सोमवार, 30 मार्च 2020

गरीबों की मदद ही सच्ची श्रद्धांजलि

प्रतिमा पर पुष्पांजलि कर असहाय-बेघर लोगों में लंच पैकेट और साबुन बांटकर दी गयी सिद्धत के साथ लोकप्रिय  समाजसेवी राजनेता  डॉ. अशोक श्रीवास्तव को श्रद्धांजलि


गोरखपुर। वर्तमान में कोरोना के कहर से प्रभावित समूचे विश्व में मची अफरा तफरी के इस नाजुक घड़ी में हमें अपने प्रेरणास्रोत रहे प्रसिद्ध लोकप्रिय समाजसेवी,राजनेता युवा हृदय सम्राट डा अशोक कुमार श्रीवास्तव की स्मृति  बरबस आ रही है , जो शायद ऐसा ऐसे समय में अपने सामाजिक दायित्व ओ के निर्वहन में बढ़-चढ़कर, भागीदारी निभाने के पीछे नहीं रहते ,यह शायद उनके भाग्य में यह नहीं था .यह हमारे लिए  वेदना जन य है ,कि आज उनकी प्रथम पुण्यतिथि पर उनसे जुड़ी स्मृतियां को शब्द देने का हम साहस जुटाना पड़ रहा है।
युक्त संबोधन परम पूज्य श्री दुर्गा प्रसाद बाबू जी ने दिए ।
ई प्रदीप कुमार श्रीवास्तव व डॉ मनोज कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि विभिन्न  परिस्थितियों के बावजूद डॉ अशोक ने समाज के सभी वर्गों के उत्थान के लिए आयोजित होने वाले ,सामाजिक कार्यक्रमों,राजनैतिक सम्मेलनों गोष्ठियों में अपनी भागीदारी से सभी को साधने की कोशिश भी की थी कि यह जाति पाति धर्म वर्ग के भेदभाव से मुक्त विचारधारा के व्यक्ति थे हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सभी धर्मों के लोगों में खासी लोकप्रिय रहे कुल मिलाकर डॉ अशोक ऐसी शख्सियत थे जिन्होंने एक मुसाफिर की तरह नहीं जीवन के हर पल को अपने परिवेश में घटने वाली घटनाओं में बैठकर चहल कदमी कर महसूस किया समाज व राष्ट्र के उत्थान के लिए मानव मन विशेषकर युवाओं की मनोदशा और उनकी आकांक्षाओं आवश्यकता एवं अस्कताओ को जानने की पूरी कोशिश की थी, आजीवन सामाजिक समरसता के लिए संघर्षरत रहे और हर संवर्ग के बीच अपनी गहरी पैठ बनाकर विषम परिस्थितियों में भी एक सामंजस्यूर्ण  समाधान निकालने की कोशिश की ।
 इसी क्रम में ई. रंजीत कुमार व ई. संजीत कुमार मांगिरिश वेलफेयर ट्रस्ट के मुखिया ने कहा कि आज उन्हीं  शख्सियत की प्रथम पुण्यतिथि पर हम सभी का परम कर्तव्य है कि  वर्तमान दौर में चल रहे कोरोना के प्रकोप से प्रभावित हो रहे आमजन विशेषकर निर्धन व बेसहारा लोगों को हर संभव मदद करे , संभवतः यही उनके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
पूर्वांचल के जाने-माने समाजसेवी  राजनीतिज्ञ रहे डॉ. अशोक श्रीवास्तव को उनकी पहली पुण्यतिथि पर अलग अंदाज में श्रद्धांजलि दी गई। डॉ अशोक जी
द्वारा गठित विभिन्न समाज सेवी संगठन (एस पी पी डी,स्कूल, राष्ट्रीय सेवा परिषद, सिटीजन फोरम फॉर सोशल एक्शन, पूर्वांचल सांस्कृतिक प्रतिष्ठान आदि)इस मौके पर असहाय-बेघर लोगों में भोजन के पैकेट और साबुन की टिकिया बाटे। ऐसा करके इन लोगों को कोरोना वायरस के प्रकोप से बचाने की कोशिश की ।
गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष एवं राज नेता स्वर्गीय डॉ. अशोक श्रीवास्तव के अनुज मंजीत कुमार उनके पुत्र ई. अनुभव कुमार ने कहा कि यह प्रयास डॉक्टर अशोक श्रीवास्तव के आदर्शों को आगे बढ़ाने का है। महामारी के इस वक्त में वह हमारे बीच होते तो निश्चित ही समाज के अंतिम व्यक्ति की मदद का मार्ग प्रशस्त करते। इसी सोच के साथ हमने उन्हें उनके अंदाज में ही नमन करने का निर्णय लिया है। हमारी सारी संस्थाओ के लोग शहर में बेघर और असहाय लोगों तक पहुंच रहे है। उन्हें न सिर्फ भोजन के पैकेट देंगे बल्कि कोरोना वायरस को लेकर जागरूक भी करेंगे। वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए साबुन की टिकिया का भी वितरण किया जाएगा। पुण्यतिथि से शुरू हुआ यह प्रयास महामारी के अंत तक जारी रहेगा। संस्था के लोग विभिन्न तरीकों से लोगों को जागरूक करने के साथ उनकी मदद को तत्पर है और रहेंगे साथ ही साथ
सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखकर करेंगे,
मनजीत श्रीवास्तव के मुताबिक, कोरोना के प्रकोप के चलते कहीं भी श्रद्धांजलि सभा का आयोजन नहीं किया गया ,हर जगह अस हयो की से की गई, घर पर परिवार के लोग उनके प्रतिमा पे पुष्पांजलि अर्पित किए। इसी तरह विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारी भी अपने घर पर ही डॉ अशोक श्रीवास्तव के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित किए। इसके बाद असहाय  लोगों की सेवा का सिलसिला शुरू होगा।
तत पश्चात अपने देश के साथ-साथ पूरे विश्व पर कोरोना वायरस के महामारी के संकट से उबारने के लिए मां अकलेश सदन के मुखिया पूज्य श्री दुर्गा प्रसाद के साथ पूरा परिवार विश्व कल्याण के लिए  माता जगत जननी का भजन कीर्तन करते ,साथ में इंजीनियर प्रदीप कुमार सचिव सीएसटी ई एन ई रेलवे, प्रसिद्ध शिक्षाविद् डॉ मनोज कुमार श्रीवास्तव विभागाध्यक्ष शिक्षाशास्त्र  सेडिका,  रेलवे एक्टिविस्ट ई. रंजीतकुमार, मांगीरीश इन्फ्रा  के प्रमुख इं.संजीत कुमार ,मंजीत कुमार,डॉ किरन,अर्चना, डॉ विभा, निवेदिता,  स्मिता,  मनीषा, श्रीमती भावना, इं. अनुभव, ई. प्रखर, प्रीथीका, सौम्या, अंशिका मांगीरीश,मानिक व अन्य उपस्थित रहे ।


ई. अनुभव कुमार


संस्था ने जरूरतमंदों को दी खाद सामग्री

प्राईम रोज़ शिक्षा संस्था ने ज़रुरतमन्दों को बाँटी खाद्ध सामाग्री


प्रयागराज। कोरोना वॉयरस के कारण घरों में क़ैद लोगों को राशन के खत्म होने पर शासन प्रशासन स्तर पर जहाँ पके हुए खाने के पैकेट ज़रुरतमन्दों तक पहुँचाए जा रहे हैं वहीं तमाम सामाजिक संगठनों की ओर से भी आँटा दाल चावल बिस्किट व फलों के पैकेट बाँटने में  इस वक़्त तमाम संस्थाएँ बढ़ चढ़ कर भाग ले कर गंगा जमुनी तहज़ीब की मिसाल को सार्थक बनाने का प्रयास कर रही हैं।सामाजिक व धार्मिक संस्था उम्मुल बनीन सोसाईटी के महासचिव सै०मो०अस्करी ने ज़रुरतमन्दों को राहत पैकेट बाँटने वाली संस्थाओं के प्रति आभार जताते हुए बताया की प्राईम रोज़ शिक्षा संस्था ने कोरोना वॉयरस और लॉक डाऊन के कारण राशन पानी की समस्या से जूझ रहे ग़रीब,बेसहारा,रिक्शा चालक,झोपड़ी में रहने वालों,भीख मांग कर गुज़र बसर करने वालों,ठेला और खुमचा लगा कर जिविकोपार्जन करने वालों को प्रत्येक मोहल्लों में पहुँच कर आँटा,दाल,चावल,फल, सब्ज़ी,बिस्किट आदि खाद्ध सामाग्री का वित्रण किया।सिटी मजिस्ट्रेट ,सीओ प्रथम व सिओ द्वतिय के संरक्षण में प्राईम रोज़ शिक्षा संस्था के फरहान आलम,अकबर खान अपनी गाड़ी में तमाम तरहा की राहत सामाग्री भर कर एक एक मोहल्लों में जा रहे हैं और सभी ज़रुरतमन्दों की हर सम्भव मदद करने में शासन प्रशासन की मौजूदगी में प्रतिदिन राहत पैकेट बाँट रहे हैं।संस्था द्वारा करैली,करैला बाग़,अटाला,रसूलपुर,दरियाबाद,दायरा शाह अजमल,बख्शी बाज़ार,अकबरपुर आदि मोहल्लों मे ग़रीब परिवार को राहत पैकेट का वित्रण किया गया।अस्करी ने बताया की इस वक़्त जहाँ लोग अपने अपने घरों में क़ैद वाली ज़िन्दगी काट रहे हैं ।वही रोज़गार ठप होने से तमाम ऐसे लोग हैं जो प्रतिदिन छोटा मोटा काम कर अपने परिवार का पेट भरने को रोटी का जुगाड़ करते थे वह सभी इस वक़्त तमाम तरीक़े की परेशानी से घिरे हैं।ऐसे लोगों की मदद करना ही सब से बड़ा पुन्य है।इस वक़्त सब से बड़ी समस्या ग़रीबों और असहाय परिवार के लिए दो जून की रोटी का है ।शासन प्रशासन मुस्तैदी से डटा है वही स्वयंमसेवी संस्थाएँ भी लगातार सहयोग कर रही हैं।अभी भी कुछ ऐसे लोग भी हैं जो समाज के मध्यम परिवार से ताल्लूक़ रखते हैं और संकोच और इज़्ज़त को बचाए रखने के लिए किसी के आगे हाँथ नहीं फैला सकते लेकिन उनहे भी राशन पानी की समस्या से दो चार होना पड़ रहा है।ऐसे लोगों तक खामोशी से राहत पहुँचाने की ज़रुरत है।


बृजेश केसरवानी


मेरठ में संक्रमितो की संख्या बढ़कर 13

मेरठ। मेरठ से इस वक्त की बड़ी खबर है। शहर में कोरोना वायरस के आठ नए मरीज मिलने से हड़कंप मच गया है। अब कोरोना वायरस के कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है। शहर में आज 50 संदिग्ध मरीजों में से 11 लोगों की जांच रिपोर्ट आ गई। इनमें आठ नए मरीज मिले हैं। वहीं कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को लेकर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शहर में कोरोना वायरस का प्रकोप और भी बढ़ सकता है। वहीं पाॅजिटिव मरीजों का आंकड़ा बढ़ने की भी आशंका है। अधिकारियों का कहना है कि खुर्जा के रहने वाले शख्स के महाराष्ट्र से आकर मेरठ में रहने के दौरान ये वायरस फैला है। सभी पाॅजिटिव मरीजों को अलग वार्ड में भर्ती कर दिया गया है। पुलिस प्रशासन के अनुसार आठ लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि होने के बाद जिन जिन इलाकों के ये मरीज हैं। उन्हें सील करने किया जाएगा। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि अभी 35 संदिग्ध लोगों की रिपोर्ट कल आएगी। वहीं शास्त्रीनगर के तीन किलोमीटर के इलाके में निगरानी बढ़ा दी गई है।


पैदल पलायन में सपा कर रही मदद

नोएडा। दिल्ली से कोरोना के खौफ में पलायन कर रहे मजदूरों और गरीबों की मदद के लिए समाजवादी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता पश्चिमी यूपी में जगह जगह मदद कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी के प्रांतीय नेता और अखिल भारतीय गुर्जर महासभा के यूपी अध्यक्ष दिनेश गुर्जर भी रविवार को मजदूरों और बेबस लोगों की मदद के लिए सड़क पर रहे।


सपा के बड़े नेताओं में शुमार दिनेश गुर्जर अपनी टीम के साथ ग्रेटर नोएडा यमुना एक्सप्रेस वे, दादरी, परी चौक, सिकन्दराबाद बाईपास पेरिफेल एक्सप्रेस पर पहुंचे और लोगों को खाद्य सामग्री और किराये के रूपये दिए। दिनेश गुर्जर ने सैंकड़ों लोगों की मदद की और उनका दर्द सूना। दिनेश गुर्जर ने कहा कि सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के निर्देश पर सभी जिलों में सपाई मजबूर लोगों की मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना आपदा से निपटने के लिए सभी एकजुट हैं। इस अवसर पर साजिद कुरैशी, विकास शर्मा, अमित शर्मा, अरुण कुमार, लखन सिंह, परमिंदर मावी, भरत कुमार आदि मौजूद रहे।


प्रवासी मजदूरों की देखभाल करेंगे

मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को आश्वस्त किया कि उनकी सरकार सभी प्रवासी मजदूरों की देखभाल करेगी और मूलभूत जरूरतें जैसे खाना पानी उपलब्ध कराएगी। वेबकास्ट के जरिये उन्होंने बताया कि ‘‘ शिव भोजन’’ योजना के तहत एक अप्रैल से 10 रुपये के बजाय पांच रुपये में खाना मिलेगा। ठाकरे ने बताया कि पूरे राज्य में पहले ही 163 केंद्र स्थापित किए जा चुके हैं जहां पर प्रवासी मजदूरों को खाना और पानी मुहैया कराया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य उनकी रक्षा करेगा और खाना मुहैया कराएगा लेकिन उन्हें अपने स्थानों को छोड़कर नहीं जाना चाहिए। मैं समझ सकता हूं कि वे चिंतित हैं लेकिन उन्हें नहीं जाना चाहिए। उन्हें संक्रमण के खतरे को बढ़ाने से बचना चाहिए।’


उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी बंदी लागू की गई है जिसकी वजह से कई मजदूरों के पास काम नहीं है और वे अपने पैतृक स्थानों को लौट रहे हैं। कई लोग पैदल अपने घरों की ओर जा रहे हैं जबकि कुछ राज्य से बाहर निकलने के लिए सामान के ट्रकों और ट्रैम्पों का सहारा ले रहे हैं लेकिन पुलिस जांच के दौरान पकड़े जा रहे हैं। इस बीच स्वास्थ्य अधिकारी ने रविवार को बताया कि 12 नये मामलों के साथमहाराष्ट्र में कोरेाना वायरस संक्रमितों की संख्या 193 हो गई है।


अर्थी को मुसलमानों ने कंधा दिया

से इंकार कर दिया तो बेख़ौफ़ पडोसी मुसलमानो से सामने आकर न सिर्फ अर्थी को कन्धा देकर शमशान पहुँचाया बल्कि अंतिम संस्कार भी किया


बुलंदशहर। वायरल हुए वीडियो ने हिंदुस्तान में मोहब्बत की नई मिसाल पेश की है | कोरोना वायरस के चलते देशभर में लॉकडाउन के दौरान उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हिन्दू-मुस्लिम एकता की अनोखी मिसाल देखने को मिली है। यहां मुस्लिमों ने ऐसी मिसाल पेश की है जिसकी चर्चा पूरे क्षेेत्र में हो रही है। दरअसल यहां एक हिन्दू परिवार में वृद्ध का निधन हो गया। लॉकडाउन के चलते अर्थी को कंधा देने के लिए उनके परिवार का कोई नहीं था। जैसे ही यह बात आसपास क मुस्लिमों को पता चली वे पहुंच गए। उन लोगों ने अर्थी को ना केवल कंधा दिया बल्कि शम्शान घाट ले जाकर अंतिम संस्कार भी कराया।


खबर के अनुसार बुलंदशहर के मोहल्ला आनंद विहार साठा निवासी रविशंकर का बीमारी के चलते शनिवार को निधन हो गया। मृतक के परिजनों ने रिश्तेदारों को सूचना दी, ताकि सभी लोग आ सके और मृतक का अंतिम संस्कार किया जा सके। लॉकडाउन के चलते कोई भी आने में समर्थ नहीं हो सका। जब इसकी जानकारी आसपास रहने वाले मुस्लिम समाज के लोगों को मिली तो वह एकत्र हो गए। मुस्लिम समाज के लोगों ने राम नाम सत्य भी कहा। मुस्लिम समाज के बाबू खां, जाहिद अली प्रधान, मोहम्मद इकराम आदि लोगों ने न सिर्फ अर्थी को कंधा दिया, बल्कि शव को कालीनदी श्मशान घाट ले जाकर उसका अंतिम संस्कार भी कराया। यह पूरा मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया। लोगों ने मुस्लिम समाज के लोगों की सराहना की और इसे हिंदू मुस्लिम एकता के लिए एक सराहनीय कदम बताया।


कर्नाटक में इंदिरा कैंटीनो पर भी खतरा

बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने बुधवार को कहा कि कैंटीन में लोगों की विशाल भीड के कारण राज्य में संचालित इंदिरा कैंटीनों को बंद करना पड़ेगा।
सरकार का यह फैसला दो दिनों के बाद आया है जिसमे पहले कहा गया था कि कोरोनाइन के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन के मद्देनजर दैनिक मजदूरी करने वालों को कैंटीन में मुफ्त भोजन उपलब्ध कराया जाएगा।
येदियुरप्पा ने कहा, हमने पहले ही दो महीने का राशन और पेंशन देने की घोषणा की है। यह देखते हुए कि इसे कितनी भीड़ मिलती है, इंदिरा कैंटीन को खुला रखना असंभव है। गरीब और बेसहारा लोगों के लिए क्या किया जा सकता है, इस बारे में हम ब्रुहत बेंगलुरु महानगर पालिक (बीबीएमपी) के साथ चर्चा करेंगे।
सोमवार को, सीएम ने कहा था कि कैंटीन में गरीब लोगों को पूरे दिन मुफ्त भोजन परोसा जाएगा।
वर्तमान में, सब्सिडी वाले ‘इंदिरा कैंटीन’ ने 5 रुपये में नाश्ता और 10 रुपये की लागत से दोपहर और रात का भोजन परोसा जाता है।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण  1. अंक-10, (वर्ष-11) पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254 2. शुक्रवार, जनवरी 10, 2024 3. शक-1945, पौष, शुक्ल-पक्ष, तिथ...