रविवार, 5 अप्रैल 2020

भारतीय युवा इंजीनियरों का गेम चेंज

वाशिंगटन। कोरोना वायरस महामारी दुनिया के 200 से भी ज्यादा देशों में 50 हजार से भी ज्यादा लोगों की जान ले चुकी है। यह वायरस दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका पर कहर बन कर टूटा है। ऐसे में वैज्ञानिक, डॉक्टर और इंजीनियरों की टीमें दिन-रात लोगों को वायरस से बचाने के लिए मेहनत कर रही हैं।


इस संकट के बीच भारतीय इंजीनियरों के बनाए गए वेंटिलेटर का अब अमेरिका भी कायल हो गया है। दरअसल, अमेरिका इस समय कोरोना वायरस का गढ़ बन गया है। यहां दो लाख से ज्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित हैं। अमेरिकी सरकार से लेकर विशेषज्ञों तक ने एक लाख मौतों का अंदेशा जताया है। संकट की इस घड़ी में अमेरिका कम से कम सात लाख वेंटिलेटर्स की कमी का सामना कर रहा है। इन हालातों में मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के साथ भारतीय इंजीनियरों ने सस्ती कीमत वाला वेंटिलेटर का निर्माण किया है। इस वेंटिलेटर की कीमत 500 अमेरिकी डॉलर है जो कि भारतीय करेंसी के मुताबिक करीब 37,500 रुपये है। बता दें कि मौजूदा समय में अमेरिका में जो वेंटिलेटर्स इस्तेमाल किए जा रहे हैं, उनकी कीमत 22.50 लाख रुपये है। यानी जो नया वेंटिलेटर बनाया गया है वो मौजूदा वेंटिलेटर्स के मुकाबले 60 गुना सस्ता है। अमेरिका ने इस वेंटिलेटर को अंतिम परीक्षण के बाद अगले कुछ हफ्तों में कॉमर्शियल प्रोडक्शन के लिए कार और विमान बनाने वाली 11 अलग कंपनियों को बनाकर देने का आदेश दिया है। इस पूरे मामले पर अमेरिका के कार्यकारी सहायक सचिव एलिस जी वेल्स ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में भारत के युवा इंजीनियरों की यह कोशिश गेमचेंजर साबित होगी। हमें विश्वास है कि यह प्रयोग सफल होगा और हम जल्द ही बड़े पैमाने पर इसका प्रोडक्शन शुरू कर देंगे।


सार्वजनिक सूचनाएं एवं विज्ञापन

सावधानी बरतें, सतर्क रहें।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


अप्रैल 06, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-238 (साल-01)
2. सोमवार, अप्रैल 06, 2020
3. शक-1942,चैैत्र-शुक्ल पक्ष, तिथि- त्रयोदशी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 06:15,सूर्यास्त 06:40।


5. न्‍यूनतम तापमान 18+ डी.सै.,अधिकतम-31+ डी.सै.।


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शनिवार, 4 अप्रैल 2020

कोरोनाः रूस में भूकंप ने तबाही मचाई

मॉस्को। एक तरफ जहां दुनियाभर में कोरोना वायरस का कहर नजर आ रहा है, वहीं दूसरी तरफ रूस में भूकंप ने तबाही मचाई है। रूस के उत्तरी पेसिफिक आइलैंड में बुधवार 25 मार्च को भीषण भूकंप आया है। इसकी रिक्टर स्कैल पर तीव्रता 7.5 मापी गई है और इसके बाद रूस के पूर्व में स्थित कुर्ली आइलैंड में सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई है. साथ ही हवाई में भी अलर्ट जारी किया गया है।


अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे के अनुसार, यह भूकंप जापान सुदूर उत्तर में स्थित कुर्ली चेन के सेवेरो के उत्तर-पूर्व में 219 किमी दूर इस भूकंप का केंद्र बताया गया है। यह सतह से 56 किमी गहराई में है। अब तक इस भूकंप की वजह से किसी तरह के जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है लेकिन पेसिफिक सुनामी वॉर्निंग सेंटर के अनुसार 1000 किमी के दायरे में भयानक सुनामी का खतरा पैदा हो गया है। अलर्ट में कहा गया है कि इससे पहले भी भूकंप के केंद्र से कई किलोमीटर दूर तक सुनामी का असर देखा गया है। इसके अलावा अमेरिका के हवाई में भी सुनामी का अलर्ट जारी किया गया है। साथ ही सुनामी वॉर्निंग सेंटर अलास्का और अमेरिका को भी होने वाले संभावित नुकसान का आंकलन कर रहा है। दूसरी तरफ जापान में भी अलर्ट जारी किया है और कहा गया है कि समुद्र में ऊंची लहरें उठ सकती हैं हालांकि, सुनामी की कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है।लेकिन लोगों को सतर्क रहने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।


पाक में लॉक डाउन सख्ती से लागू

इस्लामाबाद। चीन के वुहान से फैले कोरोना वायरस ने पड़ोसी देस पाकिस्तान को भी अपनी चपेट में ले लिया है। इसे देखते हुए इमरान खान सरकार ने लॉक डाउन की घोषणा कर दी थी, जिसके चलते मंगलवार को लाखों लोग घरों में रहे। सड़कों को सुनसान किया गया, सार्वजनिक परिवहन, कार्यालय, दुकानें, बाजार, पार्क, और अन्य सार्वजनिक स्थलों को सभी चार प्रांतों, उत्तरी गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र, और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में बंद रखा गया।


पाकिस्तान में कोरोनवायरस वायरस के मामलों की संख्या 900 तक पहुंच गई है, जबकि लगभग सात लोगों की मौत हो चुकी है।सोमवार को, सरकार ने लॉक डाउन के लिए देशभर में सेना के जवानों की तैनाती की, जो अगले दो सप्ताह तक चलेगी। सरकार ने मंगलवार आधी रात से 31 मार्च तक देश भर में रेलवे परिचालन को स्थगित करने की घोषणा की। इससे पहले ट्रेनों में सवार होने के लिए कराची, लाहौर और अन्य रेलवे स्टेशनों पर लोग लंबी कतार में लगे दिखे, जिसके फुटेज जियो न्यूज पर दिखाए गए। जमात इस्लामी ने कोरोना रोगियों के लिए अपने मुख्य हेड क्वार्टर मंसूरा लाहौर को अलगाव केंद्र में परिवर्तित कर दिया।दूरदराज के कई इलाकों से लॉक डाउन का पालन नहीं करने की खबरें सामने आईं। पाकिस्तान में स्वास्थ्य सेवाओं की अच्छी व्यवस्था नहीं है, लिहाजा सरकार लोगों से खुद ही घरों में रहकर सुरक्षित रहने की अपील कर रही है।राजधानी इस्लामाबाद, वाणिज्यिक राजधानी कराची, सांस्कृतिक केंद्र लाहौर और अन्य प्रमुख शहरों में सामान्य रूप से हलचल वाली सड़कों और सार्वजनिक स्थान पूरी तरह से खाली थे और सेना व पुलिस के जवानों ने सड़कों पर गश्त की।कई शहरों में बंद का उल्लंघन करने वाले दुकानदारों सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया गया। सर्वोच्च और उच्च न्यायालयों सहित न्यायपालिका ने भी अपने कार्यों को सीमित कर दिया है, और केवल आवश्यक मामलों की सुनवाई कर रहे हैं। जेलों में COVID-19 के प्रकोप के खतरों को कम करने के लिए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने जमानत पर छोटे अपराधों में शामिल सैकड़ों कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया।यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब लाहौर जेल में कोरोनोवायरस मामले की पहली पुष्टि हुई। मामलों की बढ़ती संख्या के बावजूद, संक्रमित होने वाले अधिकांश लोग हल्के लक्षणों से पीड़ित होते हैं और ठीक हो जाते हैं।


स्पेनः 9053 की मौत, लाखों संक्रमित

कुल 9053 मरे, मरीजों की संख्या एक लाख पार


मैड्रिड। दुनिया भर में फैली कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहे 180 देशों में कोविड 19 से सबसे ज्यादा मौत वाले दूसरे नंबर के देश स्पेन में पिछले 24 घंटे में 864 कोरोना मरीजों की मौत हो गई है जो कोरोना संकट में एक दिन में स्पेन में सबसे ज्यादा मौत है। स्पेन में कोरोना पॉजिटिव केसों की संख्या एक लाख को पार कर गई है जबकि कुल मौत की संख्या 9053 हो चुकी है।


मंगलवार तक स्पेन में 8189 मौत हुई थी जबकि पॉजिटिव केसों की संख्या 94417 थी। स्पेन में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 1 लाख 2 हजार 136 हो चुकी है। स्पेन में 14 मार्च से लॉकडाउन है लेकिन मरीजों और मौत के बढ़ते आंकड़ों से लगता नहीं है कि कोरोना वायरस का प्रकोप कम हो रहा है। स्पेन के स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि बीमारी अब स्टैबलाइजेशन फेज में घुस रही हो सकती है- मतलब ऐसी स्थिति जब मौत और नए मरीजों की संख्या हर रोज बहुत ज्यादा बढ़ना बंद हो जाए।बढ़ती मौत के साथ ही पीएम पेड्रो सांचेज सरकार पर विपक्ष का हमला तीखा होता जा रहा है जो सरकार पर सही समय पर कड़े और जरूरी कदम ना उठाने का आरोप लगा रही है। वहीं सरकार कह रही है कि वो विश्व स्वास्थ्य संगठन और सरकारी विशेषज्ञों की सलाह पर काम कर रही है।चीन से शुरू कोरोना के कहर का सबसे बड़ा शिकार यूरोपीय देश इटली बना है जहां अब तक 12 हजार से ज्यादा लोग मारे इस बीमारी से मर चुके हैं। मौत के मामले में स्पेन दूसरे नंबर पर है और उसके बाद अमेरिका है जहां अब तक 4000 से ज्यादा लोग कोरोना से जान गंवा चुके हैं।अमेरिका के बाद फ्रांस है जहां साढ़े तीन हजार से ज्यादा लोग मर चुके हैं। चीन पांचवें नंबर पर है जहां 3300 से कुछ ज्यादा मौत की आधिकारिक पुष्टि की गई है। 500 से ज्यादा मौत वाले देशों में ईरान, यूनाइटेड किंगडम, नीदरलैंड, जर्मनी, बेल्जियम भी शामिल है। भारत में कोरोना के अब तक 1673 मामले सामने आए हैं जिसमें 133 ठीक हुए जबकि 38 की मौत हुई है।


सोशल डिस्टेंसिंग, को समझे नागरिक

न्यूयॉर्क। कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति के शरीर में ही नहीं बल्कि उसकी गैर-मौजूदगी में कमरे में टिका रह सकता है। यह जानकारी एक नए अध्ययन से सामने आई है। अध्ययन में पाया गया है कि जब मरीज अपने कमरे में नहीं होता है तब भी वायरस के अंश हवा में मौजूद रहते हैं। इसने अध्ययन ने मरीज के संपर्क में आने वाले मेडिकल स्टाफ के प्रॉटेक्टिव सूट पहनने की जरूरत पर बल दिया है।


वैज्ञानिकों को यूनिवर्सिटी ऑफ नेब्रास्का मेडिकल सेंटर में रूम और उससे बाहर जा रहे रास्तों में वायरस के अंश मिले हैं जहां कोरोना के मरीजों को आइसोलेशन में रखा गया था। साइंस वेबसाइट MedRxiv में प्रकाशित रिपोर्ट को लिखने वाले वैज्ञानिक जॉन लोई ने कहा, ‘हमने और नमूनों को चिह्नित किया है जिसमें हवा में वायरस के जीन्स पाए गए हैं, इसने स्वसन संबंधी सुरक्षा पर ध्यान देने के महत्व को दर्शाया है।’इसलिए मेडिकल स्टाफ के लिए एहतियात जरूरी
रिपोर्ट को लिखने से पहले अस्पताल के 11 कमरे के सैंपल लिए गए हैं और इसमें एक ही जगह बड़ी मात्रा में वायरस को एकत्रित पाया गया। रूम के बाहर जहां से अस्पताल के कर्मचारी गुजर रहे थे वे भी पॉजिटिव पाए गए हैं। शोधकर्ताओं ने कहा कि अध्ययन में अभी यह विश्लेषण नहीं किया गया है कि वायरस हवा में विस्तार लेने वाले हैं या नहीं, लेकिन इसने मेडिकल स्टाफ के प्रॉटेक्टिव सूट पहनने पर जोर दिया है। रिपोर्ट के एक अन्य राइटर जोशुओ ने कहा, ‘इस तरह के अध्ययन से हेल्थ केयर वर्कर्स, मरीज के संपर्क में रहने वाले लोगों की सुरक्षा की जरूरत को समझा जा सका है जो कि मरीज की देखभाल करते हैं और उन्हें इस महामारी से लड़ने की जरूरत है।’ उन्होंने कहा, ‘मौजूदा अध्ययन जारी रहेगा और ताकि कोरोना वायरस के ट्रांसमिशन को समझा जाए और कोरोना के मरीजों की देखभाल में जुटे लोगों की सुरक्षा के रास्ते ढूंढने में मदद मिले।


डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित

डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में विकास भवन के सभाकक्ष में ...