गुरुवार, 9 अप्रैल 2020

ओड़िसा में 30 तक रहेगा लॉक डाउन

ओड़िसा। कोरोना पॉजिटिव के मामले तेजी से बढ़ते ही जा रहे हैं। आँकड़ों में हो रही वृद्धि के मद्देनज़र ओड़िसा सरकार ने लॉकडाउन को आगे बढ़ा दिया है। ओड़िसा में अब 30 अप्रदेश तक लॉकडाउन रहेगा। इसके साथ मुख्यमंत्री नवीन पटनायक यह भी फैसला किया है कि स्कूल-कॉलेज को 17 जून तक बंद रखा जाएगा। वहीं उन्होंने केंद्र सरकार से रेल और हवाई सेवा को अभी शुरू नहीं करने का आग्रह किया है।


ओड़िसा में बढ़ते मामले
ओड़िसा में कोरोना के मामले सामने तो कई दिनों तक पॉजिटिव केस की संख्या 2 ही थी। लेकिन अब प्रदेश में तेजी मामले बढ़ते जा रहे हैं। हर दिन दो से चार नए मामले सामने आ रहे हैं। प्रदेश में अभी तक तक कोरोना वायरस के 45 मामले सामने आ चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी नए आंकड़ों के मुताबिक, ओडिशा में कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या 45 है। इनमें से दो लोगों का उपचार कर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, वहीं एक की मौत हो चुकी है।


गंभीरः संक्रमण से चिकित्सक की मौत

इंदौर। कोराना की वजह से देश में पहले डॉक्टर की मौत इंदौर में हुई है। रूपराम नगर निवासी डॉ. शत्रुघ्‍न पंजवानी कोरोना वायरस संक्रमितों के इलाज नहीं कर रहे थे, ऐसे में किसी संक्रमित व्यक्ति से संपर्क में आने की आशंका जताई जा रही है।


जानकारी के अनुसार, कुछ दिनों पहले ही डॉक्‍टर पंजवानी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। प्राइवेट प्रैक्टिशनर डॉ. पंजवानी का उपचार पहले गोकुलदास में उसके बाद सीएचएल में चल रहा था और फिर उन्हें अरविंदों में शिफ्ट किया था, जहां गुरुवार सुबह उनकी मृत्यु हो गई।


बता दें कि मध्यप्रदेश के इंदौर, भोपाल और जबलपुर जैसे बड़े शहर तेजी से कोरोना हॉटस्पॉट बनाता जा रहा है, जिसकी वजह से शासन-प्रशासन को सख्त कदम उठाने पड़ रहे हैं. अकेले इंदौर में 213 कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, जिनमें से 21 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं पूरे मध्यप्रदेश की बात करें तो 404 कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें 30 लोगों की मौत हो चुकी है।


चुनाव अभियान को खत्म करने की घोषणा

रूपेश गुप्ता


न्यूयॉर्क। अमेरिकी सेनेटर बर्नी सैंडर्स ने राष्ट्रपति बनने के चुनावी अभियान को खत्म करने की घोषणा की है। कैंपेन को विराम दे दिया है और इस तरह डेमोक्रेटिक पार्टी में पूर्व उपराष्ट्रपति जो बिडेन के डेमोक्रेटिक पार्टी के नॉमिनेटेड होने का रास्ता साफ हो गया है। खुद को लोकतांत्रिक समाजवादी कहने वाले सैंडर्स ने शुरुआत में ने हेल्थ केयर और कामकाजी वर्ग के मुद्दे उठाकर अपने चुनाव की जमीन तैयार की करने में कामयाबी हासिल की थी। डेमोक्रेटिक प्राइमरी में लंबे समय तक फ्रंट रनर रहने रहने के बाद वे हाल के कुछ हफ्तों में पिछड़ गए थे। तब बिडेन काफी पीछे चल रहे थे। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से एक-एक करके कई उम्मीदवारों ने अपना नाम सुपर ट्यूसडे- जिसमें कई राज्यों में एक साथ चुनाव हुए- से ठीक पहले और बाद में लिए। इसमें लोवा चुनाव बर्नी के साथ टाई करने वाले बुटिगिग और एमी प्रमुख हैं। इसके कुछ दिन बाद वारेन और तुलसी ने भी नाम वापिस लेकर बिडेन का समर्थन कर दिया।



2016 में भी बर्नी सेंडर्स हिलेरी क्लिंटन से राष्ट्रपति चुनाव की उम्मीदवारी हासिल करने में पिछड़ गए थे। 2016 और 2020 में सैंडर्स का चुनावी नारा था – ” मैं नहीं,हम”. गौरतलब है कि इससे पहले यह नारा भारत मे इस्तेमाल तब हुआ था जब कांग्रेस के तत्कालीन उपाध्यक्ष राहुल गांधी 2014 के आम चुनावों में इसी नारे के साथ नरेंद्र मोदी के खिलाफ उतरे थे। हाल के कुछ हफ्तों से कोरोना के फैलाव के बाद सैंडर्स लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए ऑनलाइन कैंपेन कर रहे थे। हाल के वर्षों में वाली सैंडर्स सबसे ज्यादा वामपंथ की ओर झुके हुए अमेरिका के उम्मीदवार थे। सैंडर्स ने अपने कैंपेन में हेल्थ केयर फॉर ऑल, फ्री पब्लिक कॉलेज, न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी और अमीरों पर टैक्स बढ़ाने जैसे मुद्दे उठाए थे।


वामपंथी होने के बाद भी सैंडर्स ने युवाओं के बीच जैसी लोकप्रयिता हासिल की, उसने अमेरिका के बड़े अमीरों और कॉरपोरेट्स की नींदें उड़ा दी थी। लेकिन चुनाव अभियान में वे दक्षिण के राज्यों में बेहद महत्वपूर्ण अफ्रीकन-अमेरिकन का विश्वास हासिल नहीं कर पाये। लाइव स्ट्रीम में सैंडर्स ने अपने समर्थकों से कहा कि चुनावी अभियान को खत्म करना बहुत ही मुश्किल और दुखदाई था जबकि उनके कई समर्थक चाहते थे कि वे आखिरी राज्य के चुनाव होने तक वह लड़ते रहे।उन्होंने कहा कि अब नॉमिनेशन हासिल करना संभव नहीं लगता है वरना वे निश्चय ही लड़ाई जारी रखते।


सैंडर्स ने कहा कि उनका कैंपेन अमेरिकी चेतना को बदलने के लिहाज से महत्वपूर्ण था कि क्या किस तरह का देश हम बन सकते हैं। उनके अभियान के साथ इस देश ने आर्थिक न्याय, सामाजिक न्याय, नक्सलवादी न्याय और पर्यावरणीय न्याय पाने की लड़ाई आगे बढ़ाई है।


सैंडर्स ने कहा कि पूरे देश में उनके कैंपेन ने न केवल 30 साल या उसके कम उम्र के लोगों में बल्कि 50 साल तक के वोटरों में भी पैठ बनाई है। उन्होंने कहा कि इस देश का भविष्य अब हमारी योजनाएं हैं। उन्होंने बिडेन को बधाई देते हुए कज वह प्रगतिशील योजनाओं के मसले पर उनका सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी वह जिन राज्यों में चुनाव शेष हैं, उन राज्यों के चुनावी बैलट में वे मौजूद रहेंगे जिससे डेलीगेट्स लामबंद किये जा सकें। उन्होंने कहा कि एक साथ खड़े होकर हमे डोनाल्ड ट्रंप को हराना है जो आधुनिक अमेरिकन इतिहास के सबसे खतरनाक राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को हराना है।


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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


अप्रैल 10, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-242 (साल-01)
2. शुक्रवार, अप्रैल 10, 2020
3. शक-1942, वैशाख, कृष्ण-पक्ष, तिथि- तृतीया, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 06:10,सूर्यास्त 06:45।


5. न्‍यूनतम तापमान 18+ डी.सै.,अधिकतम-33+ डी.सै.।


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बुधवार, 8 अप्रैल 2020

15 जनपद,15 तक पूरी तरह सील

अकाशुं उपाध्याय


लखनऊ। यूपी सरकार ने जिन 15 जिलों को पूरी तरह से सील किया है, वह हैं- लखनऊ, आगरा, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, कानपुर, वाराणसी, शामली, मेरठ, बरेली, बुलंदशहर, फिरोजाबाद, महाराजगंज, सीतापुर और सहारनपुर। इन जिलों को 13 अप्रैल तक पूरी तरह से सील किया जाएगा। योगी सरकार का कहना है कि इन जिलों को 13 अप्रैल तक पूरी तरह सील कर दिया गया है। इस दौरान कोई दुकानें नहीं खुलेंगी, सिर्फ आश्वयक वस्तुओं की होम डिलिवरी होगी। इसके साथ ही केवल कर्फ्यू पास वालों को घर से निकलने की इजाजत दी जाएगी। 13 अप्रैल को स्थिति की समीक्षा की जाएगी, उसके बाद आगे का फैसला लिया जाएगा। गाजियाबाद जनपद में 13 स्थान, गौतम बुध नगर जनपद में 12 स्थानों को चिन्हित किया गया। इसी प्रकार 15 जनपदों में 'हॉट स्पॉट' केंद्र बनाते हुए सील कर दिए गए हैं।


उत्तर प्रदेश में कोरोना के 328 मामले सामने आए हैं, जिसमें 281 एक्टिव केस है। तीन लोगों की मौत हो चुकी है और 21 लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं। गौतमबुद्ध नगर में कोरोना के 61, आगरा में 49, मेरठ में 25, गाजियाबाद में 23, लखनऊ में 21, कानपुर में 16, शामली में 14, सहारनपुर में 12, सीतापुर में 8, वाराणसी में 7, महाराजगंज में 6, बरेली में 6, लखीमपुर खीरी में 5, गाजीपुर में 5, बस्ती में 5 केस सामने आ चुके हैं।


प्रत्येक भारतीय के जीवन की सुरक्षा

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा एवं राज्यसभा में विपक्ष समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को बताया कि कोरोना वायरस के कारण लागू देशव्यापी लॉकडाउन एक बार में नहीं हटाया जायेगा। सर्वदलीय बैठक में शामिल रहे बीजद नेता पिनाकी मिश्रा ने यह बात बतायी।


वहीं, प्रधानमंत्री ने कहा कि स्थिति ‘सामाजिक आपातकाल’ जैसी है, कड़े निर्णय लेने की जरूरत है और हमें अवश्य ही सतर्क रहना चाहिए। मोदी की यह टिप्प्णी ऐसे समय में आई है जब उन्होंने विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठक की और कोरोना वायरस के कारण देश में उत्पन्न स्थिति और सरकार द्वारा इसे तेजी से फैलने से रोकने के प्रयासों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 पर सर्वदलीय बैठक में नेताओं से कहा कि सरकार की जिम्मेदारी प्रत्येक व्यक्ति के जीवन की सुरक्षा करना है। उन्होंने नेताओं से कहा, ‘‘स्थिति ‘सामाजिक आपातकाल’ जैसी है, कड़े निर्णय लेने की जरूरत है और हमें अवश्य ही सतर्क रहना चाहिए। प्रधानमंत्री के साथ हुई बैठक के बाद बीजद नेता पिनाकी मिश्रा ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया कि 14 अप्रैल को एक साथ लॉकडाउन नहीं हटेगा। मिश्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमसे कहा कि कोरोना वायरस से पहले और कोरोना वायरस के बाद का जीवन एक जैसा नहीं होगा।


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...