वायरल। ताइवान, हांगकांग और सिंगापुर ने सबसे पहले स्क्रीनिंग शुरू की। 
09  जनवरी
नोवेल कोरोनावायरस की पहचान
चीनी वैज्ञानिकों ने सार्स, मार्स से अलग नए कोरोना वायरस की पहचान की। वुहान में 61 साल के पहले मरीज की मौत।
13 जनवरी-चीन से बाहर पहला केस
चीन से बाहर थाईलैंड में पहला केस मिला। चीन ने कहा कि मानव से मानव में संक्रमण के संकेत नहीं हैं। एक हफ्ते में सैकड़ों केस मिले।
20 जनवरी 
चीन ने माना, इंसानों में संक्रमण फैला। बीजिंग, शंघाई और गुआंगदोंग में प्रसार। अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया में पहला केस।  
24 जनवरी -वुहान में लॉकडाउन
वुहान में लॉकडाउन का ऐलान। 800 से ज्यादा मामले और 25 मौतों का खुलासा। फ्रांस पहुंचा। अमेरिका बोला हमें खतरा नहीं। 
31 जनवरी -भारत में पहला मरीज
भारत, ब्रिटेन, स्पेन और इटली में पहला मरीज सामने आया। इटली, स्पेन ने कहा कि हमें कोई खतरा नहीं। चीन में संक्रमित 11 हजार और 258 मरे। अमेरिका ने चीन यात्रियों पर पाबंदी लगाई।
चार फरवरी-चीन के बाहर पहली मौत, बेपरवाह ट्रंप
चीन में कुल मरीज 20 हजार और 425 मौतें हुईं। चीन से बाहर पहली मौत फिलीपींस में हुई। व्हिसलब्लोअर डॉक्टर ली वेनलियांग की मौत। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने चेतावनी पर ट्रंप बोले-गर्मी बढ़ते ही बीमारी दूर होगी।
19 फरवरी-दक्षिण कोरिया का चर्च बना मुसीबत
दक्षिण कोरिया में संक्रमित महिला 1200 की भीड़ वाली चर्च में पहुंची, इससे मामलों की बाढ़ आ गई। ईरान पहुंचा वायरस। संक्रमण से बेखबर इटली और स्पेन में फुटबॉल के बड़े मैच हुए। 
25 फरवरी -दुनिया भर में खतरे की घंटी
80 हजार पहुंचे मामले दुनिया में। इटली में 11 मौतें हुईं और बेरगामो में क्वारंटाइन लागू। ईरान के कौम में 50 से ज्यादा मौतों से हड़कंप। भारत दौरे पर ट्रंप ने फिर कहा, अमेरिका सुरक्षित।
06 मार्च- इटली में छह गुना बढ़ीं मौतें
इटली में छह दिन में छह गुना बढ़ीं मौतें, दस हजार हुए मामले। ब्रिटेन में संक्रमण से पहली मौत, पर पीएम बोरिस जानसन ने कहा कि हाथ मिलाना जारी रखेंगे। 
11 मार्च---कोविड-19 महामारी घोषित
डब्ल्यूएचओ द्वारा महामारी घोषित करने के साथ दुनिया में एक लाख 16 हजार और अमेरिका में मामले एक हजार के पार। अमेरिका, ब्रिटेन और भारत में बाजार लुढ़के। इटली में एक दिन में 168 मौतें। ब्रिटेन का सोशल डिस्टेंसिंग से इनकार।
17 मार्च- यूरोप की सीमाएं सील
यूरोपीय देशों ने सीमाएं सील कीं। फ्रांस ने युद्ध जैसी स्थिति घोषित की। स्पेन में 17 हजार मामले हुए। एक लाख 60 हजार पहुंचे दुनिया में मरीज।
22-23 मार्च
22 मार्च को भारत में जनता कर्फ्यू रहा। ब्रिटेन में 6600 केस के बाद लॉकडाउन। 24 मार्च से भारत में लॉकडाउन।  न्यूयॉर्क में 5 हजार के साथ अमेरिका में 20 हजार मरीज मिले। मार्च अंत तक आधी दुनिया में लॉकडाउन। 03 लाख 70 हजार हुए विश्व में मरीज।
02 अप्रैल ---50 हजार पहुंचा मौतों का आंकड़ा
10 लाख से ज्यादा मरीज हुए दुनिया में और 50 हजार से ज्यादा मौतें। भारत में कुल मरीज 2069 हुए। स्पेन में एक दिन में रिकॉर्ड 950 मरे। अमेरिका में ढाई लाख केस और मौतों का आंकड़ा छह हजार पहुंचा।
99वां दिन 08 अप्रैल
संक्रमित ब्रिटिश पीएम बोरिस जानसन की हालत गंभीर। 6500 मौतें हुईं विश्व भर में चार अप्रैल को। आठ अप्रैल को कुल मामले 13 लाख और मरने वालों की तादाद 75 हजार पार कर गई।
सबक---महामारी की मारक क्षमता को नजरअंदाज किया गया। दुनिया के बड़े देशों ने एक साथ कड़े कदम नहीं उठाए
चर्च, मस्जिदों और क्रूज में बड़े जमावड़े से बिगड़ी बात
महामारी घोषित होने में डब्ल्यूएचओ ने कर दी देर
संकट---60 फीसदी वैश्विक आबादी लॉकडाउन से घरों में कैद। 1930 से भी बड़ी आर्थिक मंदी की आशंका दुनिया में
नए वायरस की कोई दवा या टीका अभी विकसित नहीं
हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन या अन्य दवाइयों का प्रभाव
ऐसी भयावह हुई महामारी
06 मार्च-01 लाख
---20 दिन---
26 मार्च-05 लाख
---05 दिन----
01 अप्रैल-10 लाख
---07 दिन----
08 अप्रैल-15 लाख
विश्व में 95080 लोगों की मौत, 15.92 लाख संक्रमित
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है और अब विश्व के अधिकतर देशों (205 देशों और क्षेत्रों) में फैल चुके इस संक्रमण के कारण अब तक 95080 लोगों की मौत हो चुकी है तथा 1592036 लोग इससे संक्रमित हुए हैं। विश्वभर में अब तक 3.53 लाख लोग इस वायरस से ठीक भी हुए हैं। वहीं भारत में कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ रहा है और पिछले 12 घंटे में 547 नए मामले सामने आने के बाद कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 6412 हो गई है। कोविड-19 महामारी से बीते 12 घंटे में रिकॉर्ड 30 लोगों की मौतें हुई हैं, जिससे मरने वालों का आंकड़ा 199 पहुंच गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना वायरस के कुल 6412 मामलों में से 5709 एक्टिव केस हैं। इसके अलावा, 503 लोग पूरी तरह से ठीक हो गए हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के सुबह 8 बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना वायरस से सर्वाधिक 97 लोगों की मौत महाराष्ट्र में हुई। यहां अब इस महामारी से पीड़ितों की संख्या 1586 हो गई है।


जय हो ट्रंप 'संपादकीय'

जय हो ट्रंप    'संपादकीय'
 वैश्विक महामारी कोरोना वायरस कोविड-19 के कारण विश्व निराशा में डूब गया है। देश भी इस निराशा से काफी प्रभावित हुआ है। विकसित राष्ट्रों और सुपर शक्तियों के सम्मुख यह चुनौती अब मात्र एक चुनौती भर नहीं रह गई है। स्वार्थपरक पराकाष्ठा में परिकलन करने वाले प्रत्येक शासक और निर्वहन करता के माथे का कलंक बन गया है। संपूर्ण मानव जाति पर यमराज बनकर वायरस स्वेच्छा से लोगों की जिंदगी से खेल रहा है। बचाव पर समुचित दृष्टिकोण रखने वाले राष्ट्रों में इसका प्रभाव और वृद्धि अनुपात में स्थिरता स्थापित हुई है। महामारी को जैविक युद्ध से परिभाषित किया जा रहा है। अमेरिका अपनी संप्रभुता और वर्चस्व को सर्वज्ञ मानकर अपने दायित्व से भाग रहा है। लेकिन चीन विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्था के लक्ष्य पर आगे बढ़ चुका है। जिसका पीछा करना अमेरिका के बस की बात नहीं है। अगर अपने देश की बात करें तो केंद्र और राज्यों की ज्यादातर सरकार असफल सिद्ध हुई है। यह 'छद्म युद्ध' भारत सरकार को सदा कुंठित करता रहेगा। असहाय, गरीब और विवश मानव को आगे करने वाला कोई भी, किसी भी युद्ध अथवा प्रतियोगिता को नहीं जीत सकता। 'भारत के प्रधानमंत्री' को अमेरिका कितनी तवज्जो देता है ? कितना सम्मान करता है ? यह बात अब किसी से छिपी नहीं है। देश की असहाय जनता के प्रति सरकार का समर्पित रवैया भी किसी से छुपा नहीं है। भुखमरी और आत्महत्याओं का सिलसिला सरकार की नींव के खोखले पन का एहसास करा रहा है। वायरस से मरने वालों पर यह आरोप लागू हो सकता है कि उन्होंने दिशा-निर्देश का पालन नहीं किया है। लेकिन आवश्यकता से अभावग्रस्तो की जिम्मेदारी किसकी है? विपक्ष या पाकिस्तान का भी हाथ हो सकता था। लेकिन अब ऐसा कोई विकल्प भी शेष नहीं है। शक्तिशाली आभा अपनी इच्छाओं के पतन पर कमजोर पर ताकत दिखाता है। यही राजनीति का प्रमाणिक चरित्र है। कमजोर की जय बोलना ठीक नहीं है। इसलिए 'जय हो ट्रंप'। संयुक्त राष्ट्र अमेरिका की कमान डोनाल्ड ट्रंप के हाथ में इसी वजह से दी गई है। ताकि वह  स्वेच्छा अनुसार कई राष्ट्र अध्यक्षों और राष्ट्र निर्माताओं को अपनी इच्छा केेेे अनुसार उपयोग कर सकें। जो इच्छा अनुसार अनुसरण नहीं करता उसे उसके परिणाम भी भुगतने  होते हैं।


राधेश्याम  'निर्भयपुत्र'


योगी रसोई और पॉलिथीन की पैकिंग

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। नगर पालिका लोनी द्वारा शुरू की गई योगी रसोई में शुक्रवार को लगभग 2200 लोगों का भोजन तैयार कर पालिका के कर्मचारियों और स्वंयसेवकों की सहायता से जरूरतमंद लोगों के घर-घर तक पहुंचाया गया। वहीं न्यू विकास नगर में असंगठित क्षेत्रों की एक बड़ी आबादी को भी भोजन पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। भोजन की वितरण एवं पैकिंग प्रणाली संबंधित अधिकारी की हीन मानसिकता को उजागर करता है। इस विषम परिस्थिति में भोजन के महत्व को एक भूखा व्यक्ति ही समझ सकता है। जिसे इसका अनुभव नहीं है, वह भोजन के महत्व को नहीं समझ सकता।


बता दें कि इस रसोई को अधिशासी अधिकारी शालिनी गुप्ता ने अपने एक महीने का वेतन देकर शुरू करवाया है। रसोई में साफ-सफाई व गुणवत्ता का विशेष ध्यान स्वंय अधिशासी अधिकारी द्वारा लगातार निरीक्षण कर सुनिश्चित किया जा रहा है। भोजन की पैकिंग ने हीन भावना का प्रदापर्ण भी किया है। कॉरोना आपदा के दौरान एक महिला अधिकारी होने के बावजूद अपनी जान जोखिम में डालकर प्रतिदिन लोनी के वार्डों में साफ-सफाई, सेनिटाइज़ेशन, फोगिंग, नालों की सफाई अपनी उपस्थिति में  करवाना और लगातार उसका निरीक्षण, असंगठित क्षेत्रों के मजदूरों को 1000 रुपये की मदद दिलवाना, सुनिश्चित करने के अतिरिक्त स्वंय योगी रसोई के संचालन का ध्यान रखना, आदि कार्य का बिना रुके और थके निरंतर निर्बाध गति से करना यह बताता है कि एक अधिकारी का आदर्श स्वरूप क्या होना चाहिए। वो भी ऐसे आपदा के समय जब कई अधिकारी कर्मचारी कॉरोना का बहाना बनाकर अपने क्षेत्रवासियों को रामभरोसे छोड़कर चले गए है। अधिशासी अधिकारी शालिनी गुप्ता ने बताया कि लोनी की जनता को शुद्ध भोजन समय पर मिलें और क्षेत्र में कॉरोना के संक्रमण को फैलने न दिया जाए इसके लिए हर जरूरी कदम युध्दस्तर पर पालिका द्वारा उठाएं जा रहे है जिसमें, सेनिटाइज़ेशन, फोगिंग, नालों की सफाई व प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी के मंशा के अनुरूप असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को मदद मिले इसके लिए हम वचनबद्ध है। इसलिए क्षेत्र में कहीं से भी मदद के लिए कोई भी फ़ोन आता है हमारे कर्मचारी व मैं स्वंय उसको अटेंड करती हूं और समस्या का निस्तारण सुनिश्चित करती हूं। साथ ही लोगों की बढ़ती मांग के अनुसार हम सहायता का दायरा भी बढ़ाते जा रहे है। हमारा प्रयास है कि सीमित संसाधनों के बावजूद इस संकट की घड़ी में लोनी के नागरिक परेशान न हो और हमें हर कार्य में लोनी की जनता स्वेच्छा से सहयोग भी कर रही है जो हमारे मनोबल को और बढ़ाने का कार्य कर रही है।


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...