नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े बैंक ने अपने ग्राहकों को नए तरीके से हो रहे साइबर क्राइम को लेकर अलर्ट किया है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने ग्राहकों के लिए एक चेतावनी जारी की है। इस चेतावनी में बैंक ने अपने ग्राहकों को एक नए तरह के साइबर क्राइम को लेकर चेताया है। बैंक ने कहा है कि कुछ धोखाधड़ियों में ग्राहकों के पास उनकी लोन ईएमआई को टालने के लिए उनसे कॉल पर ओटीपी मांगा गया है। एसबीआई ने एक ट्वीट में कहा, ‘ईएमआई को टालने के लिए ओटीपी शेयर करने की जरूरत नहीं होती है। कृपया अपना ओटीपी शेयर ना करें।’ SBI के सोशल मीडिया पर वायरस हो रही उन खबरों को फेक खबर बताया, जिसमें EMI टालने के लिए OTP साझा करने की बात कही जा रही है। SBI ने अपने ग्राहकों को सतर्क करते हुए कहा कि लोगों को लोन की ईएमआई रुकवाने के लिए अपना ओटोपी साझा करने के लिए कहा जा रहा है। बैंक से साफ किया है कि ऐसी कोई भी एडवाइजरी या निर्देश बैंकों की ओर से नहीं दिए गए हैं।
बैंक ने कहा कि EMI टालने के लिए OTP साझा करना जरूरी नहीं है। एक बार ओटीपी साझा करने के बाद साइबर क्रिमिनल्स और हैकर्स आपके खाते से पैसे निकालकर आपका अकाउंट खाली कर सकते हैं। ऐसे में बैंक ने ट्वीट कर, ग्राहकों को ईमेल और SMS भेजकर अलर्ट किया है कि वो किसी से भी अपना OTP साझा न करें। बैंक ने ट्वीट मकिया है कि EMI डिफर्मेंट के लिए OTP शेयरिंग की आवश्यकता नहीं है। बैंक ने ग्राहकों को सलाह दी है कि वो ईएमआई डिफर्मेंट स्कीम के बारे में जानकारी के लिए बैंक की वेबसाइट से ही जानकारी लें। बैंक ने कहा कि EMI टालने के लिए OTP साझा करना जरूरी नहीं है। एक बार ओटीपी साझा करने के बाद साइबर क्रिमिनल्स और हैकर्स आपके खाते से पैसे निकालकर आपका अकाउंट खाली कर सकते हैं। ऐसे में बैंक ने ट्वीट कर, ग्राहकों को ईमेल और SMS भेजकर अलर्ट किया है कि वो किसी से भी अपना OTP साझा न करें। बैंक ने ट्वीट मकिया है कि EMI डिफर्मेंट के लिए OTP शेयरिंग की आवश्यकता नहीं है। बैंक ने ग्राहकों को सलाह दी है कि वो ईएमआई डिफर्मेंट स्कीम के बारे में जानकारी के लिए बैंक की वेबसाइट से ही जानकारी लें।
बता दें कि कोरोना माहामारी (Coronavirus Pandemic) के चलते लॉकडाउन की स्थिति को देखते हुए RBI ने सभी भारतीय बैंकों / भारतीय वित्तीय संस्थानों को यह अनुमति दी है कि वे 1 मार्च 2020 से 31 मई, 2020 के बीच अपने EMI भुगतानों पर 3 महीने तक के ग्राहकों को राहत दे सकते हैं. यानी ईएमआई को आगे बढ़ा सकते हैं। आरबीआई की सलाह के बाद सरकारी के साथ प्राइवेट बैंकों ने इसका फायदा ग्राहकों को दिया है।