बुधवार, 1 अप्रैल 2020

जहाज पर समुद्र में रहेंगे वैज्ञानिक

नई दिल्ली। करीब 100 क्रू मेंबर, जिसमें 30 वैज्ञानिक भी शामिल हैं, ने तय किया है कि वे तब तक अपने समुद्री रिसर्च जहाज पर ही रहेंगे, जब तक देश में 21 दिनों का लॉकडाउन खत्म नहीं हो जाता। वे चेन्नई स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशियन टेक्नोलॉजी एनोआइटी के चार जहाजों पर सवार हैं, जो कि करीब 3 हफ्ते पहले समुद्र के धरातल के अध्ययन के लिए निकले थे। इसके जरिए उनकी कोशिश सैंपल्स के अध्ययन के जरिए पूर्वी और पश्चिमी तटों के लिए सुनामी का वॉर्निंग सिस्टम लगाना था।


एनोआइटी के डायरेक्टर एमए आत्मानंद कहते हैं कि सागर निधि, सागर मंजूषा, सागर अन्वेषिका और सागर तारा पर मौजूद वैज्ञानिक अलग-अलग तरह का डेटा जुटा रहे हैं। उन्होंने कहा, “वहां पर रहना, जमीन पर आने के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित है। हमने अपने सभी चार जहाजों को 14 अप्रैल के करीब वापस आने के निर्देश दिए हैं।


मददगारो को बेवजह परेशान न करेंं।

जरूरत मंदों की मदद  कर रहे लोगों को अनायास परेशान न करे पुलिस


प्रयागराज। कोरोना वॉयरस की महामारी से उपजे संकट से जूझ रहे लोंगो की मदद के लिए उठे हाथों को प्रोत्साहित करने के बजाय पुलिस द्वारा बेवजह परेशान न किया जाए l समाजवादी पार्टी के निवर्तमान महानगर अध्यक्ष सैयद इफ्तेख़ार हुसैन ने बयान जारी कर कहा है कि जिला प्रशासन द्वारा फरमान जारी किया गया है कि जिन लोगों को किसी भी तरह की मदद करनी हो वह पहले तो अपने क्षेत्र में ही रहें और एक दिन पहले ही थाने पर सूचित करें कि उनको कहाँ और कितने लोगों को भोजन, पानी, राशन आदि देना है l सपा नेता ने इस फरमान को गैर व्यावहारिक बताया है l उन्होने सपा कार्यकर्ताओं को जानबूझकर रोकने के आरोप भी लगाया है l
   जिला प्रवक्ता दान बहादुर मधुर ने श्रमिकों, निराश्रित लोगों, राशनकार्ड धारकों को तीन माह का खाद्यान्न देने की सरकार द्वारा की गई घोषणा का तत्काल प्रभाव से पालन सुनिश्चित कराने एवं एस. डी. एम. स्तर से निगरानी किए जाने की मांग की है,ताकि कोई अभाव ग्रस्त छूट ना जाए l
  महानगर मीडिया प्रभारी सै०मो० अस्करी के अनुसार समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा शहर के विभिन्न क्षेत्रों में निरंतर मास्क,पूड़ी सब्ज़ी के पैकेट,आँटा,चावल,दाल चाय की पत्ती चीनी,बिस्किट,साबुन, फल आदि का वितरण किया जा रहा है l जिसमे वरिष्ठ नेताओं, पार्षद गण, युवा नेताओं, पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं सहित व्यापारियों, छात्रों, नौजवानों सहित महिलाएँ लगातार  प्रत्येक मुहल्लों में सड़कों व गलियों में राहगीरों व मज़दूर रिक्शा चालक,कमज़ोरों आदि को राहत पैकेट बाँट कर सहयोग कर रहे है ।लेकिन प्रशासन के नए फरमान से लोगों में इस बात को लेकर निराशा के साथ ग़ुस्सा भी है की एक तरफ लोग गरीबों को भोजन आदि अपने सामर्थ के हिसाब से दे रहे हैं तो शासन स्तर पर ग़रीबों के हक़ में उठे हाँथ में ज़नजीर जकड़ने का कार्य कर रहा है।


बृजेश केसरवानी


चूल्हे पर उसूल पकाऐंगेंं 'संपादकीय'

ज्यादातर भारतीय देशभक्त नहीं, मतलबी और मौकापरस्त हैं।


जितेन्द्र चौधरी


हो सकता है आपको यह शब्द पढ़कर गुस्सा आ रहा हो। परंतु गुस्से की कोई बात नहीं है मैं अपने लिए कह रहा हूँ।


बाबा अदम गोंडवी ने कहा था।


"चोरी न करें झूठ न बोलें तो क्या करें,
चूल्हे पे क्या उसूल पकाएंगे, शाम को।"


मेरा गुस्सा बहुत क्षणिक और मतलबी है।
कोरोना के मामले में मैं चीन के प्रति गुस्से से भरा हुआ हूँ । परंतु दूसरी तरफ मैं चीन के साथ व्यापार में हर साल अरबों रुपए का घाटा उठाने मे चीन का मददगार हूँ। मैं बड़े शौक से टिकटोक यूज करता हूँ , यूसी ब्राउज़र यूज करता हँ , बिगो यूज करता हूँ और अलीबाबा द्वारा प्रायोजित पेटीएम जैसे चाइनीस ऐप को लगातार इस्तेमाल करता हूँ । साथ में देश भक्त भी बनता हूँ और चाइना को गाली भी देता हूँ।


कोरोना जैसी महामारी से देश त्राहि-त्राहि कर रहा है परंतु मैं अपने घर में बैठा हूँ। मुझे बिल्कुल किसी पर गुस्सा नहीं आ रहा है कि हर गांव में मंदिर है, मस्जिद है , गिरजाघर है परंतु अस्पताल नहीं है।
मेरा खून शायद पानी हो गया है जो भूख से मरते हुए लोगों को देख कर भी नहीं उबल रहा है। मुझे बिल्कुल भी बुरा नहीं लग रहा है कि कोई किसी को एक टाइम की रोटी खिलाकर सोशल मीडिया पर फोटो वायरल कर रहा है।
मुझे बिल्कुल शर्मिंदगी महसूस नहीं हो रही है कि जो लोग इस महामारी में कोरोना के खिलाफ युद्ध लड़ रहे हैं उनके पास जरूरी मास्क, ग्लोब्स नहीं है सैनिटाइजर नहीं है। मुझे बिल्कुल क्रोध नहीं आ रहा जब उत्तर प्रदेश का एक दरोगा एक पत्रकार को कह रहा है कि तुझे धरती में गाड़ दूंगा।  मुझे इस बात की भी बिल्कुल चिंता नहीं है अगर पत्रकार के साथ यह व्यवहार है तो आम जनता के साथ पुलिस कैसा व्यवहार करती होगी ? चिकित्सा अधिकारी सुरक्षा उपकरण ना होने की वजह से नौकरी छोड़ना चाहते हैं परंतु मेरे माथे पर कोई शिकन नहीं है। पता नहीं क्यों मुझे गुस्सा नहीं आ रहा लोग डॉक्टर का भेष धरकर सड़कों पर घूम रहे हैं। जरूरी सेवाओं के इस तरह के दुरुपयोग पर भी मैं चुप हूं।


पता नहीं मैं क्यों नहीं समझता कोई हिंदू मुस्लिम नहीं है। कानून तोड़ने वाला चाहे वह किसी भी धर्म से हो, किसी भी जाति से हो, किसी भी समाज से हो वह अपराधी है।
मैं बिल्कुल भी आहत नहीं दिखाई पड़ता जब एक डॉक्टर को पुलिस वाले सड़क पर पीट देते हैं।


मेरी आत्मा मुझे नहीं कचोटती जब कोरोनावायरस को भी सांप्रदायिक रंग दे दिया जाता है। शायद भारत दुनिया का पहला देश है जहां कोरोना हिंदू मुस्लिम गया है। गरीब मजदूर दर बदर की ठोकरें खाते हुए हजारों किलोमीटर दूर जाकर भी भूखा मर रहें है और मेरे देश का मीडिया हिंदू मुसलमान कर रहा है परंतु मुझे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।


भूख से हुई बच्चे की मौत पर मां कहती है कर्फ्यू के बाद नहीं बना खाना। परंतु मैं निश्चित दिखाई पड़ता हूं। 
दूसरे देश का वित्त मंत्री वित्तीय हालातों से डर कर आत्महत्या कर लेता है तो मुझे क्या ?  हमारी वित्त मंत्री के सामने हमारा अर्थ तंत्र ही आत्महत्या कर लेगा। हमारी वित्त मंत्री सुरक्षित रहेंगी मुझे पूरा यकीन है।


मैंने थोड़ी कहा था असंगठित क्षेत्र में लोगों को काम करने के लिए। मैं उन सब के लिए चिंता क्यों करूं ? मेरी देशभक्ति पर अगर आपको कोई संशय है तो कुछ ना कहें जहर का घूंट पिएं और सो जाएं। क्योकि मैं अभी लाखों मजदूरों , जमात , वैष्णो देवी और मजनू का टीला में बिलकुल नही उलझा हुआ हूँ। मुझे बिल्कुल चिंता नहीं है एक दिन सड़क पर भी बीमारों के बिस्तर लगेंगे।


रेलवे एयरलाइंस कंपनियों की बुकिंग शुरू

रायपुर। रेलवे और एयरलाइंस कंपनियों ने 14 अप्रैल के बाद की अपनी बुकिंग शुरु कर दी है। यह बुकिंग कैबिनेट सचिव के उस बयान के बाद शुरु की गई है जिसके अनुसार 21 दिनों के लॉक डाउन को आगे बढ़ाने की केन्द्र सरकार की कोई योजना नहीं है। कैबिनेट सचिव का यह बयान रविवार को आया था। इससे पहले माना जा रहा था कि सरकार लॉक डाउन को 14 अप्रैल से और आगे बढ़ा सकती है।


कैबिनेट सचिव राजीव गाबा के बयान के बाद रेलवे और एयरलाइंस कंपनियों ने 14 अप्रैल के बाद से यानि की 15 अप्रैल से अपनी बुकिंग लेनी शुरु कर दी है। रेलवे की टिकट की बुकिंग अभी आप काउंटर से नहीं कर पाएंगे। लॉक डाउन की वजह से काउंटर 14 अप्रैल तक बंद रहेंगे। अगर आपको टिकट बुक करनी है तो आप आईआरसीटीसी की ऐप और वेबसाइट से कर सकते हैं। दोनों पर ही टिकटें 15 अप्रैल से उपलब्धि हैं।  एयरलाइंस कंपनियों ने भी घरेलू उड़ान के लिए 15 अप्रैल की बुकिंग लेनी शुरु कर दी है। इंडिगो, विस्तारा, एयर इंडिया जैसी कंपनियों की बुकिंग जारी है।


शराब नहीं मिली, स्प्रिट पीने से 2 की मौत

सत्यपाल सिंह


रायपुर।  छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में संदिग्ध परिस्थितियों में दो लोगों की मौत हो गई। वहीं एक की हालत गंभीर बताई जा रही है। मौत स्पिरिट पीने की वजह से हुई है। चर्चा है कि लाॅकडाउन होने की वजह से शराब दुकानें 7 अप्रैल तक बंद है, लिहाजा तीन दोस्तों ने स्पिरिट पीकर अपनी लत दूर करने की कोशिश की, लेकिन जिंदगी से हाथ धोना पड़ गया। घटना गोलाबाजार थाना क्षेत्र में बाँसटाल की है। यहां रहने वाले तीन लोगों ने शराब की जगह स्पिरिट का सेवन कर लिया था। इससे उनकी तबियत बिगड़ गई। फिर इनमें से दो लोग असगर खान (43 वर्ष) और दिनेश समुंदर (45 वर्ष) की मौत हो गई है। जबकि अजय कुंजाम की हालत गंभीर बनी हुई है। मामले में पुलिस ने मर्ग कायम कर जाँच शुरू कर दी है। महापौर एजाज ढेबर ने जानकारी देते हुए बताया कि जिस तरह कोरोना वायरस के मद्देनजर शराब की दुकानें बंद की गई है। यह उसका ही असर है। महापौर ने बताया कि एक अन्य जगह से उनके पास यह खबर आई है कि एक युवक ने शराब ना मिलने की वजह से फांसी लगाकर आत्महत्या की। इसके साथ ही कांच खाने की बात भी सामने आई है। ढेबर ने मृतक के परिजनों से भी मुलाकात की।


मौलाना अरशद मदनी का बड़ा बयान

नई दिल्ली। हज़रत निज़ामुद्दीन में तब्लीगी जमाअत के मरकज़ मामले को लेकर जमीयत उलमा-ए-हिंद के सद्र का बयान सामने आया। मौलाना सैयद अरशद मदनी ने कहा कि इस संजीदगी भरे माहौल में एक दूसरे पर इल्ज़ाम लगाने से यह लड़ाई कमज़ोर पड़ सकती है। इस समय जब पूरा मुल्क ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया कोरोना वायरस जैसी महामारी से लड़ाई लड़ रही है तो इस समय लड़ाई को मज़हबी रंग देना बहुत दुख की बात है। मौलाना सैयद अरशद मदनी ने कहा कि लॉकडाउन के चलते अगर मरकज़ में कुछ लोग फंसे रह गए और उनमें से कुछ इस महामारी की चपेट में आगए तो इसमें क़यामत टूटने जैसी कोई बात नहीं बल्कि उनके इलाज की सहूलियात मुहैया कराई जानी चाहिए।


मौलाना मदनी ने यह भी कहा कि जिस तरह लॉकडाउन के चलते मुल्कभर के लाखों की तादाद में लोग फंसे हुए हैं हुए हैं। सभी अपने घर जाने के लिए तैयार है। ऐसे हालात में अगर मरकज़ में कुछ लोग फंस गए तो हम समझते हैं कि इसमें कानून तोड़ने जैसी कोई बात नहीं।


प्रवासी कामगारों को सरकार से वेतन

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय सभी प्रवासी कामगारों को फिलहाल सरकार द्वारा वेतन दिये जाने संबंधी याचिका की सुनवाई पर बुधवार को सहमत हो गया। वकील प्रशांत भूषण ने सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर और अंजलि भारद्वाज की याचिका का विशेष उल्लेख फोन के जरिये न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव के समक्ष किया।


प्रशांत भूषण ने कहा कि कोरोना वायरस ‘कोविड-19′ के संक्रमण के कारण राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से प्रभावित प्रवासी मजदूरों को सरकार को वेतन देना चाहिए। याचिकाकर्ता ने कहा है कि आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत सरकार द्वारा घोषित लॉकडाउन नागरिकों के बीच भेदभाव का कारक है। न्यायमूर्ति राव ने श्री भूषण की दलीलें सुनने के बाद मामले की सुनवाई से सहमति जता दी और कहा कि अगली बार जब भी बेंच बैठेगी, इस याचिका को सूचीबद्ध किया जाएगा।


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...